चैत्र नवरात्रि: चैत्र माह की महाकाव्यिक शक्ति

चैत्र नवरात्रि, हिंदू कैलेंडर के चैत्र महीने में मनाया जाने वाला नौ दिन का देवी‑उपासना पर्व. Also known as चैत्र नवरात्री. यह समय ऊर्जा के पुनर्संयोजन का माना जाता है, जहाँ परिवार और समुदाय मिल कर शक्ति की शुद्धि के लिये पूजा‑अर्चना करते हैं।

नवरात्रि, सात माँ दुर्गा के विभिन्न रूपों की नौ दिन की पूजा और देवी दुर्गा, शक्ति का प्रतीक, जो अष्ट सौंदर्य के साथ नवरात्रि में प्रमुख हैं इस उत्सव की रीढ़ बनाते हैं। जब नवरात्रि के प्रत्येक दिन एक अलग रूप की पूजा होती है, तो भक्त शक्ति, ज्ञान, और संरक्षण के विभिन्न पहलू प्राप्त करने की आशा रखते हैं।

उपवास भी इस त्यौहार का अहम हिस्सा है। उपवास, शुद्धिकरण व आत्म‑शिक्षा हेतु रखा जाने वाला इष्ट व्रत न केवल शारीरिक शुद्धि लाता है, बल्कि मानसिक स्थिरता भी बढ़ाता है। कई घरों में शाम को कांकड़ के पिटारा में जल, फल और भोग रखकर रात्रि में देवी को अर्पित किया जाता है।

यदि आप चैत्र नवरात्रि के बारे में गहराई से जानना चाहते हैं तो आगे पढ़ें। शिलॉन्ग की स्थानीय संस्कृतिक परंपराएँ इस पर्व को और रंगीन बनाती हैं—जैसे गाँव‑गाँव में आयोजित मेले, पारंपरिक नृत्य और सिंगार‑सजावट। यहाँ की महिलाएँ विशेष ‘नवव्रत’ रचना करती हैं, जबकि युवा वर्ग धुप‑ध्वजा घेरे में ध्वजावली बनाते हैं।

शिलॉन्ग समाचार के अनुसार, पिछले साल चैत्र नवरात्रि के दौरान कई ग्रामीण क्षेत्रों ने सामुदायिक भोजनालय खोले, जहाँ दावत में पांजरी, खीर और यादगार ‘नवा’ के साथ सबको आमंत्रित किया गया। यह सामुदायिक सहयोग का उदाहरण है जो नवरात्रि के सामाजिक संदेश को उजागर करता है – एकता, परोपकार, और साझा खुशी।

इन सभी पहलुओं को समझने से आप न केवल धार्मिक रस्मों को सही तरीके से पालन करेंगे, बल्कि स्थानीय संस्कृति की गहराई तक पहुंच पाएँगे। अगले सेक्शन में आप देखेंगे कैसे विभिन्न समाचार लेख इस उत्सव के विभिन्न आयामों – जैसे राजनैतिक, सामाजिक, और खेल‑सम्बंधी घटनाओं – को कवर करते हैं, जिससे आपका नवरात्रि ज्ञान व्यापक और व्यावहारिक बनता है।

अब नीचे दी गई पोस्ट सूची में आप चैत्र नवरात्रि से जुड़े विविध लेख, विश्लेषण और ताज़ा अपडेट पाएँगे, जो इस पर्व को समझने और अनुभव करने में आपकी मदद करेंगे।

चैत्र नवरात्रि का पाँचवाँ दिन: स्कंदमाता पूजा, शुभ समय और हरित रंग

के द्वारा प्रकाशित किया गया Aashish Malethia    पर 27 सित॰ 2025    टिप्पणि(0)
चैत्र नवरात्रि का पाँचवाँ दिन: स्कंदमाता पूजा, शुभ समय और हरित रंग

2 अप्रैल 2025 को चैत्र नवरात्रि का पाँचवाँ दिन है, जो माँ स्कंदमाता को समर्पित है। इस पावन अवसर पर हरे रंग की पोशाक, ब्रह्ममुहूर्त में जागरण और विशेष पूजा विधियों का महत्व बताया गया है। स्कंदमाता की उपस्थिति जीवन में शांति, बुद्धि और निर्णय‑लेने की स्पष्टता लाती है। चक्र‑धर्म, अभय मुद्रा और नवरात्रि की कथा को विस्तार से समझें।