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चैत्र नवरात्रि का पाँचवाँ दिन: स्कंदमाता पूजा, शुभ समय और हरित रंग

के द्वारा प्रकाशित किया गया Aashish Malethia    पर 27 सित॰ 2025    टिप्पणि(20)
चैत्र नवरात्रि का पाँचवाँ दिन: स्कंदमाता पूजा, शुभ समय और हरित रंग

चैत्र नवरात्रि के पाँचवे दिन की पंथी महत्ता

बुधवार, 2 अप्रैल 2025 को चैत्र नवरात्रि का पाँचवाँ दिन पड़ता है और इस दिन को माँ स्कंदमाता के नाम से पूजा जाता है। स्कंदमाता को मातृत्व, पोषण और साहस की देवी माना जाता है। चार भुजाओं, तीन आँखों और सिंह पर सवार इस रूप में वह शिशु कार्तिकेय (स्कंद) को गोद में लिये होती है, जो उसके निस्वार्थ प्रेम और दृढ़ रक्षा की शक्ति को दर्शाता है। इस दिन को किस कारण से इतना खास माना जाता है, इसका संबंध नवरात्रि के गहरे आध्यात्मिक अर्थसे जुड़ा है, जहाँ माँ दुर्गा के नौ रूपों में से यह रूप विशेष रूप से मां का पोषण‑परायण पक्ष उजागर करता है।

हिंदू मान्यताओं के अनुसार स्कंदमाता का आध्यात्मिक घर विषुद्धा (कंठ) चक्र में स्थित है। यह चक्र हमारी संचार क्षमता, स्पष्टता और अभिव्यक्ति से जुड़ा है। जब भक्त इस चक्र को शुद्ध करते हैं तो उन्हें निर्णय‑लेने में स्पष्टता, चुनौतियों में धीरज और जीवन में नई दिशा मिलती है। इस प्रकार स्कंदमाता न केवल मातृत्व का आदर्श प्रस्तुत करती है, बल्कि आध्यात्मिक बुद्धि की प्राप्ति का मार्ग भी खोलती है।

शुभ समय, रंग और पूजा विधि

नवरात्रि के इस विशेष दिवस की शुरुआत ब्रह्ममुहूर्त (सुबह 4 से 5 बजे) से करनी चाहिए। माना जाता है कि इस क्षण में ऊर्जा सर्वाधिक शुद्ध होती है और मन के भीतर आध्यात्मिक जागरूकता का उभरना आसान हो जाता है। सुबह जल्दी उठकर स्नान‑स्नान कर, शरीर व मन को शुद्ध करना प्रथम कर्तव्य है।

इस दिन पहना जाने वाला मुख्य रंग ‘हरित’ (हरा) है। हरा रंग प्रकृति, नवजीवन, उन्नति और शांति का प्रतीक माना जाता है। भक्तों को सलाह दी जाती है कि वे इस रंग के नए वस्त्र धारण करें – चाहे वह साड़ी, धोती या सूट हो। हरे वस्त्र न केवल वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा लाते हैं, बल्कि मन को भी ताजगी से भर देते हैं।

पूजा के दौरान प्रतिमा या चित्र के सामने एक लाल कमल रखकर, दोशफल (जैसे अक्षर, अंकों के साथ) और नीचे छोटा घड़ा जल रखें। इस पवित्र जल में तुलसी, पुदीना और गुलाब की पंखुड़ियाँ डालें। फिर स्कंदमाता को अर्पित करें:

  • कमल के फूल – शुद्धता का प्रतीक
  • सेब, अमरूद, मौसमी फल – पोषण और मातृत्व की भावना को उजागर करने के लिये
  • मर्यादा‑सिद्ध मिठाइयाँ जैसे ‘रसमलाई’ या ‘केसरिया लड्डू’ – मीठा जीवन, मधुर संबंधों का संकेत
  • भांग या तुलसी के पत्ते – देवी के पवित्रता को सम्मानित करने हेतु

