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Adani Power का 1:5 स्टॉक स्प्लिट मंजूर: फेस वैल्यू ₹10 से ₹2, रिकॉर्ड डेट 22 सितंबर 2025

के द्वारा प्रकाशित किया गया Aashish Malethia    पर 20 सित॰ 2025    टिप्पणि(12)
Adani Power का 1:5 स्टॉक स्प्लिट मंजूर: फेस वैल्यू ₹10 से ₹2, रिकॉर्ड डेट 22 सितंबर 2025

पहला स्टॉक स्प्लिट: 1 शेयर से 5, निवेशकों के लिए क्या मायने हैं

Adani Power को शेयरधारकों से 1:5 स्टॉक स्प्लिट की मंजूरी मिल गई है। कंपनी के हर ₹10 फेस वैल्यू वाले एक इक्विटी शेयर को विभाजित कर ₹2 फेस वैल्यू वाले पाँच शेयर में बदला जाएगा। यह कंपनी के लिस्टिंग के बाद पहला स्टॉक स्प्लिट है, जिसका लक्ष्य शेयर को ज्यादा लोगों के लिए सुलभ बनाना और बाजार में लिक्विडिटी बढ़ाना है।

कंपनी ने रिकॉर्ड डेट 22 सितंबर 2025 तय की है। जो निवेशक 19 सितंबर 2025 (कुम-डेट) तक शेयर अपने डिमैट में रखेंगे, उन्हें स्प्लिट का लाभ मिलेगा। रिकॉर्ड डेट के आस-पास एक्स-डेट आमतौर पर एक ट्रेडिंग दिन पहले होती है; एक्सचेंज इसकी अंतिम पुष्टि अलग से करता है। कंपनी ने कहा है कि अतिरिक्त शेयरों का क्रेडिट रिकॉर्ड डेट के 2–3 ट्रेडिंग दिनों में पूरा हो जाएगा।

स्प्लिट का सीधा असर कीमत पर दिखेगा—शेयर की प्रति यूनिट कीमत आनुपातिक रूप से लगभग पाँचवें हिस्से तक समायोजित हो जाएगी, लेकिन आपकी कुल होल्डिंग की वैल्यू नहीं बदलेगी। सरल उदाहरण: अगर आपके पास 10 शेयर ₹630 के हैं (कुल वैल्यू ₹6,300), स्प्लिट के बाद आपके पास 50 शेयर होंगे और सैद्धांतिक रूप से प्रति शेयर कीमत ~₹126 के आसपास समायोजित हो सकती है। कुल वैल्यू करीब-करीब वही रहेगी। मार्केट कैप, कंपनी की अर्निंग पावर, बिजनेस—ये मूल बातें स्प्लिट से नहीं बदलतीं; सिर्फ प्रति शेयर गणित (जैसे EPS, फेस वैल्यू, बुक वैल्यू प्रति शेयर) नए अनुपात के हिसाब से एडजस्ट होता है।

कंपनी के शेयरों में हाल का मूवमेंट मिला-जुला रहा। शुक्रवार को स्टॉक ₹630.85 पर बंद हुआ, पिछले सत्र से 0.10% कमजोर। पिछले 12 महीनों में शेयर लगभग 3% फिसला है, लेकिन कैलेंडर ईयर-टु-डेट 19% ऊपर है और यह अपने 52-वीक हाई से करीब 6.9% नीचे ट्रेड कर रहा है। स्प्लिट के बाद छोटे टिकट साइज के ऑर्डर बढ़ सकते हैं, जिससे वॉल्यूम और डेप्थ में सुधार दिख सकता है—यही इस कदम का उद्देश्य भी है।

शेयरहोल्डिंग पैटर्न बताता है कि प्रमोटर की हिस्सेदारी 74.96% है। रिटेल का हिस्सा 4.80% और बाकी 20.24% अन्य निवेशकों के पास है। रिटेल हिस्सेदारी कम होने का मतलब है कि छोटे निवेशकों की भागीदारी बढ़ाने की गुंजाइश मौजूद है; स्प्लिट इसी दिशा में मददगार हो सकता है।

ऑपरेशनल मोर्चे पर कंपनी का प्रदर्शन मजबूत बना हुआ है। 30 जून 2025 को खत्म तिमाही में कुल आय ₹13,02,782 लाख (करीब ₹13,027.82 करोड़) रही, जबकि शुद्ध मुनाफा ₹3,11,926 लाख (करीब ₹3,119.26 करोड़) दर्ज किया गया। प्रति शेयर आय (EPS) ₹7.94 रही। यही बैकड्रॉप स्टॉक स्प्लिट को और प्रासंगिक बनाता है—जब मूल व्यवसाय का ट्रैक्शन अच्छा दिखे, तो लिक्विडिटी बढ़ाकर निवेशकों का दायरा फैलाना कंपनियां अक्सर चुनती हैं।

