जब LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया लिमिटेड ने 7 अक्टूबर 2025 को सार्वजनिक रूप से शेयर बेचने का इश्तिहार जारी किया, तो निवेशकों को पता नहीं था कि यह ऑफ़र भारत के इस साल की तीसरी सबसे बड़ी IPO बन जाएगी। इसी समय, कोरियाई मूल वाली मातृ कंपनी LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंक. (मुख्यालय सियोल) ने पूरे कोटेशन को ऑफर फॉर सेल (OFS) के रूप में संरचित किया, जिससे भारतीय सब्सिडियरी को सीधे कोई फंड नहीं मिला, बल्कि सब पैसे दक्षिण कोरिया की मूल कंपनी को गए। इस IPO को कुल 54.02 गुना सब्सक्राइब किया गया और ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) लगातार 30 % के आसपास रहा, जिससे यह वित्तीय बाजार में हलचल का कारण बना।
पृष्ठभूमि और IPO का महत्व
LG इलेक्ट्रॉनिक्स ने अपने भारतीय उपक्रम को 2012 में स्थापित किया, और तब से वह स्मार्ट‑फोन, टीवी, एयरो‑कुलर आदि में प्रमुख खिलाड़ी बन गया है। वित्तीय वर्ष 2025 में कंपनी ने ₹24,367 crore का राजस्व और ₹2,203 crore का शुद्ध लाभ दर्ज किया – यह 46 % की साल‑दर‑साल वृद्धि थी। ऐसी मजबूत बुनियादी बातें ही निवेशकों को आकर्षित करने का मुख्य कारण थीं।
देश में उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स की मांग तेज़ी से बढ़ रही है, और खुली बाजार में विदेशी कंपनियों के शेयर की माँग भी उतनी ही तीव्र। इस परिदृश्य में LG की OFS IPO ने निवेशकों को एक भरोसेमंद बहुराष्ट्रीय ब्रांड का हिस्सा बनने का अवसर दिया, जबकि कंपनी को अपनी अंतरराष्ट्रीय निवेश रणनीति को सुदृढ़ करने में मदद मिली।
IPO की बुकबिल्ड और सब्सक्रिप्शन विवरण
IPO का मूल्य बैंड ₹1,080‑₹1,140 प्रति शेयर था, और न्यूनतम लॉट साइज 13 शेयर तय किया गया – यानी रिटेल निवेशक को न्यूनतम ₹14,820 का निवेश करना पड़ता। कुल 10.18 crore शेयर बेचे गए, जिससे पूँजी रेज़न ₹11,607.01 crore हुई। बुकबिल्ड समाप्त होने के बाद, कुल सब्सक्रिप्शन 54.02 गुना रहा, जिसमें सबसे अधिक रुचि qualified institutional buyers (QIB) की रही, जिन्होंने 166.51 गुना सब्सक्राइब किया।
नॉन‑इन्स्टिट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) ने 22.44 गुना, रिटेल इंडिविजुअल इन्वेस्टर्स (RII) ने 3.55 गुना, तथा कर्मचारियों ने 7.62 गुना सब्सक्राइब किया। ये आँकड़े Groww.in ने 9 अक्टूबर को प्रकाशित किए थे।
संस्थागत व खुदरा निवेशकों की प्रतिक्रिया
परिचालन विश्लेषक Prabhudas Lilladher ने 13 अक्टूबर को जारी रिपोर्ट में कहा, “यह IPO 2025 की सबसे उल्लेखनीय लिस्टिंग्स में से एक है। 54 गुना सब्सक्रिप्शन, दो-अंकीय आय वृद्धि और स्वस्थ ग्रे मार्केट प्रीमियम के साथ, इसका शुरुआती ट्रेडिंग बहुत मजबूत होने की संभावना है।”
इसी रिपोर्ट में उन्होंने यह भी बताया कि संस्थागत निवेशकों की गहरी रुचि का कारण कंपनी की उच्च return on equity (ROE) 37 % और return on capital employed (ROCE) 40 % से ऊपर होना है।
