फेस वैल्यू क्या है? आसान समझ
जब आप शेयर या सिक्का देखते हैं, तो अक्सर उसके ऊपर एक अंक लिखा होता है – वही है फेस वैल्यू. इसका मतलब है कि कंपनी या सरकार ने उस इकाई को कितनी कीमत पर जारी किया है. इसे कभी‑कभी ‘नाममात्र मूल्य’ भी कहते हैं. लेकिन इसका वास्तविक बाजार में क्या मतलब है, चलिए जानते हैं.
शेयर के फेस वैल्यू और बाजार मूल्य में अंतर
शेयर का फेस वैल्यू स्थिर रहता है, जैसे कि 10 रुपये या 5 रुपये. कंपनी इसे इश्यू के समय तय करती है और बाद में बदलती नहीं. दूसरी तरफ, बाजार मूल्य यानी ट्रैडिंग प्राइस, रोज़ाना के ट्रेड‑ऑफ़ पर बदलता है. अगर कंपनी अच्छा प्रदर्शन करती है, तो बाजार मूल्य फेस वैल्यू से बहुत ऊपर जा सकता है, या अगर बुरा चल रहा हो तो नीचे गिर सकता है.
उदाहरण के तौर पर, मान लीजिए आप 10 रुपये के फेस वैल्यू वाले शेयर खरीदते हैं, और एक साल बाद उसका बाजार मूल्य 150 रुपये हो जाता है. आपका निवेश 15 गुना बढ़ गया, जबकि फेस वैल्यू वही रहा. इसलिए निवेशकों को सिर्फ फेस वैल्यू पर भरोसा नहीं करना चाहिए, बल्कि कंपनी की आय, प्रोफिट और भविष्य की संभावनाओं को देखना चाहिए.
फेस वैल्यू का निवेश पर असर
फेस वैल्यू कुछ मामलों में महत्वपूर्ण होता है, जैसे डिविडेंड कॅल्कुलेशन में. कई कंपनियां डिविडेंड का हिसाब शेयर के फेस वैल्यू के आधार पर लगाती हैं. अगर आप 1000 शेयर रखते हैं, जिनका फेस वैल्यू 10 रुपये है, और कंपनी 5% डिविडेंड देती है, तो आपको 5 रुपये (1000 * 10 * 5%) मिलेंगे.
फेस वैल्यू का एक और उपयोग ‘क्लासिकल बैलेंस शीट’ में होता है. कंपनी के बैलेंस शीट में कुल शेयर पूंजी को फेस वैल्यू * शेयरों की संख्या से दिखाया जाता है. यह निवेशकों को कंपनी की इक्विटी स्ट्रक्चर समझने में मदद करता है.
सिक्कों की बात करें तो यहाँ भी फेस वैल्यू वही होता है जो सिक्के पर लिखा होता है, जैसे 10 रुपये, 20 रुपये. लेकिन ये सिक्के बाज़ार में कभी‑कभी कलेक्टर की वैल्यू के कारण अधिक कीमत पर बिकते हैं. इसलिए फेस वैल्यू सिर्फ एक शुरुआती बिंदु है, असली कीमत तय करने में कई और कारक काम करते हैं.
तो, अगर आप शेयर मार्केट में नई शुरुआत कर रहे हैं, तो फेस वैल्यू को एक फ़ॉर्मल थिंग समझें. असली फैसला बाजार मूल्य, कंपनी की ग्रोथ, डिविडेंड पॉलिसी और आपके निवेश लक्ष्य के आधार पर लेना चाहिए.
संक्षेप में, फेस वैल्यू एक स्थिर नंबर है, जो शेयर या सिक्के को जारी करने की न्यूनतम कीमत बताता है. इसे समझना आसान है, लेकिन इसे निवेश की सभी बातें समझने के लिए अकेला भरोसा नहीं किया जा सकता. हमेशा कंपनी के फंडामेंटल्स, मार्केट ट्रेंड और आपका जोखिम सहनशीलता देख कर ही निर्णय लें.
Adani Power का 1:5 स्टॉक स्प्लिट मंजूर: फेस वैल्यू ₹10 से ₹2, रिकॉर्ड डेट 22 सितंबर 2025

Adani Power ने पहला 1:5 स्टॉक स्प्लिट मंजूर किया है। हर ₹10 फेस वैल्यू शेयर अब ₹2 के पाँच शेयर में बंटेगा। रिकॉर्ड डेट 22 सितंबर 2025 रखी गई है, 19 सितंबर तक शेयर रखने वालों को लाभ मिलेगा। इसका मकसद लिक्विडिटी और रिटेल एक्सेस बढ़ाना है। कंपनी ने जून तिमाही में मजबूत नतीजे दिए—EPS ₹7.94 और मुनाफा ₹3,119.26 करोड़।