राष्ट्रपति भवन: भारत के राष्ट्रपति का आधिकारिक घर
नई दिल्ली में स्थित राष्टरपति भवन सिर्फ एक सरकारी इमारत नहीं है; यह देश की पहचान, शिल्पकला और राजनैतिक इतिहास का संगम है। अगर आप दिल्ली घूम रहे हैं तो इस जगह को अपनी लिस्ट में अवश्य रखें। यहाँ के बाग, दरवाज़े और कमरों में कई कहानियां छुपी हैं, जो आपको भारत के बदलते दौर की झलक देती हैं।
इमारत की इतिहासिक पृष्ठभूमि
राष्टरपति भवन का निर्माण 1929‑1931 में लॉर्ड बर्मेन ने किया था। इसे मूल रूप से वाइकिंग हाउस के नाम से जाना जाता था, लेकिन 1950 में भारत के पहले राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद को सौंपने पर इसका नाम बदल दिया गया। वास्तुशिल्पी सर एडविन लुटियंस ने यूरोपीय क्लासिकल शैली और भारतीय तत्वों का मिश्रण किया, जिससे एक अनूठा लुक मिला। लाल पत्थर की दीवारें, संगमरमर के स्तंभ और विस्तृत बाग इस इमारत को शानदार बनाते हैं।
दर्शकों के लिए उपयोगी टिप्स
भ्रमण का समय: सुबह 9 बजे से दोपहर 5 बजे तक। टिकट ऑनलाइन या मुख्य द्वार पर उपलब्ध है, कीमत भारतीय नागरिकों के लिये ₹100 और विदेशियों के लिये ₹200 है। सुरक्षा जांच अनिवार्य है, इसलिए हल्के कपड़े और छोटे बैग ले जाएँ। बाग में चलने के लिए आरामदायक जूते पहनें; यहाँ कई फव्वारे, झील और ऐतिहासिक स्मारक हैं जो फोटो के लिए बेहतरीन होते हैं।
पर्यटन का सबसे अच्छा तरीका है गाइडेड टूर बुक करना। गाइड आपको राष्ट्रपति कार्यालय, महल के अंदरूनी हिस्से और विशेष कक्षों की कहानी बताएगा। यदि आप इतिहास प्रेमी हैं तो ‘स्मारक हॉल’ में रखी पुरानी तस्वीरें और दस्तावेज़ देखना न भूलें; ये भारत की स्वतंत्रता से लेकर आज तक की यात्रा को दर्शाते हैं।
भोजन की बात करें तो परिसर के बाहर कई कैफ़े हैं जहाँ आप चाय, स्नैक्स और स्थानीय व्यंजन का मज़ा ले सकते हैं। विशेष रूप से ‘राष्ट्रपति बगीचा’ में पिकनिक सेट‑अप उपलब्ध है – परिवार या दोस्तों के साथ आरामदायक दोपहर बिताने का मौका मिलता है।
यदि आप सरकारी समारोह या शाही कार्यक्रम देखना चाहते हैं तो आधिकारिक वेबसाइट पर कैलेंडर चेक करें। कुछ खास अवसरों जैसे गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और राष्ट्रपति के औपचारिक स्वागत में सार्वजनिक को सीमित प्रवेश मिल सकता है। इन इवेंट्स की लाइव स्ट्रीम भी अक्सर ऑनलाइन उपलब्ध रहती है।
आखिर में यह याद रखें कि राष्टरपति भवन सिर्फ एक पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि भारत की लोकतांत्रिक भावना का प्रतीक है। यहाँ का हर कोना, हर फव्वारा और हर चित्र आपके देश के गौरवशाली अतीत से जुड़ा हुआ है। इसलिए जब आप यहाँ आएँ, तो इतिहास को महसूस करें और इस राष्ट्रीय धरोहर की कद्र रखें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया इस्तीफा: नई सरकार के शपथ ग्रहण से पहले सत्ता का हस्तांतरण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शपथ ग्रहण समारोह से पहले इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राष्ट्रपति से मुलाकात की और अपने मंत्रिपरिषद के साथ इस्तीफा सौंपा। राष्ट्रपति ने इस्तीफा स्वीकार करते हुए मोदी और उनकी मंत्रिपरिषद से नई सरकार के कार्यभार ग्रहण तक पद पर बने रहने का अनुरोध किया। यह घटना सत्ता के हस्तांतरण की महत्वपूर्ण प्रक्रिया का संकेत देती है।