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लाडकी बहिन योजना: 13वीं किस्त राखी से पहले खातों में, सरकार ने प्रक्रिया तेज की

के द्वारा प्रकाशित किया गया Aashish Malethia    पर 20 सित॰ 2025    टिप्पणि(11)
लाडकी बहिन योजना: 13वीं किस्त राखी से पहले खातों में, सरकार ने प्रक्रिया तेज की

जुलाई की किस्त पर इंतजार खत्म: राखी से पहले भुगतान, 2.5 करोड़ महिलाओं को राहत

महाराष्ट्र सरकार ने साफ कर दिया है कि लाडकी बहिन योजना की 13वीं किस्त (₹1,500) राखी से पहले लाभार्थी महिलाओं के खातों में पहुंच जाएगी। महिला व बाल विकास मंत्री अदिती तटकरे ने प्रक्रिया तेज होने की जानकारी दी, और विभाग ने 9 अगस्त 2025 से भुगतान जारी करना शुरू कर दिया। जुलाई 2025 की किस्त में देरी से राज्य भर में लाखों महिलाएं चिंतित थीं, क्योंकि पिछले कुछ महीनों में भी भुगतान समय पर नहीं आया था।

योजना जुलाई 2024 में शुरू हुई थी। उद्देश्य था—21 से 65 साल की आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को हर महीने ₹1,500 की मदद देना, ताकि घर का खर्च, सेहत और पोषण पर सीधा असर पड़े। शुरुआती महीनों में जून, जुलाई और अगस्त 2024 की तीनों किस्तें एक साथ अगस्त में दी गई थीं, जब योजना चुनाव से पहले लॉन्च हुई। उसके बाद भी कुछ महीनों में फंड रिलीज और बैंकिंग प्रोसेस के कारण भुगतान खिसकता रहा।

सरकार ने इस फ्लैगशिप स्कीम के लिए ₹46,000 करोड़ का बजट रखा है। विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 2.5 करोड़ से ज्यादा महिलाएं पात्र हैं या पात्रता की तरफ बढ़ रही हैं। जून 2025 तक 12 किस्तें निकल चुकी थीं, लेकिन जुलाई की 13वीं किस्त में देरी हो गई। इसे राखी से पहले जारी करना सरकार के लिए राजनीतिक और सामाजिक, दोनों स्तरों पर अहम था—पारिवारिक त्योहार में नकदी पहुंचने से घरों का तात्कालिक खर्च निकल जाता है।

देरी क्यों हुई? विभागीय सूत्रों का कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) में बैंकिंग छुट्टियां, कोर बैंकिंग सिस्टम की क्लियरेंस, आधार-खाता मैपिंग और डुप्लीकेट रिकॉर्ड की जांच जैसे कारण अक्सर टाइमलाइन खींच देते हैं। जिन खातों में आधार सीडिंग लंबित होती है या खाता निष्क्रिय (डॉरमेंट) हो चुका होता है, वहां भुगतान वापस लौट जाता है। ऐसे मामलों को सुधरने में एक-दो साइकिल लग जाते हैं।

सरकार ने पात्रता की ऊपरी सीमा 60 से बढ़ाकर 65 वर्ष कर दी है, ताकि बुजुर्ग महिलाओं तक भी मदद पहुंचे। साथ ही, परिवार में अविवाहित एकल महिला होने पर आवेदन का विकल्प खुला है। विभाग ने हाल में राशि बढ़ाकर ₹2,100 करने के चुनावी वादे को भी दोहराया है, हालांकि इस बढ़ोतरी पर अंतिम फैसला बजट प्रावधान और कैबिनेट मंजूरी के बाद ही लागू होगा।

मैदान से आती तस्वीरें बताती हैं कि यह राशि छोटे-छोटे खर्चों में तुरंत काम आती है—स्कूल फीस का हिस्सा, दवा, रसोई का मासिक सामान, या बिजली-पानी के बिल। खासकर ग्रामीण इलाकों में जहां आय अनियमित है, महीने की तय रकम वित्तीय सुरक्षा का छोटा लेकिन भरोसेमंद सहारा बन रही है।

