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तुंगभद्रा बांध के फाटक के बह जाने से कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में अलर्ट जारी

के द्वारा प्रकाशित किया गया Aashish Malethia    पर 12 अग॰ 2024    टिप्पणि(13)
तुंगभद्रा बांध के फाटक के बह जाने से कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में अलर्ट जारी

तुंगभद्रा बांध का फाटक संख्या 19 टूटने से संकट

कर्नाटक के महत्वपूर्ण जलाशयों में से एक तुंगभद्रा बांध का फाटक नंबर 19 शनिवार रात टूट गया। चेन लिंक के टूट जाने की वजह से यह फाटक नदी में बह गया, जिससे बांध में जलस्तर में अचानक वृद्धि हो गई। इससे के बाद कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है।

बाढ़ के खतरे का अलर्ट

घटना के बाद कर्नाटक और आंध्र प्रदेश राज्य के प्रशासन ने तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। कर्नाटक के हूस्पेट क्षेत्र के नजदीक तुंगभद्रा बांध का यह हिस्सा टूटा है, जिससे बांध का पानी कृष्णा नदी में तेजी से बहने लगा है। अचानक आई इस विनाशकारी स्थिति ने आंध्र प्रदेश में कुरनूल जिले के क्षेत्रों जैसे कोसिगी, मंट्रालयम, नंदवारम, और कोथालम को प्रभावित किया है।

एपीएसडीएमए ने चेतावनी जारी कर लोगों को अपने-अपने घरों में सुरक्षित रहने का आदेश दिया है। जलधाराओं और नहरों को पार करने से मना किया गया है, जिससे किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके।

प्रशासनिक कार्रवाई

कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने तुरंत कार्रवाई करते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। नायडू ने तुंगभद्रा बांध की मरम्मत के लिए केंद्रीय डिजाइन आयोग और इंजीनियरिंग डिवीजन की टीमों को मौके पर भेजा है।

बांध के अधिकारी जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए बांध से पानी की निकासी बढ़ाकर 1 लाख क्यूसेक्स कर रहे हैं, ताकि जलाशय में पानी के स्तर को कम किया जा सके और आवश्यक मरम्मत कार्य किए जा सकें।

नुकसान और बचाव कार्य

अब तक इस दुर्घटना में कोई जीवन हानि या गंभीर चोट की सूचना नहीं मिली है। अधिकारी निरंतर प्रयासरत हैं कि जल्द से जल्द अस्थायी फाटक लगाया जा सके, हालांकि इसमें कुछ कठिनाइयाँ आ रही हैं। स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकारें स्थिति पर नज़र बनाए हुए हैं और लोगों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठा रही हैं।

आखिरकार, इस दुर्घटना ने कर्नाटक और आंध्र प्रदेश दोनों राज्यों को अलर्ट पर ला दिया है। आगे की स्थिति को देखते हुए प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें लगातार कार्य कर रही हैं ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके और जल प्रबंधन को सही तरीके से नियंत्रित किया जा सके।

13 टिप्पणि

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    Anand Bhardwaj

    अगस्त 13, 2024 AT 21:52
    अरे भाई, फाटक टूटा तो टूट गया, अब बारिश भी शुरू हो गई तो अगला क्या? बांध नहीं, बल्कि दिमाग बह रहा है।
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    INDRA MUMBA

    अगस्त 15, 2024 AT 12:53
    इस तरह की दुर्घटनाएं सिर्फ इंजीनियरिंग की कमी नहीं, बल्कि निगरानी के अभाव की ओर इशारा करती हैं। बांध डिजाइन में फेल-सेफ्टी मॉड्यूल्स का अभाव है, और यह एक सिस्टमिक फेलियर है। हम तो फाटक बना रहे हैं, लेकिन सिस्टम के रिस्क मैट्रिक्स को अनदेखा कर रहे हैं।
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    RAJIV PATHAK

    अगस्त 16, 2024 AT 07:48
    अरे वाह, एक फाटक टूटा और सब उठ खड़े हुए। अगर ये बांध अमेरिका में होता तो न्यूज़ चैनल्स पर 72 घंटे चलता। यहां तो बाढ़ आएगी तो भी ट्वीट करने वाले कम हैं।
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    Sonia Renthlei

