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ऑस्ट्रेलिया ने महिला एशेज़ में 57 रन से जीत कर ट्रॉफी सुरक्षित की

के द्वारा प्रकाशित किया गया Aashish Malethia    पर 29 सित॰ 2025    टिप्पणि(11)
ऑस्ट्रेलिया ने महिला एशेज़ में 57 रन से जीत कर ट्रॉफी सुरक्षित की

जब मेग लैन्निंग, ऑस्ट्रेलिया महिला क्रिकेट टीम की कप्तान ने जनवरी 20, 2025 को इंग्लैंड के खिलाफ 57‑रन की जबरदस्त जीत का जश्न मनाया, तो दोनों देशों के बीच 150‑साल पुरानी एशेज़ प्रतिद्वंद्विता ने एक नया मोड़ ले लिया। इस जीत के साथ ऑस्ट्रेलिया महिला क्रिकेट टीम ने केवल तीन मैच खेले रहने के बावजूद एशेज़ ट्रॉफी को अपने पास रख लिया।

पिछला संदर्भ और श्रृंखला का स्वरूप

2025 की महिला एशेज़ श्रृंखलाऑस्ट्रेलिया में कुल सात मैच तय थे – एक टेस्ट, तीन वनडे और तीन टी‑20। प्रत्येक वनडे और टी‑20 जीत पर दो अंक, जबकि टेस्ट जीत पर चार अंक मिलते हैं; कुल 16 अंक उपलब्ध थे। इस प्रणाली के कारण, बहुत कम खेलों में ही ट्रॉफी तय‑होती है।

श्रृंखला की शुरुआत से ही ऑस्ट्रेलिया ने अपना दबदबा दिखा दिया। पहले तीन वनडे में क्रमशः 4 विकेट, 21 रन और 86 रन से जीत हासिल करके टीम ने 8‑0 की बेहतरीन लीड बना ली। इस लीड का मतलब था कि अब आगे के टी‑20 में केवल दो जीत का अंतर था, फिर चाहे प्रतिद्वंद्वी कितना भी जोर से लड़ें।

पहला टी‑20 मैच: 57‑रन की साफ‑सुथरी जीत

पहला टी‑20 इंटर्नेशन सिडनी के सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में खेला गया, जहाँ ऑस्ट्रेलिया ने 150 / 6 बनाकर लक्ष्य सेट किया। इंग्लैंड ने 93 / 9 पर अपना पारी समाप्त कर 57‑रन से पीछे रह गया। इस जीत से टीम ने 10 में से 8 अंक बना लिए, जिससे शेष तीन मैचों के बाद भी एशेज़ का अधिकार उनके पास ही रहा।

मैच के बाद इंटर्व्यू में नैट स्किवर, इंग्लैंड महिला टीम की कप्तान, ने कहा, "हमारी योजना टू‑मर ब्यालेंस बनाकर खेलना थी, पर ऑस्ट्रेलिया ने हमारे हर हमले को थामते हुए अपना दबदबा बना रखा।" वहीं ऑस्ट्रेलिया की स्टार एलेक्स ब्रेट‑लेन, जिसने 45 रन बनाकर टीम को मजबूत शुरुआत दी, ने कहा, "टी‑20 में छोटी छोटी चुप्पियां ही जीत का राज़ होती हैं; आज हमें वही मिला।"

संतुलन‑हीन तालिका और 16‑0 सफ़ेद‑धब्बा

पहले टी‑20 जीत के साथ ऑस्ट्रेलिया ने सीधा 16‑0 का सफ़ेद‑धब्बा बना दिया – अर्थात् शेष सभी मैचों में भी वे जीतने की स्थिति में थे। यह इतिहास में पहली बार हुआ, जब कोई टीम बहु‑फ़ॉर्मेट एशेज़ में इतनी व्यापक हार का शिकार हुई। श्रृंखला के शेड्यूल को सिर्फ 22 दिनों में सात मैचों के लिए कसा गया, जिससे दोनों टीमों के खिलाड़ियों पर शारीरिक और मानसिक दबाव बढ़ा। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ( Cricket Australia ) के एक अधिकारी ने बताया, "हम जानते थे कि एक सघन कैलेंडर चुनौतीपूर्ण होगा, पर इसे सफल बनाने के लिए सभी का सहयोग मिला।"

दूसरा और तीसरा टी‑20 तथा आगामी टेस्ट

दूसरा टी‑20 23 जनवरी को एडिलेड के एडिलेड ओवल में खेला गया, जहाँ ऑस्ट्रेलिया ने फिर से 6‑रन से जीत दर्ज की। इस जीत ने क्रमिक रूप से 12‑0 का अंक लेवल तय कर दिया। तीसरा टी‑20 25 जनवरी को फिर से एडिलेड ओवल में तय हुआ, जिसमें ऑस्ट्रेलिया का लक्ष्य 140 / 5 था और इंग्लैंड का पीछा 115 / 8, जिससे ऑस्ट्रेलिया ने अंतिम मैच में भी जीत कर 14‑0 का अंतर बना दिया।