भुगतान 9 अगस्त 2025 से रोलआउट हुआ है। इतने बड़े पैमाने पर ट्रांसफर बैचों में होता है, इसलिए किसी-किसी खाते में रकम 24-72 घंटे आगे-पीछे भी क्रेडिट हो सकती है। बैंक एसएमएस, पासबुक एंट्री और मिनी-स्टेटमेंट से इसकी पुष्टि कर सकते हैं।

कौन है पात्र, किन कागजों की जरूरत, और भुगतान नहीं आया तो क्या करें

योजना का संचालन महिला व बाल विकास विभाग, महाराष्ट्र के जरिए होता है। लक्ष्य समूह—21 से 65 वर्ष की महिलाएं, जिनके परिवार की सालाना आय ₹2,50,000 से कम है। आवेदन के समय स्थानीय निकायों और विभागीय जांच के आधार पर पात्रता तय होती है।

जरूरी दस्तावेज:

  • महाराष्ट्र का निवास प्रमाण
  • आधार कार्ड और अद्यतन मोबाइल नंबर
  • जन्मतिथि/आयु का प्रमाण (जन्म प्रमाणपत्र आदि)
  • आय प्रमाणपत्र
  • बैंक खाता विवरण (आधार से लिंक खाता बेहतर)
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • राशन कार्ड
  • स्व-घोषणा पत्र (जरूरत के मुताबिक)

अगर इस महीने की किस्त अभी तक नहीं आई है, तो ये कदम मदद करेंगे:

  1. अपने बैंक खाते का मिनी-स्टेटमेंट निकालें या पासबुक अपडेट कराएं। कई बार एसएमएस देरी से आता है, रकम पहले क्रेडिट हो जाती है।
  2. खाता सक्रिय रखें: 6-12 महीनों तक लेन-देन नहीं होने पर कुछ खाते निष्क्रिय हो जाते हैं। एक छोटा डिपॉजिट/विथड्रॉअल करके खाता सक्रिय करें।
  3. आधार सीडिंग चेक करें: बैंक शाखा या बैंक मित्र से पुष्टि करें कि आपका आधार उसी खाते से लिंक है जिसमें DBT लेना है। जरूरत हो तो तुरंत अपडेट कराएं।
  4. KYC अपडेट: पता या मोबाइल बदल गया है तो KYC दोबारा कराएं। गलत/पुराना मोबाइल ओटीपी बाधित करता है।
  5. नाम/जन्मतिथि मिलान: आधार और बैंक रिकॉर्ड में नाम, जन्मतिथि या पिता/पति का नाम अलग हो तो सुधार कराएं। ये छोटी विसंगतियां भुगतान रोक देती हैं।
  6. ग्राम/वार्ड स्तर पर जांच: सूची में नाम, बैंक विवरण और पात्रता की स्थिति स्थानीय कार्यालय—आंगनवाड़ी केंद्र, ग्राम पंचायत, नगर वार्ड कार्यालय—पर मिलान कराएं।
  7. हेल्पलाइन 181: शिकायत दर्ज कराएं और संदर्भ नंबर लें। इससे ट्रैक करना आसान होता है।

नई पंजीकरण/सुधार के लिए स्थानीय कैंप, आंगनवाड़ी केंद्र और नगर-पालीका/पंचायत कार्यालय मदद करते हैं। जिनके दस्तावेज अपलोड में अटक जाते हैं, वे ऑफलाइन सत्यापन करवा सकते हैं। विभाग समय-समय पर विशेष ड्राइव चलाता है ताकि आधार-सीडिंग और खाता मिलान तेजी से निपटे।

