आईएमए – क्या है और क्यों जरूरी?

आईएमए यानी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, भारत के डॉक्टरों की बड़ी संघ है। ये संगठन डॉक्टरों के हक़ से जुड़ी बातों में आवाज़ उठाता है, नई नीति बनवाने में मदद करता है और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने का काम करता है। अगर आप हेल्थ सेक्टर में रुचि रखते हैं या डॉक्टर हैं तो आईएमए की खबरें देखना फायदेमंद रहता है।

आईएमए की प्रमुख गतिविधियाँ

आईएमए हर साल कई कैंपेन चलाता है जैसे कि डॉक्टरों के वेतन बढ़ाने का आंदोलन, मेडिकल शिक्षा में सुधार और रोगियों को सस्ती दवाइयाँ दिलाना। इसके अलावा यह सरकारी नीतियों पर सुझाव देता है, नई मेडिकल कॉलेज खोलने की योजना बनाता है और आपातकालीन परिस्थितियों में तेज़ी से प्रतिक्रिया करता है। इन कामों से डॉक्टरों के कामकाज में बदलाव आता है और मरीजों को बेहतर इलाज मिल जाता है।

आईएमए से जुड़ी ताज़ा खबरें

हाल ही में आईएमए ने कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए हैं। एक तरफ़ वे डॉक्टरों के लिए सुरक्षा नियम कड़ाई से लागू करने की मांग कर रहे हैं, जबकि दूसरी ओर नई टैक्स नीति पर चर्चा चल रही है जो मेडिकल प्रैक्टिस को असर डाल सकती है। कुछ प्रमुख समाचारों में सरकार द्वारा स्वास्थ्य बजट बढ़ाने का प्रस्ताव और ग्रामीण इलाकों में मोबाइल हॉस्पिटल लॉन्च करना शामिल है। इन सभी अपडेट्स को हम यहाँ एक जगह इकट्ठा करते हैं, ताकि आप जल्दी से पढ़ सकें।

आईएमए की वेबसाइट और सोशल मीडिया पेज भी नियमित रूप से अपडेट होते रहते हैं। अगर आप डॉक्टर हैं या हेल्थ सेक्टर में काम कर रहे हैं, तो इन प्लेटफ़ॉर्म पर फॉलो करके नए नियमों, वेबिनार और ट्रेनिंग प्रोग्राम की जानकारी पा सकते हैं। अक्सर आईएमए के प्रतिनिधि प्रेस कॉन्फ़्रेंस देते हैं, जहाँ से सीधे जानकारी मिलती है कि आने वाले महीनों में क्या बदलाव आएंगे।

अंत में इतना ही कहेंगे कि आईएमए सिर्फ एक प्रोफेशनल ग्रुप नहीं, बल्कि भारत की स्वास्थ्य प्रणाली का अहम हिस्सा है। यहाँ मिलने वाली खबरें न केवल डॉक्टरों के लिए बल्कि आम जनता के लिये भी उपयोगी हैं क्योंकि जब डॉक्टरों की स्थिति बेहतर होगी तो इलाज की क्वालिटी भी सुधरेगी। इसलिए इस टैग पेज को बुकमार्क करें और हर नए अपडेट से जुड़ें।

आईएमए ने किया 17 अगस्त को देशव्यापी चिकित्सकीय सेवाओं की वापसी की घोषणा

के द्वारा प्रकाशित किया गया Aashish Malethia    पर 17 अग॰ 2024    टिप्पणि(0)
आईएमए ने किया 17 अगस्त को देशव्यापी चिकित्सकीय सेवाओं की वापसी की घोषणा

भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने 17 अगस्त को देशभर में गैर-आपातकालीन चिकित्सकीय सेवाओं की वापसी की घोषणा की है। यह निर्णय प्रस्तावित राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) विधेयक के विरोध में लिया गया है। आईएमए का मानना है कि इस विधेयक से चिकित्सीय पेशेवरों की स्वायत्तता खतरे में पड़ जाएगी।