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झारखंड के 11 जिलों में भारी वर्षा के कारण भारत मौसम विज्ञान विभाग ने जारी किया येलो अलर्ट

के द्वारा प्रकाशित किया गया Aashish Malethia    पर 6 अक्तू॰ 2025    टिप्पणि(1)
झारखंड के 11 जिलों में भारी वर्षा के कारण भारत मौसम विज्ञान विभाग ने जारी किया येलो अलर्ट

जब भारत मौसम विज्ञान विभाग ने रांची मौसम केंद्र से येलो अलर्टरांची जारी किया, तो झारखंड के 11 जिलों में लोग घर से बाहर निकलने से हिचकिचाने लगे। इस चेतावनी का कारण निचले दबाव का क्षेत्र और सक्रिय मानसून था, जिसके चलते लगातार भारी बारिश, गरज‑बज्र और तेज हवाओं की आशंका बनी हुई है।

मौसम चेतावनी की पृष्ठभूमि

वर्तमान में झारखंड का अधिकांश भाग मॉनसून की तीव्रता में है। पिछले दो हफ्तों से ही दबाव में गिरावट देखी गई, और इस गिरावट ने कई छोटे‑बड़े नदियों को उछाल दिया। मौसम वैज्ञानिकों ने इस पैटर्न को ‘निचला दबाव ग्राफ़’ कहा, जो अक्सर तेज़ी से बदलते मानसून के साथ जुड़ा रहता है।

रांची मौसम केंद्र के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. सुमित कुमार ने कहा, “हमने सतत सैटेलाइट इमेज और रडार डेटा का विश्लेषण किया, और यह स्पष्ट हो गया कि इस बार की बारिश का पैटर्न पहले की तुलना में अधिक केंद्रित और तीव्र रहेगा।” उनका यह बयान स्थानीय समाचार चैनलों पर कई बार दोहराया गया।

विवरण और प्रभावित जिलों की सूची

अलर्ट में स्पष्ट रूप से 11 जिलों का उल्लेख किया गया है, जिनमें रांची, धनबाद, बोकारो, खूंटी, कोडरमा, चतरा, गिरिडीह, हजारीबाग, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला खरसावां शामिल हैं। इन जिलों में अब से 24 घंटे के भीतर निम्नलिखित स्थितियों की संभावना है:

  • भारी वर्षा (70‑100 mm) — मुख्य रूप से रांची, धनबाद और बोकारो में।
  • हल्की‑मध्यम बारिश (30‑60 mm) — कोडरमा, चतरा और गिरिडीह में।
  • गरज‑बज्र के साथ तेज़ हवाएँ (30‑45 km/h) — विशेष रूप से पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और खूंटी में।
  • वज्रपात की संभावना — रांची, सिमडेगा और सरायकेला खरसावां में अलर्ट जारी किया गया है।

इन डेटा को देखते हुए, स्थानीय प्रशासन ने पहले से ही आपातकालीन टीमों को तैयार कर रखा है, ताकि कहीं‑कहीं जल‑भूंक के मामले में त्वरित सहायता प्रदान की जा सके।

तापमान एवं वर्षा का पूर्वानुमान

तापमान एवं वर्षा का पूर्वानुमान

आज (6 अक्टूबर 2025) के दिन झारखंड में सबसे अधिक तापमान 28 °C और न्यूनतम 22 °C रहेगा। अगले 24 घंटों में मौसम विभाग ने कहा है कि तापमान में लगभग 1 °C की वृद्धि हो सकती है, जबकि स्याही‑हिम तटस्थ मौसम से बारिश की संभावना 80 % तक पहुंच सकती है।

रांची मौसम केंद्र के आंकड़े बताते हैं कि अगर बारिश निरंतर बनी रही, तो 11 अक्टूबर तक इस क्षेत्र में ‘नॉर्मल’ स्थितियों की वापसी काफी मुश्किल दिख रही है।

सरकारी एवं स्थानीय प्रतिक्रिया

झारखंड राज्य सरकार ने तुरंत एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की, जिसमें सभी नागरिकों से कहा गया कि “खराब मौसम में घर से बाहर न निकलें।” कृषि विभाग के अतिरिक्त सचिव श्री क्षितिज त्रिपाठी ने किसानों को चेताया, “जब तक बारिश थमता नहीं, तब तक खेत में कदम न रखें। बीज और उपकरण को सुरक्षित स्थान पर रखें, ताकि नुकसान न हो।”

