पंजाब लोकसभा चुनाव 2024: BJP की बढ़त, SAD की गिरावट?
2024 के पंजाब लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) बेहद मजबूत स्थिति में उभरती नजर आ रही है। इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया के ताजा एग्जिट पोल के अनुसार, BJP अपने पूर्व सहयोगी शिरोमणि अकाली दल (SAD) से बेहतर प्रदर्शन कर सकती है। जहां एक ओर BJP को 26% वोट मिलने का अनुमान है, वहीं SAD को सिर्फ 20% वोट मिलने की संभावना है। यह आंकड़े 2019 के मुकाबले पूर्ण बदलते समीकरणों की ओर इशारा कर रहे हैं।
SAD की स्थिति में गिरावट
पारंपरिक रूप से SAD पंजाब में 13 में से 10 सीटों पर चुनाव लड़ती थी, जबकि BJP को 3 सीटें मिलती थीं। लेकिन किसानों के मुद्दों पर दोनों पार्टियों के बीच हुए मतभेद के बाद 2024 के चुनाव में दोनों ही पार्टियां सभी 13 सीटों पर अलग-अलग चुनाव लड़ रही हैं। इससे SAD की स्थिति में काफी गिरावट आई है। 2019 में जहां SAD को 27% वोट मिले थे, वहीं इस बार उसे सिर्फ 20% वोट ही मिलने की संभावना है।
कांग्रेस का दबदबा, AAP की स्थिति
एग्जिट पोल के अनुसार कांग्रेस पार्टी पंजाब में सबसे ज्यादा सीटें जीतने की स्थिति में है। कांग्रेस को 7 से 9 सीटें मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। वहीं 2022 के विधानसभा चुनावों में 92 सीटें जीतने वाली आम आदमी पार्टी (AAP) लोकसभा चुनाव में सिर्फ दो सीटों तक सिमट सकती है।
इस बीच, BJP के वोट प्रतिशत में बढोतरी देखने को मिल रही है। 2019 के चुनाव में मात्र 9% वोट पाने वाली BJP इस बार 26% वोट प्राप्त कर सकती है। सीटों की गणना की बात करें तो BJP 2 से 4 सीटें जीत सकती है, जबकि SAD को सिर्फ 2 से 3 सीटें मिलने की संभावना है।
मुख्य हस्तियां और उम्मीदवार
इस चुनाव में प्रमुख उम्मीदवारों में Sukhbir Singh Badal और Harsimrat Kaur Badal (SAD), Captain Amarinder Singh (पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान BJP नेता), Sunil Jakhar (कांग्रेस), Ravneet Bittu (कांग्रेस) और Preneet Kaur (कांग्रेस) शामिल हैं। पंजाब की जनता की नजरें इन प्रमुख उम्मीदवारों पर टिकी हुई हैं।
अंततः, सभी की निगाहें 4 जून को आने वाले अंतिम परिणामों पर टिकी हुई हैं, जब देखा जाएगा कि पंजाब के मतदाताओं ने किस पार्टी को अपना समर्थन दिया है। चुनावी माहौल और राजनीतिक समीकरण में इस बार कई बदलाव देखने को मिल रहे हैं, जो आने वाले दिनों में स्पष्ट होंगे।
चुनावी क्षेत्र और मुद्दे
पंजाब में इस बार चुनावी मुद्दे काफी हद तक किसानों के मुद्दों और विकास पर केंद्रित रहे हैं। किसान आंदोलन के बाद से SAD और BJP के रास्ते अलग हो गए थे, जिससे पंजाब में दोनों पार्टियों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। इसके अलावा नौकरी, शिक्षा, और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे भी चुनाव में अहम साबित हो रहे हैं।
समাজित और धार्मिक भावनाओं का भी इस चुनाव में बड़ा प्रभाव है। हर पार्टी इन मुददों पर ध्यान केंद्रित कर रही है और अपने प्रचार में जोर-शोर से इनका उपयोग कर रही है।
पंजाब के विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में जैसे अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, पटियाला और भठिंडा आदि में कांग्रेस और BJP के बीच सीधी टक्कर होती दिखाई दे रही है। वहीं दूसरी ओर SAD भी अपनी रणनीति से मैदान में डटी हुई है। AAP ने भी कुछ क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत करने का प्रयास किया है, लेकिन उन्हें विधानसभा चुनावों जैसी सफलता मिलती नजर नहीं आ रही है।
जनता की राय और उम्मीदें
पंजाब की जनता इस बार काफी उत्साहित है और चुनावी माहौल में सक्रिय भागीदारी कर रही है। लोगों का मानना है कि वे इस बार ऐसे प्रतिनिधियों को चुनना चाहते हैं जो उनके मुद्दों को सही तरीके से उठाएं और हल करें। खासकर युवा वर्ग में इस बार चुनाव को लेकर काफी दिलचस्पी देखी जा रही है, और वे चाहते हैं कि शिक्षा, रोज़गार, और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हो।
लगातार बदलते राजनीतिक समीकरणों और जनता की बढ़ती उम्मीदों के बीच यह देखना दिलचस्प होगा कि पंजाब में किस पार्टी को सत्ता मिलती है और वे किस प्रकार राज्य के विकास और कल्याण के अपने वादों को पूरा करते हैं।
कुल मिलाकर, 2024 का यह चुनाव कई मायनों में अहम साबित हो सकता है, क्योंकि यह राज्य की राजनीति की दिशा निर्धारित करेगा और जनता की समस्याओं का समाधान लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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