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महाराष्ट्र राजनीति में एकनाथ शिंदे के लिए शिवसेना की मजबूत दावेदारी

के द्वारा प्रकाशित किया गया Aashish Malethia    पर 26 नव॰ 2024    टिप्पणि(19)
महाराष्ट्र राजनीति में एकनाथ शिंदे के लिए शिवसेना की मजबूत दावेदारी

महाराष्ट्र मुख्यमंत्री पद के लिए शिवसेना की मजबूत दावेदारी

महाराष्ट्र की राजनीतिक गहमा-गहमी में शिवसेना ने एक बार फिर धर्मनिरपेक्षता और वर्तमान नेतृत्व के मुद्दों को सामने रखकर राजनीतिक केंद्र बिंदु में जगह बनाई है। शिवसेना के आधिकारिक प्रवक्ता नरेश म्हस्के ने कहा कि एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद पर बने रहना चाहिए और इसके पीछे के तर्क में उन्होंने बिहार के राजनीतिक मॉडल का उल्लेख किया, जहां जद(यू) के नेता नीतीश कुमार को भाजपा से अधिक सीटें प्राप्त करने के बावजूद मुख्यमंत्री बने रहने दिया गया था।

शिवसेना की मांग और उसके पीछे की विचारधारा

म्हस्के ने यह तर्क देते हुए शिवसेना की मांग को मौलिक तरीके से प्रस्तुत किया कि एकनाथ शिंदे का नेतृत्व महाराष्ट्र की राजनीति में एक प्रमुख भूमिका निभा चुका है। उनके नेतृत्व में महायूति गठबंधन ने विजयी प्रदर्शन किया और सर्वेक्षणों में शिंदे की लोकप्रियता साफ झलकती है।

प्रस्तावित गठबंधन में, भाजपा ने 132 सीटें जीती हैं और देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने की जोर-शोर से कोशिश कर रही है, जबकि शिवसेना के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने शिंदे के समर्थन में कई समारोह और पूजा का आयोजन किया है।

एकनाथ शिंदे के इस्तीफा और नया मुख्यमंत्री चुनने की पहल

हालांकि, शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन उन्हें महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन द्वारा नई सरकार के गठन तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में जारी रहने के लिए कहा गया है। राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है और अगले मुख्यमंत्री का निर्णय जल्द ही संभव है।

शिवसेना ने स्पष्ट कर दिया कि उनका समर्थन शिंदे के साथ है और वे उन्हें ही मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। इसके साथ ही, राजनीतिज्ञों का मानना है कि अगर भाजपा और शिवसेना में विचार विमर्श सफल होता है, तो 1 दिसंबर को नयी सरकार का शपथ ग्रहण समारोह डिजाइिल से सम्पन्न हो सकता है, जिसमें भाजपा के 10, शिवसेना के 6 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के 4 मंत्री शामिल हो सकते हैं।

राजनीतिक परिस्थितियों और शिवसेना का भविष्य

इस राजनीतिक दौर में, महायूति गठबंधन ने नेतृत्व की जटिलताओं से ऊपर उठकर अनेकों अवसरों को चिन्हित किया है। राज्य की राजनीति में ताजातरीन फैसलों के बाद, यह देखा जाना बाकी है कि राजनीति के इस खेल में किस तरह से शिवसेना अपना स्थान बनाए रखती है। शिवसेना की शक्ति और शिंदे का करिश्मा राज्य की राजनीति में स्थायीत्व लाने की दिशा में प्रयासरत है।

यह पूरी प्रक्रिया अधिकतम जुड़ाव और समर्थन का आह्वान करती है। शिवसेना की दृढ़ता निश्चित रूप से महाराष्ट्र की राजनीति के परिदृश्य को नया रूप देने के लिए तैयार है, जो केंद्र में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व को महत्वपूर्ण मानते हैं।

19 टिप्पणि

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    Anand Bhardwaj

    नवंबर 28, 2024 AT 09:44
    एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने की बात कर रहे हो, लेकिन भाजपा के 132 सीटें हैं। ये राजनीति है या रिश्तेदारी का खेल?
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    INDRA MUMBA

