मनु भाकर: नई ऊंचाइयों की ओर
मनु भाकर, हरियाणा की 22 वर्षीय शूटर ने पेरिस 2024 ओलंपिक में भारत को पहली बार महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य पदक दिलाकर गौरवान्वित किया है। यह जीत न केवल मनु के जीवन में, बल्कि भारतीय शूटिंग के इतिहास में भी ऐतिहासिक महत्व रखती है।
मनु ने अपनी इस यात्रा में कई चुनौतियों का सामना किया और टोक्यो ओलंपिक में हार का सामना करने के बाद भी उन्होंने अपनी मेहनत और दृढ़संकल्प से अपनी किस्मत को बदल दिया। टोक्यो में हार का सामना करने पर भी उन्होंने हार ना मानते हुए खुद को तैयार किया और अधिक ऊंचाईयों को छूने के लिए पेरिस में अपनी पूरी शिद्दत दिखाई।
टोक्यो हार से पेरिस जीत तक
टोक्यो ओलंपिक 2021 में मनु को उस समय भारी दिलचस्पी और समर्थन प्राप्त हुआ था, जब वे महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में भाग लेने के लिए तैयार हो रही थीं। लेकिन दुर्भाग्यवश, वे वहाँ अपनी योग्यता के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर सकी और भारत का सपना अधूरा रह गया। इस हार के बावजूद, उन्होंने हार नहीं मानी और एक नई ऊर्जा एवं आत्मविश्वास के साथ अपनी तैयारियों में जुट गईं।
पेरिस 2024 में उनकी यह मेहनत रंग लाई जब उन्होंने कांस्य पदक जीतकर अपने देश का नाम रौशन किया। उनकी इस जीत ने न केवल उनके करियर को नई ऊँचाई दी, बल्कि उन सभी भारतीय शूटरों को भी प्रेरणा दी जो ओलंपिक में भाग ले रहे हैं।
प्रतिद्वंदी और कठिनाइयाँ
मनु का यह सफर बिल्कुल सरल नहीं था। उनके सामने कोरिया की किम येजी, चीन की ली शुए और जिआंग रानक्सिन, और टर्की की सेव्वल टारहान जैसी ताकतवर प्रतिद्वंद्वियों का मुकाबला था। इन सभी की महत्त्वपूर्ण प्रतियोगिता में भागीदारी से मनु के लिए यह इवेंट किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं था।
लेकिन मनु ने अपने खेल कौशल और मानसिक दृढ़ता के दम पर इन सभी प्रतिद्वंद्वियों को पछाड़कर यह प्रतिष्ठित पदक हासिल किया। उनकी इस उपलब्धि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें बधाई दी और उनकी मेहनत तथा संघर्ष की सराहना की।
हरियाणा की धाकड़ बेटियाँ
मनु भाकर की इस जीत ने हरियाणा की महिला एथलीटों की एक और सफलता गाथा के रूप में अपना सिक्का जमाया। इससे पहले हरियाणा से सायना नेहवाल, साक्षी मलिक, फोगाट बहनों और पैरालंपियन्स दीपा मलिक ने भी विभिन्न खेलों में अपनी पहचान बनाकर राज्य और देश का नाम रौशन किया है।
मनु की यह उपलब्धि इसलिए भी खास है क्योंकि उन्होंने अनेक सामाजिक और पारिवारिक बाधाओं को पार कर अपनी मेहनत से यह मुकाम हासिल किया। उनकी यह सफलता भारतीय महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है और यह दर्शाती है कि क्या हिम्मत और संकल्प के साथ किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है।
भविष्य की योजनाएँ
मनु की यह सफलता उन्हें आगे और भी प्रेरित करेगी और उन्हें आशा है कि वे अपने खेल कौशल को और भी बढ़ा सकती हैं। उनके कोचों और प्रशिक्षकों का मानना है कि मनु में वह क्षमता है जो उन्हें आगामी ओलंपिक और अन्य अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में भी सफलता दिला सकती है।
मनु भाकर का यह सफर दर्शाता है कि किस प्रकार कभी प्रेरणा, मेहनत और दृढ़संकल्प से अपने सपनों को साकार किया जा सकता है। भारत की इस शूटर का नाम अब ओलंपिक इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो चुका है और हमें विश्वास है कि मनु आने वाले वर्षों में और भी शानदार उपलब्धियाँ हासिल करेंगी।
उनकी यह जीत न केवल उनके परिवार और राज्य के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है। हम सब मनु की इस अद्भुत जीत के लिए उन्हें बधाई देते हैं और उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं प्रकट करते हैं।
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