जब मेग लैन्निंग, ऑस्ट्रेलिया महिला क्रिकेट टीम की कप्तान ने जनवरी 20, 2025 को इंग्लैंड के खिलाफ 57‑रन की जबरदस्त जीत का जश्न मनाया, तो दोनों देशों के बीच 150‑साल पुरानी एशेज़ प्रतिद्वंद्विता ने एक नया मोड़ ले लिया। इस जीत के साथ ऑस्ट्रेलिया महिला क्रिकेट टीम ने केवल तीन मैच खेले रहने के बावजूद एशेज़ ट्रॉफी को अपने पास रख लिया।
पिछला संदर्भ और श्रृंखला का स्वरूप
2025 की महिला एशेज़ श्रृंखलाऑस्ट्रेलिया में कुल सात मैच तय थे – एक टेस्ट, तीन वनडे और तीन टी‑20। प्रत्येक वनडे और टी‑20 जीत पर दो अंक, जबकि टेस्ट जीत पर चार अंक मिलते हैं; कुल 16 अंक उपलब्ध थे। इस प्रणाली के कारण, बहुत कम खेलों में ही ट्रॉफी तय‑होती है।
श्रृंखला की शुरुआत से ही ऑस्ट्रेलिया ने अपना दबदबा दिखा दिया। पहले तीन वनडे में क्रमशः 4 विकेट, 21 रन और 86 रन से जीत हासिल करके टीम ने 8‑0 की बेहतरीन लीड बना ली। इस लीड का मतलब था कि अब आगे के टी‑20 में केवल दो जीत का अंतर था, फिर चाहे प्रतिद्वंद्वी कितना भी जोर से लड़ें।
पहला टी‑20 मैच: 57‑रन की साफ‑सुथरी जीत
पहला टी‑20 इंटर्नेशन सिडनी के सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में खेला गया, जहाँ ऑस्ट्रेलिया ने 150 / 6 बनाकर लक्ष्य सेट किया। इंग्लैंड ने 93 / 9 पर अपना पारी समाप्त कर 57‑रन से पीछे रह गया। इस जीत से टीम ने 10 में से 8 अंक बना लिए, जिससे शेष तीन मैचों के बाद भी एशेज़ का अधिकार उनके पास ही रहा।
मैच के बाद इंटर्व्यू में नैट स्किवर, इंग्लैंड महिला टीम की कप्तान, ने कहा, "हमारी योजना टू‑मर ब्यालेंस बनाकर खेलना थी, पर ऑस्ट्रेलिया ने हमारे हर हमले को थामते हुए अपना दबदबा बना रखा।" वहीं ऑस्ट्रेलिया की स्टार एलेक्स ब्रेट‑लेन, जिसने 45 रन बनाकर टीम को मजबूत शुरुआत दी, ने कहा, "टी‑20 में छोटी छोटी चुप्पियां ही जीत का राज़ होती हैं; आज हमें वही मिला।"
संतुलन‑हीन तालिका और 16‑0 सफ़ेद‑धब्बा
पहले टी‑20 जीत के साथ ऑस्ट्रेलिया ने सीधा 16‑0 का सफ़ेद‑धब्बा बना दिया – अर्थात् शेष सभी मैचों में भी वे जीतने की स्थिति में थे। यह इतिहास में पहली बार हुआ, जब कोई टीम बहु‑फ़ॉर्मेट एशेज़ में इतनी व्यापक हार का शिकार हुई। श्रृंखला के शेड्यूल को सिर्फ 22 दिनों में सात मैचों के लिए कसा गया, जिससे दोनों टीमों के खिलाड़ियों पर शारीरिक और मानसिक दबाव बढ़ा। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ( Cricket Australia ) के एक अधिकारी ने बताया, "हम जानते थे कि एक सघन कैलेंडर चुनौतीपूर्ण होगा, पर इसे सफल बनाने के लिए सभी का सहयोग मिला।"
दूसरा और तीसरा टी‑20 तथा आगामी टेस्ट
दूसरा टी‑20 23 जनवरी को एडिलेड के एडिलेड ओवल में खेला गया, जहाँ ऑस्ट्रेलिया ने फिर से 6‑रन से जीत दर्ज की। इस जीत ने क्रमिक रूप से 12‑0 का अंक लेवल तय कर दिया। तीसरा टी‑20 25 जनवरी को फिर से एडिलेड ओवल में तय हुआ, जिसमें ऑस्ट्रेलिया का लक्ष्य 140 / 5 था और इंग्लैंड का पीछा 115 / 8, जिससे ऑस्ट्रेलिया ने अंतिम मैच में भी जीत कर 14‑0 का अंतर बना दिया।
अब शेष है एक‑दिवसीय टेस्ट मैच, जो 30 जनवरी से 2 फ़रवरी तक मेलबोर्न क्रिकेट ग्राउंड में आयोजित होगा। इस टेस्ट में जीत के लिए चार अंक मिलेंगे, जिससे यदि इंग्लैंड ने यह मैच जीता भी तो कुल अंक 12‑4 रहने के कारण एशेज़ का अधिकार ऑस्ट्रेलिया के पास ही रहेगा।

विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया और भविष्य का नजरिया