    नवंबर 28, 2024 AT 20:01
    मुझे लगता है कि शिंदे का नेतृत्व असली जमीनी स्तर पर काम करता है। वो न सिर्फ बातें करते हैं, बल्कि घर-घर जाकर सुनते हैं। बिहार का मॉडल तो बिल्कुल सही उदाहरण है - जहां सीटों से ज्यादा महत्व नेतृत्व का होता है। शिवसेना के लोग अपनी जड़ों से जुड़े हुए हैं।
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    RAJIV PATHAK

    नवंबर 29, 2024 AT 11:27
    ओहो... एक बार फिर राजनीति में 'करिश्मा' की बात कर रहे हो। जब तक आपके पास बैंक बैलेंस नहीं होगा, तब तक करिश्मा बस एक शब्द है। अब तो नीतीश कुमार के लिए भी वो ही बातें होती हैं - लेकिन उनके पास भी नहीं है जो आप बता रहे हैं।
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    Nalini Singh

    नवंबर 30, 2024 AT 10:04
    इस राजनीतिक घटनाक्रम को समझने के लिए एक संरचित विश्लेषण आवश्यक है, जिसमें सामाजिक संरचना, जनता के विश्वास के स्तर, और गठबंधनीय लाभों का विस्तृत अध्ययन शामिल हो। शिवसेना की दावेदारी केवल नेतृत्व के व्यक्तिगत गुणों पर निर्भर नहीं है, बल्कि इसका संदर्भ राज्य के इतिहास और गणतंत्रीय प्रथाओं से जुड़ा है।
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    Sonia Renthlei

    दिसंबर 1, 2024 AT 00:57
    मुझे लगता है कि शिंदे के नेतृत्व के पीछे बहुत सारी छोटी-छोटी बातें हैं जो लोग नहीं देखते। जैसे उनका गांव में जाकर बात करना, बच्चों को पुस्तकें देना, महिलाओं के साथ बैठकर बातचीत करना। ये सब नहीं तो वो कैसे इतने लोगों के दिलों में बैठ गए? मैंने अपने चाचा को देखा है - वो कहते हैं, 'शिंदे जी को बस एक बात बताओ, वो उसका जवाब दे देते हैं।' ये बातें किसी सर्वेक्षण में नहीं आतीं।
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    Aryan Sharma

    दिसंबर 2, 2024 AT 07:28
    अरे भाई, ये सब तो बस एक बड़ा धोखा है। भाजपा ने शिंदे को अपना बना लिया है, अब वो उनके लिए लड़ रहे हैं। देखोगे, अगले महीने शिंदे भी भाजपा में चले जाएंगे। ये सब नाटक है। बिहार का मॉडल? वहां तो नीतीश कुमार को भी बार-बार उठाया-बिठाया गया है। कोई नेता नहीं, सिर्फ एक बाजार का टेंपर चल रहा है।
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    Devendra Singh

    दिसंबर 3, 2024 AT 05:41
    मुख्यमंत्री का पद नहीं, बल्कि वो व्यक्ति है जिसे आप चाहते हैं। शिंदे को चाहिए तो भाजपा दे दे। लेकिन ये जो बातें कर रहे हो, वो सिर्फ एक जनता के भावनात्मक बंधन को बढ़ाने की कोशिश है। आपके पास डेटा है? या बस एक फोटो जिसमें शिंदे एक बच्चे को गले लगा रहे हैं?
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    UMESH DEVADIGA

    दिसंबर 3, 2024 AT 21:25
    मैं तो बस ये कहना चाहता हूं कि शिंदे के बारे में सब कुछ ठीक नहीं है। वो बातें करते हैं जैसे वो सबकुछ जानते हैं, लेकिन जब देखो तो उनके लोग बस भाजपा के लिए काम कर रहे हैं। ये बातें सब बाहरी झलक हैं। असली दर्द तो उनके गांव वालों का है - जिनको तो पानी भी नहीं मिलता।
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    Roshini Kumar

    दिसंबर 5, 2024 AT 00:41
    एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए? अरे भाई तुम लोगों ने तो अभी तक उनके जन्मदिन का भी नहीं देखा होगा... ये सब तो ट्विटर पर चल रहा है। असली दुनिया में तो लोग बस बिजली और पानी के लिए लड़ रहे हैं। #महाराष्ट्रकीराजनीति #कोईभीनहींबचेगा
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    Siddhesh Salgaonkar

