10 मीटर एयर राइफल मिक्सड टीम इवेंट में चीन का स्वर्ण पदक
चीन ने पेरिस 2024 ओलंपिक खेलों में अपने अभियान की शानदार शुरुआत करते हुए शनिवार, 27 जुलाई को पहला स्वर्ण पदक जीता। यह प्रतिष्ठित पदक 10 मीटर एयर राइफल मिक्सड टीम इवेंट में हासिल हुआ। इस रोमांचक मुकाबले में चैटुरू ने चीन की जोड़ी हुआंग युतिंग और शेंग लिहाओ ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए कोरिया की जोड़ी केम जिह्योन और पार्क हाजुन को 16-12 से पराजित किया।
प्रशंसनीय प्रदर्शन
चीन की जोड़ी ने पहले राउंड में पीछे होने के बावजूद शानदार वापसी की और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। पहले राउंड में हार के बाद हुआंग और शेंग ने अत्यंत धैर्य और संयम के साथ खेलते हुए प्रत्येक शॉट को निशाने पर साधा। इसके बाद चीनी निशानेबाजों ने पूरा मुकाबला अपने नियंत्रण में रखा और अंततः स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया।
इस जीत के साथ ही, कजाखस्तान ने जर्मनी को 17-5 से हराकर कांस्य पदक हासिल किया। कजाख जोड़ी का प्रदर्शन भी सराहनीय रहा और उन्होंने उत्कृष्ट निशानेबाजी का परिचय देते हुए तीसरा स्थान सुनिश्चित किया।
ओलंपिक में इस इवेंट का महत्व
10 मीटर एयर राइफल मिक्सड टीम इवेंट ने पिछले ओलंपिक खेलों, जो टोक्यो 2020 में हुए थे, में अपनी ओलंपिक यात्रा शुरू की। तब भी यह इवेंट चीन के लिए भाग्यशाली साबित हुआ था और उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था। इस बार पेरिस में भी उन्होंने अपनी उस पुनरावृत्ति को जारी रखा और एक और स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
इस इवेंट का उद्देश्य खेल में पुरुष और महिला दोनों को समान अवसर प्रदान करना है। इसमें प्रत्येक देश के एक पुरुष और एक महिला प्रतिभागी शामिल होते हैं जो साथ में निशानेबाजी करते हैं। इस प्रकार, यह प्रतियोगिता दोनों लिंगों के बीच सामंजस्य और सहभागिता को प्रोत्साहित करती है।
भारतीय कंपनी का महत्वपूर्ण योगदान
इस बीज चीन की टीम के प्रदर्शन में एक महत्वपूर्ण योगदान भारतीय कंपनी Capapie का भी है। Capapie, जो निशानेबाजी के जैकेट्स बनाने के लिए जानी जाती है, ने चीनी स्वर्ण पदक विजेताओं को अपने जैकेट्स प्रदान किए। इन जैकेट्स ने निशानेबाजों को स्थिरता प्रदान की और उनकी दक्षता को बढ़ाया।
ओलंपिक में भारत की संभावनाएं
भले ही इस बार भारत इस इवेंट में पदक जीतने में सफल नहीं हो सका हो, लेकिन भारतीय निशानेबाजों की तैयारी और प्रदर्शन को लेकर उत्साह भी कम नहीं है। भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) और राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) ने निशानेबाजों की कड़ी मेहनत को समर्थन और संसाधनों के साथ प्रेरित किया है। आगामी वर्षों में भारतीय निशानेबाजों से भी उत्कृष्ट प्रदर्शन की अपेक्षा की जा रही है।
आशा है कि भविष्य में भारतीय निशानेबाज भी ऐसे ही महत्त्वपूर्ण क्षणों को अपने नाम कर सकेंगे और स्वर्ण पदक जीतने का सपना साकार करेंगे।
saurabh vishwakarma
जुलाई 28, 2024 AT 12:42ये चीन वालों की निशानेबाजी तो बस एक बार देख लो, फिर कोई भी इसकी तुलना नहीं कर सकता। जैकेट्स तो भारतीय कंपनी ने बनाए, पर गोली चलाने का जादू तो चीनी ने किया।
MANJUNATH JOGI
जुलाई 29, 2024 AT 14:07असली बात ये है कि ये मिक्स्ड टीम इवेंट ओलंपिक का एक बड़ा स्टेप है - लिंग समानता का वास्तविक अभ्यास। चीन ने इसे फिर से अपने नाम किया, लेकिन इसका असली जीत हम सबका है जो इस तरह के इवेंट्स को समर्थन देते हैं।
Sharad Karande
जुलाई 29, 2024 AT 14:41कैपापी के जैकेट्स में एक्टिव फाइबर टेक्नोलॉजी और एन्टी-स्टेटिक लेयरिंग का उपयोग हुआ है, जो शॉट रिलीज के दौरान माइक्रो-मूवमेंट को कम करता है। ये टेक्निकल डिटेल्स ही चीनी निशानेबाजों के लिए एक एडवांटेज बन गए।
Sagar Jadav
जुलाई 30, 2024 AT 03:04भारत को भी इतना ही धैर्य चाहिए।
Dr. Dhanada Kulkarni
जुलाई 30, 2024 AT 17:49हर शॉट में ये दोनों निशानेबाज अपनी आत्मा को निशाने पर लगा रहे थे - ये सिर्फ खेल नहीं, ये तो आध्यात्मिक अभ्यास था। हर भारतीय निशानेबाज को ये दृष्टिकोण सीखना चाहिए।
Rishabh Sood
जुलाई 31, 2024 AT 06:22क्या आपने कभी सोचा है कि जब हम चीन के स्वर्ण पदक की तारीफ करते हैं, तो क्या हम अपनी असमर्थता को एक राष्ट्रीय नाटक में बदल रहे हैं? क्या ये जीत वास्तविक है, या बस एक अंतर्राष्ट्रीय नाटक का एक दृश्य?
