भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने आज तक की सबसे चौंकाने वाली चेतावनियां जारी की हैं। साइक्लोन मोंथा के बढ़ते खतरे के चलते महाराष्ट्र के कई जिलों में लाल और पीली चेतावनी जारी की गई है, जबकि पूर्वी तट पर आंध्र प्रदेश, ओडिशा और तमिलनाडु तैयारी में जुट गए हैं। ये चेतावनियां सिर्फ बारिश के लिए नहीं, बल्कि 110 किमी/घंटा तक की तूफानी हवाओं और बिजली के झटकों के लिए हैं। जहां एक तरफ मुंबई और ठाणे में लोग छतों के नीचे छिप रहे हैं, वहीं विदर्भ के किसान अपने फसलों को बचाने के लिए चौकस हैं।
महाराष्ट्र में चेतावनियों का विस्तार
लाल चेतावनी (ऑरेंज) डूले, नंदुरबार और नाशिक जिलों के लिए जारी की गई है। यहां 27 अक्टूबर से 28 अक्टूबर तक बारिश के साथ बिजली गिरने की संभावना है, और कुछ जगहों पर हवाएं 50 किमी/घंटा तक पहुंच सकती हैं। नाशिक में तो भारी बारिश की भी चेतावनी है — ऐसा नहीं हुआ है कि इस जिले में पिछले दो साल में इतनी तीव्र बारिश हुई हो। जबकि मुंबई, ठाणे और पालघर के लिए पीली चेतावनी है, जहां अचानक बारिश और बिजली के झटके लोगों को घरों से बाहर निकलने से रोक रहे हैं।
यहां तक कि मुंबई के तटीय क्षेत्रों में भी समुद्र का स्तर बढ़ रहा है। एक स्थानीय मछुआरा ने कहा, “हमने अपनी नावें बंदरगाह पर बांध दी हैं। अगर ये तूफान बर्बर हुआ, तो कुछ नावें तो नष्ट हो जाएंगी।” ऐसा लग रहा है कि यह साइक्लोन सिर्फ एक मौसमी घटना नहीं, बल्कि एक बड़े जलवायु बदलाव का संकेत है।
विदर्भ के लिए नया खतरा
सबसे चिंताजनक बात यह है कि वैज्ञानिक प्रवीण कुमार ने नागपुर से एक अपडेट दिया — विदर्भ के आठ जिलों, जिनमें चंद्रपुर, गढ़चिरोली, नागपुर और यवतमाल शामिल हैं, के लिए पीली चेतावनी जारी की गई है। 28 से 30 अक्टूबर तक यहां मध्यम से भारी बारिश की उम्मीद है। यह बात खास तौर पर उन किसानों के लिए चिंताजनक है जिन्होंने अभी हाल ही में बारिश के बाद बीज बोए हैं।
कुमार ने कहा, “मोंथा अभी बंगाल की खाड़ी में है, लेकिन यह उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है और 28 अक्टूबर की सुबह तक एक गंभीर साइक्लोनिक तूफान में बदल जाएगा।” इसका मतलब है कि महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र को अप्रत्याशित तरीके से भी नुकसान हो सकता है — यह तूफान सीधे नहीं आ रहा, लेकिन उसके चक्रवाती प्रभाव यहां तक पहुंच रहे हैं।
पूर्वी तट पर तैयारियां तेज
28 अक्टूबर की शाम को, साइक्लोन मोंथा का अनुमानित भूमि संपर्क काकिनाडा के आसपास होने वाला है। यहां तक कि आंध्र प्रदेश के राज्य स्तरीय आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम ने भी अपने अस्पतालों को तैयार कर लिया है। ओडिशा के अधिकारियों ने 2 लाख से अधिक लोगों को अस्थायी शिफ्टिंग सेंटर्स में भेज दिया है। तमिलनाडु के तटीय क्षेत्रों में भी नौकाएं बंदरगाहों पर बांध दी गई हैं।
IMD के अनुसार, इस तूफान की अधिकतम गति 100 किमी/घंटा होगी, जो एक गंभीर साइक्लोनिक तूफान की परिभाषा है। यह गति बारिश के साथ जुड़कर बाढ़, भूस्खलन और बिजली के खंभों के गिरने का खतरा बढ़ा देती है। यह वही तूफान है जिसने 2020 में ओडिशा के कोरापुट जिले में 47 लोगों की जान ले ली थी। क्या हम उसी त्रासदी को दोहरा रहे हैं?
पिछले अनुभव और आज का अंतर
2018 में जब साइक्लोन लोकेश ने महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र को तबाह किया था, तब बारिश के बाद बाढ़ ने दो दिन तक सड़कों को बंद कर दिया था। लेकिन आज की स्थिति अलग है। IMD के पास अब अधिक सटीक डेटा है, जिससे चेतावनियां अधिक समय पहले जारी की जा सकती हैं। लेकिन क्या यह अच्छा है? जब तक लोग इन चेतावनियों को गंभीरता से नहीं लेते, तब तक डेटा बेकार है।
2024 में बिहार में बाढ़ के दौरान लोगों ने चेतावनियों को नजरअंदाज किया था — और फिर नुकसान हुआ। आज भी क्या हम उसी गलती को दोहरा रहे हैं? क्या नागपुर के एक वैज्ञानिक की चेतावनी से अधिक लोग जाग जाएंगे?
अगले कदम क्या हैं?
IMD ने अगले 48 घंटों के लिए अपडेट जारी करने का वादा किया है। लेकिन राज्य सरकारों को अब तैयारी के बाद नियंत्रण के लिए भी तैयार होना होगा। बारिश के बाद बाढ़, बिजली की कटौती, और बीमारियों का फैलाव — ये सब अगले चरण के खतरे हैं। अस्पतालों में दवाइयां और आपातकालीन टीमें तैयार हैं, लेकिन क्या वे बारिश के बाद भी उपलब्ध रहेंगी?