जिले‑दर‑जिले डीस्ट्रिक्ट कलेक्शन ऑफिसों ने अबी-तसे ही आपातकालीन शेल्टर तैयार कर ली हैं और डीज़ल जेनरेटर स्थापित कर दे रहे हैं। अस्पतालों में भी ब्लड सप्लाई और बिजली की व्यवस्था को मजबूत किया गया है, क्योंकि तेज़ वज्रपात के कारण बिजली कटौती की संभावनाएँ बनी रहती हैं।

अग्रिम प्रभाव और सावधानियां

अग्रिम प्रभाव और सावधानियां

बारिश के साथ‑साथ जल‑भूंक, बाढ़ और बिजली झटके जैसी दुर्घटनाएँ बढ़ सकती हैं। विशेषज्ञों ने निम्नलिखित सावधानियों की सलाह दी है:

  1. बिजली के खंभों और खुले स्थानों से दूरी बनाए रखें; पेड़ के नीचे कभी भी आश्रय न लें।
  2. यदि बारिश के दौरान यात्रा करनी पड़े, तो जल‑भूंक वाले नदियों के किनारे से बचें और तेज़ी से चलने वाले वाहन की जगह सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें।
  3. गृहस्थी में पानी की टैंकों को ढक्कन से बंद रखें, ताकि कीटाणु न बढ़ें।
  4. किसानों को अपनी फ़सल की रोकथाम के लिए एंटी‑फंगल स्प्रे और नमी नियंत्रण उपाय अपनाने चाहिए।
  5. बच्चों और बुजुर्गों को विशेष देखभाल दें, क्योंकि तेज़ तापमान में बदलाव से स्वास्थ्य समस्याएँ बढ़ सकती हैं।

अंत में, मौसम विभाग ने कहा, “अभी के लिए सबसे बड़ा उपाय है सतर्क रहना और जल्द‑से‑जল्दी स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का पालन करना।”

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

यह येलो अलर्ट किसे प्रभावित करेगा?

येलो अलर्ट रांची, धनबाद, बोकारो, खूंटी, कोडरमा, चतरा, गिरिडीह, हजारीबाग, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला खरसावां सहित झारखंड के 11 जिलों को कवर करता है। इन क्षेत्रों में भारी बारिश, तेज़ हवाएँ और वज्रपात की संभावना के कारण आम जनता, किसान और स्थानीय प्रशासन सभी को सावधानी बरतनी होगी।

अलर्ट जारी करने का कारण क्या है?

निचले दबाव क्षेत्र के कारण जलवायु में तेज़ बदलाव आया है। सतत सैटेलाइट व रडार इमेज दिखाती हैं कि वर्षा का तीव्र पैटर्न बदल रहा है, जिससे भारी वर्षा, गरज‑बज्र और तेज़ हवाओं की संभावना बढ़ गई है। यही मुख्य कारण है जिसने भारत मौसम विज्ञान विभाग को येलो अलर्ट जारी करने पर मजबूर किया।

किसानों को अब क्या करना चाहिए?

किसानों को खेतों में प्रवेश से बचना चाहिए और फसल की सुरक्षा के लिए कवरिंग या प्लास्टिक शीट का उपयोग करना चाहिए। साथ ही, बीज, उर्वरक और मशीनरी को ऊँचे और सूखे स्थान पर रखें, ताकि जल‑भूंक से नुकसान न हो। मौसम सामान्य होने पर ही काम शुरू करें।

शहरों में यात्रा करने वाले लोगों को क्या सलाह दी गई है?

ऐसे दिनों में यात्रा को टालना सबसे सुरक्षित विकल्प है। अगर बाहर जाना अनिवार्य हो, तो प्रमुख सड़कों पर जल‑भूंक, बाढ़ और घातक वज्रपात के कारण अचानक रुकावटें आ सकती हैं। इसलिए सार्वजनिक परिवहन या सुरक्षित रूट चुनें और हमेशा नवीनतम मौसम अपडेट पर नज़र रखें।

आगामी दिनों में मौसम कैसी रहेगी?

रचना मौसम केंद्र के अनुसार 11 अक्टूबर तक भारी बारिश जारी रहने की संभावना है। तापमान में थोड़ी वृद्धि के साथ ही बिंदु‑बिंदु पर तेज़ हवाओं और वज्रपात की संभावना बनी रहेगी, इसलिए लगातार चेतावनियों को मॉनिटर करना आवश्यक है।