जब Lockie Ferguson, New Zealand के तेज़ पेसर ने 1 अप्रैल, 2025 को IPL 2025 के Lucknow Super Giants बनाम Punjab Kings के मैच में 153.2 किमी/घंटा की डिलीवरी फेंकी, तो पूरे क्रिकेट जगत में चर्चा के लहजे उठे। यह गति न सिर्फ इस सीज़न की सबसे तेज़ गेंद बन गई, बल्कि फ़र्गुसन को अभी‑तक के सबसे ऊँचे पेसर में शामिल कर दिया।<\/p>
फ़र्गुसन के बाद भी कई गेंदबाज़ अपनी नीति दिखा रहे हैं। यहाँ इस साल के उन प्रमुख पेसर की सूची है जिन्होंने 150 kph से ऊपर जालाब लगाया: जब हम IPL की पूरी गति‑गाथा देखें तो कुछ नाम हमेशा शीर्ष पर रहते हैं। 2011 में Shaun Tait ने 157.7 kph से रिकॉर्ड तोड़ दिया था, और वही़ एकमात्र ऑस्ट्रेलियन था जिसने इस सीमा को छुआ। फ़र्गुसन स्वयं पहले दूसरे स्थान पर 157.3 kph के साथ स्थापित था, जबकि Umran Malik (Sunrisers Hyderabad) ने 157.0 kph के साथ भारतीय इतिहास में नई ऊँचाई हासिल की। 2024 में Mayank Yadav ने लगातार 156.7 kph‑156.7 kph‑153.9 kph‑153.4 kph की तेज़ गेंदें चलायीं, जिससे इस सीज़न को भी उच्च मानक मिल गया। छक्के‑फूटे आंकड़ों के पीछे BCCI (Board of Control for Cricket in India) ने अत्याधुनिक स्पीड‑गन लगाए हैं। ये उपकरण प्रत्येक आधिकारिक मैच के दौरान बॉल को डिलीवर करते ही मापते हैं और परिणाम को पहले दशमलव तक रिकॉर्ड करते हैं। इस सिस्टम को हर स्टेडियम में समान दूरी पर रखा गया है, जिससे टीमों के बीच निष्पक्षता बनी रहे। क्रिकेट के T20 फॉर्मेट में 150 kph से ऊपर की गेंदें सिर्फ शोर‑गुल नहीं, बल्कि रणनीतिक हथियार हैं। Cricket Times के एक विशेषज्ञ ने कहा, "ऐसी डिलीवरी बैटर की रिडिंग को बिगाड़ देती है, कम समय में रफ़्तार बदल देती है और अक्सर विकेट की ओर ले जाती है।" यही कारण है कि फ्रैंचाइज़ी अपने अनुबंध के दौरान पेसर के स्पीड को प्रमुख मानदंड बनाती हैं। IPL 2025 का समाप्ति दौर मई के अंत में है, और अभी‑तक के आँकड़े दर्शाते हैं कि फ़र्गुसन, आर्चर, राबाडा और नॉर्ट्ज़े के बीच तीव्र प्रतिस्पर्धा जारी रहेगी। यदि कोई नया रिकॉर्ड बनाना चाहे, तो उसे अपने बॉल को 158 kph‑के पार ले जाना पड़ेगा – जो अभी तक नहीं हुआ। आगे के मैदान में ये पेसर अपनी रणनीति बदल सकते हैं, साइड‑सलाम या स्लो बॉल का इस्तेमाल बढ़ा सकते हैं, लेकिन एक चीज़ तय है: तेज़ गेंदबाज़ी का रोमांच अब भी दर्शकों की टीज़र बनाकर रखेगा। 153.2 kph की डिलीवरी ने दिखा दिया कि फ़र्गुसन अभी भी विश्व पेसर रैंकिंग में शीर्ष पर है। यह गति न केवल इस सीज़न की सबसे तेज़ गेंद है, बल्कि 2011 के Shaun Tait के रिकॉर्ड के करीब लाता है, जिससे भारतीय दर्शकों को नई उत्सुकता मिलती है। हाँ, Prasidh Krishna ने 21 अप्रैल, 2025 को 150 kph से ऊपर गेंदबाज़ी कर के एकमात्र भारतीय पेसर बनना सिद्ध किया, जो भारतीय तेज़ गेंदबाज़ी के इतिहास में नई मील का पत्थर है। तेज़ गति वाले बॉल बैटर की टाइमिंग को बिगाड़ते हैं, रिफ़्लेक्स को घटाते हैं और अक्सर अंडरएंगल के कारण वीक पिच में विकेट दिलाते हैं। इसलिए फ्रैंचाइज़ी इन पेसर को रणनीतिक आर्मर के रूप में देखते हैं। BCCI ने अंतरराष्ट्रीय स्तर के रेडार‑आधारित स्पीड‑गन स्थापित किए हैं, जो प्रत्येक डिलीवरी को 0.1 kph की सटीकता से रिकॉर्ड करते हैं। ये गन स्टेडियम के समान बिंदुओं पर रखे जाते हैं, जिससे सभी टीमों को समान परिस्थितियों में माप मिल सके। Anrich Nortje और Jofra Archer जैसी तेज़ पेसरें अभी‑तक के सर्वश्रेष्ठ गति रेंज में हैं। यदि वे अपने बॉल को 158 kph‑के आसपास ले जाते हैं, तो वे इतिहास के नए पन्ने खोल सकते हैं।वर्तमान गति तालिका: कौन‑कौन शीर्ष पर
इतिहास में तेज़ गेंदों की लकीर
स्पीड माप की तकनीकी पहलू
तेज़ गेंदबाज़ी का खेल पर असर
आगामी मैचों में क्या उम्मीदें?
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Lockie Ferguson की तेज़ गेंद का रिकॉर्ड IPL में कितना महत्वपूर्ण है?
क्या इस सीज़न में कोई भारतीय पेसर 150 kph‑से‑ऊपर पहुँचा?
IPL में तेज़ गति वाली गेंदें किसके लिए फायदेमंद हैं?
BCCI ने स्पीड माप के लिए कौन-सी तकनीक अपनाई है?
आगामी मैचों में कौन‑से पेसर रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं?
लॉकी फर्गुसन ने IPL 2025 में 153.2 किमी/घंटा की तेज़ गेंद, रिकॉर्ड का नया जलवा

Bikkey Munda
अक्तूबर 20, 2025 AT 18:30स्पीड‑गन की सटीकता समझना आसान है, BCCI ने प्रत्येक स्टेडियम में एक समान दूरी पर रेडार रखी है जिससे हर बॉल का वेग 0.1 kph तक मापा जाता है, ये उपकरण बॉल के रिलीज़ पॉइंट पर जुड़ते ही डेटा भेजते हैं और स्कोरबोर्ड पर दिखाते हैं, इसलिए फ़र्गुसन की 153.2 kph का आंकड़ा बिल्कुल भरोसेमंद है