Saurabh Singh
जुलाई 31, 2024 AT 15:34कैपापी के जैकेट्स तो भारत ने बनाए, पर चीन ने उन्हें बेच दिया और पदक ले लिया। ये हमारा देश है या उनका सप्लायर? हमारी तकनीक उनके हाथों में बन गई - और हम बस बैठे हैं देख रहे हैं।
Mali Currington
अगस्त 2, 2024 AT 00:42ओह, तो भारतीय कंपनी ने जैकेट बनाया - शाबाश! अब बताओ, उन्होंने कितने प्रतिशत कॉमिशन पाया? या फिर बस एक लेबल के लिए खुद को बड़ा समझ रहे हो?
INDRA MUMBA
अगस्त 2, 2024 AT 10:37इस जीत का असली रहस्य तो ये है - जब एक महिला और एक पुरुष एक साथ सांस लेते हैं, तो उनकी ऊर्जा एक अद्भुत सिंफनी बन जाती है। चीन ने न सिर्फ निशाना लगाया, बल्कि एक नए संस्कृति का जन्म दिया। और हाँ, कैपापी के जैकेट्स ने इसे एक गोल्डन स्ट्रेच दिया - बस जैसे एक बार लगे तो शॉट खुद निशाने पर चला गया!
Anand Bhardwaj
अगस्त 3, 2024 AT 05:13चीन जीत गया, भारत ने जैकेट बनाया - ये तो एक बहुत ही भारतीय कहानी है। जैसे कोई बांस का फूल बनाता है और दूसरा उसे फूल देखकर रो लेता है।
RAJIV PATHAK
अगस्त 4, 2024 AT 06:45क्या आप वाकई सोचते हैं कि एक जैकेट से ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता जा सकता है? ये निशानेबाजी का खेल है, न कि फैशन शो। और फिर भी... हम इसे बड़ा बना रहे हैं।
Nalini Singh
अगस्त 4, 2024 AT 22:18इस इवेंट का आधिकारिक नाम '10 मीटर एयर राइफल मिक्सड टीम' है, जिसमें लिंग समानता के साथ-साथ टीमवर्क की अवधारणा को भी बढ़ावा दिया जाता है। यह एक आधुनिक ओलंपिक मूल्य है जिसे हमें समझना चाहिए।
Sonia Renthlei
अगस्त 5, 2024 AT 16:25मुझे लगता है कि जब हम चीन के इस जीत की बात करते हैं, तो हमें ये भी समझना चाहिए कि ये जीत सिर्फ शॉट्स की नहीं, बल्कि उनके दिन के शुरुआती घंटों की तैयारी, उनकी सुबह की ध्यान अभ्यास, उनके खाने के पैटर्न, उनके नींद के घंटे, उनके कोचिंग स्टाफ की बातचीत, उनके ट्रेनिंग ग्राउंड की वातावरणीय शर्तों, उनके जैकेट के फैब्रिक के लचीलेपन, उनके राइफल के बैलेंस, उनके ग्लासेस के लेंस के रिफ्रैक्शन, उनके शूज के स्टेबिलिटी, उनके ब्रीदिंग पैटर्न, उनके इमोशनल रिजर्व, उनके टीम के इंटरनल कम्युनिकेशन, और उनके दिमाग के अंदर के शांति के लिए एक अद्वितीय अनुभव है। ये जीत एक शॉट की नहीं, ये एक जीवन की जीत है।