    दिसंबर 5, 2024 AT 14:24
    अगर शिंदे को मुख्यमंत्री बनाना है तो भाजपा को अपनी सीटें छोड़ देनी चाहिए 😅 ये तो बस एक लालच का खेल है। बिहार का मॉडल? वहां तो नीतीश कुमार भी बार-बार बदल रहे हैं... अब तो उनका नाम भी भूल गए हम! 😂 #शिवसेनाकाप्लान #मुख्यमंत्रीबनाओनहींबनाओ
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    Arjun Singh

    दिसंबर 6, 2024 AT 23:52
    ये सब बातें तो बस एक राजनीतिक शो है। भाजपा के पास सीटें हैं, शिवसेना के पास नेतृत्व है - दोनों को मिलाकर एक नया राज्य बनाना है। लेकिन ये तो बस एक टेम्पररी मैरिज है। एक साल बाद फिर लड़ जाएंगे।
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    yash killer

    दिसंबर 7, 2024 AT 22:20
    भारत का नेतृत्व बिहार के नीतीश के लिए नहीं बल्कि भाजपा के लिए है। शिवसेना को अपनी जगह बनानी है तो खुद के लिए लड़ो। शिंदे को बनाना है तो अपनी जनता को बताओ कि वो भाजपा के खिलाफ लड़ रहे हैं। नहीं तो ये सब बकवास है
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    Ankit khare

    दिसंबर 8, 2024 AT 22:18
    एकनाथ शिंदे के बारे में जो बातें कर रहे हो वो सब गलत है। उनके पास कोई विजन नहीं है, बस एक चालाकी है। बिहार का मॉडल? वहां तो लोग भी नीतीश को घृणा करते हैं। तुम लोग तो बस अपनी भावनाओं को राजनीति के नाम पर ढक रहे हो।
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    Chirag Yadav

    दिसंबर 10, 2024 AT 04:28
    मुझे लगता है कि शिंदे को मुख्यमंत्री बनाना सही है। लेकिन इसके लिए भाजपा को भी अपनी जगह देनी होगी। ये बात तो बस एक बातचीत का मुद्दा है। अगर हम सब एक साथ बैठकर बात करें तो ये सब बहुत आसान हो जाएगा।
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    Shakti Fast

    दिसंबर 11, 2024 AT 08:37
    शिंदे जी का नेतृत्व असली है। उनके पास वो दिल है जो बाकी नहीं है। मैं अपनी बहन को बताती हूं - जब वो बाजार में जाती है तो लोग उन्हें बाप जैसा पुकारते हैं। ये तो कोई राजनीति नहीं, ये तो एक बाप का प्यार है।
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    saurabh vishwakarma

    दिसंबर 12, 2024 AT 06:15
    मुख्यमंत्री बनाने की बात कर रहे हो? तो फिर शिवसेना को अपने लोगों को एक बार फिर अपने नाम से जोड़ना चाहिए। नहीं तो ये सब बस एक नाटक है। शिंदे को तो बस एक टीवी चैनल की जरूरत है।
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    MANJUNATH JOGI

    दिसंबर 13, 2024 AT 05:43
    शिंदे के नेतृत्व का महत्व तो बिहार के मॉडल में भी दिखता है। वहां नीतीश कुमार को भाजपा ने बनाया ताकि उनकी जनता की आवाज सुनी जा सके। यही बात महाराष्ट्र में भी है। शिवसेना के लोग बस अपनी जड़ों को बचाना चाहते हैं।
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    Sharad Karande

    दिसंबर 13, 2024 AT 05:43
    राजनीतिक गठबंधन के विश्लेषण में जनता के समर्थन के साथ-साथ संसदीय संरचना, विधानसभा के नियमों, और राज्यपाल के संवैधानिक भूमिका का भी विस्तृत अध्ययन आवश्यक है। शिंदे के नेतृत्व का समर्थन तभी स्थायी होगा जब यह एक संस्थागत विकास के साथ जुड़े।
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    Sagar Jadav

    दिसंबर 14, 2024 AT 22:03
    शिंदे को नहीं। भाजपा को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए।