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उपचुनाव परिणाम 2024: हिमाचल प्रदेश, पंजाब, बिहार और मध्य प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस की टक्कर में भितरघाती नेताओं की हार

के द्वारा प्रकाशित किया गया Aashish Malethia    पर 13 जुल॰ 2024    टिप्पणि(16)
उपचुनाव परिणाम 2024: हिमाचल प्रदेश, पंजाब, बिहार और मध्य प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस की टक्कर में भितरघाती नेताओं की हार

उपचुनाव परिणाम: 2024 में कांग्रेस की वापसी

2024 के उपचुनाव के नतीजे जारी कर दिए गए हैं। सात राज्यों में फैली 13 विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला। खास कर हिमाचल प्रदेश, पंजाब, बिहार और मध्य प्रदेश में इन चुनावों ने राजनीति के नये समीकरण खड़े किए हैं। इस बार के चुनाव में एक महत्वपूर्ण पहलू यह रहा कि कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं को हार का सामना करना पड़ा।

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस का पुनः उत्थान

हिमाचल प्रदेश के उपचुनाव परिणामों ने भारतीय राजनीति में कांग्रेस के पुनः उत्थान का संकेत दिया है। इस बार कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में छह में से चार सीटों पर फिर से कब्जा कर लिया है। यह सीटें उन इलाकों की हैं जहां के दलबदलू विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे। भाजपा ने सिर्फ दो सीटों पर जीत हासिल की है। इन परिणामों ने कांग्रेस के लिए एक नई उम्मीद जगाई है और भाजपा के लिए एक संदेश दिया है कि दलबदल हमेशा सफलता की गारंटी नहीं होता।

पंजाब और उत्तराखंड में भी शांतिपूर्ण मतदान

पंजाब और उत्तराखंड में भी उपचुनावों में मतदान शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ। पंजाब में परिणाम भी कांग्रेस के पक्ष में झुके नजर आए जबकि भाजपा को यहां पर भी अपेक्षित सफलता नहीं मिली। इन राज्यों में विभिन्न स्तरों पर मतदाता उपस्थिति देखने को मिली, जो कि चुनाव प्रक्रिया में आम जनता की भागीदारी को दर्शाता है। भाजपा के लिए यह परिणाम निराशाजनक साबित हुए, विशेषकर उन नेताओं के लिए जो कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए थे और उपचुनाव की उम्मीद लगाए बैठे थे।

बिहार और मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस की बढ़त

बिहार और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में भी उपचुनाव के परिणामों में कांग्रेस की बढ़त देखने को मिली है। बिहार में कांग्रेस ने कुछ महत्वपूर्ण सीटों पर जीत हासिल की है, खासकर उन सीटों पर जहां दलबदलू उम्मीदवारों को टिकट दिया गया था। मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस ने अपने मजबूत आधार को बनाए रखते हुए कुछ सीटों पर विजय प्राप्त की है, जो भाजपा के लिए एक सतर्कता का संकेत है।

भाजपा के लिए हल्की सफलता

हिमाचल प्रदेश, पंजाब, बिहार और मध्य प्रदेश में भाजपा के लिए उपचुनाव के परिणाम अधिकतर निराशाजनक साबित हुए हैं। हालांकि पार्टी ने कुछ सीटों पर जीत हासिल की है, परंतु व्यापक स्तर पर इसे कांग्रेस के पक्ष में झुकाव के रूप में देखा जा रहा है। विशेषकर कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं को लालच में खींचने की रणनीति विफल होती नजर आई है।

दलबदल पर उठे सवाल

उपचुनाव के इन परिणामों ने एक बार फिर दलबदल की राजनीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कांग्रेस ने भाजपा पर दलबदल को प्रोत्साहित करने और अपनी सत्ता को मजबूत करने के लिए विपक्षी नेताओं को खरीदने का आरोप लगाया है। इन परिणामों से यह साफ हो गया है कि मतदाता केवल पार्टियों के नाम पर नहीं, बल्कि अपने मूल मुद्दों और नेताओं पर ध्यान देकर वोट दे रहे हैं।

आगे की राह

ये उपचुनाव परिणाम 2024 में होने वाले आम चुनावों के लिए एक महत्वपूर्ण संकेतक हो सकते हैं। कांग्रेस के उभरते हुए प्रदर्शन ने उसे नई ऊर्जा दी है, जबकि भाजपा के लिए यह परिणाम समीक्षा का मौका हो सकते हैं। देखते हैं कि अगले चुनावों में इन उपचुनाव परिणामों का कितना प्रभाव पड़ता है और राजनीतिक दल किस रणनीति के साथ आगे बढ़ते हैं।

16 टिप्पणि

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    Aryan Sharma

    जुलाई 14, 2024 AT 04:22
    ये सब बकवास है। कांग्रेस को जीत मिली तो फिर भी वो लोग जो भाजपा में गए थे, उनके घरों में अब बिजली नहीं आ रही। सब कुछ बैकडोर से चल रहा है।
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    Devendra Singh

