जुड़ते हुए दिलों की धड़कन जैसे थम गई, 26 सितंबर को भारतीय शेयर बाजार ने एक बार फिर इतिहास रचा। Sensex crash ने लगभग 733 अंक घटते हुए सत्र को समाप्त किया, जबकि निफ्टी 236 अंक नीचे गिरा और 24,700 के नज़दीकी समर्थन स्तर के पास पहुँच गई। यह नुकसान केवल संख्यात्मक नहीं, बल्कि पूरे निवेश माहौल की धुंध को साफ़ कर गया।
बाजार के ढहने के प्रमुख कारण
एक ही दिन में कई बासख़त‑भरे कारक एक साथ आए। सबसे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कुछ वस्तुओं पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की, जिससे भारत‑अमेरिका व्यापार के बारे में चिंताएँ फिर से उत्पन्न हुईं। इस खबर से फार्मास्यूटिकल और सूचना प्रौद्योगिकी (IT) शैर्स पर विशेष रूप से दबाव पड़ा, क्योंकि दोनों सेक्टरों की निर्यात‑आधारित आय पर टैरिफ का सीधा असर पड़ता है।
दूसरा बड़ा पहलू विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की भारी निकासी रही। इस साल तक लगभग 13‑15 बिलियन डॉलर (लगभग ₹1.1‑1.2 लाख करोड़) की निकासी ने घरेलू शेयरों पर दबाव बढ़ा दिया। फण्ड्स की इस प्रवाह ने रुपये को भी 88 रूपए/डॉलर के पार नीचे धकेल दिया, जिससे निवेशकों का विश्वास हिल गया।
तीसरा, भारत के रिज़र्व बैंक की मौद्रिक नीति के बारे में अनिश्चितता ने भी बोझ बढ़ाया। अत्यंत कम हेडलाइन महंगाई के कारण तेज़ ब्याज दर घटाने का तर्क नहीं बन पा रहा था, जिससे बाजार में आशावादी भावना कमज़ोर हुई।
- फार्मास्यूटिकल सेक्टर में बहुत बड़ी बिक्री, क्योंकि निर्यात पर टैरिफ का असर डर था।
- IT शेयरों में अतिरिक्त गिरावट, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और विदेशी ग्राहक मांग में गिरावट की आशंका के कारण।
- वित्तीय एवं रियल एस्टेट जैसे अन्य सेक्टर भी लाल बैंड में बंद हुए।
तकनीकी विश्लेषकों का कहना है कि निफ्टी ने 24,700‑25,100 के प्रमुख समर्थन स्तर को तोड़ दिया है, जिससे आगे की गिरावट के संकेत मिलते हैं। यदि यह समर्थन टूटता रहता है, तो बाजार 24,300‑24,000 के अगले स्तरों की ओर धकेल सकता है।
रिटेल निवेशकों पर इस निरंतर गिरावट का सबसे गहरा असर पड़ा है। कई छोटे निवेशकों के पोर्टफोलियो में कई लाख करोड़ रुपये की कीमत घट गई, जिससे उनके विश्वास में दरार आ गई है। इस बीच, संस्थागत निवेशकों, विशेषकर विदेशी फण्ड्स, ने बड़े‑पैमाने पर निकासी जारी रखी, जिससे बाजार में तरलता घटती जा रही है।
भविष्य में क्या होगा, इस सवाल का जवाब अभी स्पष्ट नहीं है। बाजार पर्यवेक्षक अभी भी राकषा (रेगुलेटरी) संस्थाओं के हस्तक्षेप की प्रतीक्षा कर रहे हैं। अगर सरकार या SEBI कोई स्थिरीकरण कदम उठाते हैं, तो यह अस्थिरता को कुछ हद तक कम कर सकता है। अन्यथा, आगे भी निरंतर गिरावट जारी रह सकती है, जिससे विदेशी निवेशकों की वापसी और भारतीय रुपये की गिरावट के साथ‑साथ अधिक आर्थिक अस्थिरता पैदा हो सकती है।
yash killer
सितंबर 28, 2025 AT 14:13ये सब बकवास है भाई सेंसैक्स गिरा तो क्या हुआ अमेरिका के टैरिफ से हमारा बाजार टूटेगा तो फिर भी हम अपने अंदर की ताकत से उठ खड़े होंगे भारत अजेय है और हम लोग इसका हिस्सा हैं