रिकॉर्ड डेट, टाइमलाइन और आपकी चेकलिस्ट

रिकॉर्ड डेट, टाइमलाइन और आपकी चेकलिस्ट

कई निवेशक पूछते हैं—मुझे करना क्या है? प्रक्रिया ऑटोमैटिक है। अगर आपके पास कुम-डेट तक शेयर हैं, तो रिकॉर्ड डेट के बाद आपके डिमैट में नए (स्प्लिट के) शेयर क्रेडिट हो जाएंगे। आमतौर पर पोस्ट-स्प्लिट शेयरों के लिए एक्सचेंज नई ISIN डिटेल्स/टेम्पररी ट्रेडिंग टैग जारी कर सकता है; यह आपके ब्रोकरेज/डिपॉजिटरी नोटिफिकेशन में दिख जाएगा।

  • मुख्य शर्तें: 1:5 स्प्लिट; फेस वैल्यू ₹10 से घटकर ₹2।
  • रिकॉर्ड डेट: 22 सितंबर 2025। कुम-डेट: 19 सितंबर 2025 तक होल्डिंग जरूरी।
  • क्रेडिट टाइमलाइन: रिकॉर्ड डेट के 2–3 ट्रेडिंग दिनों में अतिरिक्त शेयर डिमैट में आने की उम्मीद।
  • प्राइस एडजस्टमेंट: स्प्लिट के अनुपात में कीमत समायोजित—कुल वैल्यू में परिवर्तन नहीं।
  • EPS/बुक वैल्यू: प्रति शेयर मेट्रिक्स 1/5 हो जाएँगे; कुल बिजनेस मैट्रिक्स यथावत।

कुछ व्यावहारिक बातें भी ध्यान रखें। पहला, टैक्सेशन पर कोई अलग प्रभाव नहीं—कॉस्ट ऑफ एक्विजिशन अनुपात में बांट दी जाती है, जिससे आगे चलकर कैपिटल गेन की गणना साफ रहती है। दूसरा, कोई फॉर्म भरने की जरूरत नहीं; KYC/डिमैट डिटेल्स अप टू डेट हों, बस। तीसरा, स्प्लिट के आसपास कुछ सत्रों में वोलैटिलिटी बढ़ सकती है—ऑर्डर प्लेस करते समय लिमिट ऑर्डर का इस्तेमाल बेहतर रहता है।

डिविडेंड के मामले में भी नियम सरल हैं। अगर कंपनी भविष्य में डिविडेंड देती है, तो प्रति शेयर राशि नई फेस वैल्यू/शेयर काउंट के हिसाब से घोषित होगी, लेकिन आपकी कुल होल्डिंग पर मिलने वाली राशि पर स्प्लिट का कोई नकारात्मक गणितीय असर नहीं पड़ता।

बाजार के नजरिये से, बड़ी कंपनियों में स्प्लिट दो चीजें करता है—टिक साइज और बोर्ड लॉट के हिसाब से ट्रेडिंग आसान बनाता है, और मनोवैज्ञानिक तौर पर “सस्ती दिखने” से रिटेल की भागीदारी बढ़ती है। लेकिन निवेश का फैसला हमेशा कंपनी के कैश फ्लो, कर्ज स्तर, फ्यूल कॉन्ट्रैक्ट, पीपीए कवरेज और डिमांड ग्रोथ जैसे मूल फैक्टर्स पर टिकना चाहिए। स्प्लिट उस कहानी का सिर्फ एक अध्याय है, पूरी किताब नहीं।

12 टिप्पणि

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    Chirag Yadav

    सितंबर 22, 2025 AT 17:55
    ये स्टॉक स्प्लिट तो बहुत अच्छा फैसला है! छोटे निवेशकों के लिए शेयर खरीदना आसान हो जाएगा। मैंने भी अपनी होल्डिंग में थोड़ा और एड कर लिया है। अब तो बाजार में ट्रेडिंग भी ज्यादा एक्टिव दिखेगा।
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    Shakti Fast

