Nifty Drop – क्या है, क्यों होता है और कैसे संभालें?
जब हम Nifty Drop, Nifty 50 सूचकांक में अचानक गिरावट को कहा जाता है. वैकल्पिक रूप से इसे Nifty गिरावट कहा जाता है, यह निवेशकों को सतर्क करता है। इसलिए इस अनुभाग में हम इस घटना के मुख्य पहलुओं को तोड़‑मरोड़ कर समझेंगे।
Nifty गिरावट के प्रमुख कारण और जुड़ी हुई बातें
Nifty 50, भारत के 50 प्रमुख शेयरों का सूचकांक है अक्सर बाजार के मूमेंट का बेंचमार्क बनता है। जब Nifty Drop आता है, तो इसकी वजहें कई होती हैं: अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक नीतियों में बदलाव, कंपनी की आय में गिरावट, या सरकारी नीतियों का असर। इसी समय Stock Market, सभी शेयरों के लेन‑देन का समग्र मंच एक व्यापक परिप्रेक्ष्य देता है—इंडेक्स गिरने का अर्थ केवल Nifty नहीं, बल्कि पूरे बाजार में अस्थिरता हो सकता है।
एक प्रमुख कारक IPO, कंपनी के सार्वजनिक रूप से शेयर जारी करने की प्रक्रिया है। जब बड़ी कंपनियों का IPO सफल होता है, तो नई पूँजी बाजार में आती है, जिससे इंडेक्स अक्सर ऊपर जाता है। उल्टा, यदि कई IPO फेल हो जाएँ या बिडिंग कमज़ोर हो, तो पूँजी प्रवाह रुक जाता है और Nifty गिर सकता है। इसी तरह Stock Split, एक कंपनी के मौजूदा शेयर को कई छोटे भागों में बाँटना भी सूचकांक को प्रभावित करता है—स्प्लिट से शेयर कीमतें घटती हैं पर कुल बाजार मूल्य नहीं, फिर भी निवेशकों के व्यवहार में बदलाव आ सकता है।
इन शर्तों को जोड़ते हुए हम कई संरचनात्मक संबंध बना सकते हैं: Nifty Drop समाहित करता है मार्केट वोलैटिलिटी; Nifty Drop मांगता है रिस्क मैनेजमेंट; IPO प्रभावित करता है Nifty; और Stock Split परिवर्तन लाता है इंडेक्स कंपोजिशन. ये ट्रिपल्स स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि कैसे अलग‑अलग इकाइयाँ एक‑दूसरे से जुड़ी हैं और समग्र गिरावट को आकार देती हैं।
अब आप समझेंगे कि Nifty विशेष घटनाओं से क्यों हिलता है और कौन‑से संकेतकों को देखना चाहिए। नीचे आप विभिन्न समाचार लेख, विश्लेषण और विशेषज्ञों की राय पाएँगे—जैसे Tata Capital IPO का सब्सक्रिप्शन, Adani Power का स्टॉक स्प्लिट, और बाजार में बड़े‑पैमाने के IPO के प्रभाव। इन लेखों से आप अपने पोर्टफोलियो को बेहतर तरीके से तैयार कर सकते हैं, चाहे आप शुरुआती हों या अनुभवी निवेशक। अगले सेक्शन में हम इन सभी विषयों की विस्तृत कवरेज पेश करेंगे, ताकि आप तुरंत कार्रवाई कर सकें।
सेंसैक्स में 733 अंक गिरावट, निफ्टी 236 अंक नीचे – निवेशकों को बेमिसाल झटका
26 सितंबर 2025 को भारतीय शेयर बाजार ने ऐतिहासिक गिरावट देखी। सेंसैक्स 733 अंक और निफ्टी 236 अंक नीचे गिरा, जिससे छह लगातार सत्रों में नुकसान बढ़ा। फार्मा और IT सेक्टर में भारी बिकवाली, अमेरिकी टैरिफ की आशंकाओं के कारण हुई। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस साल लगभग 13‑15 बिलियन डॉलर निकाले, जिससे रुपये की कीमत 88 रुपए पर गिर गई। सभी सेक्टर लाल बंद में रहे, बाजार में बड़ी अस्थिरता कायम।