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सूनीता केजरीवाल ने ED पर आरोप लगाया, कहा - झूठा बयान देने को मजबूर किया गया

के द्वारा प्रकाशित किया गया Aashish Malethia    पर 8 जुल॰ 2024    टिप्पणि(20)
सूनीता केजरीवाल ने ED पर आरोप लगाया, कहा - झूठा बयान देने को मजबूर किया गया

सूनीता केजरीवाल का गंभीर आरोप

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) पर गंभीर आरोप लगाते हुए एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। सुनीता ने एक वीडियो संदेश में दावा किया कि ED ने एनडीए सांसद मागुंता श्रीनिवासन रेड्डी के बेटे को फंसाकर अरविंद केजरीवाल के खिलाफ झूठा बयान दिलवाने के लिए दबाव डाला।

बिलकुल अलग दिखी बयान की सच्चाई

सुनीता केजरीवाल ने बताया कि सांसद मागुंता श्रीनिवासन रेड्डी ने पहले के बयान में कहा था कि उनके और अरविंद केजरीवाल के बीच 16 मार्च 2021 को उनके परिवारिक चैरिटेबल ट्रस्ट को दिल्ली में खोलने के बारे में चर्चा हुई थी। लेकिन ED ने रेड्डी के बेटे राघव मागुंता को गिरफ्तार कर लिया जिसके कारण 17 जुलाई 2023 को अपने बयान को बदल दिया।

पारिवारिक पीड़ा

मागुंता के बदले हुए बयान में उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने उनसे दिल्ली में शराब के कारोबार में शामिल होने की सलाह दी थी और बदले में आम आदमी पार्टी को 100 करोड़ रुपये की पेशकश की थी।

सूनीता ने यह भी बताया कि मागुंता का बयान बदलने के पीछे मुख्य कारण उनके बेटे की गिरफ्तारी और उनके परिवार की दुर्दशा थी। सांसद की पत्नी को आत्महत्या का प्रयास करना पड़ा और उनकी मां की स्वास्थ्य स्थिति भी बिगड़ गई।

ईमानदार नेता की छवि को बचाने की अपील

सूनीता केजरीवाल ने जनता से अपील की है कि वे उनके पति केजरीवाल के साथ खड़े रहें, जिन्हें उन्होंने 'कट्टर ईमानदार' (पूरी तरह से ईमानदार) बताया।

राजनीति में बढ़ता विवाद

राजनीति में बढ़ता विवाद

इस पूरे मामले ने न केवल दिल्ली की राजनीति में बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी एक नई बहस को जन्म दिया है। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (AAP) की आलोचना की है। वहीं, AAP ने आरोप लगाया कि उनके नेताओं को राजनीतिक प्रतिशोध के चलते निशाना बनाया जा रहा है। इससे एक बार फिर भारतीय राजनीति के गिरते नैतिक स्तर पर चर्चा शुरू हो गई है।

वर्तमान परिप्रेक्ष्य में इस मामले का असर क्या होगा, यह देखना दिलचस्प होगा। लेकिन एक बात स्पष्ट है कि यह विवाद अराजनीतिक कारणों से बहुत गहरा हो गया है और इसमें परिवारों की व्यक्तिगत पीड़ा भी जुड़ी हुई है। ED की गतिविधियों और जांच के तरीकों पर भी सवाल उठ रहे हैं।

जब तक इस मामले में न्यायालय कुछ ठोस निर्णय नहीं देती, तब तक इस मामले का राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव जारी रहेगा।

जनता की भूमिका

जनता की भूमिका

इस प्रकरण में जनता की भूमिका भी महत्वपूर्ण हो जाती है। एक तरफ तो आला अधिकारियों और भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसियों पर भरोसा किया जाता है, वहीं दूसरी तरफ जनता को सचेत रहकर सच्चाई की पहचान करना भी जरूरी है। सुनीता केजरीवाल ने अपील की है कि जनता उनके पति के साथ खड़ी रहे और सचाई के पक्ष में समर्थन दे।

