FPI Outflows – भारतीय शेयर बाजार की धड़कन

When working with FPI outflows, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा भारतीय इक्विटी और फिक्स्ड इनकम से पूँजी निकालना. Also known as विदेशी पूँजी निकासी, it signals market sentiment and often triggers short‑term volatility.

इस प्रक्रिया में Foreign Portfolio Investment (FPI), अंतर्राष्ट्रीय फंड्स का भारतीय वित्तीय उपकरणों में निवेश एक मुख्य भूमिका निभाता है। FPI outflows का असर Indian equity market, निफ़्टी, सेंसेक्स जैसे मुख्य सूचकांक पर तुरंत दिखता है, क्योंकि बड़े फंड्स की बिक्री कीमतों को नीचे धकेल देती है। कभी‑कभी यह SEBI regulations, भारतीय प्रतिभूति नियमों की दिशा‑निर्देश के तहत प्रतिबंध और प्रोत्साहन दोनों को लेकर बदलाव लाता है।

FPI Outflows के प्रमुख कारण

पहला, वैश्विक जोखिम भूख में बदलाव – जब अमेरिकी फेड ब्याज दर बढ़ाता है, तो विदेशी फंड्स बेहतर रिटर्न वाले बाजारों की ओर देखते हैं, और भारत से धन हटाते हैं। दूसरा, रुतु‑संबंधी उलट‑फेर – ख़ासकर जब देश में राजनीतिक अस्थिरता या आर्थिक डेटा कमजोर दिखता है, तो निवेशकों का भरोसा गिर जाता है। तीसरा, मुद्रा‑संबंधी कारण – रूपी की गिरावट FPI को बाहर निकालने का एक प्रमुख प्रेरक बनती है, क्योंकि फंड्स अपनी वास्तविक रिटर्न को सुरक्षित रखना चाहते हैं। ये सभी कारण एक-दूसरे को प्रभावित करते हुए “FPI outflows market sentiment को घटाते हैं”, “FPI outflows rupee exchange rate को दबाव में लाते हैं”, और “FPI outflows Indian equity valuations को नीचे धकेलते हैं” जैसी सिमेंटिक ट्रिपल बनाते हैं।

इन बदलावों को समझना इसलिए ज़रूरी है क्योंकि यह सीधे आपके पोर्टफोलियो की रचना, स्टॉक चयन, और निवेश समय‑सीमा को प्रभावित करता है। जब आप नीचे दी गई सूची पढ़ेंगे, तो देखें कि हाल के FPI outflows ने कौन‑से सेक्टरों को दबाव में डाल दिया, कौन‑से स्टॉक्स अब undervalued हो सकते हैं, और क्या रिटर्न की नई संभावनाएं उभर रही हैं। इस प्रकार आप सूचनात्मक फैसले ले सकेंगे, बजाय सुनश्चित समाचारों पर भरोसा करने के।

अब नीचे आप देखेंगे कि विभिन्न समय‑सीमा में FPI outflows कैसे भारतीय बाजार के विभिन्न पहलुओं को आकार दे रहे हैं और कौन‑से संकेतक आपके अगले ट्रेड को मार्गदर्शन कर सकते हैं।

सेंसैक्स में 733 अंक गिरावट, निफ्टी 236 अंक नीचे – निवेशकों को बेमिसाल झटका

के द्वारा प्रकाशित किया गया Aashish Malethia    पर 27 सित॰ 2025    टिप्पणि(0)
सेंसैक्स में 733 अंक गिरावट, निफ्टी 236 अंक नीचे – निवेशकों को बेमिसाल झटका

26 सितंबर 2025 को भारतीय शेयर बाजार ने ऐतिहासिक गिरावट देखी। सेंसैक्स 733 अंक और निफ्टी 236 अंक नीचे गिरा, जिससे छह लगातार सत्रों में नुकसान बढ़ा। फार्मा और IT सेक्टर में भारी बिकवाली, अमेरिकी टैरिफ की आशंकाओं के कारण हुई। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस साल लगभग 13‑15 बिलियन डॉलर निकाले, जिससे रुपये की कीमत 88 रुपए पर गिर गई। सभी सेक्टर लाल बंद में रहे, बाजार में बड़ी अस्थिरता कायम।