आयकर फ़ाइलिंग: सम्पूर्ण मार्गदर्शन और अपडेट
जब आप आयकर फ़ाइलिंग, वित्तीय वर्ष की आय को आयकर विभाग को आधिकारिक रूप से जमा करने की प्रक्रिया. Also known as ITR सबमिशन, यह सुनिश्चित करता है कि आपके टैक्स दायित्व समय पर पूरा हो। इस प्रक्रिया में कई घटक जुड़े होते हैं और हर साल नियम‑विधान थोड़ा बदलता है, इसलिए अपडेट रहना जरूरी है। यहाँ हम उन मुख्य पहलुओं को सरल भाषा में बताएँगे, जिससे आप बिना उलझन के फाइलिंग कर सकें.
पहला कदम है आयकर रिटर्न, वित्तीय वर्ष की आय, आय स्रोत और कटौतियों को दर्शाने वाला फॉर्म तैयार करना। आयकर फ़ाइलिंग includes आयकर रिटर्न, यानी रिटर्न ही फाइलिंग का मूल तत्व है। सही जानकारी भरना न सिर्फ दंड से बचाता है, बल्कि आगे के रिफंड या टैक्स प्लानिंग में मदद करता है। अधिकांश लोगों को फॉर्म‑1040 या ITR‑1 जैसे फ़ॉर्म का चयन समझ नहीं आता, इसलिए आय के प्रकार (व्यवसाय, वेतन, किराया आदि) के आधार पर उपयुक्त फ़ॉर्म चुनना पहला काम है।
रिटर्न तैयार करने के बाद अगला चरण है ई‑वेरिफिकेशन, ऑनलाइन माध्यम से आयकर रिटर्न की पुष्टि करने की प्रक्रिया। आयकर फ़ाइलिंग requires ई‑वेरिफिकेशन; बिना इस कदम के आपके रिटर्न को ‘इनवैलिड’ माना जा सकता है। आप नेट बैंकिंग, ऑथराइज्ड डिज़िटल सिग्नेचर या मोबाइल नंबर से OTP के ज़रिए वेरिफ़ाई कर सकते हैं। 2025‑26 में डेडलाइन निकट आ रही है, इसलिए समय से पहले वेरिफ़िकेशन करके देर से जुर्माने से बचें।
फाइलिंग को आसान बनाने में टैक्स प्लानिंग, वर्ष भर में आय और कटौतियों को रणनीतिक रूप से व्यवस्थित करने की प्रक्रिया बड़ा कारक है। टैक्स प्लानिंग influences आयकर फ़ाइलिंग, क्योंकि अगर आप साल की शुरुआत में ही निवेश, बीमा, पेंशन आदि की योजना बनाते हैं, तो लायबिलिटी कम हो जाती है और रिटर्न भरना सरल बनता है। घर के लिए गृह ऋण, बच्चों की शिक्षा के लिए 80C सेक्शन के तहत बचत, या स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम जैसी कटौतियों को ध्यान में रखें। यही कारण है कि हर वित्तीय वर्ष में कई लोग टैक्स सलाहकार या ऑनलाइन कैलकुलेटर का इस्तेमाल करते हैं।
अंत में आयकर दर, विभिन्न आय स्लैब के अनुसार लागू टैक्स प्रतिशत को समझना फाइलिंग की सटीकता को बढ़ाता है। आयकर दर determines आयकर फ़ाइलिंग राशि, यानी आपकी कुल आय के आधार पर किस स्लैब में आप आएँगे, यह तय करता है कि कितना टैक्स देनी होगी। 2025‑26 में स्लैब में थोड़ा बदलाव आया है, इसलिए नवीनतम दर तालिका देखें। छूट, रिबेट और सर्किल्स को भी ध्यान में रखें, क्योंकि ये आपके कुल टैक्स को घटा सकते हैं।
इन सभी बिंदुओं को समझकर आप आयकर फ़ाइलिंग को जल्दी, सही और बिना परेशानी के कर सकते हैं। नीचे दी गई सूची में हम उस टैक्स‑सेवेज़, अपडेट और सलाह के बारे में लिखे हुए लेखों को क्यूरेट करके रखे हैं, जो आपके सवालों का जवाब देंगे और फाइलिंग के हर चरण को स्पष्ट करेंगे। अब पढ़ते रहें और अपनी टैक्स सबमिशन को आसान बनाते हैं।
ITR डेडलाइन 2025: CBDT का अलर्ट - आज ही फाइल करें, फ़ेक न्यूज़ से बचें

CBDT ने ITR डेडलाइन 2025‑26 को लेकर एक बड़ा अलर्ट जारी किया है। वास्तविक अंतिम तिथि 16 सितंबर 2025 है, जबकि सोशल मीडिया पर 30 सितंबर का फैलाव पूरी तरह झूठ है। ऑडिट‑केस व्यवसायों को 31 अक्टूबर तक समय है, और देर से फ़ाइल करने पर दंड लगेगा। करदाताओं को आधिकारिक अधिसूचनाओं पर ही भरोसा रखने की सलाह दी गई है।