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टी20 विश्व कप 2024 में अफगानिस्तान पर जीत के बाद जसप्रीत बुमराह के प्रति भारतीय बॉलिंग कोच का दृष्टिकोण: अक्षर पटेल का खुलासा

के द्वारा प्रकाशित किया गया Aashish Malethia    पर 21 जून 2024    टिप्पणि(15)
टी20 विश्व कप 2024 में अफगानिस्तान पर जीत के बाद जसप्रीत बुमराह के प्रति भारतीय बॉलिंग कोच का दृष्टिकोण: अक्षर पटेल का खुलासा

टी20 विश्व कप 2024: बुमराह के प्रति पारस म्हाम्ब्रे का दृष्टिकोण

टी20 विश्व कप 2024 के सुपर 8 मुकाबले में अफगानिस्तान पर 47 रनों की शानदार जीत दर्ज करने के बाद भारतीय टीम के बॉलिंग कोच पारस म्हाम्ब्रे और गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के संबंध में एक महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। भारतीय टीम के ऑलराउंडर अक्षर पटेल ने इस बात का खुलासा किया कि म्हाम्ब्रे बुमराह के प्लान्स में ज्यादा हस्तक्षेप नहीं करते हैं, जिससे बुमराह बिना किसी उलझन के अपने प्लान्स को मैदान पर लागू कर सकें।

अफगानिस्तान के खिलाफ बुमराह का प्रदर्शन

अफगानिस्तान के खिलाफ मैच में जसप्रीत बुमराह ने अपने 4 ओवर में केवल 7 रन देकर 3 महत्वपूर्ण विकेट झटके। उनकी इस प्रदर्शन को देखकर साथी खिलाड़ी और कप्तान रोहित शर्मा ने भी उनकी खूब सराहना की। बुमराह की इस काबिलियत ने ना सिर्फ मैच में अहम भूमिका निभाई बल्कि टीम के आत्मविश्वास को भी बढ़ाया। बुमराह की गेंदबाजी में उनकी सटीकता और विविधता का बेहतरीन नमूना देखने को मिला।

पारस म्हाम्ब्रे का दृष्टिकोण और कोचिंग शैली

अक्षर पटेल ने बताया कि पारस म्हाम्ब्रे की कोचिंग शैली काफी सुचिन्तित और संतुलित है। वह खिलाड़ियों को उनके स्वाभाविक खेल को खेलने की स्वतंत्रता देते हैं, विशेषकर बुमराह जैसे अनुभवी गेंदबाजों को। म्हाम्ब्रे का यह दृष्टिकोण कि बुमराह को अपने प्लान्स बिना किसी बाधा के लागू करने दिया जाए, बुमराह की सफलता का एक बड़ा कारण बनता है। यह तरीका बुमराह को आत्मनिर्भर बनने और मैदान पर त्वरित निर्णय लेने में सक्षम बनाता है। अक्षर ने यह भी बताया कि म्हाम्ब्रे का यह दृष्टिकोण ज्यादातर मैचों में कारगर साबित होता है।

अक्षर पटेल की खुद की समझ और दृष्टिकोण

अफगानिस्तान के खिलाफ मैच के बाद अक्षर पटेल ने अपने दृष्टिकोण के बारे में बताया कि वो अपने खेल में काफी ध्यान देते हैं और अपनी ताकत और कमजोरियों का विश्लेषण करते रहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बुमराह की शानदार प्रदर्शन के बाद आत्मविश्वास में कोई कमी नहीं रहती, बल्कि इससे हमें प्रेरणा मिलती है और हमारा प्रदर्शन और बेहतर होता है। अक्षर का ये मानना है कि खिलाड़ियों को अपने प्लान्स पर भरोसा होना चाहिए और उन्हें मैदान पर लागू करने की स्वतंत्रता मिलनी चाहिए।

