एचआईवि (HIV) क्या है? आसान भाषा में समझें

एचआईवि यानी ह्यूमन इम्यूनोडेफिशियेंसी वायरस, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति को कमजोर करता है। अगर ठीक से नहीं संभाला गया तो यह एडीएस (AIDS) तक पहुंच सकता है। कई लोग इसे डरावना मानते हैं, लेकिन सही जानकारी और समय पर इलाज से जीवन पूरी तरह चलाया जा सकता है।

मुख्य लक्षण और कब टेस्ट कराएँ

एचआईवि के शुरुआती चरण में अक्सर कोई स्पष्ट लक्षण नहीं दिखता। कभी‑कभी बुखार, थकान या गले में दर्द जैसा महसूस हो सकता है, लेकिन ये आम सर्दी‑जुकाम जैसी चीज़ों से भी मिलते हैं। इसलिए अगर आपने किसी जोखिम भरे काम (जैसे असुरक्षित सेक्स या दूषित सुई) किए हों तो तुरंत एचआईवि टेस्ट कराना बेहतर होगा। टेस्ट के दो मुख्य तरीके हैं – रक्त परीक्षण और मौखिक स्वाब; दोनों ही तेज़ और भरोसेमंद हैं।

बच्चे, दवाइयाँ और नवीनतम खबरें

भारत में एचआईवि से जुड़ी कई सकारात्मक बदलाव हुए हैं। सरकार ने मुफ्त एंटीरेट्रोवायरल थैरेपी (ART) उपलब्ध करवाई है, जिससे रोगी की जीवन प्रत्याशा बढ़ी है। हाल ही में एक बड़े सर्वे में बताया गया कि 2024 में नई दवा ‘डॉल्टेग्रा’ को देश में मंजूरी मिली, जो वायरस के प्रति प्रतिरोध कम करती है और साइड‑इफ़ेक्ट्स घटाती है। इस दवा की मदद से कई लोग रोज़मर्रा की जिंदगी फिर से जी रहे हैं।

एक और दिलचस्प बात – एचआईवि वाले बच्चों के लिए अब विशेष पोषण कार्यक्रम चल रहा है, जिससे उनका विकास सामान्य बना रहता है। स्कूलों में जागरूकता अभियान भी तेज़ी से बढ़े हैं; छात्रों को सुरक्षित सेक्स, सुई की स्वच्छता और स्टिग्मा हटाने की शिक्षा दी जा रही है। इससे न सिर्फ नए केस कम हो रहे हैं बल्कि मौजूदा रोगियों के साथ सामाजिक समर्थन भी मजबूत हुआ है।

अगर आप या आपके जानने वाले में एचआईवि का खतरा है, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें और उचित टेस्ट करवाएं। याद रखें, शुरुआती चरण में दवा शुरू करने से वायरस को नियंत्रित रखना आसान होता है। साथ ही, सुरक्षित सेक्स प्रैक्टिस जैसे कंडोम इस्तेमाल, एक बार की सुई साझा न करना और नियमित स्वास्थ्य जांच आपके जीवन को स्वस्थ रखेगी।

समाप्ति में कहना चाहूँगा कि एचआईवि कोई अटकल नहीं बल्कि एक मैनेजेबल बीमारी है। सही जानकारी, समय पर टेस्ट और उपचार से आप अपने या दूसरों के भविष्य को सुरक्षित बना सकते हैं। इस पेज पर हम एचआईवि से जुड़ी नवीनतम खबरें, टिप्स और विशेषज्ञ राय साझा करेंगे – इसलिए जुड़े रहिए और स्वस्थ रहें।

त्रिपुरा: 800 से अधिक छात्रों में एचआईवी पॉजिटिव, 47 की हुई मौत - गंभीर समस्या की ओर ध्यान

के द्वारा प्रकाशित किया गया Aashish Malethia    पर 9 जुल॰ 2024    टिप्पणि(0)
त्रिपुरा: 800 से अधिक छात्रों में एचआईवी पॉजिटिव, 47 की हुई मौत - गंभीर समस्या की ओर ध्यान

त्रिपुरा से आई एक चौंकाने वाली रिपोर्ट में पता चला है कि 828 छात्र एचआईवी पॉजिटिव पाए गए हैं और 47 की मौत हो चुकी है। त्रिपुरा स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी (TSACS) ने छात्रों के नशे की आदतों को इस तेजी से फैल रही बीमारी के लिए जिम्मेदार बताया है। प्रभावित छात्रों में कई उच्च शिक्षण संस्थानों के छात्र भी शामिल हैं।