झारखंड में मौसम का बदलाव
झारखंड के कुछ हिस्सों में मौसम विभाग ने भारी बारिश और तेज हवाओं का अलर्ट जारी किया है। खूँटी, सिमडेगा और पश्चिमी सिंहभूम के लिए रेड अलर्ट घोषित किया गया है, जो 23 मार्च तक प्रभावी रहेगा। इस दौरान इन क्षेत्रों में 60-80 किमी/घंटा की रफ्तार से तेज हवाएँ चलने की संभावना है।
रांची, पूर्वी सिंहभूम, बोकारो, गुमला, हजारीबाग, धनबाद जैसे जिलों में ऑरेंज अलर्ट के अंतर्गत लाया गया है, जबकि पलामू, गढ़वा, चतरा, कोडरमा, लातेहार और लोहरदगा जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।
बारिश का कारण और असर
मौसम विशेषज्ञ अभिषेक आनंद ने बताया कि ये बदलाव बंगाल की खाड़ी से आई नमी के कारण हुआ है, जो गंभीर बारिश और ओलावृष्टि का कारण बन सकती है। इक्का-दुक्का इलाकों में भारी बारिश देखने को मिली, जिसमें चाईबासा में 54.1 मिमी और फतेहपुर (जामताड़ा) में 19 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
झारखंड के विभिन्न जिलों में भारी बारिश और आंधी के कारण तापमान में 4-6 डिग्री की गिरावट आयी है। बोकारो का तापमान 8.9°C की गिरावट के साथ 28.2°C दर्ज किया गया, जबकि रांची का 32°C तक गिरा।
मौसम विभाग ने सुरक्षा उपायों के अंतर्गत कमजोर ढांचों से बचने, बिजली के खंबों से दूर रहने और तूफान के दौरान खेती कार्यों को रोकने की सलाह दी है। विभाग ने 24 मार्च से तापमान में धीरे-धीरे बढ़ोतरी की संभावना जताई है।
Sagar Jadav
मार्च 23, 2025 AT 09:03saurabh vishwakarma
मार्च 24, 2025 AT 16:07मौसम विभाग की रिपोर्ट में बंगाल की खाड़ी से आई नमी का जिक्र है, लेकिन क्या ये सिर्फ प्राकृतिक घटना है? या फिर हमारे वातावरणीय अनियंत्रित विकास का परिणाम? मैंने देखा है कि रांची के पहाड़ों पर जंगल काटकर बनाई गई इमारतें अब बारिश में डूब रही हैं।
क्या कोई यहाँ सिर्फ बारिश की बात कर रहा है? या हम इस बात को भी स्वीकार कर रहे हैं कि हमारी नीतियाँ अब बर्बाद हो रही हैं? एक अलर्ट तो बन जाता है, लेकिन उसके बाद क्या होता है? क्या कोई यहाँ अपनी घर की छत के लिए तैयारी कर रहा है? या सिर्फ ट्वीट कर रहा है?
मैंने देखा कि चतरा में एक बुजुर्ग औरत अपने घर के बाहर बैठी है, और बारिश को देख रही है। उसकी आँखों में डर नहीं, बल्कि एक अजीब सी स्वीकृति थी। क्या ये हमारी नई वास्तविकता है? जहाँ बारिश नहीं, बल्कि अपनी निर्माण की गलतियों का अनुभव करना पड़ता है?
मैं यहाँ नहीं बोल रहा कि ये बदलाव रोका जा सकता है। मैं यहाँ बोल रहा हूँ कि हमें इसका सामना करना होगा। और शायद इस बार, अगर हम सच्चे हों, तो बदलाव शुरू हो सकता है।
Sharad Karande
मार्च 25, 2025 AT 18:45जैसा कि आंकड़े बता रहे हैं, चाईबासा में 54.1 मिमी की वर्षा एक अत्यधिक असामान्य घटना है, जो वायुमंडलीय अस्थिरता के स्तर को दर्शाती है। इसके साथ ही तापमान में 4-6°C की गिरावट एक बादलों के विस्तार और वर्षा के निर्माण के लिए एक अत्यधिक उच्च ऊर्जा विनिमय का संकेत है।
इस तरह की घटनाओं के लिए, जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में एक दीर्घकालिक विश्लेषण आवश्यक है। अगर यह प्रवृत्ति बनी रहती है, तो आगामी वर्षों में यह अलर्ट नियमित हो जाएगा। हमें न केवल आपातकालीन उपाय, बल्कि जलवायु अनुकूलन योजनाओं की आवश्यकता है।
Sonia Renthlei
मार्च 26, 2025 AT 03:54मैंने गुमला में एक गाँव में एक महिला को देखा, जो अपने बच्चे को गोद में लिए बैठी थी, और बारिश को देख रही थी। उसकी आँखों में डर नहीं था, बल्कि एक गहरी शांति थी। उसने कहा, 'हम इसे जीना सीख गए हैं।'
हम लोग तो अलर्ट देखकर भाग रहे हैं, लेकिन वो लोग जो इस जमीन पर रहते हैं, वो तो इसे समझते हैं। वो जानते हैं कि बारिश क्यों आ रही है। हमारी नीतियाँ उनके लिए नहीं हैं। हमारे लिए हैं।
हमें सिर्फ तापमान नहीं, बल्कि अपने दिल का तापमान भी देखना होगा। जब तक हम इस जमीन को अपना नहीं मानेंगे, तब तक ये बारिश हमें डराती रहेगी।