वहीं The Economic Times ने ग्रे मार्केट प्रीमियम को 30‑33 % के बीच बताया, जिससे लिस्टिंग दिन (14 अक्टूबर) पर शेयर की कीमत ₹1,480‑₹1,516 के बीच हो सकती है। यह अनुमान कई ब्रोकरेज फर्मों के मौजूदा ऑर्डर‑बुक डेटा पर आधारित था।
आर्थिक आंकड़े और भविष्य की संभावनाएँ
FY25 में LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया की नेट प्रॉफिट 46 % बढ़कर ₹2,203 crore हुई, जबकि राजस्व 15 % बढ़कर ₹24,367 crore पहुँच गया। कंपनी ने अपने स्मार्ट‑एप्लायंसेज़ पोर्टफ़ोलियो को ऊर्जा‑सहेज (energy‑saving) तकनीक के साथ अपडेट किया, जिससे न केवल पर्यावरण‑मित्रता बढ़ी, बल्कि प्रीमियम‑सेगमेंट में भी बिक्री में उछाल आया।
भविष्य की रणनीति में भारत के ग्रामीण और शहरी दोनों बाजारों में निर्माण‑स्थल (manufacturing) की क्षमता बढ़ाना, R&D में निवेश करना और 5G‑समर्थित स्मार्ट उपकरणों की लाइन‑अप लॉन्च करना शामिल है। ऐसा कहा जा रहा है कि LG का अगला चरण ‘लाइफ़स्टाइल‑इकोसिस्टम’ बनाना होगा, जहाँ कनेक्टेड फ्रिज, एआई‑आधारित एयर कंडीशनर और इंटेलिजेंट होम सिस्टम को एक प्लेटफ़ॉर्म पर लाया जाएगा।
हालांकि यह OFS था, लेकिन प्रत्यक्ष फंड प्रवाह को देखते हुए, Acumen Group ने बताया कि इस प्रक्रिया से मातृ कंपनी को लगभग 15 % इक्विटी की बिक्री का लाभ मिला, जिससे वह अपने वैश्विक विकास फ़ंड में योगदान दे सकेगा।
लिस्टिंग के बाद का बाजार पर प्रभाव
जैसे ही शेयरों की टॉइंग 14 अक्टूबर को NSE और BSE पर शुरू हुई, शुरुआती ट्रेडिंग सत्र में कीमत ₹1,470‑₹1,485 के स्तर पर खुली, जो इश्तिहारित प्रीमियम की पुष्टि करता है। शुरुआती दो दिनों में दर्ज 3 % की कीमत वृद्धि ने छोटे‑मध्यम निवेशकों में उत्सुकता को फिर से जाग्रत कर दिया।
विशेषज्ञों का कहना है कि आगामी तिमाही में यदि कंपनी अपने नवीनतम एआई‑स्मार्ट फ्रिज और वैरिएबल‑फ़्रीक्वेंसी इन्वर्टर एसी की डिलीवरी में लक्ष्य तक पहुँच पाती है, तो शेयरों में अतिरिक्त 5‑7 % की रैली देखी जा सकती है। हालांकि, ग्लोबल चेन‑सप्लाई की अस्थिरता, कोरियाई विनिमय दर में उतार‑चढ़ाव और घरेलू शुल्क नीति के बदलाव जोखिम के रूप में उद्धृत किए गए हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
यह IPO भारतीय खुदरा निवेशकों को कैसे प्रभावित करेगा?
रिटेल इंडिविजुअल इन्वेस्टर्स (RII) ने 3.55 गुना सब्सक्राइब किया, जिससे उन्हें प्री-लिस्टिंग ग्रे मार्केट में 30 % के आसपास प्रीमियम मिल सकता है। शुरुआती ट्रेडिंग में कीमत इश्तिहारित प्रीमियम से ऊपर रही तो छोटे निवेशकों को साइड‑ट्रेड में अतिरिक्त रिटर्न मिल सकता है, पर जोखिम को ध्यान में रखकर प्रवेश करना चाहिए।
ऑफ़र फ़र सेल (OFS) मॉडल का क्या अर्थ है?
OFS में कंपनी के मौजूदा शेयरहोल्डर (इस मामले में LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंक.) अपने हिस्से को सीधे बाजार में बेचते हैं, जबकि कंपनी स्वयं को पूँजी नहीं मिलती। इस वजह से लाभ‑हानि के टैक्स प्रभाव और नियंत्रक शेयरहोल्डर संरचना में बदलाव सीधे भारतीय इकाई पर नहीं पड़ेगा।
2025 की अन्य प्रमुख IPOs के साथ इस सब्सक्रिप्शन की तुलना कैसे होती है?