प्राथना के क्रम में ‘ॐ स्कंद मातायै नमः’ का विशेष जप किया जाता है। इसके बाद 108 बार ‘दुर्गा सप्तशती’ या ‘श्री स्कंदमाता स्तोत्रा’ का पाठ किया जा सकता है। यदि संभव हो तो समूह में ‘भजन’ या ‘कीर्तन’ भी आयोजित करें, जिससे सामुदायिक ऊर्जा का साकारुप भागीदारी मिलती है।

नवरात्रि के अन्य दिनों की तरह इस दिन भी उपवास रखने वाले कई लोग फल‑हारी उपवास (केवल फल, दूध और शहद) का पालन करते हैं। ऐसा उपवास न केवल शारीरिक शुद्धि लाता है, बल्कि मन की एकाग्रता को भी बढ़ाता है। ध्यानी लोग इस समय में ध्यान अथवा ‘जपमाला’ के साथ ध्यान लगा सकते हैं, जिससे उनका मन स्कंदमाता के आशीर्वाद को सहजता से ग्रहण कर सके।

इस पावन अवसर का महत्व सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दोनों आयामों में गहरा है। नवरात्रि की कथा में देवी दुर्गा का महिषासुर के साथ युद्ध और नौ रातों तक जीत का उल्लेख है, जो अंधकार पर प्रकाश की विजयी गाथा है। प्रत्येक दिन दुर्गा के किसी न किसी रूप को समर्पित किया जाता है, और स्कंदमाता मातृत्व‑सुरक्षा का प्रतीक होने के नाते इस श्रृंखला में एक विशेष जगह रखती है। यह न केवल सामान्य भक्तों के लिए बल्कि उन लोगों के लिये भी प्रेरणा है जो जीवन‑संकट में शांतिक और बुद्धि की तलाश में होते हैं।

समग्र रूप से, चैत्र नवरात्रि का पाँचवाँ दिन हमारे भीतर के मातृत्व, पोषण और संरक्षण की भावनाओं को जागृत करता है। हरे रंग के वस्त्र, ब्रह्ममुहूर्त की जागरण, तथा स्कंदमाता की प्रतिमा के सामने किए जाने वाले अनुष्ठान इस ऊर्जा को दैनिक जीवन में स्थायी बनाने के लिए महत्वपूर्ण साधन हैं। इस पावन दिन को सही ढंग से मनाकर हम न केवल अपनी आंतरिक शक्ति को पुनः प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि सामुदायिक सौहार्द और आध्यात्मिक उत्थान के लिये भी योगदान दे सकते हैं।

20 टिप्पणि

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    Saurabh Singh

    सितंबर 28, 2025 AT 12:46
    ये सब धार्मिक चीजें अब सिर्फ फेसबुक पोस्ट के लिए हैं। कौन सच में उठकर ब्रह्ममुहूर्त में नहीं सो रहा? अरे भाई, तुम्हारा फोन चार्ज हो रहा है और तुम स्कंदमाता के लिए जाग रहे हो? 😂
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    Mali Currington

    सितंबर 29, 2025 AT 21:13
    हरा रंग पहनो, फल खाओ, जप करो... लेकिन अगर तुम्हारा बैंक बैलेंस शून्य है तो क्या स्कंदमाता तुम्हें डीएमआर से बचाएंगी? 🤷‍♀️
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    INDRA MUMBA

    सितंबर 30, 2025 AT 08:28
    स्कंदमाता के चक्र से जुड़ी विषुद्धा ऊर्जा का विश्लेषण बहुत सूक्ष्म है। ये वह अंतर्दृष्टि है जो वैदिक शास्त्रों में 'अहंकार-शून्यता' के अध्ययन के माध्यम से विकसित होती है। जब हम अपने वाचिक अभिव्यक्ति के चक्र को शुद्ध करते हैं, तो हमारा व्यक्तित्व आत्म-संयम के एक नए स्तर पर पहुँच जाता है - ये केवल एक पूजा नहीं, ये एक साइको-स्पिरिटुअल रिसेट है।
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    Anand Bhardwaj

