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भारत में पाया गया पहला संदिग्ध Mpox केस: पुरुष मरीज आइसोलेशन में

के द्वारा प्रकाशित किया गया Aashish Malethia    पर 9 सित॰ 2024    टिप्पणि(5)
भारत में पाया गया पहला संदिग्ध Mpox केस: पुरुष मरीज आइसोलेशन में

भारत में पहला संदिग्ध Mpox केस: क्या हैं हालात?

भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में देश के पहले संदिग्ध Mpox केस की पुष्टि की है। यह केस एक युवा पुरुष का है जो हाल ही में एक ऐसे देश से लौटे हैं जहां इस वायरस का भारी प्रकोप देखा जा रहा है। मरीज को आइसोलेशन में रखा गया है और उनकी स्थिति फिलहाल स्थिर बताई जा रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा है कि वे इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए संजीदा और ठोस कदम उठा रहे हैं।

मरीज की स्थिति और जांच

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, मरीज को एक अस्पताल में आइसोलेशन में रखा गया है और लगातार उसकी स्थिति पर निगरानी की जा रही है। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, उनका स्वास्थ्य स्थिर है। हालांकि, मरीज द्वारा संक्रमित वायरस का कौनसा स्ट्रेन है, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है और इसके लिए टेस्ट जारी हैं।

संपर्क अनुकरण और रोकथाम

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि वे मरीज के संपर्क में आए लोगों की पहचान कर रहे हैं और उनके स्वास्थ्य की निगरानी कर रहे हैं। यह महत्वपूर्ण है ताकि वायरस के फैलाव को रोका जा सके। मंत्रालय ने कहा है कि वे विभिन्न रोकथाम उपायों पर काम कर रहे हैं, जिसमें अच्छे स्वच्छता उपाय और संपर्क में आए लोगों की वैक्सीनेशन भी शामिल हो सकती है।

Mpox वायरस का इतिहास और वर्तमान स्थिति

वायरस का पहले नाम मंकीपॉक्स था, जिसे 2022 में बदलकर Mpox कर दिया गया। इसका पहला मामला 1958 में डेनमार्क में पाया गया था। 1970 में वायरस का पहला इंसानी मामला दर्ज किया गया। मुख्यता यह इंसानों में संक्रमित जानवरों से फैलता है, लेकिन मानव से मानव में भी फैलता है।

इसकी पहचान फ्लू जैसे लक्षणों, स्किन में पस भरी घावों से की जाती है। सामान्यतः यह वायरस हल्के रूप का होता है, लेकिन दुर्लभ मामलों में यह गंभीर भी हो सकता है।

WHO और वैश्विक स्थिति

WHO ने स्पष्ट किया है कि वर्तमान Mpox प्रकोप को COVID-19 महामारी के समान नहीं समझा जाना चाहिए। साल के शुरुआत से अब तक, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (DRC) में 17,000 से अधिक Mpox मामले और मौतें दर्ज की गई हैं। DRC को हाल ही में Mpox वैक्सीन की पहली खेप भी प्राप्त हुई है, जिससे वे इस वायरस के प्रकोप को नियंत्रित करने में मदद मिल रही है।

भारत में स्वास्थ्य मंत्रालय की तैयारियां

भारत में स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस केस को नियंत्रित करने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अधिकारियों ने जनता को आश्वस्त किया है कि वे सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तैयार हैं। सरकार ने जनता से घबराने की जरूरत नहीं है कहकर, वायरस के हल्के रूप और उपलब्ध उपचार की पुष्टि की है।

सार्वजनिक जागरूकता और सावधानी

स्वास्थ्य मंत्रालय ने जनता को वायरस के बारे में जागरूक करने के लिए विभिन्न अभियान शुरू किए हैं। जनता को अच्छे स्वच्छता उपायों का पालन करने, और यदि कोई संदिग्ध लक्षण दिखाई दें तो तुरंत चिकित्सा सहायता लेने की सलाह दी गई है।

भारत में इस नए संदिग्ध मामले के आने के बाद, यह आवश्यक है कि हम सभी सुरक्षा उपायों का कड़ाई से पालन करें और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें। साथ ही, समाज को कोई भी घबराहट न दिखाने और संयम बनाए रखने का आग्रह किया गया है।

देश की स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति भरोसा बनाए रखना और एकजुट होकर इस स्थिति का सामना करना ही हमें सुरक्षित रखेगा। यह समय मिलकर सतर्कता और सहयोग का है, जिससे हम सभी इस चुनौती का सामना कर सकें।

5 टिप्पणि

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    Siddhesh Salgaonkar

    सितंबर 10, 2024 AT 03:03
    अरे भाई ये Mpox वाला मामला तो बस एक और फेक न्यूज है जो सरकार चला रही है ताकि हम सब वैक्सीन लगवा लें 😅 जब तक ये वायरस मेरे घर नहीं आता मैं घबराऊंगा नहीं 🤷‍♂️
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    Arjun Singh

    सितंबर 11, 2024 AT 11:30
    ये जो बोल रहे हैं वो बिल्कुल गलत हैं। Mpox एक zoonotic pathogen है जिसका transmission vector बहुत सीमित है - skin-to-skin contact और fomites के जरिए। अगर तुमने अपने बॉडी लैबिल्स ठीक रखे हुए हैं तो तुम्हें कोई डर नहीं। वैक्सीन भी उपलब्ध है और इसके लिए एक अलग वैक्सीन नहीं बल्कि वेरिओला वैक्सीन काम करती है। तो बस डर के बजाय डेटा पढ़ो।
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    yash killer

    सितंबर 12, 2024 AT 16:48
    इस देश में अभी तक एक ही केस आया और सब उठ खड़े हुए अरे भाई ये तो चीन वालों का नया तरीका है जिससे हमारे लोगों को डराया जा रहा है अगर ये वायरस इतना खतरनाक है तो तुम लोग बाहर जाओ और अपने घरों में बैठो और खाना खाओ भारत की स्वास्थ्य सेवा दुनिया की बेस्ट है और ये सब अफवाहें बस भारत को कमजोर दिखाने के लिए हैं
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    Ankit khare

    सितंबर 14, 2024 AT 16:05
    मैंने इस वायरस के बारे में 2022 में एक रिसर्च पेपर पढ़ा था जिसमें कहा गया था कि ये वायरस एक्सपोजर के 5-21 दिनों के बाद एक्टिवेट होता है और अक्सर लोगों को लगता है कि ये चिकित्सा एमरजेंसी है लेकिन असल में ये बहुत सीमित रेंज में फैलता है और अगर तुम अपने बाथरूम के टॉवल अलग रखो और अपने बॉडी कंटैक्ट कम करो तो तुम्हें इसका कोई डर नहीं है और हाँ वैक्सीन तो लगा लो नहीं तो फिर तुम्हारा बॉडी इंटरफेरेंस नहीं होगा और ये वायरस तुम्हारे बॉडी को टारगेट करेगा बस यही है
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    Chirag Yadav

    सितंबर 15, 2024 AT 19:14
    सबको शांत रहना चाहिए। ये वायरस डरावना तो नहीं लेकिन ध्यान देने लायक है। अगर कोई लक्षण दिखे तो डॉक्टर के पास जाएं। हम सब एक दूसरे के लिए जिम्मेदार हैं। इस देश में हर रोज हजारों लोग बीमार होते हैं और हम उनके लिए भी जागरूक होना चाहिए। इस बार तो स्वास्थ्य मंत्रालय ने अच्छा काम किया है। हमें उनका समर्थन करना चाहिए और अफवाहों को नहीं फैलाना चाहिए।