FY25 – वित्तीय वर्ष 2025 की प्रमुख खबरें और विश्लेषण
जब हम FY25, भारत का वित्तीय वर्ष 2025‑26, जिसमें बजट, कर नीति, शेयर बाजार और निवेश गतिविधियाँ प्रमुख भूमिका निभाते हैं. इसे अक्सर FY 2025 कहा जाता है, और यह आर्थिक निर्णयों का आधार बनता है. इसी क्रम में शेयर बाजार, स्टॉक मार्केट जो कंपनियों के IPO, मौजूदा शेयरों की कीमतों और निवेशकों की रुचियों को दर्शाता है भी FY25 के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़ा है, जबकि IPO, प्राथमिक सार्वजनिक पेशकश जिसके तहत कंपनियाँ पहली बार अपने शेयर जनसमुदाय को बेचती हैं इस अवधि में कई बार प्रमुख समाचार बनते हैं।
FY25 में मुख्य आर्थिक घटक
FY25 की शुरुआत में केंद्रीय बजट ने व्यापारिक माहौल को ढालने के लिये कई प्रोत्साहन पैकेज पेश किए। इसका सीधा असर निवेश रणनीति पर पड़ा, क्योंकि कंपनियों ने नई पूंजी जुटाने के लिये Tata Capital और Atlanta Electricals जैसे बड़े नामों के IPO पर ध्यान दिया। इसी दौरान, भारत का Nifty और Sensex दो‑तीन बार बड़े उतार‑चढ़ाव देखे, विशेषकर सेंसैक्स में 733 अंक की गिरावट ने निवेशकों को सतर्क किया। इन उतार‑चढ़ावों का कारण अक्सर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की निकासी, अमेरिकी टैरिफ नीति या घरेलू मुद्रास्फीति स्तर होते हैं।
कर नीति के संदर्भ में, CBDT ने FY25‑26 के लिए ITR डेडलाइन को स्पष्ट करके फ़ैक्ट‑चेक किया। कई भ्रमित करदाता अब जानते हैं कि 16 सितंबर आखिरी तारीख है, और देर से फ़ाइल करने पर जुर्माना लागेगा। इस प्रकार की स्पष्टता FY25 के आर्थिक वातावरण को स्थिर बनाने में मदद करती है, क्योंकि करदाताओं को सही समय पर अपनी फ़ाइलिंग करने का प्रॉम्प्ट मिलता है।
स्टॉक स्प्लिट के मामले में, Adani Power ने 1:5 स्प्लिट घोषित किया, जिससे शेयरों की लिक्विडिटी बढ़ी और रिटेल निवेशकों की पहुँच आसान हुई। फाइनैंशियल रिपोर्ट में देखा गया कि FY25 में ऐसी पहलें अक्सर शेयरों की कीमत को अधिक सुलभ बनाती हैं, जिससे व्यापक बाजार सहभागिता को प्रोत्साहन मिलता है।
इसे देखते हुए, FY25 में कई क्षेत्रीय घटनाएँ भी उभरीं—जैसे झारखंड में येलो अलर्ट ने मौसमी जोखिम को उजागर किया, जबकि शिलॉन्ग में विविध खबरें (क्रिकेट, नॉबेल पुरस्कार) ने सामाजिक और सांस्कृतिक पहलुओं को दिखाया। हालांकि ये टॉपिक आर्थिक नहीं हैं, परन्तु वे दर्शाते हैं कि वित्तीय वर्ष में गैर‑आर्थिक घटनाओं का भी बाजार मनोवृत्ति पर प्रभाव पड़ सकता है।
संक्षेप में, FY25 एक ऐसा समय फ्रेम है जहाँ शेयर बाजार, IPO, कर नीति और सरकारी बजट एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं। हमारी नीचे दी गयी समाचार सूची में आप देखेंगे कि कैसे टाटा कैपिटल का IPO, सेंसैक्स की गिरावट, ITR डेडलाइन अलर्ट और कई अन्य प्रमुख घटनाएँ इस वित्तीय वर्ष के परिदृश्य को आकार देती हैं। अब आगे बढ़ते हैं और इन लेखों के माध्यम से FY25 के विभिन्न पहलुओं को और करीब से समझते हैं।
Sun Pharma का ₹5.50 अंतिम डिविडेंड – 7 जुलाई को एक्स‑डिविडेंड, शेयरधारकों के लिए लाभ का मौका

Sun Pharma ने 7 जुलाई को एक्स‑डिविडेंड के साथ ₹5.50 का अंतिम डिविडेंड घोषित किया है। भुगतान 8 अगस्त तक होगा। FY25 में कंपनी की बिक्री 9% बढ़कर ₹520,412 मिलियन पहुँची, जिसमें भारत‑फ़ॉर्मूलेशन और ग्लोबल स्पेशैलिटी प्रमुख थे। यह डिविडेंड निवेशकों के लिए आकर्षक रिटर्न दे सकता है।