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झारखंड में बारिश का अलर्ट: कई जिलों में भारी बारिश और 4-6 डिग्री तापमान गिरने की चेतावनी

के द्वारा प्रकाशित किया गया Aashish Malethia    पर 22 मार्च 2025    टिप्पणि(20)
झारखंड में बारिश का अलर्ट: कई जिलों में भारी बारिश और 4-6 डिग्री तापमान गिरने की चेतावनी

झारखंड में मौसम का बदलाव

झारखंड के कुछ हिस्सों में मौसम विभाग ने भारी बारिश और तेज हवाओं का अलर्ट जारी किया है। खूँटी, सिमडेगा और पश्चिमी सिंहभूम के लिए रेड अलर्ट घोषित किया गया है, जो 23 मार्च तक प्रभावी रहेगा। इस दौरान इन क्षेत्रों में 60-80 किमी/घंटा की रफ्तार से तेज हवाएँ चलने की संभावना है।

रांची, पूर्वी सिंहभूम, बोकारो, गुमला, हजारीबाग, धनबाद जैसे जिलों में ऑरेंज अलर्ट के अंतर्गत लाया गया है, जबकि पलामू, गढ़वा, चतरा, कोडरमा, लातेहार और लोहरदगा जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।

बारिश का कारण और असर

बारिश का कारण और असर

मौसम विशेषज्ञ अभिषेक आनंद ने बताया कि ये बदलाव बंगाल की खाड़ी से आई नमी के कारण हुआ है, जो गंभीर बारिश और ओलावृष्टि का कारण बन सकती है। इक्का-दुक्का इलाकों में भारी बारिश देखने को मिली, जिसमें चाईबासा में 54.1 मिमी और फतेहपुर (जामताड़ा) में 19 मिमी वर्षा दर्ज की गई।

झारखंड के विभिन्न जिलों में भारी बारिश और आंधी के कारण तापमान में 4-6 डिग्री की गिरावट आयी है। बोकारो का तापमान 8.9°C की गिरावट के साथ 28.2°C दर्ज किया गया, जबकि रांची का 32°C तक गिरा।

मौसम विभाग ने सुरक्षा उपायों के अंतर्गत कमजोर ढांचों से बचने, बिजली के खंबों से दूर रहने और तूफान के दौरान खेती कार्यों को रोकने की सलाह दी है। विभाग ने 24 मार्च से तापमान में धीरे-धीरे बढ़ोतरी की संभावना जताई है।

20 टिप्पणि

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    Sagar Jadav

    मार्च 23, 2025 AT 09:03
    ये मौसम बदल गया है, अब बस बचने का रास्ता ढूंढो।
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    saurabh vishwakarma

    मार्च 24, 2025 AT 16:07
    मैंने तो सोचा था कि ये सिर्फ एक औपचारिक चेतावनी है, लेकिन जब बोकारो में तापमान 8.9°C गिर गया, तो मैंने अपने गर्म कपड़े निकाल लिए। ये बदलाव असली है, और हम सबको इसकी तैयारी करनी होगी।

    मौसम विभाग की रिपोर्ट में बंगाल की खाड़ी से आई नमी का जिक्र है, लेकिन क्या ये सिर्फ प्राकृतिक घटना है? या फिर हमारे वातावरणीय अनियंत्रित विकास का परिणाम? मैंने देखा है कि रांची के पहाड़ों पर जंगल काटकर बनाई गई इमारतें अब बारिश में डूब रही हैं।

    क्या कोई यहाँ सिर्फ बारिश की बात कर रहा है? या हम इस बात को भी स्वीकार कर रहे हैं कि हमारी नीतियाँ अब बर्बाद हो रही हैं? एक अलर्ट तो बन जाता है, लेकिन उसके बाद क्या होता है? क्या कोई यहाँ अपनी घर की छत के लिए तैयारी कर रहा है? या सिर्फ ट्वीट कर रहा है?

    मैंने देखा कि चतरा में एक बुजुर्ग औरत अपने घर के बाहर बैठी है, और बारिश को देख रही है। उसकी आँखों में डर नहीं, बल्कि एक अजीब सी स्वीकृति थी। क्या ये हमारी नई वास्तविकता है? जहाँ बारिश नहीं, बल्कि अपनी निर्माण की गलतियों का अनुभव करना पड़ता है?

