बाजार उतार-चढ़ाव: क्यों होते हैं और हमें कैसे बचना चाहिए
जब शेयर बाजार में अचानक गिरावट या उछाल देखते हैं तो कई लोग उलझन में पड़ जाते हैं। असल में ये उतार-चढ़ाव अलग-अलग कारकों के कारण होते हैं—नीति बदल, अंतर्राष्ट्रीय तनाव, कंपनियों की कमाई रिपोर्ट और कभी‑कभी सट्टा खेल भी असर डालता है। अगर आप इस बात को समझेंगे तो डरने की जरूरत नहीं रहेगी, बल्कि सही समय पर सही निर्णय ले पाएँगे।
2025 का "Black Monday" – क्या सीख मिली?
जाने वाले महीने में ट्रम्प के टैरिफ़ कदम ने विश्व‑व्यापी शेयर बाजार को 6.6 ट्रिलियन डॉलर की गिरावट तक धकेल दिया। VIX 45 पर पहुँच गया और तेल कीमतें 7 % नीचे गिर गईं। इस घटना से स्पष्ट है कि राजनीति या व्यापार युद्ध का सीधा असर हमारे पोर्टफ़ोलियो पर पड़ता है। जब ऐसी खबर आती है तो जल्दी‑जल्दी बेचने की बजाय अपने निवेश को दोबारा देखें, जोखिम वाले सेक्टरों को कम करें और भरोसेमंद ब्लू‑चिप में रुकें।
स्थानीय कारक: GST सुधार और बजट नीतियां
देश के अंदर भी कई बार नीति बदल से बाजार में हलचल होती है। जैसे हाल ही में राजीव शुक्ला ने संसद में GST सुधारों पर सवाल उठाए, जिससे टैक्स स्लैब में बदलाव का अनुमान लगा कर निवेशकों ने अपने स्टॉक्स को पुनः व्यवस्थित किया। बजट के दौरान यदि कोई नई टैक्स या सब्सिडी की घोषणा होती है तो छोटे‑से‑छोटे सेक्टर भी बड़ी तेजी दिखा सकते हैं। इसलिए हर महीने आर्थिक कैलेंडर पर नज़र रखें, ताकि आप अचानक बदलाव से चौंकें नहीं।
एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि बाजार में कभी‑कभी खबरों का अतिरंजित होना भी उतार-चढ़ाव को बढ़ाता है। सोशल मीडिया पर वायरल मिम्स या अफवाहें शेयर कीमतों को अस्थायी रूप से ऊपर‑नीचे कर सकती हैं, जैसे हाल ही में "शाहीन अफरिदी" वाले मीम्स ने कुछ स्टॉक्स की ट्रेडिंग वॉल्यूम बढ़ा दी थी। ऐसी स्थितियों में धीरज रखना और केवल ठोस डेटा पर भरोसा करना बेहतर रहता है।
अगर आप नई निवेश रणनीति बना रहे हैं, तो दो चीज़ों को याद रखें: पहला, पोर्टफ़ोलियो डाइवर्सिफ़िकेशन—एक सेक्टर पर पूरी तरह निर्भर न रहें; दूसरा, लघु‑अवधि की हिट्स से बचें और दीर्घकालिक रुझानों पर फोकस करें। जब बाजार में तेज गिरावट आती है तो यह बेहतर मौका हो सकता है कि आप सस्ते दामों पर अच्छे क्वालिटी वाले शेयर खरीदें। लेकिन याद रखें, हर कदम सोच‑समझ कर ही उठाएँ—बिना रिसर्च के कोई भी फैसला नुकसान का कारण बन सकता है।
अंत में यही कहना चाहूँगा: बाजार उतार-चढ़ाव हमेशा रहेगा, पर आपका रवैया और तैयारी इसे संभालने की कुंजी है। नियमित रूप से आर्थिक समाचार पढ़ें, अपने निवेश लक्ष्य तय करें और जरूरत पड़ने पर वित्तीय सलाहकार की मदद लें। इस तरह आप न केवल नुकसान को कम कर पाएँगे बल्कि संभावित लाभ भी अधिकतम उठा सकेंगे।
GIFT Nifty ट्रेडिंग में भारी गिरावट के पीछे के कारण: बाजार में उतार-चढ़ाव और विदेशी निवेशक

GIFT Nifty डेरिवेटिव अनुबंधों का कारोबार मई में गिरावट दर्ज कर रहा है, जो अप्रैल में $82 बिलियन से घटकर $44.24 बिलियन रह गया। इस गिरावट के मुख्य कारण बाजार की अस्थिरता और विदेशी निवेशकों के व्यवहार में परिवर्तन हैं। चुनावी परिणामों को देखते हुए विदेशी निवेशकों की सतर्कता और अन्य कारकों ने इस गिरावट में योगदान दिया है।