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तुंगभद्रा बांध के फाटक के बह जाने से कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में अलर्ट जारी

के द्वारा प्रकाशित किया गया आरव शर्मा    पर 12 अग॰ 2024    टिप्पणि(0)
तुंगभद्रा बांध के फाटक के बह जाने से कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में अलर्ट जारी

तुंगभद्रा बांध का फाटक संख्या 19 टूटने से संकट

कर्नाटक के महत्वपूर्ण जलाशयों में से एक तुंगभद्रा बांध का फाटक नंबर 19 शनिवार रात टूट गया। चेन लिंक के टूट जाने की वजह से यह फाटक नदी में बह गया, जिससे बांध में जलस्तर में अचानक वृद्धि हो गई। इससे के बाद कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है।

बाढ़ के खतरे का अलर्ट

घटना के बाद कर्नाटक और आंध्र प्रदेश राज्य के प्रशासन ने तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। कर्नाटक के हूस्पेट क्षेत्र के नजदीक तुंगभद्रा बांध का यह हिस्सा टूटा है, जिससे बांध का पानी कृष्णा नदी में तेजी से बहने लगा है। अचानक आई इस विनाशकारी स्थिति ने आंध्र प्रदेश में कुरनूल जिले के क्षेत्रों जैसे कोसिगी, मंट्रालयम, नंदवारम, और कोथालम को प्रभावित किया है।

एपीएसडीएमए ने चेतावनी जारी कर लोगों को अपने-अपने घरों में सुरक्षित रहने का आदेश दिया है। जलधाराओं और नहरों को पार करने से मना किया गया है, जिससे किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके।

प्रशासनिक कार्रवाई

कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने तुरंत कार्रवाई करते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। नायडू ने तुंगभद्रा बांध की मरम्मत के लिए केंद्रीय डिजाइन आयोग और इंजीनियरिंग डिवीजन की टीमों को मौके पर भेजा है।

बांध के अधिकारी जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए बांध से पानी की निकासी बढ़ाकर 1 लाख क्यूसेक्स कर रहे हैं, ताकि जलाशय में पानी के स्तर को कम किया जा सके और आवश्यक मरम्मत कार्य किए जा सकें।

नुकसान और बचाव कार्य

अब तक इस दुर्घटना में कोई जीवन हानि या गंभीर चोट की सूचना नहीं मिली है। अधिकारी निरंतर प्रयासरत हैं कि जल्द से जल्द अस्थायी फाटक लगाया जा सके, हालांकि इसमें कुछ कठिनाइयाँ आ रही हैं। स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकारें स्थिति पर नज़र बनाए हुए हैं और लोगों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठा रही हैं।

आखिरकार, इस दुर्घटना ने कर्नाटक और आंध्र प्रदेश दोनों राज्यों को अलर्ट पर ला दिया है। आगे की स्थिति को देखते हुए प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें लगातार कार्य कर रही हैं ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके और जल प्रबंधन को सही तरीके से नियंत्रित किया जा सके।