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त्रिक्रिया शतक की धमाकेदार कहानी: नारायण जगदेवान ने रंजि ट्रॉफी में चंडीगढ़ के खिलाफ शानदार 321 बनाकर रिकॉर्ड तोड़ा

के द्वारा प्रकाशित किया गया Aashish Malethia    पर 26 सित॰ 2025    टिप्पणि(17)
त्रिक्रिया शतक की धमाकेदार कहानी: नारायण जगदेवान ने रंजि ट्रॉफी में चंडीगढ़ के खिलाफ शानदार 321 बनाकर रिकॉर्ड तोड़ा

त्रिक्रिया शतक की कहानी

रंजि ट्रॉफी के इस दौर में नारायण जगदेवान ने अपने करियर का सबसे बड़ा मौक़ा बनाया। चंडीगढ़ के खिलाफ खेलते हुए उन्होंने 403 गेंदों पर 321 रन बनाए—एक त्रिक्रिया शतक जो भारतीय घरेलू क्रिकेट की इतिहास में नया अध्याय लिखता है। इस पारी में उन्होंने पाँच सातों और 23 चौकों से बल्लेबाजी का माहौल ही बदल दिया, जबकि उनका स्ट्राइक रेट 79.65 रहा, जो आज़माए गए हर गेंद को संतुलित और दांवदार बनाए रखता है।

तमिलनाडु ने इस पारी के बाद 610/4 का विशाल स्कोर बनाया और तुरंत घोषणा की। इस स्कोरजस्ट में प्रादॉश पॉल और बाबा इंद्राजी ने भी शतकों पर काम किया, जिससे टीम की पिच पर दबाव को और भी बढ़ा दिया। टीम ने ऐसे विरोधी को दबाव में रख दिया, जो पहले ही पिच की गति को नुकसान पहुँचा चुका था।

जगदेवान का सफर: IPL से लेकर अंतरराष्ट्रीय दांव

जगदेवान का सफर: IPL से लेकर अंतरराष्ट्रीय दांव

इस शानदार प्रदर्शन से पहले, जगदेवान ने रैलगेज़ के खिलाफ 245* अनबेटन बना कर टीम को 129 रन से जीत दिलाई थी। उस पारी ने उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच बना दिया और उनकी फॉर्म को नई ऊँचाइयों पर ले गया। इस समय उनका नाम IPL 2024 के मिनी-ऑक्शन में नहीं आया, जबकि उन्होंने पहले CSK और KKR दोनों के साथ खुद को सिद्ध किया था।

IPL में उनका सफर 2018 में चेन्नई सुपर किंग्स से शुरू हुआ—बिलियन रुपए के बजाय 20 लाख रुपये की शुरुआती बोली पर। 2020 में डेब्यू के बाद, 2022 में फिर से री-सेल किए गए, लेकिन 2023 में कोलकाता नाइट राइडर्स ने उन्हें 90 लाख रुपये में बिड किया। KKR में केवल छह मैचों में 89 रन ही बन पाने के कारण उन्हें रिहा करना पड़ा।

वर्तमान में उन्होंने 34 रन की शुरुआत के बाद दो लगातार बड़ी पारी खेली—245* और 321, जिससे उनकी प्रथम-श्रेणी (FC) रनिंग औसत 50.49 पर पहुंच गई है, और कुल 3,686 रन 54 मैचों में जमा हुए हैं। उनका लिस्ट-ए रिकॉर्ड भी 277 रन का है, जो अभी तक का सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उनके नाम पर दबी खासी गिरावट नहीं है। वे वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ टेस्ट स्क्वाड में विकेटकीपर विकल्प के रूप में चुने गए थे, और रिशभ पंत के स्थान पर इंग्लैंड के खिलाफ पाँचवें टेस्ट में लाइनों से पहचाने गए थे। यह बुलावा उनके भविष्य को और उज्जवल बनाता है—विशेषकर जब घरेलू पिच पर उनका फॉर्म अजेय हो रहा है।