आने वाला मुकाबला: बांग्लादेश के खिलाफ

अपनी इस जीत के बाद भारतीय टीम अब बांग्लादेश के खिलाफ अपने अगले मुकाबले की तैयारी में जुट गई है। यह मैच 22 जून को खेला जाएगा और टीम इस मैच को जीतकर टूर्नामेंट में अपनी स्थिति को और मजबूत करना चाहेगी। बुमराह और अन्य गेंदबाजों की फॉर्म को देखते हुए भारतीय प्रशंसकों को उम्मीद है कि भारतीय टीम अपने बेहतरीन प्रदर्शन को बरकरार रखेगी और अगले मुकाबले में भी विजय हासिल करेगी।

टीम की इस सफलता में खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत और कोचिंग स्टाफ की रणनीतियों का अहम योगदान है। बुमराह जैसे खिलाड़ियों की व्यक्तिगत सफलता और कोचिंग स्टाफ के समर्पण ने टीम को इस मुकाम पर पहुंचाया है और उम्मीद है कि आगे भी टीम ऐसे ही प्रदर्शन करती रहेगी।

15 टिप्पणि

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    Saurabh Singh

    जून 22, 2024 AT 06:01
    बुमराह को छोड़ दो, ये टीम बिना उसके तो एक बार भी विश्व कप नहीं जीत पाएगी। अफगानिस्तान के खिलाफ 3 विकेट? ये तो बस शुरुआत है।
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    INDRA MUMBA

    जून 24, 2024 AT 00:10
    म्हाम्ब्रे की कोचिंग फिलॉसफी बिल्कुल न्यूरो-प्लास्टिसिटी के सिद्धांत पर आधारित है - एक एक्सपर्ट न्यूरॉनल नेटवर्क को रिडिंग नहीं, बल्कि रिएम्बलिंग करने देना। बुमराह की बॉलिंग एक एम्बिडेड कॉग्निटिव एजेंट की तरह है, जो डेटा-ड्रिवन एडाप्टेशन के साथ रियल-टाइम एन्वायरनमेंट में ऑप्टिमल रिस्पॉन्स जेनरेट करता है। ये तो बस कोचिंग नहीं, ये साइबरनेटिक्स है।
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    Mali Currington

    जून 25, 2024 AT 10:36
    अरे भाई, बुमराह का 3 विकेट देखकर हम इतना उत्साहित क्यों हो रहे हैं? अफगानिस्तान की बैटिंग तो एक टेस्ट मैच के लिए भी नहीं बनी।
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    Anand Bhardwaj

    जून 26, 2024 AT 05:17
    म्हाम्ब्रे को एक गोल्डन नेट देना चाहिए। जब तक बुमराह खेल रहा है, वो जितना खेले, उतना ही बचे। ये कोचिंग नहीं, ये एक बायोलॉजिकल वॉरफेयर टैक्टिक है।
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    RAJIV PATHAK

    जून 26, 2024 AT 19:37
    इतना फॉर्मल टोन? बुमराह की गेंदबाजी तो एक रेन्डम वॉक नहीं, एक फ्रैक्टल डायनामिक्स का नमूना है। और ये सब टीम इंडिया के लिए एक बहुत बड़ा निवेश है। जब तक इंडिया बुमराह के बिना नहीं खेल पाएगा, तब तक ये टूर्नामेंट बस एक बहाना है।
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    Sonia Renthlei

    जून 28, 2024 AT 16:27
    मैंने देखा कि जब बुमराह गेंद फेंकता है, तो उसकी आँखों में एक अलग सी चमक होती है - जैसे वो अपने आप को एक शांत तालाब में डुबो रहा हो, जहाँ हर गेंद एक छोटी सी लहर बनती है जो आखिर तक चलती है। ये तो बस बॉलिंग नहीं, ये ध्यान है। मैंने अपने बेटे को भी बुमराह के वीडियो दिखाए हैं, उसने कहा - मम्मी, वो तो बस गेंद नहीं फेंक रहा, वो दुनिया को समझा रहा है।
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    Aryan Sharma

