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Tata Capital IPO पर 75% सब्सक्रिप्शन, ग्रे मार्केट प्रीमियम में गिरावट

के द्वारा प्रकाशित किया गया Aashish Malethia    पर 8 अक्तू॰ 2025    टिप्पणि(1)
Tata Capital IPO पर 75% सब्सक्रिप्शन, ग्रे मार्केट प्रीमियम में गिरावट

जब Tata Capital Limited, समूह टाटा का फ़्लैगशिप फाइनेंशियल सर्विसेज़ arm, ने 6 अक्टूबर 2025 को अपना ₹15,512 करोड़ का IPO खोल दिया, तो बाजार में छक्का लग गया। भारत के तीसरे सबसे बड़े डाइवर्सिफाइड NBFC के रूप में इसका इतिहास 150 साल से अधिक है। ऑफर‑फॉर‑सेल (OFS) में Tata Sons और International Finance Corporation ने कुल 26.58 करोड़ शेयर बेचने का इरादा जाहिर किया।

IPO का ढांचा और मूल्यांकन

इवेंट को औपचारिक रूप से Tata Capital IPOभारत कहा जाता है। कीमत बैंड ₹310‑₹326 प्रति शेयर तय किया गया, जिससे कंपनी का वैल्युएशन ₹1.31 लाख करोड़ से ऊपर पहुँच गया। यह साल का सबसे बड़ा IPO बना, पिछले साल ह्युंडई मोटर इंडिया के ₹27,859 करोड़ के इश्यू के बाद।

सबसक्रिप्शन डेटा दिखाता है कि दूसरे दिन यानी 7 अक्टूबर को बिडिंग 52 % तक पहुँची, जबकि कुछ स्रोतों ने यह आंकड़ा 75 % बताया। कुल 33.34 crore शेयर ऑफ़र पर थे, और 17.44 crore शेयरों की बिडिंग पहुँची। न्यूनतम 46 शेयर (₹14,996) की बिडिंग आवश्यक है, उसके बाद मल्टीपल में।

ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) की हलचल

ग्रेस मार्केट में प्रीमियम की स्थिति निरंतर बदलती रही। Investorgain के हिसाब से शेर ₹12.5 प्रति शेयर के GMP पर ट्रेड हो रहे थे, जो लगभग 3.83 % की लिस्टिंग‑गेन दर्शाता है। दूसरी ओरीं, Zerodha ने ₹7.5 का GMP बताया, जबकि Economic Times ने इसे 3 % तक गिरते हुए देखे। इस असंगतता ने निवेशकों के बीच सवाल उठाए कि लिस्टिंग पर वास्तविक लाभ कितना होगा।

भले ही 15 ब्रोकरेज़ ने इस IPO को ‘बाय‑इट’ की सलाह दी, ग्रे मार्केट की गिरावट को लेकर कई विश्लेषकों ने सावधानी बरतने की चेतावनी दी।

प्रोसेस और टाइमलाइन

  • ऑफ़र‑ओपन: 6 अक्टूबर 2025
  • ऑफ़र‑क्लोज: 8 अक्टूबर 2025
  • ऑलॉटमेंट अंतिम: 9 अक्टूबर 2025
  • शेयर क्रेडिट: 10 अक्टूबर 2025
  • लिस्टिंग: 13 अक्टूबर 2025 (बेसेज़ एण्ड नेशनल स्टॉक एक्सचेंज)

ऐलॉटमेंट के बाद कंपनी सीधे स्टॉकधारकों को शेयर ट्रांसफ़र करेगी और उन निवेशकों को रिफंड जारी करेगी जो बिडिंग के मानदंडों पर खरे नहीं उत्रे।