2025 में टाटा कैपिटल और लार्ज कैप बैंक की IPOs ने क्रमशः 40‑× और 29‑× सब्सक्रिप्शन प्राप्त किया, जबकि LG का 54‑× सब्सक्रिप्शन इसे सबसे लोकप्रिय बनाता है। विशेषकर QIB वर्ग में 166‑× सब्सक्रिप्शन ने इसे संस्थागत निवेशकों के बीच सर्वश्रेष्ठ आकर्षण दिखाया।
ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) क्या दर्शाता है?
GMP वह अधिक कीमत है जिस पर डीलर‑ब्रोकर्स IPO के पब्लिक फॉर्मेशन से पहले शेयरों को खरीदते‑बेचते हैं। 30 % का स्थिर GMP इंगित करता है कि बाजार में मांग लगातार बनी रही और निवेशकों को कंपनी की भविष्य की आय क्षमता पर विश्वास है।
भविष्य में LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया की वृद्धि की संभावनाएँ क्या हैं?
कंपनी का लक्ष्य 2026‑27 तक भारत में कुल बिक्री 30 % बढ़ाना, नई AI‑स्मार्ट होम लाइन लॉन्च करना और स्थानीय उत्पादन क्षमता को 1 मिलियन यूनिट्स/वर्ष तक ले जाना है। यदि इन योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू किया गया, तो राजस्व एवं लाभ मार्जिन में अतिरिक्त 5‑8 % की वार्षिक वृद्धि देखी जा सकती है।
Jay Fuentes
अक्तूबर 14, 2025 AT 00:52वाह, 54× सब्सक्रिप्शन सुनकर लगता है LG का भारत में पसीना बहा रहा है! ऐसा दिखता है कि भारतीय उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स की चाहत अब और भी तेज़ हो गई है। OFS मॉडल से कंपनी को सीधे फंड नहीं मिला, पर यह भरोसा दिखाता है कि विदेशी ब्रांड भी यहाँ अपना ठिकाना देख रहे हैं। अगर उनका 5G‑सपोर्टेड स्मार्ट डिवाइस वाला प्लान सफल होता है तो शेयर में और ऊपर की रैली देख सकते हैं। तो चलिए, इस बार थुप्पी बजाते हैं और देखते हैं मार्केट कैसे प्रतिक्रिया देती है।
Veda t
अक्तूबर 20, 2025 AT 23:43इंडिया के लोकल ब्रांडों की तरह इस विदेशी कंपनी को भी अपने नियमों के तहत लाया जाना चाहिए!
akash shaikh
अक्तूबर 27, 2025 AT 22:34LG की IPO तो सबको मोहित कर रही है, पर क्या हमें याद है कि 5 साल पहले भी कई ऐसी ही हाइप वाली लिस्टिंग्स फेंकी गई थीं? 😂 कभी‑कभी लगता है ये कंपनियां सिर्फ ग्रे मार्केट प्रीमियम के लिए ही जज्बा दिखा रही हैं। क़रियर में उछाल की उम्मीद रखना ठीक है, लेकिन ड्रीम नहीं। आखिर में, निवेशक को भी अपना दिमाग लगाना पड़ता है।
Anil Puri
नवंबर 3, 2025 AT 21:26सच्ची बात तो ये है के 54× सब्सक्राइब होणे से कोई फंड नहीं आया, बस शेयर होऐ है गलती से। QIB ने 166× सब्सक्राइब किया, यै ठीक है। लेकिन रिटेल को भुला दो, वही असली लाब लेता।
poornima khot
नवंबर 10, 2025 AT 20:17LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया की इस IPO ने भारतीय शेयर बाजार में एक नई ऊर्जा का संचार किया है।
54× सब्सक्रिप्शन से स्पष्ट होता है कि निवेशकों में इस ब्रांड के भविष्य को लेकर गहरी आशा झलकी है।
ग्रे मार्केट प्रीमियम के 30% स्तर ने यह संकेत दिया कि बाजार में इस स्टॉक की डिमांड स्थिर है।
हालांकि यह OFS मॉडल है, लेकिन इसके परिणामस्वरूप मूल कंपनी को फंड मिलने की बजाय इक्विटी का हिस्सा बेचना पड़ा।