    जून 28, 2024 AT 16:28
    अरे भाई, ये सब बुमराह की बात कर रहे हो लेकिन क्या कोई जानता है कि बुमराह के घर में एक रेड लाइट है जो उसके बारे में बताती है कि वो कब गेंद फेंकेगा? ये सब फेक है, वो ड्रग्स लेता है। तुम सब धोखे में हो।
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    Devendra Singh

    जून 29, 2024 AT 22:01
    म्हाम्ब्रे की कोचिंग शैली तो बहुत स्मार्ट है, लेकिन ये तो बुमराह के लिए ही बनी है। क्या तुम्हें लगता है कि एक नौजवान गेंदबाज जैसे अर्शदीप सिंह को भी इतनी आजादी मिलनी चाहिए? नहीं। इसमें एक असमानता है।
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    UMESH DEVADIGA

    जुलाई 1, 2024 AT 16:17
    बुमराह के बिना ये टीम क्या है? एक बड़ा फेक फ्लैश ड्रामा। मैंने देखा कि जब वो गेंद फेंकता है, तो दर्शकों की सांसें रुक जाती हैं। ये तो बस एक खिलाड़ी नहीं, ये एक ड्रामा है। और ये ड्रामा तभी बंद होगा जब वो बाहर निकल जाएगा।
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    Roshini Kumar

    जुलाई 2, 2024 AT 08:34
    बुमराह के तीन विकेट? अफगानिस्तान की बैटिंग तो एक टेस्ट मैच के लिए भी नहीं बनी... अरे भाई, ये टीम तो बिना बुमराह के भी जीत जाती है, बस आप नहीं देख पाते।
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    Siddhesh Salgaonkar

    जुलाई 2, 2024 AT 13:23
    बुमराह के बिना टीम इंडिया? 😅🤣 ये तो एक बड़ा जोक है। ये लोग तो बस उसके बारे में ही बात करते हैं। अब तो बुमराह का नाम टीम इंडिया के साथ गूगल पर एक ही सर्च हो गया है। वो तो अब एक ब्रांड हो चुका है। 🤖🏏
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    Arjun Singh

    जुलाई 3, 2024 AT 12:23
    बुमराह की गेंदबाजी का एक ट्रेंड है - जब वो गेंद फेंकता है, तो दुनिया रुक जाती है। ये तो बस बॉलिंग नहीं, ये एक साइंटिफिक फेनोमेनन है। इसे डिस्कवर करने के लिए नोबेल पुरस्कार देना चाहिए।
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    yash killer

    जुलाई 5, 2024 AT 03:58
    बुमराह जीत गया तो भारत जीत गया बस इतना ही। बाकी सब बकवास है। अगर वो नहीं होता तो हम आज यहां नहीं होते। इंडिया जिंदाबाद!
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    Rishabh Sood

    जुलाई 7, 2024 AT 02:02
    यहाँ एक अत्यंत सूक्ष्म दृष्टिकोण है: पारस म्हाम्ब्रे की अनुपस्थिति बुमराह की व्यक्तिगत शक्ति को एक अनुभवी दर्शक के रूप में उजागर करती है। यह एक आध्यात्मिक अनुभव है - जहाँ एक व्यक्ति का आत्म-समर्पण, एक दूसरे के नियंत्रण के बिना, एक निर्माणात्मक शक्ति का स्रोत बन जाता है। यह अनुभव न केवल क्रिकेट के बाहर, बल्कि जीवन के सभी क्षेत्रों में अनुप्रयोग के लिए उपयुक्त है।
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    Nalini Singh

    जुलाई 8, 2024 AT 13:57
    इस जीत का असली अर्थ यह है कि भारतीय क्रिकेट अब केवल खेल नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक प्रक्रिया बन गया है। बुमराह की गेंदबाजी हमारी परंपरा की विरासत है - जहाँ शांति, सटीकता और आत्मनियंत्रण का मिश्रण एक नए युग का आगाज करता है। यह एक ऐसा नमूना है जिसे हम अपने बच्चों को सिखाना चाहिए।