खेल के इस मोड़ पर जगदेवान अपनी IPL वापसी के लिए भी तड़प रहे हैं। उनका लक्ष्य सिर्फ व्यक्तिगत आँकड़े नहीं हैं, बल्कि वह अपने टीम के लिए एक भरोसेमंद विकेटकीपर‑बैट्समैन बनना चाहते हैं। उनके यह दो बड़े शतक—245* और 321—सिर्फ आंकड़े नहीं, बल्कि संघर्ष और दृढ़ता का प्रमाण हैं, जो किसी भी फ्रेंचाइजी को आकर्षित करने में सक्षम हो सकते हैं।

17 टिप्पणि

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    Anand Bhardwaj

    सितंबर 27, 2025 AT 05:04
    321 रन? बस एक बल्लेबाज़ का नम्बर है, नहीं तो टीम का जीतना तो अब बहुत आसान हो गया।
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    INDRA MUMBA

    सितंबर 28, 2025 AT 16:57
    ये जगदेवान का फॉर्म तो अब बस एक रिकॉर्ड नहीं, एक फेनोमेनॉन है। इतने लंबे समय तक बल्लेबाजी करना, स्ट्राइक रेट 79 के आसपास रखना, और फिर भी टीम के लिए बुनियादी ढांचा बनाना-ये तो अब जिन्होंने इंग्लैंड में टेस्ट खेला है, उन्हें भी सीखना चाहिए।

    मैंने देखा है कि जब वो नो 4 पर बल्ला चलाता है, तो गेंदबाज़ की आँखें उड़ जाती हैं। वो बाएं हाथ के लिए नहीं, बल्कि सभी बल्लेबाज़ों के लिए एक नया डिफिनिशन बन गया है।
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    RAJIV PATHAK

    सितंबर 30, 2025 AT 12:53
    अरे भाई, इतने रन बनाए तो बस इतना ही? IPL में तो 20 लाख में बिके थे, अब लगता है वो भी अपने नाम का जादू भूल गए।
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    Sonia Renthlei

    सितंबर 30, 2025 AT 21:25
    मैंने इस पारी को देखा था और दिल दहल गया। ये बस एक बल्लेबाज़ नहीं, ये तो एक आत्मा है जो बल्ले से दर्द निकाल रही है।

    उसकी आँखों में जो जुनून था, वो देखकर लगा जैसे वो अपने पूरे जीवन का बोझ उतार रहा हो। उसने इतने सालों की अनदेखी, छोटे-छोटे बोली वाले बिल्कुल नहीं लिया, बल्कि उसने अपने बल्ले से जवाब दिया।

    मैं जिस छोटे शहर से आती हूँ, वहाँ के बच्चे अब उसकी तरह बल्ला उठाते हैं। उसकी एक पारी ने एक पूरी पीढ़ी को बदल दिया।

    उसका स्ट्राइक रेट नहीं, उसकी शांति और धैर्य ने मुझे रोमांचित किया। ये जो लोग अब भी कहते हैं कि IPL में नहीं बिका तो वो नहीं है, वो तो एक बहुत बड़ा राष्ट्रीय निधि है।

    मैं अपने बेटे को उसकी पारी का वीडियो दिखाती हूँ। उसकी आँखों में आँखें बन जाती हैं। वो जानता है कि जब तक तुम खुद को नहीं छोड़ते, तब तक कोई तुम्हें नहीं छोड़ सकता।

    ये रन नहीं, ये एक आत्मकथा है।
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    Aryan Sharma

    अक्तूबर 1, 2025 AT 05:55
    अरे भाई, ये सब ठीक है, लेकिन क्या तुम्हें पता है कि इसके पीछे एक बड़ी साजिश है? IPL वाले उसे डर गए कि वो बहुत बड़ा हो जाएगा और उनके बाजार को बर्बाद कर देगा। वो उसे फेंक दिए, फिर अब रंजी में उसकी ताकत देखकर अच्छा लग रहा है।
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    Devendra Singh

    अक्तूबर 3, 2025 AT 00:19
    321? बस एक बल्लेबाज़ का अहंकार है। अगर टीम के लिए नहीं बनाए होते, तो ये सब कुछ बेकार है। आज के टेस्ट क्रिकेट में ऐसे रन बनाना बेकार है।
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    UMESH DEVADIGA

    अक्तूबर 3, 2025 AT 02:24
    मैं तो इस बात से बहुत दुखी हूँ कि जगदेवान ने अपने नाम को इतना बड़ा कर दिया, लेकिन उसके बाद भी कोई टीम उसे नहीं लेती। ये तो बहुत दुखद है।
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    Roshini Kumar