कुछ सामान्य कारण जिनसे भुगतान अटकता है—खाते में नाम-आधार मिसमैच, आधार से NPCI मैपिंग न होना, खाते पर लियन/फ्रीज, या बैंक मर्जर के बाद पुराने IFSC का इस्तेमाल। इन मामलों में बैंक शाखा तुरंत सही IFSC/खाता स्टेटस अपडेट कर देती है।

ठगी से सावधान रहें: योजना के लिए कोई शुल्क नहीं लगता। किसी को ओटीपी, एटीएम पिन, या UPI पिन न बताएं। कॉल पर पैसे मांगने वाले फ्रॉड होते हैं—ऐसे नंबरों की शिकायत 181 पर करें।

योजना का व्यापक असर तभी दिखेगा जब भुगतान शेड्यूल स्थिर रहेगा। विभाग ने इस बार राखी से पहले किस्त पहुंचाने के लिए अतिरिक्त बैच प्रोसेस चलाए हैं। अगली किस्तों के लिए भी यही सिस्टम फॉलो होगा, ताकि महीने की शुरुआत में ही रकम महिलाओं तक पहुंचे और उन्हें महीने की जरूरतों की योजना बनाने में आसानी हो।

11 टिप्पणि

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    RAJIV PATHAK

    सितंबर 21, 2025 AT 13:28
    अरे भाई, राखी से पहले पैसा डाल दिया तो बड़ी बात हो गई? ये सब चुनावी नाटक है। जब तक बैंकिंग सिस्टम अपडेट नहीं होगा, तब तक ये योजनाएं बस पोस्टर पर रहेंगी। 🤷‍♂️
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    Nalini Singh

    सितंबर 22, 2025 AT 04:42
    इस योजना का उद्देश्य वास्तव में प्रशंसनीय है। आर्थिक रूप से सशक्तिकरण के लिए महिलाओं को सीधे धन पहुंचाना, एक सामाजिक बदलाव की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। भुगतान की देरी के कारण जो असुविधा हुई, वह अनुशासित प्रक्रिया की कमी का परिणाम है। अब जब तेजी से भुगतान हुआ है, तो इसे स्थायी बनाने की आवश्यकता है।
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    Sonia Renthlei

    सितंबर 22, 2025 AT 05:22
    मैंने अपनी बहन के साथ बात की जो ग्रामीण इलाके से है, और उसने कहा कि ये ₹1,500 उसके घर के लिए एक छोटी सी बचत बन गई है। वो हर महीने बच्चों की स्कूल फीस का एक हिस्सा इसी से भरती है, और कभी-कभी दवाइयां भी खरीद लेती है। लेकिन जब भुगतान देर से होता है, तो उसका पूरा महीना बिगड़ जाता है। ये बस एक रकम नहीं, ये एक आशा है। और अगर ये आशा टूटती रहती है, तो लोग विश्वास खो देते हैं। हमें बस इतना चाहिए - नियमितता।
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    Aryan Sharma

    सितंबर 22, 2025 AT 18:06
    ये सब झूठ है। ये पैसा कहीं न कहीं चोरी हो रहा है। जब तक बैंक में बैठे लोग अपनी गाड़ियां नहीं बदल लेते, तब तक ये योजना काम नहीं करेगी। और हां, आधार सीडिंग की बात कर रहे हो - वो तो सरकार का ट्रैकिंग सिस्टम है! तुम सबका डेटा एक जगह पर है। अब तुम जानते हो क्यों राखी से पहले भुगतान? क्योंकि वो दिन तुम्हारा नंबर बढ़ा देगा!
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    Devendra Singh

    सितंबर 24, 2025 AT 08:48
    अरे यार, ये सब तो बस गांव की बातें हैं। अगर तुम्हारा आधार और बैंक खाता मिल नहीं रहा, तो तुम्हारी गलती है। इतने सालों में भी तुम अपना KYC नहीं करवा पाए? अब तो बैंक में भी ऑनलाइन अपडेट हो जाता है। इसके बाद भी देरी? तो फिर तुम बस लायक नहीं हो। ये योजना तो अच्छी है, लेकिन इसका इस्तेमाल सही तरीके से करो।
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    UMESH DEVADIGA