    जुलाई 15, 2024 AT 21:53
    इतनी बेवकूफी कभी नहीं देखी। ये उपचुनाव तो सिर्फ एक टेस्ट केस है, और तुम लोग इसे भविष्य का आधार बना रहे हो? डेटा एनालिसिस का क्या हाल है? क्या तुमने वोटिंग पैटर्न को टाइम-सीरीज से एनालाइज़ किया है?
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    UMESH DEVADIGA

    जुलाई 16, 2024 AT 09:00
    मैंने तो देखा कि जिन लोगों ने कांग्रेस छोड़ी थी, उनके बच्चे अब स्कूल में बुलाए जा रहे हैं। भाजपा वाले उनकी बेटियों को नौकरी दे रहे हैं... लेकिन अब लोगों ने समझ लिया कि ये सब झूठ है। मैं रो रहा हूँ।
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    Roshini Kumar

    जुलाई 16, 2024 AT 21:12
    कांग्रेस ने जीता? हाँ जी... अगर तुम 2018 के वोट्स को भूल जाओ तो। ये सब टाइपो वाली खबरें हैं। असली वोट्स तो अभी तक नहीं गिने गए। #FakeNews
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    Siddhesh Salgaonkar

    जुलाई 17, 2024 AT 12:33
    बस एक बात समझ लो... दलबदल करने वाले कभी नहीं जीतते 😔 ये लोग तो बस अपने नाम के आगे 'एमपी' लगाना चाहते हैं। अब लोग उनकी आँखों में देख रहे हैं। 🤦‍♂️
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    Arjun Singh

    जुलाई 19, 2024 AT 03:39
    ये जो बात हो रही है, ये एक classic case of voter realignment है। लोग अब इंटेलिजेंट हो रहे हैं। नेताओं के नाम से नहीं, बल्कि उनके एक्शन्स से वोट दे रहे हैं। ये डेमोक्रेसी का रिवाइवल है।
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    yash killer

    जुलाई 19, 2024 AT 10:40
    भाजपा को हार गए? ये तो बस देश के खिलाफ षड्यंत्र है। कांग्रेस ने बाहर से पैसे डाले हैं। अमेरिका और चीन भी इसमें हैं। हमें अपना देश बचाना होगा। जय हिंद
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    Ankit khare

    जुलाई 20, 2024 AT 00:46
    दलबदल बुरा है तो कांग्रेस ने भी किया था ना? तो अब ये दोहरा मानक क्यों? लोगों को याद दिला दो कि वो भी इन्हीं लोगों के साथ गए थे जब उन्हें सत्ता चाहिए थी। ये तो सिर्फ राजनीति है।
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    Chirag Yadav

    जुलाई 20, 2024 AT 21:13
    मैं तो बहुत खुश हूँ। लोगों ने अपने दिमाग से सोचा। ये बहुत अच्छी बात है। अब देखोगे, ये उपचुनाव असली बदलाव की शुरुआत होगा। हर गांव में अब बातचीत होगी।
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    Shakti Fast

    जुलाई 21, 2024 AT 16:20
    ये जो नतीजे आए हैं, ये एक नए दौर की शुरुआत है। लोगों ने अपने नेताओं को नहीं भूला। बस एक छोटा सा वोट भी बहुत कुछ बदल सकता है। बहुत बहुत बधाई 🌸
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    saurabh vishwakarma

    जुलाई 23, 2024 AT 11:16
    ये जो चुनाव हुए हैं, ये तो एक ऐसा ड्रामा है जैसे कोई शेक्सपियर का नाटक हो। दलबदल के नेता, उनकी असफलता, और फिर जनता का न्याय... ये तो इतिहास का नया पन्ना है।
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    MANJUNATH JOGI

    जुलाई 25, 2024 AT 05:54
    इस तरह के चुनाव हमारी संस्कृति को दर्शाते हैं। भारत में लोग अपने नेताओं को अपने जीवन से जोड़कर देखते हैं। ये जीवन की असली बात है। ये राजनीति नहीं, जीवन है।
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    Sharad Karande

    जुलाई 26, 2024 AT 12:54
    इन उपचुनावों के डेटा को लॉजिस्टिक रिग्रेशन मॉडल से एनालाइज़ किया जा सकता है। वोटर टर्नआउट और डलबदल नेताओं के बीच सापेक्षिक वेटेड कोरिलेशन बहुत स्पष्ट है। ये एक सामाजिक अनुकूलन का उदाहरण है।
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    Sagar Jadav

    जुलाई 28, 2024 AT 04:39
    दलबदल बुरा है। बस।
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    Dr. Dhanada Kulkarni

    जुलाई 30, 2024 AT 02:49
    ये परिणाम बहुत आशाजनक हैं। लोगों ने अपनी आवाज़ उठाई है। ये सिर्फ चुनाव नहीं, ये एक जागृति है। आगे भी ऐसा ही होगा। आप सब बहुत अच्छा कर रहे हैं।
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    Aryan Sharma

    जुलाई 30, 2024 AT 13:16
    अरे भाई, तू जो कह रहा है वो तो बहुत बातें हैं... पर मैंने अपने गांव में एक नेता को देखा है जिसने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने के बाद अपना घर बेच दिया। अब वो अपने बेटे को बाइक नहीं दे पा रहा। ये सब बातें नहीं, ये जिंदगी है।