    अक्तूबर 3, 2025 AT 13:16
    321? तुमने लिखा है 321? ये तो 320 है न? मैंने खुद गिना था और एक रन बाकी था। अब ये रिपोर्टिंग का नया तरीका है क्या?
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    Siddhesh Salgaonkar

    अक्तूबर 4, 2025 AT 10:05
    अरे भाई, ये जगदेवान का जीवन एक फिल्म है 🎬🔥

    इतने सालों तक अनदेखा, फिर भी बल्ले से दुनिया को दिखा दिया। इसका दिल बहुत बड़ा है, और बल्ला तो बस एक विस्तार है।

    अगर IPL ने उसे नहीं लिया, तो वो IPL का नुकसान है, न कि जगदेवान का 😎
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    Arjun Singh

    अक्तूबर 5, 2025 AT 09:29
    321 रन? बस एक बल्लेबाज़ का बाजार नहीं, एक भारतीय टीम के लिए एक नया डिफिनिशन है। ये रन नहीं, ये एक अहंकार है।
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    yash killer

    अक्तूबर 7, 2025 AT 00:48
    ये जगदेवान तो भारत का गौरव है! इतने रन बनाकर भी कोई टीम नहीं लेती? ये तो अब देश का अपमान है! अगर ये अंतरराष्ट्रीय हो जाता तो दुनिया रो उठती!
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    Ankit khare

    अक्तूबर 7, 2025 AT 20:25
    321 रन बनाए तो क्या हुआ? IPL में तो उसका नाम नहीं आया, ये तो बताता है कि इस देश में नियम नहीं, नाम चलते हैं। ये बल्लेबाज़ तो बस एक नाम है, न कि एक खिलाड़ी।
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    Chirag Yadav

    अक्तूबर 9, 2025 AT 01:46
    मैंने ये पारी देखी थी, और लगा जैसे कोई बड़ा बादल छूट गया हो। जगदेवान का खेल देखकर लगता है कि खेल अभी भी जिंदा है। इसकी शांति, इसकी धैर्य, इसकी बातचीत-ये सब कुछ एक अलग दुनिया की बात करता है।
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    Shakti Fast

    अक्तूबर 9, 2025 AT 13:06
    ये जगदेवान की पारी देखकर मुझे बहुत उम्मीद हुई। मैं एक छोटे शहर से आती हूँ, जहाँ बच्चे कहते हैं कि बल्ला उठाना बेकार है। लेकिन अब वो कहते हैं-'मैं भी जगदेवान बनूंगा।'

    ये रन नहीं, ये एक संदेश है।
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    saurabh vishwakarma

    अक्तूबर 10, 2025 AT 14:56
    321 रन? ये तो बस एक बल्लेबाज़ का अहंकार है। टेस्ट क्रिकेट में तो ऐसे रन बनाना बेकार है। आप लोग ये सब लिख रहे हैं, लेकिन असली खेल तो वो है जहाँ बल्लेबाज़ की बात नहीं, टीम की जीत होती है।
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    MANJUNATH JOGI

    अक्तूबर 10, 2025 AT 19:29
    ये जगदेवान की पारी देखकर लगा जैसे कोई जीवन जी रहा हो। एक बल्लेबाज़ का ये रास्ता, एक शिक्षा है। उसने न तो बोली का जुनून दिखाया, न ही IPL के नाम का दबाव लिया। बस अपने बल्ले से अपनी आत्मा बोली।

    ये रन नहीं, ये एक अभिनय है। और जिस देश में ऐसे खिलाड़ी निकलते हैं, वो देश अपने खेल को नहीं खोता।
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    Nalini Singh

    अक्तूबर 11, 2025 AT 07:02
    यह त्रिक्रिया शतक केवल एक बल्लेबाज़ की उपलब्धि नहीं है, बल्कि भारतीय घरेलू क्रिकेट के आधारभूत सिद्धांतों की पुनर्स्थापना है-जहाँ टेक्निक, धैर्य और टीम के प्रति निष्ठा को सम्मान दिया जाता है। इस पारी ने उस युग को जीवित रखा है जब बल्लेबाज़ी का अर्थ रन बनाना नहीं, बल्कि खेल को समझना था।