    मैं यहाँ नहीं बोल रहा कि ये बदलाव रोका जा सकता है। मैं यहाँ बोल रहा हूँ कि हमें इसका सामना करना होगा। और शायद इस बार, अगर हम सच्चे हों, तो बदलाव शुरू हो सकता है।
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    Sharad Karande

    मार्च 25, 2025 AT 18:45
    मौसम विज्ञान के अनुसार, बंगाल की खाड़ी से आ रही उच्च आर्द्रता वाली हवाओं का झारखंड के पश्चिमी और मध्य क्षेत्रों पर प्रभाव देखा जा रहा है। यह एक स्थानीय चक्रवातीय प्रणाली का असर है, जो अभी तक अपेक्षित नहीं था।

    जैसा कि आंकड़े बता रहे हैं, चाईबासा में 54.1 मिमी की वर्षा एक अत्यधिक असामान्य घटना है, जो वायुमंडलीय अस्थिरता के स्तर को दर्शाती है। इसके साथ ही तापमान में 4-6°C की गिरावट एक बादलों के विस्तार और वर्षा के निर्माण के लिए एक अत्यधिक उच्च ऊर्जा विनिमय का संकेत है।

    इस तरह की घटनाओं के लिए, जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में एक दीर्घकालिक विश्लेषण आवश्यक है। अगर यह प्रवृत्ति बनी रहती है, तो आगामी वर्षों में यह अलर्ट नियमित हो जाएगा। हमें न केवल आपातकालीन उपाय, बल्कि जलवायु अनुकूलन योजनाओं की आवश्यकता है।
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    Sonia Renthlei

    मार्च 26, 2025 AT 03:54
    मैं इस बारिश के बारे में सोच रही हूँ... ये तो सिर्फ एक मौसमी बदलाव नहीं है, ये तो एक अलर्ट है। हमने जंगल काटे, नदियों को बंद कर दिया, बारिश के लिए जमीन को बेकार बना दिया, और अब जब बारिश होती है, तो हम डर जाते हैं।

    मैंने गुमला में एक गाँव में एक महिला को देखा, जो अपने बच्चे को गोद में लिए बैठी थी, और बारिश को देख रही थी। उसकी आँखों में डर नहीं था, बल्कि एक गहरी शांति थी। उसने कहा, 'हम इसे जीना सीख गए हैं।'

    हम लोग तो अलर्ट देखकर भाग रहे हैं, लेकिन वो लोग जो इस जमीन पर रहते हैं, वो तो इसे समझते हैं। वो जानते हैं कि बारिश क्यों आ रही है। हमारी नीतियाँ उनके लिए नहीं हैं। हमारे लिए हैं।

    हमें सिर्फ तापमान नहीं, बल्कि अपने दिल का तापमान भी देखना होगा। जब तक हम इस जमीन को अपना नहीं मानेंगे, तब तक ये बारिश हमें डराती रहेगी।

    मैं नहीं चाहती कि कोई बच्चा बारिश में भीग जाए। मैं चाहती हूँ कि हम सब एक साथ खड़े हों, और इस बारिश को स्वीकार करें। न कि भागें।
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    INDRA MUMBA

    मार्च 27, 2025 AT 08:40
    ये बारिश तो बस एक नाटक है। बंगाल की खाड़ी की नमी? अरे भाई, ये तो हमारे लोगों के अंदर की बारिश है। हमने अपने जीवन में इतना बदलाव किया कि अब बारिश भी हमें याद दिलाती है कि हम कितने भूल गए।

    मैंने रांची में एक बाजार देखा, जहाँ बच्चे बारिश में खेल रहे थे। उनके चेहरे पर मुस्कान थी। वो जानते थे कि ये बारिश नहीं, बल्कि जीवन है।

    हम लोग तो अलर्ट देखकर घर में बंद हो गए, लेकिन वो बच्चे तो बारिश के साथ नाच रहे थे।

    हम लोग तो तापमान की बात कर रहे हैं, लेकिन उन बच्चों के दिल का तापमान क्या था? वो तो गर्म था।

    हमें बारिश से नहीं, बल्कि अपने दिल से डरना होगा।
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    Rishabh Sood