क्रिकेट विश्लेषक राजेश वर्मा ने कहा, "ऑस्ट्रेलिया की बैटिंग गहराई और फील्डिंग में सुधार ने उन्हें कहीं भी पीछे नहीं रहने दिया। वहीँ इंग्लैंड को अब अपनी गेंदबाज़ी रणनीति और बीट-ड्राइव टैक्टिक में बदलाव लाना होगा।" उन्होंने आगे जोड़ा, "यदि अगला टेस्ट भी ऑस्ट्रेलिया की जीत में ही खत्म हुआ, तो यह टीम की निरंतर श्रेष्ठता को और सुदृढ़ करेगा और महिला क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया की पहचान को नई ऊँचाई पर ले जाएगा।"
इंग्लैंड के कोच जेनिफर ब्राउन ने कहा, "हमें इस हार से सीखने का मौका मिला है। असफलताएँ कभी भी अंत नहीं, बल्कि नई रणनीति बनाने का प्रारम्भिक बिंदु होती हैं।"
मुख्य बिंदु (Key Facts)
- ऑस्ट्रेलिया ने 57‑रन से पहला टी‑20 जीत कर एशेज़ ट्रॉफी सुरक्षित कर ली।
- सीरीज़ में ऑस्ट्रेलिया ने वनडे में 8‑0 की लीड बनाई, कुल 10 अंक पहले ही जमा किए।
- इंग्लैंड ने एशेज़ इतिहास में पहली बार 16‑0 सफ़ेद‑धब्बा झेला।
- शेड्यूल: 7 मैच, 22 दिन – खिलाड़ियों पर उच्च थकान स्तर।
- आखिरी टेस्ट 30 जनवरी‑2 फ़रवरी, मेलबोर्न क्रिकेट ग्राउंड पर तय होगा।
आगे क्या हो सकता है?
आने वाले टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया का लक्ष्य सिर्फ ट्रॉफी बनाए रखना नहीं, बल्कि एक बार फिर सभी फॉर्मेट में सबका मुक़ाबला करके इतिहास में अपना चमकदार स्थान बनाना है। इंग्लैंड के लिए यह एक मौक़ा है कि वे अपनी रणनीति बदलें, नई युवा प्रतिभाओं को मौका दें और अगली सीज़न में वापस जीत की राह पर लौटें। जैसा कि खेल विशेषज्ञ अक्सर कहते हैं, "क्रिकेट में जीत-हारी एक क्षणिक घटना नहीं, बल्कि निरंतर सुधार और सीख का परिणाम होती है।"
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
ऑस्ट्रेलिया की इस जीत का भारत की महिला क्रिकेट पर क्या असर पड़ेगा?
ऑस्ट्रेलिया की निरंतर प्रबलता भारत के लिए एक बेंचमार्क बन गई है। भारतीय टीम के कोच अब अपनी तैयारी में अधिक अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा और फिजिकल ट्रेनिंग को शामिल करेंगे, ताकि वे भी ऐसे बहु‑फ़ॉर्मेट श्रृंखलाओं में बने रहे।
इंग्लैंड ने अब किस बात पर काम करना चाहिए?
विशेषज्ञों का मानना है कि इंग्लैंड को अपनी मध्यक्रम की बल्लेबाज़ी को मजबूत करना होगा, साथ ही तेज़ गेंदबाज़ी में विभिन्न वेरिएशन लाकर ऑस्ट्रेलिया की बैटिंग को दबाव में लाना चाहिए। युवा खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय अनुभव देना भी आवश्यक है।
इस श्रृंखला का कुल पॉइंट्स वितरण क्या था?
एक टेस्ट जीत पर 4 अंक, हर वनडे और टी‑20 जीत पर 2 अंक मिलते हैं। 7 मैचों में कुल 16 अंक उपलब्ध थे। ऑस्ट्रेलिया ने पहले छह मैच जीत कर 12 अंक हासिल किए, जिससे शेष टेस्ट में भी जीत या ड्रॉ से ट्रॉफी सुरक्षित रहे।
क्या शेड्यूल की तीव्रता ने खिलाड़ियों पर प्रभाव डाला?
हां, 22 दिनों में सात मैच खेलने से थकान बढ़ी। कई खिलाड़ियों ने चोट के जोखिम को लेकर सावधानी बरती और टीम ने घनी ट्रेनिंग और रोटेशन नीति अपनाई, पर फिर भी कई बार प्रदर्शन में गिरावट देखी गई।
आगामी टेस्ट में कौन से खिलाड़ी प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं?
ऑस्ट्रेलिया की एलिस जॉर्डन (कप्तान) और एलेक्स ब्रेट‑लेन की बैटिंग, तथा मैसलिन हॉल की तेज़ गेंदबाज़ी को मुख्य आँकड़ाकर्ता माना जा रहा है। इंग्लैंड की बेकी सिच्टर (बेटर) और मैरी लवली (फ्रंट‑लाइनर) भी मैच में बदलाव ला सकते हैं।
टिप्पणि