महाराष्ट्र मुख्यमंत्री पद के लिए शिवसेना की मजबूत दावेदारी
महाराष्ट्र की राजनीतिक गहमा-गहमी में शिवसेना ने एक बार फिर धर्मनिरपेक्षता और वर्तमान नेतृत्व के मुद्दों को सामने रखकर राजनीतिक केंद्र बिंदु में जगह बनाई है। शिवसेना के आधिकारिक प्रवक्ता नरेश म्हस्के ने कहा कि एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद पर बने रहना चाहिए और इसके पीछे के तर्क में उन्होंने बिहार के राजनीतिक मॉडल का उल्लेख किया, जहां जद(यू) के नेता नीतीश कुमार को भाजपा से अधिक सीटें प्राप्त करने के बावजूद मुख्यमंत्री बने रहने दिया गया था।
शिवसेना की मांग और उसके पीछे की विचारधारा
म्हस्के ने यह तर्क देते हुए शिवसेना की मांग को मौलिक तरीके से प्रस्तुत किया कि एकनाथ शिंदे का नेतृत्व महाराष्ट्र की राजनीति में एक प्रमुख भूमिका निभा चुका है। उनके नेतृत्व में महायूति गठबंधन ने विजयी प्रदर्शन किया और सर्वेक्षणों में शिंदे की लोकप्रियता साफ झलकती है।
प्रस्तावित गठबंधन में, भाजपा ने 132 सीटें जीती हैं और देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने की जोर-शोर से कोशिश कर रही है, जबकि शिवसेना के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने शिंदे के समर्थन में कई समारोह और पूजा का आयोजन किया है।
एकनाथ शिंदे के इस्तीफा और नया मुख्यमंत्री चुनने की पहल
हालांकि, शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन उन्हें महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन द्वारा नई सरकार के गठन तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में जारी रहने के लिए कहा गया है। राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है और अगले मुख्यमंत्री का निर्णय जल्द ही संभव है।
शिवसेना ने स्पष्ट कर दिया कि उनका समर्थन शिंदे के साथ है और वे उन्हें ही मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। इसके साथ ही, राजनीतिज्ञों का मानना है कि अगर भाजपा और शिवसेना में विचार विमर्श सफल होता है, तो 1 दिसंबर को नयी सरकार का शपथ ग्रहण समारोह डिजाइिल से सम्पन्न हो सकता है, जिसमें भाजपा के 10, शिवसेना के 6 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के 4 मंत्री शामिल हो सकते हैं।
राजनीतिक परिस्थितियों और शिवसेना का भविष्य
इस राजनीतिक दौर में, महायूति गठबंधन ने नेतृत्व की जटिलताओं से ऊपर उठकर अनेकों अवसरों को चिन्हित किया है। राज्य की राजनीति में ताजातरीन फैसलों के बाद, यह देखा जाना बाकी है कि राजनीति के इस खेल में किस तरह से शिवसेना अपना स्थान बनाए रखती है। शिवसेना की शक्ति और शिंदे का करिश्मा राज्य की राजनीति में स्थायीत्व लाने की दिशा में प्रयासरत है।
यह पूरी प्रक्रिया अधिकतम जुड़ाव और समर्थन का आह्वान करती है। शिवसेना की दृढ़ता निश्चित रूप से महाराष्ट्र की राजनीति के परिदृश्य को नया रूप देने के लिए तैयार है, जो केंद्र में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व को महत्वपूर्ण मानते हैं।
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