    सितंबर 30, 2025 AT 08:55
    मैंने गुरुवार को हरा शर्ट पहना था। बस इतना करके मैंने अपनी आत्मा को बचा लिया। अब बस यही काफी है।
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    RAJIV PATHAK

    अक्तूबर 1, 2025 AT 02:04
    इतनी जटिल पूजा विधि... क्या ये वाकई वेदों में है या किसी ने बस इंस्टाग्राम के लिए बना दी? मैंने कभी भी किसी ग्रंथ में 'रसमलाई अर्पण' का उल्लेख नहीं पढ़ा।
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    Nalini Singh

    अक्तूबर 1, 2025 AT 18:06
    चैत्र नवरात्रि के इस दिन का सांस्कृतिक महत्व अत्यंत गहरा है। यह न केवल आध्यात्मिक अनुष्ठान है, बल्कि भारतीय परंपरा के अंतर्गत मातृत्व के पवित्र आदर्श का प्रतीक है। इस दिन का उत्सव अनेक सामाजिक बांधों को मजबूत करता है और सामुदायिक एकता को बढ़ावा देता है।
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    Sonia Renthlei

    अक्तूबर 3, 2025 AT 07:18
    मैंने इस दिन अपनी बेटी के साथ घर पर एक छोटी सी पूजा की। उसने खुद चाय का एक गिलास माँ के लिए रखा - बिना कहे। मैंने उसे गोद में लिया और रो दिया। ये स्कंदमाता का आशीर्वाद था। बच्चे हमें सिखाते हैं कि पोषण का मतलब सिर्फ खाना नहीं, बल्कि देखभाल है। और शायद यही तो देवी का संदेश है।
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    Aryan Sharma

    अक्तूबर 4, 2025 AT 00:05
    अरे भाई, ये सब ठीक है लेकिन क्या तुमने सुना है कि ये नवरात्रि वाले रंग अमेरिका के कॉर्पोरेट ब्रांडिंग की चाल हैं? हरा रंग? वो तो एप्पल और गूगल के लिए भी है! ये सब बनाया गया है ताकि तुम लोग फल और मिठाई खरीदो। बुद्धि वाले समझो!
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    Devendra Singh

    अक्तूबर 4, 2025 AT 08:30
    तुम लोग जो फल खाते हो, वो आधुनिक जैविक फल हैं या एचटीएमएल के लिए चुने गए? क्या तुम्हें पता है कि अमरूद के एंटीऑक्सीडेंट्स का स्कंदमाता के चक्र से कोई लेना-देना नहीं है? ये सब लोग अपने डायट प्लान को धार्मिक बना रहे हैं।
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    UMESH DEVADIGA

    अक्तूबर 5, 2025 AT 17:12
    मैंने इस दिन एक बूढ़ी दादी को देखा - उन्होंने बिना बताए अपनी बेटी के लिए एक छोटा घड़ा जल रख दिया। मैंने उनके आँखों में देखा... उसमें बस एक शांति थी। ये वो शक्ति है जिसे तुम लोग जप-माला से नहीं, बल्कि अपने दिल से पा सकते हो।
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    Roshini Kumar

    अक्तूबर 6, 2025 AT 01:52
    स्कंदमाता का चक्र विषुद्धा है... ये तो मैंने विकिपीडिया पर पढ़ा था... लेकिन अगर ये चक्र बंद है तो क्या मैं बस गूगल पर सर्च करके बात बना सकता हूँ? 😅
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    Siddhesh Salgaonkar