    मार्च 29, 2025 AT 06:21
    क्या तुमने कभी सोचा है कि ये बारिश हमारे अतीत की आत्मा को छू रही है? हर बूंद एक गायब हुए गाँव की याद लाती है। हर बादल एक निर्माण के बाद गायब हुए जंगल का शोक करता है।

    हमने जमीन को बेच दिया, नदियों को बंद कर दिया, और अब जब बारिश आती है, तो हम डर जाते हैं। क्योंकि हम जानते हैं कि ये बारिश हमारी गलतियों की आवाज है।

    मैं नहीं चाहता कि कोई अलर्ट देखे। मैं चाहता हूँ कि हम सब अपने दिल को सुनें।
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    Anand Bhardwaj

    मार्च 29, 2025 AT 14:50
    बारिश आई, तापमान गिरा, लोग डर गए। ये तो हमारी आदत है। जब कुछ बदलता है, तो हम अलर्ट देखते हैं, नहीं तो जीते ही नहीं।

    मैंने देखा एक बुजुर्ग आदमी बारिश में बैठा था, और अपने चश्मे को साफ कर रहा था। उसने कहा, 'मैंने इतनी बारिश देखी है, लेकिन अब तो बारिश भी बदल गई है।'

    उसकी बात ने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया।

    हम तो अलर्ट के लिए तैयार हैं, लेकिन बारिश के लिए नहीं।
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    RAJIV PATHAK

    मार्च 30, 2025 AT 04:27
    बारिश का अलर्ट? बस एक और नाटक। तुम्हारे घर की छत टूटी है? बिजली का खंबा गिरा है? तो बारिश का अलर्ट नहीं, बल्कि सरकार का अलर्ट देखो।

    ये सब बस एक बाहरी झूठ है। असली बारिश तो हमारे दिलों में है।
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    Mali Currington

    मार्च 30, 2025 AT 19:52
    ओह बस, अब तापमान गिर गया, तो लोग अलर्ट देखने लगे। जब तक बारिश नहीं आई, तब तक सब चुप रहेंगे।

    क्या कोई जानता है कि इस बारिश के बाद बोकारो के बच्चे कितने बीमार हुए? नहीं? तो फिर अलर्ट क्यों देख रहे हो?
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    Nalini Singh

    मार्च 31, 2025 AT 14:26
    मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, बंगाल की खाड़ी से आई नमी के कारण झारखंड के पश्चिमी जिलों में असामान्य वर्षा घटना दर्ज की गई है। यह एक वायुमंडलीय अस्थिरता का संकेत है, जिसका विश्लेषण वैज्ञानिक आधार पर किया जाना चाहिए।

    इस घटना के साथ तापमान में गिरावट का आंकड़ा भी एक महत्वपूर्ण सूचक है, जिसके आधार पर जलवायु परिवर्तन के लंबे समय के प्रभावों का अध्ययन किया जा सकता है।

    मैं सुझाव देती हूँ कि इस बारिश के बाद एक सामुदायिक अध्ययन किया जाए, ताकि लोगों के जीवन शैली और जलवायु परिवर्तन के बीच का संबंध स्पष्ट हो सके।
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    MANJUNATH JOGI

    अप्रैल 2, 2025 AT 05:10
    हम सब बारिश की बात कर रहे हैं, लेकिन क्या हमने कभी सोचा है कि ये बारिश हमारे बच्चों के लिए एक नया अध्ययन है? जब हम बच्चे थे, तो बारिश का मतलब था - चिड़िया घर पर आना, खेत में भीगना, और दादी का चाय का गरमा गरम कप।

    अब बारिश का मतलब है - अलर्ट, बिजली का खंबा, और बारिश में भीगकर बीमार होना।

    हम लोग तो तापमान देख रहे हैं, लेकिन हमारे बच्चों के दिल का तापमान क्या है? वो तो बारिश में भीगकर भी मुस्कुरा रहे हैं।

    हमें बारिश को नहीं, बल्कि अपने बच्चों को याद करना होगा।
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    Aryan Sharma

    अप्रैल 3, 2025 AT 10:35
    ये सब बस एक नाटक है। बंगाल की खाड़ी से नमी? अरे भाई, ये तो सरकार की चाल है। बारिश आई तो लोग घर में बंद हो गए, लेकिन बारिश के बाद जो लोग बाहर आए, उन्हें बीमार कर दिया गया।