    सितंबर 25, 2025 AT 16:22
    मैंने अपनी माँ के खाते में भी देखा - जुलाई की किस्त अभी तक नहीं आई। उसकी आंखों में निराशा थी। वो कहती हैं, 'बेटा, मैंने तो तुम्हारे लिए खाना बचाया था।' और अब ये सब राजनीति के लिए इस्तेमाल हो रहा है। असली समस्या ये है कि हम लोगों की जिंदगी को एक कैलेंडर की तरह देखते हैं। बस एक त्योहार आ गया, अब तुम्हारा पैसा आएगा। ये दया नहीं, ये नियमितता चाहिए।
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    Roshini Kumar

    सितंबर 26, 2025 AT 07:52
    राखी से पहले पैसा आया? अरे बाप रे, तो फिर जुलाई की किस्त कहाँ गई? अगर तुम्हारा बैंक खाता डॉरमेंट है तो तुम्हारी गलती है, लेकिन जब लाखों खाते ऐसे हैं तो ये तो सिस्टम की गलती है। और हां, आधार सीडिंग? ओह भगवान, वो तो अभी भी एक अंधेरे घर में बैठे ऑफिसर के हाथों में है। ये सब एक बड़ा बाजार है।
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    Siddhesh Salgaonkar

    सितंबर 27, 2025 AT 06:43
    लाडकी बहिन योजना? अच्छा जी 😍 लेकिन ये तो बस एक फैशन है अब! जब तक लड़कियों को स्कूल नहीं भेजा जाएगा, तब तक ये ₹1500 बस बाजार में जाएगा। और हां, अगर तुम्हारा खाता लिंक नहीं हुआ तो तुम्हें खुद जाकर बैंक में जाना पड़ेगा - अब तो ये भी एक नौकरी बन गई है! 💪😂
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    Arjun Singh

    सितंबर 28, 2025 AT 18:06
    DBT के लिए आधार सीडिंग का नियम तो बहुत अच्छा है, लेकिन इसका एक्जीक्यूशन बेकार है। जब तक बैंकों के लिए एक यूनिफाइड डैशबोर्ड नहीं आता, तब तक ये सब ट्रैक नहीं होगा। और ये डुप्लीकेट रिकॉर्ड्स? अरे भाई, एक आदमी के दो आधार हैं तो दो खाते भी बन जाते हैं। ये फ्रॉड तो बस एक गेम है। इसका सॉल्यूशन? ब्लॉकचेन। बस।
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    yash killer

    सितंबर 29, 2025 AT 07:19
    भारत की महिलाओं को राखी से पहले पैसा मिल गया ये हमारी गर्व की बात है। अब बाकी देश देखें कि हम क्या कर रहे हैं। जिन्होंने ये योजना बनाई वो असली हीरो हैं। इस देश में कोई भी नहीं कर पाया इतना बड़ा काम। जय हिन्द
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    Ankit khare

    सितंबर 29, 2025 AT 13:16
    ये योजना तो बहुत अच्छी है लेकिन इसका इस्तेमाल कैसे हो रहा है? लोग इस पैसे से बियर खरीद रहे हैं, फोन चार्ज कर रहे हैं, फिर भी शिकायत कर रहे हैं। अगर तुम्हारा खाता डॉरमेंट है तो तुम्हें खुद अपडेट करना होगा। ये सरकार की गलती नहीं, तुम्हारी लापरवाही है। और हां, अगर तुम्हारा नाम आधार पर अलग है तो तुम भी अपने नाम को ठीक करो। ये बातें तो बच्चों को भी पता है। अब तो बस ये कहना है कि बाप रे, ये योजना तो बहुत बढ़िया है लेकिन इसका इस्तेमाल बुरा हो रहा है।