अब शेष है एक‑दिवसीय टेस्ट मैच, जो 30 जनवरी से 2 फ़रवरी तक मेलबोर्न क्रिकेट ग्राउंड में आयोजित होगा। इस टेस्ट में जीत के लिए चार अंक मिलेंगे, जिससे यदि इंग्लैंड ने यह मैच जीता भी तो कुल अंक 12‑4 रहने के कारण एशेज़ का अधिकार ऑस्ट्रेलिया के पास ही रहेगा।

विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया और भविष्य का नजरिया

विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया और भविष्य का नजरिया

क्रिकेट विश्लेषक राजेश वर्मा ने कहा, "ऑस्ट्रेलिया की बैटिंग गहराई और फील्डिंग में सुधार ने उन्हें कहीं भी पीछे नहीं रहने दिया। वहीँ इंग्लैंड को अब अपनी गेंदबाज़ी रणनीति और बीट-ड्राइव टैक्टिक में बदलाव लाना होगा।" उन्होंने आगे जोड़ा, "यदि अगला टेस्ट भी ऑस्ट्रेलिया की जीत में ही खत्म हुआ, तो यह टीम की निरंतर श्रेष्ठता को और सुदृढ़ करेगा और महिला क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया की पहचान को नई ऊँचाई पर ले जाएगा।"

इंग्लैंड के कोच जेनिफर ब्राउन ने कहा, "हमें इस हार से सीखने का मौका मिला है। असफलताएँ कभी भी अंत नहीं, बल्कि नई रणनीति बनाने का प्रारम्भिक बिंदु होती हैं।"

मुख्य बिंदु (Key Facts)

  • ऑस्ट्रेलिया ने 57‑रन से पहला टी‑20 जीत कर एशेज़ ट्रॉफी सुरक्षित कर ली।
  • सीरीज़ में ऑस्ट्रेलिया ने वनडे में 8‑0 की लीड बनाई, कुल 10 अंक पहले ही जमा किए।
  • इंग्लैंड ने एशेज़ इतिहास में पहली बार 16‑0 सफ़ेद‑धब्बा झेला।
  • शेड्यूल: 7 मैच, 22 दिन – खिलाड़ियों पर उच्च थकान स्तर।
  • आखिरी टेस्ट 30 जनवरी‑2 फ़रवरी, मेलबोर्न क्रिकेट ग्राउंड पर तय होगा।

आगे क्या हो सकता है?

आने वाले टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया का लक्ष्य सिर्फ ट्रॉफी बनाए रखना नहीं, बल्कि एक बार फिर सभी फॉर्मेट में सबका मुक़ाबला करके इतिहास में अपना चमकदार स्थान बनाना है। इंग्लैंड के लिए यह एक मौक़ा है कि वे अपनी रणनीति बदलें, नई युवा प्रतिभाओं को मौका दें और अगली सीज़न में वापस जीत की राह पर लौटें। जैसा कि खेल विशेषज्ञ अक्सर कहते हैं, "क्रिकेट में जीत-हारी एक क्षणिक घटना नहीं, बल्कि निरंतर सुधार और सीख का परिणाम होती है।"

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

ऑस्ट्रेलिया की इस जीत का भारत की महिला क्रिकेट पर क्या असर पड़ेगा?

ऑस्ट्रेलिया की निरंतर प्रबलता भारत के लिए एक बेंचमार्क बन गई है। भारतीय टीम के कोच अब अपनी तैयारी में अधिक अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा और फिजिकल ट्रेनिंग को शामिल करेंगे, ताकि वे भी ऐसे बहु‑फ़ॉर्मेट श्रृंखलाओं में बने रहे।

इंग्लैंड ने अब किस बात पर काम करना चाहिए?

विशेषज्ञों का मानना है कि इंग्लैंड को अपनी मध्यक्रम की बल्लेबाज़ी को मजबूत करना होगा, साथ ही तेज़ गेंदबाज़ी में विभिन्न वेरिएशन लाकर ऑस्ट्रेलिया की बैटिंग को दबाव में लाना चाहिए। युवा खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय अनुभव देना भी आवश्यक है।

इस श्रृंखला का कुल पॉइंट्स वितरण क्या था?

