प्रियंका गांधी वायनाड लोकसभा क्षेत्र से अपना चुनावी पदार्पण कर रही हैं, जिसके चलते पूरे केरल राज्य में कांग्रेस पार्टी में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार हुआ है। प्रियंका, जो कांग्रेस की एक प्रमुख नेता हैं और नेहरू-गांधी परिवार का प्रमुख चेहरा मानी जाती हैं, ने वायनाड उपचुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल किया। इस मौके पर पूरे राज्य से कांग्रेस कार्यकर्ता बड़ी संख्या में जुटे थे, जो पार्टी के प्रति उनके समर्थन और प्रियंका की लोकप्रियता को दर्शाता है।
अपने पहले भाषण में, प्रियंका गांधी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि बीजेपी केरल सरकार में स्थान बनाने के प्रयास में है और पालक्काड उपचुनाव को उसकी सबसे बड़ी उम्मीद के रूप में देखा जा रहा है। यहां बीजेपी के उम्मीदवार सी कृष्णकुमार कांग्रेस के राहुल मम्कूताथिल और सीपीआई(एम) के डॉक्टर पी सरीन के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि, प्रियंका की उपस्थिति और उनकी करिश्माई छवि के चलते कांग्रेस और संयोजन लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) की संभावनाओं को मजबूती मिल सकती है।
राजनीतिक विश्लेषक सी ए जोसुकुट्टी का कहना है कि प्रियंका गांधी जैसे नेता की उपस्थिति कांग्रेस के लिए मंदिरण स्थिति को बदल सकती है खासकर पालक्काड और चेलाक्कारा में होने वाले विधानसभा उपचुनावों में। इसके अलावा, नेहरू-गांधी परिवार की प्रभावशाली छवि अभी भी मतदाताओं पर गहरा प्रभाव छोड़ती है। कांग्रेस को उम्मीद है कि मौजूदा सरकार के खिलाफ जनाक्रोश भी उसकी मदद कर सकता है।
कांग्रेस पार्टी प्रियंका गांधी के इस चुनावी शुरुआत को पार्टी में एकजुटता और कांग्रेस के भीतर पुराने गुटबाजी को रोकने के अवसर के रूप में देख रही है। पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं के बीजेपी में शामिल होने की संभावनाओं पर लगाम लगाने की भी यह कोशिश है। इस रणनीति के तहत, प्रियंका का चुनाव लड़ना पार्टी के हितों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
कांग्रेस के चुनावी सफलता में एक महत्वपूर्ण सहयोगी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) ने भी प्रियंका गांधी की उम्मीदवारी का समर्थन किया है। यह कांग्रेस-नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा को एक नई ऊर्जा प्रदान कर सकता है। यूडीएफ ने पिछली लोकसभा चुनावों में 140 में से 110 विधानसभा खण्डों में अपनी बढ़त हासिल की थी, जिसका श्रेय उन्होंने मुसलमानों सहित अल्पसंख्यक समुदायों के बढ़ते समर्थन को दिया था। अब, प्रियंका का पदार्पण इस समर्थन को और विस्तार दे सकता है।
कांग्रेस उम्मीद कर रही है कि प्रियंका की उपस्थिति से न केवल चुनावी निगम पर प्रभाव पड़ेगा, बल्कि वे पार्टी में एकजुटता और स्थिरता लायेंगी। इसके अलावा, वायनाड से उनका चुनाव लड़ना पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों में नवीन विश्वास और जीवंतता का संचार करेगा। प्रियंका की भूमिका को लेकर केरल और देश भर की राजनीति में नई उम्मीदें लगाई जा रही हैं।
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