Mpox क्या है? आज का सबसे जरूरी स्वास्थ्य समाचार

क्या आपने सुना है कि हाल ही में मंकीपॉक्स (Mpox) फिर से खबरों में आया है? यह वायरस पहले अफ्रीका में देखा गया था, लेकिन अब भारत के कुछ शहरों में केस रिपोर्ट हुए हैं। अगर आप भी जानना चाहते हैं कि इस बीमारी से कैसे बचें और क्या लक्षण होते हैं, तो पढ़ते रहें।

Mpox एक वैरियल संक्रमण है जो पैंकेक जैसे छोटे दाने या ब्लिस्टर्स बनाता है। ये दाने अक्सर चेहरे, गर्दन या हाथों पर दिखते हैं। रोग आमतौर पर 2‑3 हफ्ते तक रहता है और अधिकांश लोगों में हल्के लक्षण होते हैं, लेकिन बुजुर्ग और कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोग गंभीर हो सकते हैं।

Mpox के लक्षण और उपचार

सामान्य लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मसल पेन और थकावट शामिल होते हैं। इसके बाद शरीर पर लाल‑लाल दाने निकलते हैं जो कुछ दिनों में फोड़ कर जूस निकालते हैं। अगर आपको या आपके जानने वाले को ये लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। अधिकांश मामलों में इलाज सपोर्टिव होता है—यानी दर्द कम करने की दवाइयाँ, हाइड्रेशन और आराम।

भारत सरकार ने कुछ एंटी‑वायरल दवाएँ जैसे टेक्रोविर्ल को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दी है। लेकिन ये दवाएँ सिर्फ गंभीर केसों में ही ली जाती हैं। हल्के मामलों में डॉक्टर केवल लक्षण कम करने वाली दवाई और घर पर आराम की सलाह देते हैं।

रोकथाम के आसान उपाय

सबसे प्रभावी तरीका है बचाव—सही hygiene रखें और संक्रमित लोगों से दूर रहें। हाथ अक्सर धोएँ, खासकर जब आप सार्वजनिक स्थानों में हों या किसी को देखते हों जो बीमार दिख रहा हो। अगर आपको मंकीपॉक्स के केस वाले क्षेत्र में यात्रा करनी पड़े तो मास्क पहनें और भीड़भाड़ वाली जगहों से बचें।

वैक्टीन अभी भारत में व्यापक रूप से उपलब्ध नहीं है, लेकिन कुछ देशों में हाई‑रिस्क ग्रुप को वैक्सीनेशन मिल रहा है। अगर आप स्वास्थ्य कर्मी या लैब स्टाफ हैं तो वैक्सिनेशन के लिए अपने नियोक्ता से पूछें।

समाचार साइटों पर अक्सर दिखते अपडेट्स की भरमार होती है, लेकिन भरोसेमंद स्रोत—जैसे मंत्रालय ऑफ हेल्थ और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) —से जानकारी लेना सबसे सुरक्षित रहता है। इन संस्थाओं के आधिकारिक ब्रीफ़िंग में नई केस रिपोर्ट, उपचार गाइडलाइन और यात्रा सलाह मिलती रहती है।

अगर आपका बच्चा या कोई बुजुर्ग परिवार में है तो उनकी हेल्थ चेक‑अप पर खास ध्यान दें। किसी भी नए दाने या फूले हुए लक्षण को तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएँ, ताकि समय रहते इलाज शुरू हो सके।

अंत में एक सवाल—क्या आप जानते हैं कि Mpox का प्रसार मुख्यतः निकट संपर्क से होता है? इसलिए अपने परिवार और दोस्तों को भी इस बात की जानकारी दें। अगर सब मिलकर सावधानी बरते तो इस वायरस को कंट्रोल करना आसान होगा।

भारत में पाया गया पहला संदिग्ध Mpox केस: पुरुष मरीज आइसोलेशन में

के द्वारा प्रकाशित किया गया Aashish Malethia    पर 9 सित॰ 2024    टिप्पणि(0)
भारत में पाया गया पहला संदिग्ध Mpox केस: पुरुष मरीज आइसोलेशन में

भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक संदिग्ध Mpox केस की घोषणा की है, जिसमें हाल ही में एक ऐसे व्यक्ति शामिल है जो एक ऐसे देश से वापस आया है जहां इस वायरस का प्रकोप हो रहा है। मरीज को एक अस्पताल में आइसोलेशन में रखा गया है और उसकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है। मंत्रालय ने वायरस के संभावित स्रोतों की पहचान के लिए संपर्क ट्रेसिंग और अन्य उपायों की पुष्टि की है।