मैं नहीं चाहती कि कोई बच्चा बारिश में भीग जाए। मैं चाहती हूँ कि हम सब एक साथ खड़े हों, और इस बारिश को स्वीकार करें। न कि भागें।
INDRA MUMBA
मार्च 27, 2025 AT 08:40मैंने रांची में एक बाजार देखा, जहाँ बच्चे बारिश में खेल रहे थे। उनके चेहरे पर मुस्कान थी। वो जानते थे कि ये बारिश नहीं, बल्कि जीवन है।
हम लोग तो अलर्ट देखकर घर में बंद हो गए, लेकिन वो बच्चे तो बारिश के साथ नाच रहे थे।
हम लोग तो तापमान की बात कर रहे हैं, लेकिन उन बच्चों के दिल का तापमान क्या था? वो तो गर्म था।
हमें बारिश से नहीं, बल्कि अपने दिल से डरना होगा।
Rishabh Sood
मार्च 29, 2025 AT 06:21हमने जमीन को बेच दिया, नदियों को बंद कर दिया, और अब जब बारिश आती है, तो हम डर जाते हैं। क्योंकि हम जानते हैं कि ये बारिश हमारी गलतियों की आवाज है।
मैं नहीं चाहता कि कोई अलर्ट देखे। मैं चाहता हूँ कि हम सब अपने दिल को सुनें।
Anand Bhardwaj
मार्च 29, 2025 AT 14:50मैंने देखा एक बुजुर्ग आदमी बारिश में बैठा था, और अपने चश्मे को साफ कर रहा था। उसने कहा, 'मैंने इतनी बारिश देखी है, लेकिन अब तो बारिश भी बदल गई है।'
उसकी बात ने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया।
हम तो अलर्ट के लिए तैयार हैं, लेकिन बारिश के लिए नहीं।
RAJIV PATHAK
मार्च 30, 2025 AT 04:27ये सब बस एक बाहरी झूठ है। असली बारिश तो हमारे दिलों में है।
Mali Currington
मार्च 30, 2025 AT 19:52क्या कोई जानता है कि इस बारिश के बाद बोकारो के बच्चे कितने बीमार हुए? नहीं? तो फिर अलर्ट क्यों देख रहे हो?
Nalini Singh
मार्च 31, 2025 AT 14:26इस घटना के साथ तापमान में गिरावट का आंकड़ा भी एक महत्वपूर्ण सूचक है, जिसके आधार पर जलवायु परिवर्तन के लंबे समय के प्रभावों का अध्ययन किया जा सकता है।
मैं सुझाव देती हूँ कि इस बारिश के बाद एक सामुदायिक अध्ययन किया जाए, ताकि लोगों के जीवन शैली और जलवायु परिवर्तन के बीच का संबंध स्पष्ट हो सके।
MANJUNATH JOGI
अप्रैल 2, 2025 AT 05:10अब बारिश का मतलब है - अलर्ट, बिजली का खंबा, और बारिश में भीगकर बीमार होना।
हम लोग तो तापमान देख रहे हैं, लेकिन हमारे बच्चों के दिल का तापमान क्या है? वो तो बारिश में भीगकर भी मुस्कुरा रहे हैं।
हमें बारिश को नहीं, बल्कि अपने बच्चों को याद करना होगा।
Aryan Sharma
अप्रैल 3, 2025 AT 10:35मैंने सुना है कि एक अस्पताल में 200 लोग आए, और उनके पास सिर्फ एक चीज थी - बारिश।
क्या ये बारिश है? या ये एक नया तरीका है लोगों को डराने का?
UMESH DEVADIGA
अप्रैल 4, 2025 AT 12:24मैंने उसकी बात सुनी, और अपना दिल बदल गया।
ये बारिश सिर्फ मौसम नहीं है। ये यादें हैं।
Roshini Kumar
अप्रैल 5, 2025 AT 10:55और तापमान 8.9°C? बोकारो में? अरे, वो तो सिर्फ एक गलत थर्मामीटर है।
Siddhesh Salgaonkar
अप्रैल 6, 2025 AT 03:02हम बारिश के लिए अलर्ट देख रहे हैं, लेकिन अपने अंदर की बारिश के लिए नहीं।
❤️
जब बारिश होती है, तो मैं अपने दिल को छूता हूँ।
Devendra Singh
अप्रैल 7, 2025 AT 14:53और तापमान गिरना? अरे, ये तो एक वैज्ञानिक बात है, लेकिन तुम लोग इसे डर के रूप में देख रहे हो।
हमें बारिश को नहीं, बल्कि अपनी अनदेखी को देखना होगा।
Saurabh Singh
अप्रैल 9, 2025 AT 11:51अलर्ट देखकर तुम घर में बैठ गए, लेकिन वो बच्चे तो बारिश में भीग रहे हैं।
ये बारिश तुम्हारे लिए अलर्ट है, लेकिन उनके लिए जीवन है।
Dr. Dhanada Kulkarni
अप्रैल 9, 2025 AT 20:44हम जिस तरह से बारिश का सामना करते हैं, वही हमारी वास्तविकता है।
मैं आप सभी के लिए आशीर्वाद चाहती हूँ - जो भी आज बारिश में भीग रहे हैं, उनके लिए एक गर्म चाय, एक सुरक्षित छत, और एक दिल जो डर नहीं, बल्कि आशा से भरा हो।
Siddhesh Salgaonkar
अप्रैल 10, 2025 AT 08:02बारिश तो बस एक बाहरी चीज है।
अंदर की बारिश... वो तो अभी शुरू हुई है।
❤️
Dr. Dhanada Kulkarni
अप्रैल 11, 2025 AT 03:41हर बूंद जो बाहर गिरती है, वो हमारे अंदर के आँसू को भी छू जाती है।
मैं आज अपने दिल को खोलने का फैसला कर रही हूँ।
धन्यवाद।