नवीनकरणीय ऊर्जा की ताज़ा ख़बरें – क्या नया हो रहा है?
हर दिन हम देखते हैं कि बिजली के बिल बढ़ रहे हैं, लेकिन साथ ही सौर और पवन ऊर्जा का विस्तार तेज़ी से हो रहा है। अगर आप भी जानना चाहते हैं कि कौन‑से प्रोजेक्ट चल रहे हैं, किस राज्य ने नई नीति अपनाई या आपके गाँव में कौन‑सी नवीनीकृत योजना लागू होगी, तो सही जगह पर आए हैं। इस लेख में हम भारत और शिलॉन्ग दोनों की नवीनकरणीय ऊर्जा की खबरें सरल भाषा में समझाएंगे।
भारत में नवीनीकृत ऊर्जा की प्रगति
पिछले साल के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने 150 गिगावाट से अधिक नवीनीकृत क्षमता स्थापित कर ली थी। इस लक्ष्य को हासिल करने का मुख्य कारण है सौर पैनल की कीमत में गिरावट और सरकारी सब्सिडी स्कीम। कई राज्य अब ‘सोलर थ्री’ योजना चला रहे हैं, जिसमें छोटे किसानों को 5 किलोवाट से कम सिस्टम मुफ्त या बहुत कम कीमत पर मिलते हैं। परिणामस्वरूप ग्रामीण इलाकों में भी रात‑दिन बिजली की सप्लाई स्थिर हो रही है।
पवन ऊर्जा के मामले में गुजरात और तमिलनाडु ने नई टरबाइन स्थापित कर रिकॉर्ड तोड़ दिया है। अब हर साल 10 % से अधिक क्षमता बढ़ाने का लक्ष्य तय किया गया है, ताकि 2030 तक कुल नवीनीकृत हिस्सेदारी 40 % पार करे। इस दिशा में निजी कंपनियों ने भी बड़े निवेश किए हैं, जिससे नौकरी के नए अवसर पैदा हुए हैं।
शिलॉन्ग में नवीनकरणीय परियोजनाएँ
हमारे शिलॉन्ग क्षेत्र में हाल ही में दो बड़ी सौर फार्म शुरू हुई हैं। एक 25 MW की साइट लद्दाख के पास स्थापित हुई और दूसरी 15 MW का प्रोजेक्ट मेघालय के पहाड़ी इलाके में चल रहा है। दोनों प्रोजेक्टों ने स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए ‘ग्रीन स्किल्स’ कार्यक्रम भी शुरू किया है, जिससे रोजगार के साथ‑साथ तकनीकी कौशल बढ़ेगा।
पवन ऊर्जा की बात करें तो बोटलॉर में 12 MW का पवन टरबाइन प्रोजेक्ट पिछले महीने पूरी तरह से चालू हो गया। इस परियोजना ने न केवल बिजली उत्पादन में मदद की, बल्कि आसपास के गांवों को जल आपूर्ति भी बेहतर बनायी है क्योंकि टरबाइन के नीचे छोटे जलाशय बनाए गए हैं।
अगर आप अपने घर पर सौर पैनल लगवाना चाहते हैं तो शिलॉन्ग समाचार ने हाल ही में एक आसान गाइड प्रकाशित किया है। इसमें लागत, फाइनेन्सिंग विकल्प और सरकारी टैक्स रिबेट की जानकारी स्पष्ट रूप से दी गई है। इस तरह के लेख हमारे पाठकों को सही निर्णय लेने में मदद करते हैं।
नवीनकरणीय ऊर्जा का भविष्य सिर्फ बड़ी कंपनियों या सरकार तक सीमित नहीं रहा; अब आम लोग भी सौर पैनल, माइक्रो‑हाइड्रो और बायोगैस सेटअप से खुद की बिजली बना रहे हैं। इस परिवर्तन को समझना और अपने आसपास के प्रोजेक्ट्स पर नज़र रखना आपके लिए फायदेमंद रहेगा। शिलॉन्ग समाचार रोज़ नई खबरों के साथ यहाँ है—आपके ऊर्जा सवालों का भरोसेमंद जवाब।
फिलिप कैपिटल ने आईआरईडीए के शेयरों में 56% गिरावट की संभावना जताई, कहा कीमत पहले से ही उच्चतम मूल्य पर

फिलिप कैपिटल ने आईआरईडीए पर अपनी सेल व्यू को बनाए रखा है और कहा है कि कंपनी की कमाई वृद्धि, ऋण वृद्धि के मुकाबले पिछड़ रही है। ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि वर्तमान स्टॉक मूल्य में पहले से ही उच्चतम मूल्य को समाहित किया गया है, इसलिए 56% गिरावट की संभावना है।