18वीं लोकसभा चुनाव: क्या आप तैयार हैं?
भारत में हर पाँच साल में एक बड़ी धूमधाम होती है – वह है लोकसभा का चुनाव. इस बार की 18वीं लोकसभा कई नई बातों के साथ आई है। अगर आप भी जानना चाहते हैं कि कौन से मुद्दे सबसे ज़्यादा चर्चा में हैं, किस पार्टी ने किन गठबंधनों को तय किया और आपके वोट का असर क्या होगा, तो पढ़ते रहें.
मुख्य पार्टियों की रणनीति
भाजपा ने पिछले चुनाव में दिखाया था कि वह विकास व राष्ट्रीय सुरक्षा पर ज़ोर देता है. इस बार भी उन्होंने वही एंगेजमेंट जारी रखा, लेकिन नई युवा लीडरशिप को सामने रखने का इरादा साफ़ किया है। कांग्रेस ने गठबंधन की बातों को आगे बढ़ाते हुए कई छोटे क्षेत्रीय पार्टियों के साथ समझौते किए हैं – खासकर उत्तर भारत और पूर्वोत्तर में. आम आदमी पार्टी (AAP) अब भी दिल्ली से बाहर अपनी पकड़ बनाने की कोशिश कर रही है, इसलिए उन्होंने कुछ प्रमुख शहरों में उम्मीदवारों का चयन किया है जो स्थानीय मुद्दों को उठाते हैं.
वोटर के लिए प्रैक्टिकल टिप्स
आपके पास सिर्फ़ एक वोट है और उसका प्रभाव बड़ा हो सकता है. पहले तो यह देखिए कि आपके एलीमेंटरी क्षेत्र में कौन‑से उम्मीदवार आपके रोज़मर्रा की ज़िंदगी को सीधे प्रभावित करेंगे – चाहे वह सड़कों की मरम्मत हो, या पानी की सप्लाई. फिर अपने पसंदीदा पार्टी के मौजुदा वादों को याद रखें और तय करें कि वे वास्तविकता बनेंगे या नहीं. अगर आप पहली बार वोट कर रहे हैं, तो मतदान केंद्र का पता पहले से जान लें, अपना आधार कार्ड साथ रखें और देर न होने दें.
एक और आसान तरीका है: ऑनलाइन पोर्टल पर अपने एलीमेंटरी क्षेत्र की सैंप्लिंग लिस्ट देखिए. इससे आपको यह समझ में आएगा कि किसे मतपत्र में बॉक्स चिह्नित करना है, जिससे मतदान के दिन कोई भ्रम न रहे.
भारी विज्ञापन या झंझट भरे वादे अक्सर नजर को आकर्षित करते हैं, पर असली काम तो चुनाव परिणाम आने के बाद शुरू होता है. इसलिए अपने वोट को सोच‑समझ कर डालें और अपनी आवाज़ को मजबूत बनाएं.
अंत में, 18वीं लोकसभा चुनाव सिर्फ एक राजनीतिक घटना नहीं, बल्कि लोकतंत्र का जश्न है. जब आप मतदान करते हैं तो आप देश की दिशा तय करने वाले करोड़ों लोगों के साथ खड़े होते हैं. इसलिए इस अवसर को गंभीरता से लें और अपना वोट डालें.
असदुद्दीन ओवैसी के 'जय फिलिस्तीन' टिप्पणी पर विवाद: संसदीय कार्यवाही में हंगामा

एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने 18वीं लोकसभा में शपथ ग्रहण के दौरान 'जय फिलिस्तीन' कहकर हंगामा खड़ा कर दिया है। उनके खिलाफ दो शिकायतें दर्ज हुई: एक वकील हरी शंकर जैन द्वारा और दूसरी विनीता जिंदल द्वारा, जो अनुच्छेद 103 के तहत ओवैसी की अयोग्यता की मांग कर रही हैं। ओवैसी ने अपने बयान का बचाव किया, जबकि संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने भी उनकी टिप्पणी पर शिकायतें प्राप्त कीं। यह टिप्पणी संसद के रेकॉर्ड से हटा दी गई है।