वित्तीय वर्ष 2024-25: क्या बदला है भारतीय अर्थव्यवस्था में?

नया वित्तीय साल शुरू होते ही सबके दिमाग़ में सवाल उठते हैं – बजट कितना कड़वा रहेगा, करों में कटौती होगी या बढ़ोतरी? इस टैग पेज पर हम उन सभी खबरों को आसान भाषा में समझेंगे जो 2024‑25 के आर्थिक माहौल को तय करती हैं। चाहे आप निवेशक हों, छात्र हों या सामान्य पाठक, यहाँ आपको वही जानकारी मिलेगी जो आपके काम की है।

बजट और कर नीति का मुख्य बिंदु

2024‑25 बजट में सरकार ने दो बड़े कदम उठाए – एक तो सब्सिडी घटाकर फोकस को सीधे आम आदमी तक लाना, और दूसरा डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर टैक्स संग्रह बढ़ाना। इससे छोटे व्यापारियों के लिये आसान रूटीन बनता है जबकि बड़ी कंपनियों को रिपोर्टिंग में पारदर्शिता दिखानी पड़ती है। साथ ही, GST सुधार पर भी कई सवाल उठे, जैसे नई स्लैब की घोषणा और टैक्स दरों में मामूली बदलाव। यह सब आपके रोज़मर्रा के खर्चों से जुड़ा हुआ है, इसलिए ध्यान देना ज़रूरी है।

बाजार रुझान और प्रमुख घटनाएँ

वित्तीय वर्ष की शुरुआत में ‘ब्लैक मंडे 2025’ नामक शॉर्ट‑टर्म मार्केट गिरावट देखी गई, जहाँ वैश्विक ट्रेड वॉर के कारण शेयरों का इंडेक्स अचानक नीचे गया। इस दौरान VIX ने ऐतिहासिक स्तर पर पहुंचा और तेल की कीमतें भी घटने लगीं। लेकिन जल्द ही भारत के घरेलू स्टॉक में स्थिरता लौट आई, खासकर FMCG और टेक सेक्टर में निवेशकों का भरोसा बना रहा।

एक अन्य महत्वपूर्ण खबर थी Bajaj Housing Finance की 22% तिमाही वृद्धि, पर शेयरों में हल्की गिरावट देखी गई क्योंकि कंपनी ने भविष्य के AUM लक्ष्य कम अनुमानित किए थे। इस तरह के आंकड़े दिखाते हैं कि आँकड़ों को समझना और उनके पीछे की वजह जानना कितना जरूरी है।

साथ ही, Paytm Money को SEBI से रिसर्च एनालिस्ट लाइसेंस मिला, जिससे निवेशकों को प्रोफ़ेशनल इनसाइट्स मिलेंगे और प्लेटफॉर्म की भरोसेमंदता बढ़ेगी। इस कदम का असर आगे के वित्तीय उत्पादों पर देखना रहेगा।

वित्तीय वर्ष में कई सरकारी योजनाएं भी लॉन्च हुईं – जैसे विज़िंजम पोर्ट में डीप‑सी ट्रांसशिपमेंट हब का उद्घाटन, जो भारत की विदेशियों पर निर्भरता कम करेगा और निर्यात को बढ़ावा देगा। इस तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स दीर्घकालिक आर्थिक विकास में मददगार होते हैं।

अंत में, शैक्षणिक क्षेत्र में नई छात्रवृत्तियाँ सामने आईं, जिससे 2025‑26 में उच्च शिक्षा की पहुँच आसान होगी। यह भी वित्तीय वर्ष के व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा है – केवल बड़े बजट नहीं, बल्कि लोगों तक लाभ पहुंचाने वाले कदम भी महत्वपूर्ण हैं।

तो संक्षेप में कहा जाए तो 2024‑25 का आर्थिक साल कई मोड़ ले आया: बजट में नई टैक्स नीति, बाजार में उतार‑चढ़ाव, और इन्फ्रास्ट्रक्चर व शैक्षणिक पहलें। इन सबका असर आपके रोज़मर्रा की जिंदगी में पड़ता है, चाहे आप निवेश करें या सिर्फ समाचार पढ़ रहे हों। अब जब आपको मुख्य बातें पता चल गई हैं, तो आगे के लेखों को देखिए जहाँ हम प्रत्येक खबर का गहरा विश्लेषण करेंगे और समझाएँगे कि इसका व्यक्तिगत वित्त पर क्या असर पड़ेगा।

इन्फोसिस Q1 FY25 परिणाम: बढ़ती राजस्व वृद्धि की भविष्यवाणी

के द्वारा प्रकाशित किया गया Aashish Malethia    पर 18 जुल॰ 2024    टिप्पणि(0)
इन्फोसिस Q1 FY25 परिणाम: बढ़ती राजस्व वृद्धि की भविष्यवाणी

इन्फोसिस लिमिटेड ने वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में 7.1 प्रतिशत की वार्षिक बढ़त के साथ मुनाफे की रिपोर्ट की है। कंपनी ने अपने राजस्व वृद्धि की भविष्यवाणी को बढ़ाकर 3-4 प्रतिशत कर दिया है। कंपनी के सीईओ और एमडी सलील पारेख ने इस प्रदर्शन का श्रेय उनकी अलग सेवा की पेशकशों, क्लाइंट ट्रस्ट, और उत्साही निष्पादन को दिया।