इस प्रक्रिया से भारतीय उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर को अंतरराष्ट्रीय मानकों के साथ संरेखित करने की दिशा में कदम बढ़ेगा।
FY25 में कंपनी की राजस्व में 46% की वृद्धि और शुद्ध लाभ में समान उछाल ने उसे निवेशकों के लिए आकर्षक बना दिया।
अब जब 5G‑समर्थित स्मार्ट डिवाइस की प्लानिंग चल रही है, तो यह डिवाइस भारत के तेज़ी से विकसित हो रहे नेटवर्क में फिट हो सकते हैं।
साथ ही, एआई‑स्मार्ट फ्रिज और इंटेलिजेंट होम सिस्टम जैसी नई तकनीकों के लॉन्च से कंपनी का पोर्टफ़ोलियो और मजबूत होगा।
यह सब दर्शाता है कि LG का भारत में दीर्घकालिक दृष्टिकोण सिर्फ बिक्री नहीं, बल्कि तकनीकी इंटेग्रेशन पर केंद्रित है।
दूसरी ओर, कोरियाई विनिमय दर की उतार‑चढ़ाव और वैश्विक सप्लाई चेइन की अस्थिरता जोखिम कारक बनते हैं।
अगर कंपनी इन जोखिमों को प्रभावी रूप से प्रबंधित कर लेती है, तो शेयरधारकों को स्थिर रिटर्न मिलने की सम्भावना बढ़ जाती है।
निवेशकों को चाहिए कि वे इस अवसर को एक दीर्घकालिक पोर्टफ़ोलियो रणनीति के हिस्से के रूप में देखें, न कि केवल अल्पकालिक स्पेकुलेशन के तौर पर।
वर्तमान ग्रे मार्केट प्रीमियम दर्शाता है कि प्री‑लिस्टिंग ट्रेड्स में थोड़ी महंगाई हो सकती है, पर यह अनिवार्य नहीं कि पोस्ट‑लिस्टिंग में निरंतर उछाल रहे।
इसलिए, प्राथमिक ट्रेडिंग के बाद बाजार की भावनाओं और कंपनी के वास्तविक संचालन को निकटता से ट्रैक करना आवश्यक है।
अंत में, अगर LG अपनी नई र&D निवेश और मेकिंग क्षमता को पूरी तरह से उपयोग कर पाता है, तो भारत में उसकी विक्रय वृद्धि 30% से अधिक हो सकती है।
इस तरह, यह IPO न केवल एक वित्तीय घटना है, बल्कि भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के भविष्य को आकार देने वाला एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बन सकता है।
Mukesh Yadav
नवंबर 17, 2025 AT 19:08क्या आपको नहीं लगता कि इस OFS में सरकारी मुठभेड़ है? ऐसा लगता है कि कोरिया की बड़ी कंपनियां भारतीय मार्केट को अपने राजनीतिक खेल में इस्तेमाल कर रही हैं। उनके शेयर बेचने से भारत के धंधे में विदेशी कंट्रोल बढ़ेगा, जिससे हमारी इंडस्ट्री पर दबाव पड़ेगा। हमें सतर्क रहना चाहिए और इस तरह की डील्स को झुकाने की कोशिश करनी चाहिए।
One You tea
नवंबर 24, 2025 AT 18:00यह IPO बेमिसाल लग रही है, लेकिन याद रखिए, विदेशी कंपनी का नियंत्रण हमेशा हमारे राष्ट्रीय हितों के साथ टकराता है। इसलिए इस पर सावधानी से कदम उठाए बिना कोई बड़ा नुकसान हो सकता है।
Hemakul Pioneers
दिसंबर 1, 2025 AT 16:51इतनी बड़ी सब्सक्रिप्शन देख कर हमें इस बात पर विचार करना चाहिए कि निवेश केवल अल्पकालिक लाभ नहीं, बल्कि दीर्घकालिक विकास का साधन है। LG का भारत में विस्तार स्थानीय रोजगार और तकनीकी उन्नति दोनों को बढ़ावा देगा। यदि हम इस अवसर को समझदारी से अपनाएं, तो बाजार के उतार‑चढ़ाव को भी सकारात्मक रूप से देख सकेंगे। इस प्रकार, सभी प्रतिभागी मिलकर एक स्वस्थ आर्थिक इकोसिस्टम बना सकते हैं।