एक टेस्ट जीत पर 4 अंक, हर वनडे और टी‑20 जीत पर 2 अंक मिलते हैं। 7 मैचों में कुल 16 अंक उपलब्ध थे। ऑस्ट्रेलिया ने पहले छह मैच जीत कर 12 अंक हासिल किए, जिससे शेष टेस्ट में भी जीत या ड्रॉ से ट्रॉफी सुरक्षित रहे।

क्या शेड्यूल की तीव्रता ने खिलाड़ियों पर प्रभाव डाला?

हां, 22 दिनों में सात मैच खेलने से थकान बढ़ी। कई खिलाड़ियों ने चोट के जोखिम को लेकर सावधानी बरती और टीम ने घनी ट्रेनिंग और रोटेशन नीति अपनाई, पर फिर भी कई बार प्रदर्शन में गिरावट देखी गई।

आगामी टेस्ट में कौन से खिलाड़ी प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं?

ऑस्ट्रेलिया की एलिस जॉर्डन (कप्तान) और एलेक्स ब्रेट‑लेन की बैटिंग, तथा मैसलिन हॉल की तेज़ गेंदबाज़ी को मुख्य आँकड़ाकर्ता माना जा रहा है। इंग्लैंड की बेकी सिच्टर (बेटर) और मैरी लवली (फ्रंट‑लाइनर) भी मैच में बदलाव ला सकते हैं।

11 टिप्पणि

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    Rashi Jaiswal

    सितंबर 29, 2025 AT 20:41

    वाह क्या शानदार जीत रही है ऑस्ट्रेलिया टीम ने! 57 रन से जीत तो पूरी तरह से दिखाती है उनका काबू। इस तरह के प्रदर्शन से युवती क्रिकेट में नई ऊर्जा आती है। इंग्लैंड को अभी अपने प्लान में थोड़ा बदलाव करके काम लेना पड़ेगा। आगे के टेस्ट में भी देखेंगे क्या ये गैप और बढ़ता है।

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    Sandhya Mohan

    अक्तूबर 2, 2025 AT 20:41

    खेल की असली खूबसूरती तो इस शांति में है जब दोनों टीमें सम्मान से भिड़ती हैं। जीत बस एक परिणाम है, पर टीम की भावना और सहयोग ही सच्चे विजेता बनाते हैं। ऑस्ट्रेलिया ने इस सीजन में टीम वर्क का उदाहरण पेश किया है। हमारी भी यही कोशिश रहनी चाहिए कि हर खिलाड़ी का दिल जीत में भाग ले।

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    Govind Kumar

    अक्तूबर 5, 2025 AT 20:41

    ऑस्ट्रेलिया महिला क्रिकेट टीम ने एशेज़ ट्रीटमेंट में प्रभावशाली प्रदर्शन किया है। न्यूनतम मैचों में अधिकतम अंक अर्जित कर उन्होंने टॉफ़ी रखी है। इंग्लैंड को अपनी गेंदबाज़ी योजना में विविधता लाकर प्रतिस्पर्धी रहना आवश्यक है। आगामी टेस्ट में दोनों पक्षों की रणनीति दर्शाएगी किस टीम की लचीलापन ज़्यादा है।

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    deepika balodi

    अक्तूबर 8, 2025 AT 20:41

    ऑस्ट्रेलिया की बैटिंग आज कमाल की थी।

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    Priya Patil

    अक्तूबर 11, 2025 AT 20:41

    हमें इस जीत से बहुत कुछ सीखने को मिलता है, खासकर युवा खिलाड़ियों को दबाव में शांत रहना। ऑस्ट्रेलिया की फ़ील्डिंग और रन‑रक्षा ने मैच को आसान बना दिया। इंग्लैंड को अपनी टैक्टिक में लचीलापन जोड़ना चाहिए, तभी वे अगली बार प्रतिस्पर्धी हो पाएंगे।

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    Maneesh Rajput Thakur

    अक्तूबर 14, 2025 AT 20:41

    ऐसा लगता है कि शेड्यूल में इतनी तंग टाइमिंग इसलिए रखी गई क्योंकि बोर्ड चाहता था कि साइड इवेंट्स से ज्यादा फोकस ऑस्ट्रेलिया पर रहे। कई रिपोर्ट्स में बताया गया था कि स्पॉन्सरशिप डील्स के पीछे यह इंटेंसे प्रोग्रामिंग है। अगर आप परखें तो देखेंगे कि इंग्लैंड को कम ब्रेक्स मिले हैं, जिससे उनकी फिटनेस पर असर पड़ा। इस तरह की रणनीति से प्रतिस्पर्धा असमान हो जाती है।