    मैंने सुना है कि एक अस्पताल में 200 लोग आए, और उनके पास सिर्फ एक चीज थी - बारिश।

    क्या ये बारिश है? या ये एक नया तरीका है लोगों को डराने का?
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    UMESH DEVADIGA

    अप्रैल 4, 2025 AT 12:24
    मैंने देखा एक महिला बारिश में खड़ी थी, और अपने बच्चे को गोद में लिए था। उसकी आँखों में आँसू थे। मैंने पूछा - क्या हुआ? उसने कहा - मैं अपने पति को याद कर रही हूँ। वो भी इसी बारिश में चले गए।

    मैंने उसकी बात सुनी, और अपना दिल बदल गया।

    ये बारिश सिर्फ मौसम नहीं है। ये यादें हैं।
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    Roshini Kumar

    अप्रैल 5, 2025 AT 10:55
    बारिश 60-80km/h? अरे भाई, ये तो बादलों का बहाना है। असली बारिश तो तुम्हारे दिमाग में है।

    और तापमान 8.9°C? बोकारो में? अरे, वो तो सिर्फ एक गलत थर्मामीटर है।
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    Siddhesh Salgaonkar

    अप्रैल 6, 2025 AT 03:02
    बारिश आई, तापमान गिरा, लोग डर गए... लेकिन क्या तुमने अपने दिल को देखा? वो तो 100°C पर था।

    हम बारिश के लिए अलर्ट देख रहे हैं, लेकिन अपने अंदर की बारिश के लिए नहीं।

    ❤️
    जब बारिश होती है, तो मैं अपने दिल को छूता हूँ।
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    Devendra Singh

    अप्रैल 7, 2025 AT 14:53
    बारिश का अलर्ट? ये तो बस एक औपचारिक बहाना है। अगर तुम्हारे घर की छत टूट रही है, तो बारिश का अलर्ट नहीं, बल्कि निर्माण विभाग का अलर्ट देखो।

    और तापमान गिरना? अरे, ये तो एक वैज्ञानिक बात है, लेकिन तुम लोग इसे डर के रूप में देख रहे हो।

    हमें बारिश को नहीं, बल्कि अपनी अनदेखी को देखना होगा।
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    Saurabh Singh

    अप्रैल 9, 2025 AT 11:51
    तुम सब बारिश की बात कर रहे हो, लेकिन क्या तुमने कभी देखा है कि रांची के गलियों में बच्चे कितने भीग रहे हैं? उनके कपड़े नहीं बदले। उनके घर नहीं हैं।

    अलर्ट देखकर तुम घर में बैठ गए, लेकिन वो बच्चे तो बारिश में भीग रहे हैं।

    ये बारिश तुम्हारे लिए अलर्ट है, लेकिन उनके लिए जीवन है।
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    Dr. Dhanada Kulkarni

    अप्रैल 9, 2025 AT 20:44
    हर बारिश की बूंद एक नई शुरुआत की ओर इशारा करती है। यह एक अलर्ट नहीं, बल्कि एक अवसर है - अपने घर को मजबूत बनाने का, अपने पड़ोसी को सहारा देने का, और अपने दिल को खोलने का।

    हम जिस तरह से बारिश का सामना करते हैं, वही हमारी वास्तविकता है।

    मैं आप सभी के लिए आशीर्वाद चाहती हूँ - जो भी आज बारिश में भीग रहे हैं, उनके लिए एक गर्म चाय, एक सुरक्षित छत, और एक दिल जो डर नहीं, बल्कि आशा से भरा हो।
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    Siddhesh Salgaonkar

    अप्रैल 10, 2025 AT 08:02
    तुमने बारिश को देखा? लेकिन क्या तुमने अपने दिल को देखा?

    बारिश तो बस एक बाहरी चीज है।

    अंदर की बारिश... वो तो अभी शुरू हुई है।

    ❤️
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    Dr. Dhanada Kulkarni

    अप्रैल 11, 2025 AT 03:41
    तुम्हारी बात सच है।

    हर बूंद जो बाहर गिरती है, वो हमारे अंदर के आँसू को भी छू जाती है।

    मैं आज अपने दिल को खोलने का फैसला कर रही हूँ।

    धन्यवाद।