    अगस्त 17, 2024 AT 11:32
    मुझे लगता है कि इस तरह की आपदाओं के पीछे सिर्फ इंजीनियरिंग की गलती नहीं है, बल्कि एक गहरी सामाजिक अनदेखी है। हमने नदियों को सिर्फ एक संसाधन के रूप में देखा है, न कि एक जीवित निकाय के रूप में। हमने उनके बहाव के अनुकूल बस्तियां बसाने की बजाय उनके ऊपर निर्माण किया है। इस बार तो नदी ने अपना अधिकार वापस ले लिया। जब तक हम इस अनुभव को जीवन जीने का तरीका नहीं बनाएंगे, तब तक ये टूटने का चक्र जारी रहेगा।
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    Aryan Sharma

    अगस्त 17, 2024 AT 17:32
    ये सब चीन वालों की चाल है। वो बांध में डाल देते हैं डिफेक्टिव इंजीनियरिंग और फिर हमारे यहां बाढ़ आ जाती है। अब तो आंध्र वाले भी उनके साथ हैं। ये जासूसी है।
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    Roshini Kumar

    अगस्त 19, 2024 AT 17:31
    फाटक नंबर 19? ये नंबर तो बहुत ज्यादा है, मतलब इतने फाटक बनाए थे? क्या ये बांध है या ब्रिज का फेस्टिवल? 😅
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    Siddhesh Salgaonkar

    अगस्त 19, 2024 AT 20:00
    ये बांध तो जैसे मेरी नौकरी है... बहुत बड़ा लगता है, लेकिन अंदर से खोखला है 😭 अब तो सरकार भी गायब हो गई। #SaveTungabhadra #CrisisMode
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    Arjun Singh

    अगस्त 20, 2024 AT 01:29
    बांध का फाटक टूटा तो भी तुम लोग बातें कर रहे हो। अगर ये फाटक अमेरिका में होता तो वहां तो एक दिन में 3 बार टीवी डॉक्यूमेंट्री आ जाती। हमारे यहां तो बाढ़ आएगी तो भी बीबीसी का रिपोर्टर नहीं आता।
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    yash killer

    अगस्त 20, 2024 AT 03:59
    हमारे बांध टूट रहे हैं और तुम बातें कर रहे हो? ये देश की शान है या शर्म? हमारे बच्चे नदी में डूब रहे हैं और तुम ट्वीट कर रहे हो? अब तो जान बचाने की जगह जान बचाने वालों की जिम्मेदारी डाल दो। ये नहीं चलेगा।
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    Devendra Singh

    अगस्त 20, 2024 AT 18:20
    अरे यार, फाटक टूटा है तो क्या हुआ? ये तो बांध की नैतिक जिम्मेदारी का परीक्षण है। आपने देखा कि इंजीनियर्स ने कितने बार चेतावनी दी? लेकिन राजनीतिक दबाव में उन्हें अनदेखा कर दिया गया। अब ये तो सिर्फ एक बांध का फाटक नहीं, बल्कि एक नागरिक संस्कृति का टूटना है।
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    Ankit khare

    अगस्त 21, 2024 AT 18:58
    बांध टूटा तो भी लोग बच गए तो बहुत बड़ी बात है। अगर ये तुम्हारा घर होता तो तुम भी निकल जाते। अब तो जल्दी से फाटक लगाओ और बाकी की बातें बाद में।
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    UMESH DEVADIGA

    अगस्त 23, 2024 AT 13:49
    तुम लोग सब बातें कर रहे हो, लेकिन किसी के घर में बाढ़ आई तो तुम उसकी चाय बनाने गए? कोई बच्चा डूबा तो तुम उसके लिए एक ट्वीट भेज दिया? मैं तो इस बात से निराश हूं।
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    Nalini Singh

    अगस्त 24, 2024 AT 05:46
    इस दुर्घटना को एक निर्माण विफलता के रूप में नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक विफलता के रूप में देखना चाहिए। हमने अपने जल संसाधनों के प्रति आध्यात्मिक सम्मान को खो दिया है। नदी को अपनी माता के रूप में नहीं, बल्कि एक उपकरण के रूप में देखा जा रहा है। इस अनुभव के माध्यम से हमें अपने परंपरागत जल शिक्षा को पुनर्जीवित करना होगा।