क्या यह मामला वास्तव में साजिश है, या फिर कानून का सही पालन हो रहा है, इसका निर्णय तो आने वाले समय में ही स्पष्ट हो पाएगा, लेकिन तब तक इस मामले का असर राजनीति में बना रहेगा।

इस मामले से सीख लेकर, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि राजनीति का यह नया दौर सचाई और ईमानदारी को प्राथमिकता दे, जिससे हमारे देश में निष्पक्षता और पारदर्शिता बनी रहे।

20 टिप्पणि

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    yash killer

    जुलाई 9, 2024 AT 01:09
    ED बस अपना काम कर रहा है। जो गलत करता है उसे पकड़ना कानून का काम है। अरविंद केजरीवाल को बचाने की कोशिश मत करो।
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    saurabh vishwakarma

    जुलाई 9, 2024 AT 04:50
    ये सब ड्रामा है। जब तक एक नेता बैंक नहीं चलाता, तब तक उसकी ईमानदारी का सवाल नहीं उठता। ये लोग अपने घर के बाहर नैतिकता का नाटक करते हैं।
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    Sharad Karande

    जुलाई 9, 2024 AT 18:08
    इस मामले में एजेंसी के व्यवहार की प्रक्रियात्मक वैधता को लेकर एक संवैधानिक चुनौती उठाई जा सकती है। जब बयान बदलने का दबाव अवैध तरीके से डाला जाता है, तो यह न्यायिक अनुचितता की श्रेणी में आता है।
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    Sagar Jadav

    जुलाई 10, 2024 AT 21:57
    ये सब बकवास है। केजरीवाल ने अपने आप को ईमानदार बताया है, लेकिन उसकी पत्नी का ये बयान उसकी नीति के खिलाफ है।
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    Dr. Dhanada Kulkarni

    जुलाई 11, 2024 AT 02:29
    इस परिवार की दुर्दशा देखकर दिल दुखता है। किसी के बेटे को गिरफ्तार करके, पत्नी को आत्महत्या के लिए मजबूर करना - यह कोई न्याय नहीं, बल्कि एक अपराध है।
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    Rishabh Sood

    जुलाई 11, 2024 AT 06:25
    राजनीति एक दर्पण है जो हमारे सामाजिक अस्तित्व को दर्शाता है। जब एक नेता की पत्नी अपने पति के लिए आवाज उठाती है, तो यह सिर्फ एक निजी अपील नहीं, बल्कि एक सामाजिक चेतावनी है।
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    Saurabh Singh

    जुलाई 11, 2024 AT 14:19
    तुम सब ये बातें क्यों कर रहे हो? ED के खिलाफ आवाज उठाना बस एक चाल है। जब तक तुम्हारे पास कोई सबूत नहीं है, तब तक तुम बस भावनाओं का इस्तेमाल कर रहे हो।
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    Mali Currington

    जुलाई 12, 2024 AT 01:44
    अरे भाई, ये लोग तो बिल्कुल राजनीति के नाटक में फंस गए हैं। एक बार बयान बदल दिया, फिर दूसरी बार बयान बदल दिया... ये क्या है? बच्चों का खेल?
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    INDRA MUMBA

    जुलाई 12, 2024 AT 11:13
    हम जिस देश में रहते हैं, वहाँ जब तक न्याय का असली अर्थ नहीं समझा जाता, तब तक ये बहसें चलती रहेंगी। एक बयान के बदलाव का मतलब झूठ नहीं, बल्कि दबाव का दर्द हो सकता है। हमें इसे समझना चाहिए।
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    Anand Bhardwaj

    जुलाई 12, 2024 AT 12:08
    क्या कोई यहाँ असली सच ढूंढ रहा है? या फिर सिर्फ अपनी टीम के लिए जोश बढ़ा रहा है? मैं तो बस इंतजार कर रहा हूँ कि कोई दस्तावेज़ डाले जिस पर न्यायाधीश भी चौंक जाए।
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    RAJIV PATHAK

