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कंचनजंघा एक्सप्रेस हादसा: 15 लोगों की मौत, 19 ट्रेनें रद्द, रेल मंत्री ने की ₹10 लाख मुआवजे की घोषणा

के द्वारा प्रकाशित किया गया आरव शर्मा    पर 17 जून 2024    टिप्पणि(0)
कंचनजंघा एक्सप्रेस हादसा: 15 लोगों की मौत, 19 ट्रेनें रद्द, रेल मंत्री ने की ₹10 लाख मुआवजे की घोषणा

पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी के पास स्थित रंगापानी स्टेशन पर सोमवार, 17 जून को एक बड़ी ट्रेन दुर्घटना हुई। इस हादसे में 15 लोगों की दुखद मौत हो गई और लगभग 60 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। यह घटना सुबह 9:30 बजे कंचनजंघा एक्सप्रेस ट्रेन के एक मालगाड़ी से टकरा जाने के कारण हुई। कंचनजंघा एक्सप्रेस ट्रेन अगरतला से सियालदाह की ओर जा रही थी। इस हादसे में एक्सप्रेस ट्रेन के दो कोच पटरी से उतर गए।

इस भीषण हादसे के बाद तत्काल राहत कार्य शुरू कर दिया गया है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), और स्थानीय पुलिस की टीमों ने मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य शुरू किया। जिस दौरान राहत कार्य जारी था, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हादसे में मृतकों के परिजनों को ₹10 लाख और गंभीर रूप से घायलों को ₹5 लाख मुआवजे की घोषणा की है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दुर्घटना पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की और त्वरित राहत कार्य के लिए राज्य सरकार की टीमों को घटनास्थल पर भेजा। उन्होंने इस हादसे के पीछे केंद्रीय रेलवे कर्मचारियों की पेंशन व्यवस्था को भी जाता ठहराया। इसके अतिरिक्त, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दुर्घटनास्थल का दौरा करने और घायलों से मिलने की योजना बनाई है।

इस हादसे के बाद 19 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं और कई ट्रेनों के रूट में बदलाव किया गया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हादसे के कारणों की जांच के आदेश दिए हैं और निष्पक्ष जाँच का आश्वासन दिया है।

इस दुर्घटना के कारण कई बड़े नेता भी चिंतित हैं। केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी इस दुर्घटना पर चिंता व्यक्त की और अपने राज्यों के यात्रियों के बारे में चिंता जताई। वहीं बिहार की मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने इस दुर्घटना को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि यह केंद्र सरकार की लापरवाही के कारण हुआ है।

रेलवे सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में कई बार ट्रेन दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें से अधिकांश मामलों में रेलवे कर्मचारियों और व्यवस्था की कमी को जिम्मेदार ठहराया गया है। इस घटनाक्रम में किसी भी चूक की जिम्मेदारी तय करने और सुधारात्मक कदम उठाने की आवश्यकता है।

राहत बचाव कार्य में शामिल एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि दुर्घटना के तुरंत बाद आसपास के ग्रामीण भी मदद के लिए आ गए और घायल यात्रियों को स्थानीय अस्पतालों में भेजा गया। इस प्रकार की दुर्घटनाओं से बचने के लिए बड़ा सुधारात्मक कार्यक्रम आवश्यक है, जिसमें ना सिर्फ ट्रैक की मौजूदा स्थिति की समीक्षा की जाए बल्कि रेलवे कर्मचारियों की ट्रेनिंग और उपकरणों की जांच भी हो।रेल सुरक्षा के लिए सही प्रबंधन और पर्याप्त संसाधनों का होना बहुत जरूरी है ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं से बचा जा सके।

बहरहाल, इस दुखद दुर्घटना में मृतकों और घायलों के परिवारों को राहत देने के साथ-साथ रेलवे प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं न हों और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो। दुर्घटना के बाद से इलाके में गम और चिंता का माहौल है। लोगों ने इस घटना को लेकर गुस्सा और नाराजगी भी जताई है।