मानसिक स्वास्थ्य: रोज़मर्रा की ज़रूरी टिप्स और ख़बरें

आपको कभी ऐसा लगा है कि दिमाग में गड़बड़ी है, लेकिन कहां से शुरू करें नहीं पता? आजकल तनाव, नींद की कमी या सोशल मीडिया का असर बहुत लोग महसूस कर रहे हैं। इस टैग पेज पर हम ऐसे मुद्दों को सरल भाषा में समझेंगे और कुछ आसान उपाय देंगे जो तुरंत मदद करेंगे।

आम समस्याएँ और उनके संकेत

जब कोई व्यक्ति लगातार थका हुआ, उदास या चिड़चिड़ा रहता है, तो अक्सर यह डिप्रेशन या एंग्जायटी का पहला सिग्नल हो सकता है। नींद में बाधा, भूख बदलना, काम पर ध्यान न लग पाना और छोटी‑छोटी बातों से परेशान होना भी आम लक्षण हैं। इन संकेतों को नजरअंदाज़ करना आसान है, लेकिन अगर दो‑तीन हफ्ते तक ये बने रहें तो डॉक्टर या काउंसलर से मिलना बेहतर रहेगा।

मन को स्वस्थ रखने के आसान उपाय

1. डिजिटल डिटॉक्स: दिन में कम से कम एक घंटे फ़ोन और कंप्यूटर बंद रखें, खुली हवा में टहलें या किताब पढ़ें। 2. सही नींद की आदत: हर रात 7‑8 घंटे सोने का लक्ष्य रखें, स्लीपिंग टाइम को नियमित करें और बिस्तर सिर्फ सोने के लिए इस्तेमाल करें। 3. सरल व्यायाम: सुबह 10‑15 मिनट स्ट्रेच या तेज़ चलना रक्त प्रवाह बढ़ाता है और दिमाग को रिफ्रेश करता है। 4. ध्यान और प्राणायाम: पाँच मिनट का ध्यान तनाव घटाता है, फोकस बढ़ाता है और नींद में सुधार लाता है। 5. सकारात्मक बातचीत: भरोसेमंद दोस्त या परिवार से अपनी भावना साझा करें, यह मन की बोझ को हल्का करता है।

इन छोटे‑छोटे बदलावों को रोज़मर्रा की routine में जोड़ें और देखें कि आपका मूड कैसे बदलता है। अगर आप खुद को लगातार बोरिंग या नीरस महसूस करते हैं, तो ऑनलाइन काउंसलिंग विकल्प भी मौजूद हैं—बहुत सस्ती और कभी‑कभी तुरंत मदद मिलती है।

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याद रखें, मन का भी शरीर की तरह देखभाल जरूरी है। छोटी‑छोटी कोशिशें बड़े बदलाव लाती हैं—आज ही एक कदम उठाएँ!

राजस्थान में मानसिक स्वास्थ्य: 22% पर डिप्रेशन, व्यापारी‑पुलिस‑कामकाजी महिलाओं पर असर

के द्वारा प्रकाशित किया गया Aashish Malethia    पर 11 अक्तू॰ 2025    टिप्पणि(3)
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World Mental Health Day पर राजस्थान में 22% युवाओं को डिप्रेशन, एंग्जायटी का सामना, व्यापारियों‑पुलिस‑कामकाजी महिलाओं पर विशेष असर। सरकार और NGOs की नई पहलें समस्या को घटाने की कोशिश में।

निर्मला सीतारमण ने EY कर्मचारी की मौत पर दिए बयान का किया स्पष्टीकरण, बोलीं 'पीड़िता को दोषी ठहराने का इरादा नहीं'

के द्वारा प्रकाशित किया गया Aashish Malethia    पर 24 सित॰ 2024    टिप्पणि(0)
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने EY इंडिया के कर्मचारी अन्ना सेबस्टियन पेराइल की कथित कार्य दबाव के कारण हुई मौत पर अपने हालिया बयान का स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि उनका 'पीड़िता दोषारोपण' करने का कोई इरादा नहीं था। उन्होंने चेन्नई के एक कार्यक्रम में आत्मबल और आध्यात्मिक प्रथाओं पर जोर दिया था, लेकिन उनके बयान पर सोशल मीडिया और विपक्षी नेताओं की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई।

सोशल मीडिया के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव: BBC के लेख का विश्लेषण

के द्वारा प्रकाशित किया गया Aashish Malethia    पर 5 अग॰ 2024    टिप्पणि(0)
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BBC के इस लेख में हार्वर्ड विश्वविद्यालय द्वारा किए गए एक मनोविज्ञान शोध का विश्लेषण किया गया है। यह शोध सोशल मीडिया उपयोग और मानसिक स्वास्थ्य पर इसके प्रभावों को लेकर है। अध्ययन में 1000 युवाओं को शामिल किया गया और पाया गया कि अत्यधिक सोशल मीडिया उपयोग अवसाद और चिंता के स्तर को बढ़ाता है।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024: कॉर्पोरेट जीवन के तनाव को प्रबंधित करने और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में योग की भूमिका

के द्वारा प्रकाशित किया गया Aashish Malethia    पर 19 जून 2024    टिप्पणि(0)
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यह लेख अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के महत्व को उजागर करता है और विशेष रूप से कॉर्पोरेट जीवन के संदर्भ में तनाव प्रबंधन और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में योग की भूमिका पर प्रकाश डालता है। लेख में रोज़ाना योग को शामिल करने के चार प्रमुख लाभ बताए गए हैं, जिनमें ध्यान केंद्रित करना, तनाव को कम करना, ऊर्जा स्तर बढ़ाना और निद्रा की गुणवत्ता में सुधार शामिल हैं।