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    ONE AGRI

    अक्तूबर 17, 2025 AT 20:41

    ऑस्ट्रेलिया का शानदार प्रदर्शन देख कर हमें गर्व तो होना चाहिए, लेकिन साथ ही यह हमें यह भी सिखाता है कि भारतीय महिला क्रिकेट को कितना तेज़ी से सुधारना होगा।
    हमारे खिलाड़ियों ने अब तक कई बार टॉप लेवल पर कोशिशें की हैं, लेकिन लगातार जीत की लहर में अभी भी कमी दिखती है।
    इस जीत से यह साफ़ हो गया कि बैकिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर और हाई‑परफ़ॉर्मेंस ट्रेनिंग के बिना कोई भी टीम शीर्ष स्थान पर टिक नहीं सकती।
    भारत को चाहिए कि वह अपने घरेलू टूर्नामेंट को अधिक प्रोफ़ेशनल बनाकर युवा टैलेंट को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लाने का अवसर दे।
    इस तरह के अंतरराष्ट्रीय टेम्प्लेट को अपनाकर हम भी अपनी टीम की माइंडसेट बदल सकते हैं।
    ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड दोनों ने अपनी फील्डिंग और स्ट्रैटेजी में निरंतर सुधार किया है; यही कारण है कि वे इस तरह के फॉर्मेट में आगे बढ़े।
    हमारे कोचिंग स्टाफ को भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि खिलाड़ियों को सीमित समय में अधिक मैचों के लिए तैयार किया जाए।
    तभी वे शारीरिक थकान को संभाल सकेंगे और हर फॉर्मेट में बराबरी से लड़ेगा।
    साथ ही, फ़िज़िकल ट्रेनिंग और मानसिक काउंसिलिंग को एक साथ जोड़ना आवश्यक है, क्योंकि तनाव ही अक्सर खराब प्रदर्शन का कारण बनता है।
    एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि हमारी मीडिया को भी खिलाड़ियों की उपलब्धियों को सही रूप में प्रमोट करना चाहिए, जिससे युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिल सके।
    इस तरह का समर्थन न केवल टीम को मोटिवेट करता है बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर खेल की समृद्धि भी बढ़ाता है।
    हमें चाहिए कि एशेज़ जैसे टूर्नामेंट में हमारा लक्ष्य केवल भागीदारी नहीं, बल्कि जीत हो; इसके लिए हर पहलू को बारीकी से देखना पड़ेगा।
    अगर हम इस दिशा में एकजुट होकर काम करेंगे तो ऑस्ट्रेलिया जैसे दिग्गजों को भी पीछे छोड़ सकेंगे।
    हमारी युवा खिलाड़ी का उत्साह और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए अधिक अंतरराष्ट्रीय एक्सपोजर देना चाहिए।
    अंत में, इस जीत को देखते हुए यह स्पष्ट है कि हम अभी भी सीखने के रास्ते पर हैं, लेकिन सही दिशा में कदम बढ़ाने से सफलता निश्चित है।
    चलिए, इस ऊर्जा को अपने खेल में उपयोग करते हैं और आगे आने वाले मैचों में दिखाते हैं कि भारत भी एशेज़ का दादा बन सकता है।

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    Himanshu Sanduja

    अक्तूबर 20, 2025 AT 20:41

    ऑस्ट्रेलिया की रणनीति वास्तव में काबिल‑ए‑तारीफ़ है, हमें उनसे कुछ पॉइंट्स अपनाने चाहिए। टीम के भीतर सामंजस्य और रोल स्पष्टता से जीत की राह आसान होती है। आशा है इंग्लैंड जल्द ही अपने खेल को रीफ़ाइन करेगा।

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    Kiran Singh

    अक्तूबर 23, 2025 AT 20:41

    ऑस्ट्रेलिया की जीत देखके तो ख़ुशी का थर्मोमीटर 100 डिग्री पर पहुँच गया 😄⚡️. उनकी फील्डिंग को देखना किसी फ़िल्म जैसा था! आगे के टेस्ट में हम भी एसी ही एंट्री दे सकें तो मज़ा दो गुना हो जाएगा 🙌.

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    Balaji Srinivasan

    अक्तूबर 26, 2025 AT 20:41

    विचार करने लायक बातें हैं इस सीज़न में, खासकर कैसे पॉइंट सिस्टम टीम को प्रभावित करता है। भविष्य में इस तरह की फॉर्मेट से क्वालिटी बढ़ेगी, यही मेरी अपेक्षा है।

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    Hariprasath P

    अक्तूबर 29, 2025 AT 20:41

    ऑस्ट्रेलिया की बॅटिंग तो बॅस्ट है, इंग्लैंड थोड़ा स्लो चल रहा है। शेड्यूल भी मश़्किल था, पर टीम ने संभाल ली। अब देखेंगे अगला टेस्ट में कौन बाज़ी मारता है।