सूनीता केजरीवाल का गंभीर आरोप
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) पर गंभीर आरोप लगाते हुए एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। सुनीता ने एक वीडियो संदेश में दावा किया कि ED ने एनडीए सांसद मागुंता श्रीनिवासन रेड्डी के बेटे को फंसाकर अरविंद केजरीवाल के खिलाफ झूठा बयान दिलवाने के लिए दबाव डाला।
बिलकुल अलग दिखी बयान की सच्चाई
सुनीता केजरीवाल ने बताया कि सांसद मागुंता श्रीनिवासन रेड्डी ने पहले के बयान में कहा था कि उनके और अरविंद केजरीवाल के बीच 16 मार्च 2021 को उनके परिवारिक चैरिटेबल ट्रस्ट को दिल्ली में खोलने के बारे में चर्चा हुई थी। लेकिन ED ने रेड्डी के बेटे राघव मागुंता को गिरफ्तार कर लिया जिसके कारण 17 जुलाई 2023 को अपने बयान को बदल दिया।
पारिवारिक पीड़ा
मागुंता के बदले हुए बयान में उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने उनसे दिल्ली में शराब के कारोबार में शामिल होने की सलाह दी थी और बदले में आम आदमी पार्टी को 100 करोड़ रुपये की पेशकश की थी।
सूनीता ने यह भी बताया कि मागुंता का बयान बदलने के पीछे मुख्य कारण उनके बेटे की गिरफ्तारी और उनके परिवार की दुर्दशा थी। सांसद की पत्नी को आत्महत्या का प्रयास करना पड़ा और उनकी मां की स्वास्थ्य स्थिति भी बिगड़ गई।
ईमानदार नेता की छवि को बचाने की अपील
सूनीता केजरीवाल ने जनता से अपील की है कि वे उनके पति केजरीवाल के साथ खड़े रहें, जिन्हें उन्होंने 'कट्टर ईमानदार' (पूरी तरह से ईमानदार) बताया।
राजनीति में बढ़ता विवाद
इस पूरे मामले ने न केवल दिल्ली की राजनीति में बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी एक नई बहस को जन्म दिया है। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (AAP) की आलोचना की है। वहीं, AAP ने आरोप लगाया कि उनके नेताओं को राजनीतिक प्रतिशोध के चलते निशाना बनाया जा रहा है। इससे एक बार फिर भारतीय राजनीति के गिरते नैतिक स्तर पर चर्चा शुरू हो गई है।
वर्तमान परिप्रेक्ष्य में इस मामले का असर क्या होगा, यह देखना दिलचस्प होगा। लेकिन एक बात स्पष्ट है कि यह विवाद अराजनीतिक कारणों से बहुत गहरा हो गया है और इसमें परिवारों की व्यक्तिगत पीड़ा भी जुड़ी हुई है। ED की गतिविधियों और जांच के तरीकों पर भी सवाल उठ रहे हैं।
जब तक इस मामले में न्यायालय कुछ ठोस निर्णय नहीं देती, तब तक इस मामले का राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव जारी रहेगा।
जनता की भूमिका
इस प्रकरण में जनता की भूमिका भी महत्वपूर्ण हो जाती है। एक तरफ तो आला अधिकारियों और भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसियों पर भरोसा किया जाता है, वहीं दूसरी तरफ जनता को सचेत रहकर सच्चाई की पहचान करना भी जरूरी है। सुनीता केजरीवाल ने अपील की है कि जनता उनके पति के साथ खड़ी रहे और सचाई के पक्ष में समर्थन दे।
क्या यह मामला वास्तव में साजिश है, या फिर कानून का सही पालन हो रहा है, इसका निर्णय तो आने वाले समय में ही स्पष्ट हो पाएगा, लेकिन तब तक इस मामले का असर राजनीति में बना रहेगा।
इस मामले से सीख लेकर, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि राजनीति का यह नया दौर सचाई और ईमानदारी को प्राथमिकता दे, जिससे हमारे देश में निष्पक्षता और पारदर्शिता बनी रहे।
टिप्पणि