पिछले साल का संदर्भ
2024 में, साइक्लोन बुर्कुल ने तमिलनाडु के तटीय क्षेत्रों को नुकसान पहुंचाया था। उस समय भी IMD ने लाल चेतावनी जारी की थी। लेकिन जब तूफान कमजोर हो गया, तो लोगों ने अपनी सावधानी छोड़ दी — और बाद में बाढ़ ने नुकसान किया। आज के लिए यही निशाना है: चेतावनी जारी हो गई है, अब लोगों को जागना होगा।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
साइक्लोन मोंथा के कारण महाराष्ट्र में कौन-कौन से जिले प्रभावित हो रहे हैं?
लाल चेतावनी (ऑरेंज) डूले, नंदुरबार और नाशिक जिलों के लिए जारी है। पीली चेतावनी मुंबई, ठाणे, पालघर और विदर्भ के आठ जिलों — चंद्रपुर, गढ़चिरोली, वर्धा, वाशिम, यवतमाल, भंडारा, गोंडिया और नागपुर — के लिए है। यहां भारी बारिश, बिजली और 40-50 किमी/घंटा की तूफानी हवाएं उम्मीद हैं।
साइक्लोन मोंथा कब और कहां तट पर टकराएगा?
साइक्लोन मोंथा 28 अक्टूबर, 2025 की शाम या रात को आंध्र प्रदेश के काकिनाडा और कलिंगपटनम के बीच तट पर टकराने की उम्मीद है। इसकी अधिकतम गति 100 किमी/घंटा होगी, जो एक गंभीर साइक्लोनिक तूफान के लिए पर्याप्त है। इसके बाद यह उत्तर की ओर बढ़ सकता है।
विदर्भ को सीधे प्रभावित क्यों किया जा रहा है, जबकि साइक्लोन पूर्वी तट पर है?
हालांकि साइक्लोन बंगाल की खाड़ी में है, लेकिन उसके चक्रवाती प्रभाव उत्तर की ओर फैल रहे हैं। विदर्भ क्षेत्र इसके उत्तरी भाग के स्पर्श बिंदु पर है। यहां निरंतर नॉर्थईस्ट मॉनसून हवाएं भी बारिश को बढ़ा रही हैं। इसलिए यहां भी भारी बारिश की उम्मीद है।
क्या यह साइक्लोन पिछले साल के बुर्कुल जैसा है?
नहीं। बुर्कुल 2024 में तमिलनाडु के तट पर टकराया था, जबकि मोंथा बंगाल की खाड़ी से निकलकर आंध्र प्रदेश की ओर बढ़ रहा है। मोंथा की गति अधिक है, और इसका असर अधिक विस्तृत है — यह तटीय क्षेत्रों के साथ-साथ आंतरिक जिलों तक पहुंच रहा है।
आम नागरिक क्या कर सकता है?
घरों में रहें, बारिश और बिजली के झटकों के दौरान बाहर न निकलें। आपातकालीन संपर्क नंबर और आपातकालीन आपूर्ति (पानी, दवाएं, बैटरी) तैयार रखें। अगर आप तटीय क्षेत्र में रहते हैं, तो अस्थायी शिफ्टिंग सेंटर में जाने के लिए तैयार रहें। अपने परिवार के साथ योजना बनाएं — बारिश के बाद भी जागरूक रहें।
IMD की चेतावनियां कितनी भरोसेमंद हैं?
IMD की भविष्यवाणियां अब अधिक सटीक हैं — उनके पास उपग्रह डेटा, हाई-रेजोल्यूशन मॉडल और डिजिटल अलर्ट सिस्टम हैं। लेकिन चेतावनी की सटीकता नहीं, बल्कि उसकी प्रतिक्रिया निर्धारित करती है। अगर लोग इन्हें नजरअंदाज करते हैं, तो भले ही डेटा सही हो, नुकसान हो सकता है।
Ajay baindara
अक्तूबर 28, 2025 AT 09:01ये सब चेतावनियां बस दिखावा है! IMD के पास तो हर साल ऐसा ही कुछ होता है, लेकिन जब तूफान आता है तो कोई नहीं बचता। लोग घरों में बैठे हैं, लेकिन सरकार कहाँ है? बाढ़ के बाद जब नालियाँ बंद हो जाएंगी, तब तुम लोग फिर से ट्वीट करोगे।
mohd Fidz09
अक्तूबर 30, 2025 AT 05:33अरे भाई! ये साइक्लोन मोंथा नहीं, ये तो अमेरिका का जाल है! 🌪️🇺🇸 जानबूझकर भारत के तटीय इलाकों को तबाह करने की साजिश है! आप लोग देख रहे हो न? हर साल कुछ न कुछ नया बनाते हैं - अब ये 'जलवायु बदलाव' का नाटक! हमारे पास तो अपने गुरु हैं, जो बताते हैं कि बारिश तो ब्रह्मा का आशीर्वाद है! 😤🔥
suraj rangankar
अक्तूबर 30, 2025 AT 11:11सब लोग बैठे हैं, लेकिन क्या तुमने अपनी बारिश की बाल्टी तैयार की? 🚨💧 अगर तुम्हारे घर में पानी नहीं है, तो अभी भर लो! बैटरी चार्ज कर लो! दवाइयाँ तैयार कर लो! अपने पड़ोसी को भी याद दिला दो! ये तूफान तो आएगा ही - लेकिन तुम तैयार हो या नहीं? जागो भाई! अभी भी देर नहीं हुई! 💪