कोई बाहरी शक्ति हमें नीचे दबा नहीं सकती
Ankit khare
सितंबर 30, 2025 AT 09:04अरे भाई ये जो निवेशक हैं वो सब बेवकूफ हैं जो बाजार गिरते ही घबरा जाते हैं
पिछले 10 साल में 5 बार ऐसा हुआ है और हर बार बाजार ने नया रिकॉर्ड बनाया
अब जो लोग बेच रहे हैं वो अपनी जेब से पैसे निकाल रहे हैं और फिर भी दोस्तों वो खुद को बुद्धिमान समझते हैं
ये बाजार नहीं बल्कि लोगों का दिमाग गिर रहा है
Chirag Yadav
अक्तूबर 1, 2025 AT 10:02मैं समझता हूँ कि ये गिरावट डरावनी लग रही है लेकिन ये तो बाजार का हिस्सा है
हर बार जब बाजार गिरता है तो लोग डर जाते हैं लेकिन जब वापस उठता है तो वो अपनी गलती का एहसास करते हैं
हमें शांत रहना चाहिए और लंबे समय के लिए देखना चाहिए
ये अस्थिरता तो सबके साथ होती है ये अभी शुरुआत है न कि अंत
Shakti Fast
अक्तूबर 1, 2025 AT 12:45हर गिरावट के बाद नया उत्थान आता है ये बाजार का नियम है
अगर आपने कभी बाजार को देखा है तो आप जानते होंगे कि ये बस एक लहर है
आपके पोर्टफोलियो में जो घटा है वो वापस आएगा
बस थोड़ा इंतज़ार करें और खुद को समझाएं कि आप लंबे समय के लिए निवेश कर रहे हैं
saurabh vishwakarma
अक्तूबर 3, 2025 AT 11:33अरे ये सब लोग बाजार के नियम नहीं जानते
जब ट्रम्प बोलता है तो दुनिया कांप जाती है
पर हमारा रिजर्व बैंक क्या कर रहा है जब रुपया गिर रहा है तो वो बैठा है चाय पी रहा है
ये निवेशक तो बेवकूफ हैं लेकिन रेगुलेटर्स तो बेहद बेकार हैं
हमारी आर्थिक नीति तो बच्चों के खिलौने की तरह है
MANJUNATH JOGI
अक्तूबर 3, 2025 AT 22:25ये जो FPI निकासी हुई है वो असल में एक बड़ा अवसर है
जब विदेशी निवेशक बाहर निकलते हैं तो घरेलू निवेशकों के लिए बेहतरीन अवसर आ जाता है
हमारे फार्मा और IT सेक्टर्स की बुनियादी ताकत अभी भी मजबूत है
अगर आप अच्छी कंपनियों में निवेश करते हैं तो ये गिरावट आपके लिए एक बड़ा ऑफर है
क्योंकि बाजार में अभी भी अच्छी कंपनियाँ डिस्काउंट पर हैं
Sharad Karande
अक्तूबर 5, 2025 AT 01:50अगर हम टेक्निकल एनालिसिस को देखें तो निफ्टी का 24700 स्तर एक क्रिटिकल सपोर्ट था जो अब टूट चुका है
इसके बाद अगला स्तर 24300 है जिसके नीचे जाने पर मार्केट ने एक डाउनट्रेंड की पुष्टि कर दी होगी
लेकिन अगर हम फंडामेंटल्स देखें तो भारत की GDP ग्रोथ अभी भी 6.5% के आसपास है और फार्मा और IT के लिए ग्लोबल डिमांड अभी भी बनी हुई है
इसलिए ये गिरावट अस्थायी है और एक बार जब रुपया स्थिर होगा तो FPI वापस आएंगे
Sagar Jadav
अक्तूबर 7, 2025 AT 01:34बेच दो शेयर और बच जा
Dr. Dhanada Kulkarni
अक्तूबर 8, 2025 AT 06:17मैं जानती हूँ कि आप सब डर गए हैं लेकिन ये गिरावट आपके लिए एक नया अवसर है
अगर आपने अभी तक निवेश नहीं किया है तो अब बहुत अच्छा समय है
बस धीरे-धीरे और बुद्धिमानी से निवेश करें
अपने लक्ष्य को याद रखें और अपनी भावनाओं को नियंत्रित करें
आप अकेले नहीं हैं और ये चरण भी गुजर जाएगा
Rishabh Sood
अक्तूबर 9, 2025 AT 14:52क्या आपने कभी सोचा है कि बाजार केवल पैसा नहीं बल्कि मानवीय भावनाओं का एक दर्पण है
