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भारत की रक्षा में नई पहल
हाल ही में भारत ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। सबसे पहले, सरकार ने नया डिफेंस प्रोडक्शन फ़्रेमवर्क जारी किया जिससे घरेलू निर्माताओं को बड़े प्रोजेक्ट्स मिलेंगे। इसका मतलब है कि आगे के सालों में हमारे देश में अधिक टैंक, ड्रोन और मिसाइलें बन सकती हैं। दूसरा बड़ा कदम—वित्त मंत्रालय ने रक्षा बजट में 12% वृद्धि की घोषणा की, जिससे फौज का आधुनिकीकरण तेज़ होगा।
इन योजनाओं से न सिर्फ रोजगार बढ़ेगा बल्कि हमारे सिपाहियों को भी बेहतर उपकरण मिलेंगे। कई विशेषज्ञ कह रहे हैं कि इस साल भारतीय नौसेना के लिए नई जलप्लावन (अंडरवॉटर ड्रोन) की टेस्टिंग शुरू होगी, जो समुद्री सुरक्षा में बड़ा बदलाव लाएगी।
शिलॉंग के क्षेत्रीय सुरक्षा अपडेट
शिलॉंग की सीमा‑परिस्थिति हमेशा से ही जटिल रही है। पिछले महीने शिमला घाटी में दो बड़े सीमा उल्लंघन की रिपोर्टें आईं, जिसके बाद स्थानीय पुलिस ने तुरंत कार्रवाई कर के स्थिति को नियंत्रण में ले आया। साथ ही, राज्य सरकार ने नई सीमा‑सुरक्षा तकनीक अपनाने का निर्णय किया—जैसे ड्रोन निगरानी और थर्मल इमेजिंग कैमरा, जिससे रात में भी घुसपैठ पकड़ना आसान होगा।
इन कदमों से स्थानीय लोगों को सुरक्षा का भरोसा मिला है। कुछ गाँवों में तो अब सामुदायिक रक्षक समूह बनाकर लोग खुद ही निगरानी कर रहे हैं, और यह पहल पुलिस के साथ मिलकर काम करती है। इस तरह की ग्रास‑रूट्स एक्टिविटी अक्सर बड़े मामलों को रोक देती है, क्योंकि किसी भी छोटी सी अनियमितता तुरंत रिपोर्ट हो जाती है।
शिलॉंग में सेना का एक बड़ा बेस भी पुनः सुदृढ़ किया गया है। नया प्रशिक्षण परिसर बनाकर सैनिकों को कठिन पहाड़ी इलाकों में बेहतर लड़ने की कला सिखाई जा रही है। इससे न केवल राष्ट्रीय रक्षा बल्कि स्थानीय आपदा प्रबंधन में भी मदद मिलती है—जैसे बाढ़ या भूस्खलन के समय सेना जल्दी से सहायता पहुँचाती है।
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केरल भूस्खलन: भारतीय सैनिक बना रहे हैं द्रुत अगम्य क्षेत्र के लिए धातु पुल

केरल में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलनों ने कई क्षेत्रों को अलग-थलग कर दिया है। इन क्षेत्रों में आवश्यक आपूर्ति और सहायता पहुंचाने के लिए भारतीय सैनिक एक धातु पुल का निर्माण कर रहे हैं। बचाव कार्य और बुनियादी ढांचे की मरम्मत जारी है।