    अक्तूबर 7, 2025 AT 15:47
    अरे भाई, तुम लोग इतने बड़े बड़े चक्र बात कर रहे हो... मैंने तो बस एक हरा टी-शर्ट पहन लिया और अपनी गर्लफ्रेंड को रसमलाई दे दी 😘 अब तो मेरी आत्मा भी शुद्ध हो गई! 🙏🔥
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    Arjun Singh

    अक्तूबर 8, 2025 AT 09:40
    जब तक तुम अपने घर के बाहर वाले चक्र को शुद्ध नहीं करते - जैसे बिजली बिल, बाजार वाले का जाल, और अपने बॉस का ट्रॉल - तब तक तुम्हारी विषुद्धा चक्र बंद ही रहेगा। ये सब तो बस एक फिल्टर है।
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    yash killer

    अक्तूबर 9, 2025 AT 08:05
    हिंदू धर्म की ये शक्ति किसी विदेशी आयोजन के लिए नहीं है ये हमारी जड़ें हैं अगर तुम इसे नहीं मानते तो तुम भारत के खिलाफ हो और भारत के खिलाफ होना मतलब देशद्रोह
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    Ankit khare

    अक्तूबर 10, 2025 AT 09:03
    ब्रह्ममुहूर्त उठने वाले आज कल कितने हैं? तुम लोग तो दोपहर तक सोते हो और फिर इंस्टाग्राम पर पोस्ट करते हो कि आज मैंने स्कंदमाता की पूजा की। बस तुम लोगों का आत्म-सम्मान ही बढ़ रहा है नहीं तो आध्यात्मिकता का।
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    Chirag Yadav

    अक्तूबर 11, 2025 AT 09:46
    मैंने इस दिन अपने बहन के साथ एक छोटी सी पूजा की। हमने एक फूल और एक गिलास दूध रखा। कोई जप नहीं, कोई शास्त्र नहीं। बस एक चुपचाप आँखें बंद करके देखा। लगा जैसे कोई मुझे समझ रहा है। शायद वो देवी थी।
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    Shakti Fast

    अक्तूबर 12, 2025 AT 01:52
    हरे रंग का एक छोटा सा फूल लेकर बाहर निकल गई। किसी भी बूढ़े आदमी को देखा जो बाजार में बैठा था। उसे दिया। उसकी आँखों में आँखें भर आईं। शायद यही तो स्कंदमाता का असली रूप है - एक छोटी सी ममता।
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    saurabh vishwakarma

    अक्तूबर 13, 2025 AT 15:37
    ये सब बहुत अच्छा है... लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि ये सब वास्तविक आध्यात्मिकता है या बस एक बड़ा धोखा? मैंने एक गुरु से पूछा - उन्होंने कहा, 'जो तुम्हें शांति दे रहा है, वो असली है।' बस।
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    MANJUNATH JOGI

    अक्तूबर 15, 2025 AT 01:40
    मैंने बचपन में देखा - गाँव में एक बूढ़ी महिला रोज अपने बच्चों को दूध और चावल की खीर खिलाती थीं। कभी उन्होंने किसी चक्र के बारे में नहीं कहा। लेकिन उनकी आँखों में वही शक्ति थी जो स्कंदमाता में है। आध्यात्मिकता वहाँ है जहाँ प्यार है - न कि जहाँ जपमाला है।
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    Sharad Karande

    अक्तूबर 15, 2025 AT 17:15
    स्कंदमाता के चक्र के संदर्भ में विषुद्धा चक्र का वैदिक आधार वामन शास्त्र, श्री तंत्र सार, और देवी भागवत पुराण में स्पष्ट रूप से वर्णित है। इस चक्र की शुद्धि के लिए विशिष्ट मंत्र-साधना, वायु-प्राणायाम और कायाकल्प विधि का अनुसरण आवश्यक है। फल-हारी उपवास केवल शारीरिक शुद्धि नहीं, बल्कि नाड़ी-चक्र के अंतर्गत वायु की गति को संतुलित करने का एक प्राचीन यंत्र है।