माँ दुर्गा – शक्ति और श्रद्धा का संगम

अगर आप हिंदू धर्म में माँ दुर्गा को जानते हैं तो आपको पता होगा कि वह सिर्फ एक देवी नहीं, बल्कि अनेकों कठिनाइयों को मात देने वाली शक्ति का प्रतीक है। कई लोग उनके बारे में सुनते‑सुनते थक जाते हैं, पर असली बात यह है कि दुर्गा की कथा हमें रोज़मर्रा की जिंदगी में भी मदद देती है। तो चलिए, माँ दुर्गा के बारे में कुछ आसान बातें जानते हैं।

दुर्गा की कहानी और रूप

दुर्गा का जन्म महिषासुर को मारने के लिए हुआ था। वह एक सशक्त महिला योद्धा है जिसने दुष्ट राक्षस को ध्वस्त किया, इसलिए उसे शक्ति की देवी कहा जाता है। उनके दस मुख्य रूप हैं – शैलपुत्री से लेकर कलिका तक, हर रूप में अलग‑अलग गुण दिखते हैं। जब आप दुर्गा के इन रूपों को देखेंगे तो समझ पाएँगे कि वह सिर्फ युद्ध में ही नहीं बल्कि ज्ञान, करुणा और मातृत्व में भी उतनी ही बड़ी है।

घर में माँ दुर्गा की पूजा कैसे करें

सबसे पहले एक साफ जगह चुनें, वहाँ धूप या घी जलाएँ। अगर आपके पास मिट्टी का कुम्हड़ा नहीं है तो कोई छोटा बर्तन भी चलेगा। माँ के सामने कलश रखें और उसके अंदर पानी व दाल डाल दें – यह समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। फिर एक छोटी सी चित्र या प्रतिमा लगाएँ, फिर चंदन, फूल, नारियल और मिठाई रखकर आरती करें। सरल मंत्र ‘ॐ दुर्गायै नमः’ दोहराने से मन शांति मिलती है।

पूजा के बाद माँ को प्रसाद के रूप में फल‑फूल या हलवा देना अच्छा रहता है। यदि आप चाहें तो एक छोटा दान भी दे सकते हैं – यह आपके घर में सुख‑शांति लाता है, जैसा कि कई लोग अनुभव करते हैं। याद रखें, सच्ची भक्ति दिल से आती है, ना कि महँगे सामान से।

दुर्गा पूजा के दौरान कई शहरों में पंडाल लगते हैं और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। आजकल ऑनलाइन लाइवस्ट्रीम भी मिलती है, जिससे दूर रहने वाले लोग भी भाग ले सकते हैं। अगर आप पहली बार जा रहे हैं तो जल्दी पहुंचें, क्योंकि भीड़ बहुत होती है और रास्ते में ट्रैफ़िक जाम हो सकता है।

समकालीन समय में माँ दुर्गा के कुछ नए पहलू सामने आए हैं – जैसे सामाजिक कारणों को समर्थन देना। कई NGOs ने दुर्गा पूजा के अवसर पर स्वास्थ्य कैंप, रक्तदान आदि आयोजित किए हैं। यह दिखाता है कि देवी का सम्मान केवल पूजा तक सीमित नहीं, बल्कि समाज सेवा तक भी बढ़ा हुआ है।

अगर आप बच्चों को माँ दुर्गा की कहानी सुनाना चाहते हैं तो छोटे‑छोटे कार्टून या चित्र पुस्तकें मददगार होती हैं। बच्चे इन रूपों को देखकर जल्दी ही प्रेरित होते हैं और शौर्य के गुण अपनाते हैं। इस तरह से देवी का संदेश नई पीढ़ी तक पहुंचता रहता है।

एक बात याद रखें – माँ दुर्गा कभी भी गुस्से में नहीं रहती, वह केवल अंधकार से लड़ने के लिए लड़ी जाती है। इसलिए जब आप कठिनाइयों का सामना करें तो उसका नाम ले कर साहस बढ़ाएँ। यह सरल उपाय आपके मन को मजबूत बनाता है और रोज़मर्रा की समस्याओं को हल करने में मदद करता है।

अंत में, चाहे आप भक्त हों या सिर्फ जिज्ञासु, माँ दुर्गा के बारे में पढ़ना, पूजा करना और उनके मूल्यों को अपनाना जीवन को खुशहाल बना सकता है। इस पेज पर हमने जो जानकारी दी है, उसे रोज़मर्रा की जिंदगी में लागू करें और देखिए कैसे आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

नवरात्रि के छठे दिन माँ दुर्गा की करें विशेष पूजा, जानें मुहूर्त और विधि

के द्वारा प्रकाशित किया गया Aashish Malethia    पर 8 अक्तू॰ 2024    टिप्पणि(0)
नवरात्रि के छठे दिन माँ दुर्गा की करें विशेष पूजा, जानें मुहूर्त और विधि

8 अक्टूबर 2024 को शारदीय नवरात्रि का छठा दिन है। इस दिन पंचमी तिथि से षष्ठी तिथि में परिवर्तन होता है। माता स्कंदमाता और माता कात्यायनी की पूजा की जाती है। भक्तों के लिए इस दिन के मंदिर सजाए जाते हैं। उचित शुभ मुहूर्त में पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस आर्टिकल में पूजा विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है।