    सितंबर 24, 2025 AT 16:57
    वाह! ये तो जैसे किसी ने तुम्हारे लिए एक बड़ा केक बनाया हो, और फिर उसे 5 छोटे-छोटे टुकड़ों में बांट दिया हो। अब हर कोई एक टुकड़ा आराम से खा सकता है। 😊
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    saurabh vishwakarma

    सितंबर 24, 2025 AT 22:01
    अरे भाई, ये सब तो बस नज़र बदलने की चाल है! कंपनी का बिजनेस कैसा है, उसकी अर्निंग कैसी है, वो कोई नहीं देखता। बस शेयर की कीमत कम हो गई, तो लोग लगते हैं कि 'अच्छा मौका है'। ये तो मनोवैज्ञानिक धोखा है।
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    MANJUNATH JOGI

    सितंबर 26, 2025 AT 17:13
    स्टॉक स्प्लिट का ये 1:5 अनुपात लिक्विडिटी के लिए बहुत स्मार्ट है। फेस वैल्यू ₹10 से ₹2 पर आने से बुक वैल्यू पर शेयर की अनुपातिक गणना बदल जाएगी, लेकिन टोटल इक्विटी वैल्यू अपरिवर्तित रहेगी। रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए ये एंट्री बैरियर कम करने का सही तरीका है।
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    Sharad Karande

    सितंबर 26, 2025 AT 18:56
    EPS ₹7.94 के साथ ये स्प्लिट बिल्कुल सही समय पर हुआ। अब प्रति शेयर EPS ₹1.58 हो जाएगा, जिससे P/E रेश्यो को नए बेस पर देखना होगा। लेकिन ध्यान रखें - कैपिटलाइजेशन और नेट प्रॉफिट में कोई बदलाव नहीं हुआ। बस नंबर्स रीस्केल हुए हैं।
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    Sagar Jadav

    सितंबर 28, 2025 AT 03:47
    स्प्लिट का मतलब नहीं है कि तुम्हारा पैसा बढ़ गया। बस शेयर की संख्या बढ़ गई।
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    Dr. Dhanada Kulkarni

    सितंबर 29, 2025 AT 13:46
    यह एक बहुत ही संतुलित और निवेशक-केंद्रित निर्णय है। छोटे निवेशकों के लिए यह एक बड़ा समर्थन है। मैं इस दृष्टिकोण की सराहना करती हूँ कि कंपनी ने लिक्विडिटी और समावेशी बाजार को प्राथमिकता दी है।
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    Rishabh Sood

    सितंबर 30, 2025 AT 03:42
    इस स्प्लिट के बाद जो लोग खुश हैं, वो सोचते हैं कि अब शेयर सस्ता हो गया। लेकिन क्या तुम्हें पता है कि बाजार में असली मूल्य क्या है? ये सब तो एक बड़ा भ्रम है। जब तक तुम अपने निवेश के आधार को नहीं समझते, तब तक तुम अंधेरे में चल रहे हो।
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    Saurabh Singh

    सितंबर 30, 2025 AT 19:37
    इतना स्प्लिट क्यों? प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 75% है, और तुम रिटेल को आकर्षित करने का नाटक कर रहे हो? ये बस एक ट्रिक है। अगर तुम्हारा बिजनेस इतना बढ़िया है, तो डिविडेंड बढ़ाओ, स्प्लिट नहीं।
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    Mali Currington

    अक्तूबर 1, 2025 AT 17:41
    अच्छा हुआ, अब तो लोग बस शेयर की कीमत देखकर खरीदेंगे। जैसे जूते बेचते हैं - जितना सस्ता, उतना अच्छा। बिजनेस का क्या होगा? कोई फर्क नहीं पड़ता।
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    INDRA MUMBA

    अक्तूबर 3, 2025 AT 02:10
    स्प्लिट ने तो बस नंबर्स को रीडिफाइं किया है, लेकिन असली जीत तो उस बिजनेस में है जो ₹13,000 करोड़ की आय और ₹3,100 करोड़ का नेट प्रॉफिट दे रहा है। अब रिटेल के लिए एंट्री आसान हो गई - ये तो एक जीत है दोनों के लिए। अगर तुम इसे बस एक ट्रिक समझोगे, तो तुम बाजार के दर्शक बने रहोगे।
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    Anand Bhardwaj

    अक्तूबर 4, 2025 AT 23:17
    स्प्लिट हुआ, शेयर्स बढ़े, लेकिन मैं अभी भी इंतजार कर रहा हूँ कि कंपनी अपने कर्ज के बारे में कुछ स्पष्ट करे। बाकी सब ठीक है... बस थोड़ा डर लग रहा है।