    जुलाई 12, 2024 AT 20:07
    अरे भाई, ये सब लोग अपने आप को लोकनायक समझ रहे हैं। पर असली दुनिया में जब तक बैंक अकाउंट चेक नहीं होता, तब तक ये सब बातें बस ट्वीट हैं।
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    Nalini Singh

    जुलाई 14, 2024 AT 07:30
    यह मामला राष्ट्रीय नैतिकता के प्रति एक गंभीर चुनौती है। जब निजी पीड़ा को राजनीतिक उपकरण बना दिया जाता है, तो न्याय की अवधारणा विकृत हो जाती है।
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    Sonia Renthlei

    जुलाई 14, 2024 AT 20:09
    मैं इस मामले को बहुत गहराई से समझना चाहती हूँ। क्या वाकई एडी के पास कोई साक्ष्य था जिसे उन्होंने बदलने के लिए मजबूर किया? या फिर ये सब एक राजनीतिक योजना थी? मैंने कई ऐसे मामले देखे हैं जहाँ बयान बदले गए थे, लेकिन उनके पीछे की भावनाएँ कभी नहीं सुनी गईं। यहाँ एक बेटा गिरफ्तार हुआ, एक माँ ने आत्महत्या का प्रयास किया - ये सब बस एक बयान के बदलाव से ज्यादा है। ये तो एक परिवार का टूटना है। क्या हम इसकी गहराई को समझ पा रहे हैं? या फिर हम सिर्फ इसे एक खबर के रूप में देख रहे हैं? मैं इसे एक मानवीय आपदा के रूप में देखती हूँ।
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    Aryan Sharma

    जुलाई 15, 2024 AT 18:59
    ED और AAP दोनों ही साजिश कर रहे हैं। ये सब चुनाव से पहले की योजना है। केजरीवाल को गिराने के लिए एक बेटे को फंसाया गया। ये अमेरिका जैसा है - सब कुछ बनाया जाता है।
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    Devendra Singh

    जुलाई 16, 2024 AT 02:51
    क्या आप लोगों को पता है कि ये बयान बदलने का मामला भारतीय अपराध न्याय प्रणाली में एक बहुत ही सामान्य घटना है? जब तक तुम अपने आप को न्याय का अधिकारी नहीं बनाते, तब तक तुम सिर्फ एक जनता हो जो फेक न्यूज़ पर विश्वास करती है।
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    UMESH DEVADIGA

    जुलाई 16, 2024 AT 19:29
    मैं तो इस मामले में सिर्फ एक बात देख रहा हूँ - एक माँ का आत्महत्या करने का प्रयास। ये कोई राजनीति नहीं, ये तो एक त्रासदी है। अरविंद केजरीवाल के बारे में बात करने के बजाय, इस बात पर ध्यान दो।
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    Roshini Kumar

    जुलाई 18, 2024 AT 10:03
    ED ne kaha ki ye bayaan bilkul galat tha... par ab yehi bayaan sahi hai? ye kaise ho sakta hai? ye toh logon ki yaadon ka khel hai.
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    Siddhesh Salgaonkar

    जुलाई 19, 2024 AT 22:19
    केजरीवाल के लिए ईमानदारी तो बस एक लोगो है। जब तक बैंक बैलेंस नहीं दिखेगा, तब तक ये सब बातें बस एक फिल्म है। 💔 #न्यायचाहिए
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    Arjun Singh

    जुलाई 20, 2024 AT 16:36
    ED की जांच में बहुत सारे गैप हैं। जब एक बयान बदल जाता है, तो यह बताता है कि उसके पीछे कुछ छिपा है। न तो आम आदमी पार्टी और न ही ED ईमानदार हैं।
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    MANJUNATH JOGI

    जुलाई 21, 2024 AT 18:40
    इस मामले में हमें अपनी सांस्कृतिक जड़ों को याद करना चाहिए। भारतीय परिवार में जब कोई सदस्य दबाव में आता है, तो पूरा परिवार झेलता है। यह बयान बदलना एक आध्यात्मिक चेतावनी है - जब न्याय निर्णय निजी दर्द पर आधारित होता है, तो वह न्याय नहीं, बल्कि एक दुर्भाग्य है।