CBDT अलर्ट – टैक्स अपडेट, डेडलाइन और ITR ई‑वेरिफिकेशन जानकारी

जब आप CBDT अलर्ट, सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स द्वारा जारी ताज़ा टैक्स नोटिफिकेशन्स देख रहे होते हैं, तो अक्सर दो और शब्द सुनाई देते हैं: ITR ई‑वेरिफिकेशन, इलेक्ट्रॉनिक रूप से आयकर रिटर्न की पुष्टि प्रक्रिया और आयकर रिटर्न, व्यक्ति या कंपनी द्वारा वार्षिक आय की रिपोर्ट। इनकी सही समझ बिना ऑनलाइन टैक्स फाइलिंग, इंटरनेट के ज़रिए आयकर रिटर्न जमा करने का तरीका के, टैक्स सीज़न में उलझन बढ़ जाती है। विशेष रूप से वित्तीय वर्ष 2025‑26, जुलाई‑जून की आयकर अवधि में कई नई शर्तें लागू हुई हैं, जिनका असर हर संकेत में साफ़ दिखता है। यह परिचय आपके लिये इन पाँच प्रमुख इकाइयों की बुनियादी परस्परक्रिया को सरल शब्दों में दर्शाता है, ताकि आप अगले लेखों को बिना किसी दुविधा के पढ़ सकें।

CBDT अलर्ट केवल समाचार नहीं है, यह एक व्यवहारिक गाइड है जो टैक्स कानून में बदलाव, फॉर्म जमा करने की आखिरी तिथि और वैधता जांच प्रक्रिया को आपस में जोड़ता है। उदाहरण के तौर पर, यदि इंटर्नल रेवन्यू सर्विस ने नया दंड निकाला है, तो वह अलर्ट तुरंत ITR ई‑वेरिफिकेशन पर असर डालता है, क्योंकि बिना वैरिफिकेशन के रिटर्न ‘इनवैलिड’ माना जाता है। यही कारण है कि ऑनलाइन टैक्स फाइलिंग के दौरान स्क्रीन पर दिखने वाले अलर्ट को अनदेखा नहीं किया जा सकता। इस तरह के कनेक्शन से आप समझते हैं कि एक अलर्ट कई चरणों को प्रभावित कर सकता है—डॉक्युमेंट अपलोड, भुगतान समय‑सीमा, और दंड संरचना।

आयकर रिटर्न की प्रक्रिया में सबसे बड़ी चुप्पी अक्सर अंतिम तारीखों के आसपास आती है। 2025‑26 के लिए, ITR ई‑वेरिफिकेशन की मुख्य डेडलाइन 7 सितंबर है, जबकि कुल रिटर्न जमा करने की बढ़ी हुई अंतिम तिथि 15 सितंबर है। यदि आप इस अंतर को नहीं समझते, तो 15 सितंबर को भी फाइल किया हुआ रिटर्न ‘इनवैलिड’ रह सकता है, जिससे आप जुर्माना या ब्याज का सामना करेंगे। CBDT अलर्ट में इस तरह के अंतराल को स्पष्ट रूप से बताया जाता है, इसलिए आपको प्रत्येक अलर्ट को पढ़कर अपने कैलेंडर में सही तिथियों को चिन्हित करना चाहिए। एक साधारण चेक‑लिस्ट बनाकर आप इस प्रक्रिया को औटोमेटेड बना सकते हैं—जैसे, अलर्ट आने पर तुरंत नोटिफिकेशन सेट करना और ई‑वेरिफिकेशन लिंक को बुकमार्क करना।

अक्सर टैक्सपेयर को यह नहीं पता चलता कि ऑनलाइन टैक्स फाइलिंग के दौरान किन तकनीकी कदमों से बचना चाहिए। उदाहरण के लिए, कई उपयोगकर्ता दस्तावेज़ अपलोड करते समय फाइल का आकार या फ़ॉर्मेट गलत चुन लेते हैं, जिससे रिटर्न रजिस्टर्ड नहीं होता। यहाँ CBDT अलर्ट की एक खास बात काम आती है: इसे पढ़ने से आप देख सकते हैं कि किस फॉर्मेट (PDF, XML, JPEG) को कब और कैसे अपलोड करना है। साथ ही, यदि आप वित्तीय वर्ष 2025‑26 में नई आय स्रोत जोड़ रहे हैं, तो अलर्ट में अक्सर अतिरिक्त दस्तावेज़ों की सूची भी शामिल होती है। एक बार आप इन सूचनाओं को अपने टैक्स सॉफ़्टवेयर में इंटीग्रेट कर लें, तो हर अलर्ट आपके लिए एक ‘चेक‑पॉइंट’ बन जाता है, जो गलती के जोखिम को काफी घटा देता है।

आगे क्या देखें?

अब आप जान चुके हैं कि CBDT अलर्ट, ITR ई‑वेरिफिकेशन, आयकर रिटर्न, ऑनलाइन टैक्स फाइलिंग और वित्तीय वर्ष 2025‑26 कैसे आपस में जुड़े हुए हैं। नीचे की सूची में हम उन लेखों को एकत्रित कर रहे हैं जो इन विषयों को विस्तार से समझाते हैं—डेडलाइन रिमाइंडर, अलर्ट की विस्तृत व्याख्या, और वैरिफिकेशन प्रक्रिया के टिप्स। इन लेखों को पढ़ते हुए आप अपने कर प्रबंधन को आसान बना सकते हैं और छूट या दंड से बच सकते हैं।

ITR डेडलाइन 2025: CBDT का अलर्ट - आज ही फाइल करें, फ़ेक न्यूज़ से बचें

के द्वारा प्रकाशित किया गया Aashish Malethia    पर 26 सित॰ 2025    टिप्पणि(0)
ITR डेडलाइन 2025: CBDT का अलर्ट - आज ही फाइल करें, फ़ेक न्यूज़ से बचें

CBDT ने ITR डेडलाइन 2025‑26 को लेकर एक बड़ा अलर्ट जारी किया है। वास्तविक अंतिम तिथि 16 सितंबर 2025 है, जबकि सोशल मीडिया पर 30 सितंबर का फैलाव पूरी तरह झूठ है। ऑडिट‑केस व्यवसायों को 31 अक्टूबर तक समय है, और देर से फ़ाइल करने पर दंड लगेगा। करदाताओं को आधिकारिक अधिसूचनाओं पर ही भरोसा रखने की सलाह दी गई है।