जब हम डरते हैं तो बाजार गिरता है और जब हम आशा रखते हैं तो वह उठता है
ये गिरावट हमारी आत्मा की आवाज है जो कह रही है कि हम बहुत अधिक आशा लगा रहे हैं
अब इस विराम को स्वीकार करें और अपने भीतर की शक्ति को खोजें
Saurabh Singh
अक्तूबर 10, 2025 AT 04:55ये जो लोग अभी घबरा रहे हैं वो तो बेवकूफ हैं
ये गिरावट तो अभी शुरुआत है अगले दो महीने में बाजार 23000 के पास आ जाएगा
और जब वो आएगा तो आपका पोर्टफोलियो आधा रह जाएगा
आप जो भी लिख रहे हैं वो सब बकवास है इसका असली असर तो अभी बाकी है
Mali Currington
अक्तूबर 11, 2025 AT 05:22ओह भाई बाजार गिर गया अब सब रो रहे हैं
मैंने तो सोचा था ये लोग बाजार देखने आए थे या फिर अपनी माँ के घर से बच्चे की देखभाल करने आए थे
इतने पैसे लगाए और एक दिन में बेच देना चाहते हैं
ये लोग तो बाजार के लिए नहीं बल्कि टीवी के लिए आए हैं
INDRA MUMBA
अक्तूबर 11, 2025 AT 13:56मुझे लगता है कि इस गिरावट के पीछे एक बड़ी बात है
हमने अपने घरेलू निवेशकों को बहुत कम जागरूक किया है
जब तक हमारे रिटेल निवेशक बाजार के बारे में नहीं सीखेंगे तब तक ये गिरावटें दोहराएंगी
हमें शिक्षा और जागरूकता पर जोर देना चाहिए
अगर हम अपने अंदर की ताकत को समझें तो बाजार हमारे साथ होगा
Anand Bhardwaj
अक्तूबर 12, 2025 AT 14:08अरे ये गिरावट तो बहुत अच्छी है
अगर आपने कभी गिरावट में निवेश नहीं किया तो आप बाजार का मतलब ही नहीं समझते
जब लोग भागते हैं तो वहाँ सबसे अच्छे अवसर छिपे होते हैं
अब तो बस इंतज़ार करो और देखो कि कौन सी कंपनियाँ अभी डिस्काउंट पर हैं
RAJIV PATHAK
अक्तूबर 13, 2025 AT 22:34ये जो लोग बाजार में निवेश करते हैं वो अपनी बुद्धि का उपयोग नहीं करते
ये ट्रेंड्स और चार्ट्स के पीछे भागते हैं और फिर डर जाते हैं
मैंने कभी अपना पैसा बाजार में नहीं लगाया क्योंकि मैं जानता हूँ कि ये सब एक बड़ा गेम है जिसमें आप खो जाते हैं
अगर आपको असली सफलता चाहिए तो बाजार से दूर रहें
Nalini Singh
अक्तूबर 14, 2025 AT 02:56मैं इस बाजार के गिरावट के बारे में बहुत गंभीरता से सोच रही हूँ
ये एक अत्यंत महत्वपूर्ण बिंदु है जहाँ नीतिगत और आर्थिक निर्णयों का असर दिखने लगता है
हमें अपने आर्थिक संरचना की समीक्षा करनी चाहिए और विदेशी निवेश पर नियंत्रण के लिए नीतियों को समायोजित करना चाहिए
यह समय आ गया है कि हम अपने आप को अंतरराष्ट्रीय बाजार के लिए अधिक तैयार करें
Sonia Renthlei
अक्तूबर 15, 2025 AT 12:16मैं इस गिरावट को बहुत गहराई से समझने की कोशिश कर रही हूँ
हर एक निवेशक की कहानी अलग है और हर एक का डर अलग है
मैंने अपने दोस्तों से बात की जिनके पोर्टफोलियो में लाखों रुपये का नुकसान हुआ है और वो सब बहुत तनाव में हैं
मैं सोच रही हूँ कि क्या हम बाजार के लिए नहीं बल्कि लोगों के लिए एक सुरक्षित वातावरण बना सकते हैं
क्या हम इस गिरावट को एक अवसर के रूप में नहीं देख सकते जो हमें अपने आप को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित करे
हमें बस इतना करना है कि हम एक दूसरे के साथ बात करें और एक दूसरे को समझें
क्योंकि जब हम एक साथ होते हैं तो कोई भी बाजार हमें नीचे नहीं गिरा सकता