फ़्रंट रनिंग: शेयर बाजार में बचाव के आसान उपाय
क्या आपने कभी सुना है कि बड़े ब्रोकर्स या फंड मैनेजर्स छोटे निवेशकों से पहले ही किसी स्टॉक को खरीद लेते हैं? यही फ़्रंट रनिंग कहलाता है। आमतौर पर यह तब होता है जब कोई बड़ी ट्रेड आने वाली होती है और अंदरूनी लोग उस जानकारी का फायदा उठाकर पहले पोज़िशन ले लेते हैं। इससे सामान्य निवेशक अक्सर नुकसान में रहते हैं, इसलिए इसे पहचानना और रोकना बहुत ज़रूरी है।
फ़्रंट रनिंग क्या है?
फ़्रंट रनिंग मूल रूप से एक प्रकार का अनैतिक ट्रेडिंग व्यवहार है—जब कोई व्यक्ति या कंपनी बड़े ऑर्डर के आने की जानकारी लेकर उससे पहले वही स्टॉक खरीद लेता है, फिर उस बड़ी ट्रांज़ैक्शन के बाद शेयर की कीमत बढ़ने पर बेच देता है। इस प्रक्रिया में आम निवेशक को उच्च कीमत चुकानी पड़ती है और वह नुकसान झेलता है। अक्सर इसे हाई‑फ़्रीक्वेंसी ट्रेडिंग (HFT) या अल्गोरिद्मिक ट्रेड्स से जोड़ा जाता है, लेकिन छोटे ब्रोकर्स भी ऐसा कर सकते हैं।
इसे कैसे रोकें और बचें?
पहला कदम है सतर्क रहना—यदि किसी शेयर की कीमत अचानक तेज़ी से बढ़े या गिरने लगे तो तुरंत जांच करें कि क्या बड़ी ट्रेडिंग एक्टिविटी चल रही है। कई ऑनलाइन टूल्स लाइव ऑर्डर बुक दिखाते हैं, जहाँ आप देख सकते हैं कि बड़े खिलाड़ियों ने कितनी मात्रा में शेयर खरीदा या बेचा है। दूसरा उपाय है पोर्टफोलियो को विविध बनाना; एक ही स्टॉक पर बहुत अधिक भरोसा न रखें तो फ़्रंट रनिंग के प्रभाव कम होते हैं।
तीसरा, ब्रोकर्स का चयन समझदारी से करें। भरोसेमंद और नियामक संस्थाओं द्वारा लाइसेंस प्राप्त दलाल अक्सर ऐसी अनैतिक प्रैक्टिस को रोकने के लिए कड़े नियम अपनाते हैं। यदि आप महसूस करते हैं कि आपके ब्रोकर की ट्रेडिंग में कुछ गड़बड़ी है, तो तुरंत शिकायत दर्ज करें।
चौथा टिप—ट्रेडिंग टाइम का ध्यान रखें। आम तौर पर बाजार खुलते ही या बंद होते ही बड़ी ट्रेड्स होती हैं; इस समय छोटे निवेशकों को अधिक सतर्क रहना चाहिए। अगर आप दिन के मध्य में पोज़िशन ले रहे हैं, तो संभावित फ़्रंट रनिंग जोखिम कम हो सकता है।
अंत में, खुद की रिसर्च हमेशा प्राथमिकता रखें। किसी भी स्टॉक या सेक्टर पर निवेश करने से पहले उसकी फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस कर लें। जब आप खुद जानकारी के आधार पर निर्णय लेते हैं, तो बाहरी प्रभावों—जैसे फ़्रंट रनिंग—का असर कम हो जाता है। याद रखें, बाजार में धीरज और समझदारी ही सबसे बड़ी सुरक्षा हैं।
क्वांट म्यूचुअल फंड पर फ्रंट रनिंग के आरोपों को लेकर SEBI ने की छापेमारी

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने क्वांट म्यूचुअल फंड के परिसरों पर फ्रंट रनिंग के आरोपों के सिलसिले में छापेमारी की है। फ्रंट रनिंग एक अवैध गतिविधि है जहाँ फंड मैनेजर, डीलर, या ब्रोकर बड़े व्यापारों की अग्रिम जानकारी प्राप्त कर अपने स्वयं के ऑर्डर लगाते हैं। इस कदम का उद्देश्य बाजार की स्वच्छता बनाए रखना है।