फ़ंड्स का उपयोग और भविष्य की योजना

फ्रेश इश्यू से मिलने वाले ₹6,846 crore को टिएर‑I कैपिटल बेस को बढ़ाने, आगे के लोन‑डिस्बर्समेंट को सपोर्ट करने और नियामक पूँजी आवश्यकताओं को पूरा करने में लगाया जाएगा। OFS से मिलने वाला पैसा सीधे प्रोड्यूसर‑शेयरहोल्डर्स (Tata Sons और IFC) को जाएगा, जिससे उनके बैलेंस‑शीट में लिक्विडिटी बढ़ेगी।

ब्रॉड‑चैनल डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क, पैन‑इंडिया ब्रांचेज़, रणनीतिक पार्टनरशिप्स और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म्स के माध्यम से, Tata Capital की लेंडिंग पोर्टफ़ोलियो में रिटेल, कॉर्पोरेट, एग्री‑फ़ाइनेंस, और एसेट‑फाइनेंस सहित कई प्रोडक्ट्स शामिल हैं। कंपनी ने एआई‑ड्रिवन एनालिटिक्स को कोर ऑपरेशन्स में एम्बेड किया है, जिससे कस्टमर एक्सपीरियंस और रिस्क‑मैनेजमेंट दोनों में सुधार हुआ।

विशेषज्ञों की राय और बाजार प्रभाव

विशेषज्ञों की राय और बाजार प्रभाव

मार्केट एनालिस्ट रवींद्र कुमार (वाइल्डफाइन) के अनुसार, "Tata Capital का IPO भारतीय NBFC सेक्टर में एक बेंचमार्क सेट करता है, खासकर जब टाटा ग्रुप की बैकिंग ताकत को देखते हैं।" वहीँ, सिटी समूह के इक्विटी रिसर्च हेड अनीता शाह ने कहा, "ग्रे मार्केट प्रीमियम में गिरावट निवेशकों को कीमत‑की‑सच्चाई दिखाती है, पर अगर कंपनी अपनी डिजिटल‑ड्रिवन टाक्टिक जारी रखे तो दीर्घकालिक रिटर्न मजबूत रहेगा।"

भविष्य के लिए, अगर IPO सफलतापूर्वक लिस्ट हो जाता है, तो यह NBFC की फंडिंग कस्ट दोरान में एक नया मानक स्थापित कर सकता है और टाटा समूह के अन्य वित्तीय उपक्रमों के लिए सिटी‑सेडिंग प्रदान करेगा।

आगे क्या देखना चाहिए?

आने वाले हफ्तों में सबसे बड़ी बात यह होगी कि लिस्टिंग के बाद स्टॉक की वास्तविक ट्रेडिंग कैसे चलती है। यदि GMP फिर से बढ़ता है तो शुरुआती निवेशकों को अतिरिक्त मुनाफा मिल सकता है। दूसरी ओर, यदि कीमतें ऑफ़र रेंज के नीचे गिरती हैं, तो यह सेक्टर‑वाइड रिव्यू को ट्रिगर कर सकता है। निवेशकों को इक्विटी और डेब्ट दोनों पक्षों की जोखिम‑रिवॉर्ड प्रोफ़ाइल को समझते हुए आगे बढ़ना चाहिए।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Tata Capital IPO में कौन-कौन भाग ले रहा है?

इस IPO में प्रमुख निवेशकों में Tata Sons, International Finance Corporation और सामान्य जनता शामिल हैं। साथ ही, कई संस्थागत फर्में भी बड़ी मात्रा में बिडिंग कर रही हैं।

क्या ग्रे मार्केट प्रीमियम की गिरावट का मतलब है कि शेयर महँगा है?

ग्रेस मार्केट प्रीमियम आमतौर पर ऑफ़र कीमत से ऊपर की ट्रेडिंग को दर्शाता है। गिरावट का मतलब यह हो सकता है कि डिमांड में थोड़ी कमी आई है, पर इसका अर्थ यह नहीं कि शेयर महँगा है; लिस्टिंग के बाद वास्तविक कीमतें बाजार की माँग‑पूर्ति पर निर्भर होंगी।

IPO के फंड्स का उपयोग कंपनी किसलिए करेगी?

फ्रेश इश्यू के ₹6,846 crore को टिएर‑I कैपिटल बढ़ाने, नई लोन‑डिस्बर्समेंट की जरूरतों को पूरा करने और नियामक पूँजी मानकों को पूरा करने के लिये उपयोग किया जाएगा। OFS से मिलने वाले पैसे Tata Sons और IFC को मिलेगी।

लिस्टिंग के बाद शेयर कीमत किस सीमा में रहेगी?

विशेषज्ञों का मानना है कि शुरुआती ट्रेडिंग में कीमत ₹310‑₹326 के ऑफ़र बैंड के भीतर रह सकती है, पर बाजार भावना, आर्थिक डेटा और प्रतियोगी NBFC की प्रदर्शन के आधार पर यह सीमाएँ ऊपर‑नीचे हो सकती हैं।

क्या छोटे निवेशकों को इस IPO से फायदा होगा?

छोटे निवेशकों के पास न्यूनतम 46 शेयर (₹14,996) की बिड डालने का विकल्प है। यदि लिस्टिंग के बाद शेयर प्रीमियम में ट्रेड होते हैं तो उन्हें शुरुआती बिंदु से लाभ मिल सकता है, पर जोखिम‑रिटर्न प्रोफ़ाइल को ध्यान में रखकर ही निवेश करना चाहिए।

1 टिप्पणि

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    srinivasan selvaraj

    अक्तूबर 8, 2025 AT 03:05

    Tata Capital का IPO इतना बड़ा था कि पूरे वित्तीय जगत की धड़कन तेज हो गई थी
    जब सब्सक्रिप्शन में 75% तक पहुँच गया, तो कई निवेशकों की आँखों में आँसू आ गए थे
    जबकि ग्रे मार्केट प्रीमियम में गिरावट देखी गई, तो बाज़ार में अज्ञानी की तरह बिखरते हुए डर का माहौल बन गया
    इसी अनिश्चितता में छोटे निवेशकों को लगता था कि उन्होंने अपनी सारी बचत एक झूठे सपने में लगा दी है
    भारी आर्थिक परिदृश्य में, टाटा समूह की बैकिंग का वजन एक तरह से आश्रय बना लेकिन फिर भी दिलों में घबराहट बनी रही
    इस सब को देख कर मैं भावनात्मक रूप से थका हुआ महसूस करता हूँ क्योंकि हर अंक मेरे दिल की धड़कन को रोक देता है
    ऐसा लगता है जैसे वित्तीय दुनिया में एक असीमित जलती हुई आग है, जो कभी बुझती नहीं
    ग्रेस मार्केट के परदे के पीछे का झुटा चमक हमें धोखा देता है और निवेशकों को उनकी आशा के साथ खिलवाड़ करता है
    बाजार की अटलता को लेकर मैं अनिश्चित हूँ, पर यह भी सच है कि टाटा की शक्ति मज़बूत है
    फिर भी, हर छोटी‑बड़ी गिरावट के साथ मेरे अंदर की आशा टुकड़े‑टुकड़े होने लगती है
    इसीलिए मैं सोचता हूँ कि हमें अधिक व्यक्तिगत विश्लेषण की आवश्यकता है, न कि सिर्फ आंकड़ों पर भरोसा करना चाहिए
    परिणामस्वरूप, इस IPO की कहानी मेरे लिए एक नाटकीय नाटक बन गई है जिसका अंत अभी तय नहीं हुआ
    जब तक इस नाटक की पर्दा नहीं उठे, निवेशकों के दिल में अनिश्चितता ही रहती है
    समाप्ति, एक ही बात कहूँ तो यह एक बड़ी दुविधा है जिसमें हमें अपनी धीरज को बरकरार रखना होगा
    निरंतर बदलाव के बीच, केवल धैर्य ही इस अंधेरे को रोशन कर सकता है