मोहम्मद आमिर का IPL 2026 खेलने का इरादा
अगर आप क्रिकेट के शौकीन हैं, तो पाकिस्तानी तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद आमिर का नाम कुछ ऐसा है जो किसी भी फैन के जेहन में बना रहता है। हाल ही में आमिर ने एक ऐसा बयान दिया है जिसने दोनों देशों के क्रिकेट फैंस में हलचल मचा दी है। 32 साल के आमिर ने साफ कहा है कि वे 2026 में IPL खेलना चाहते हैं—खास बात है कि इसके लिए वे UK नागरिकता का सहारा लेंगे। फिलहाल वे पाकिस्तान सुपर लीग (PSL) में क्वेटा ग्लैडियेटर्स के लिए खेल रहे हैं, लेकिन उनका सपना आईपीएल की रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) जैसी टीम में शामिल होना है।
आमिर ने यह भी साफ किया है कि अगर उन्हें आईपीएल में खेलने का मौका मिलता है तो वे PSL छोड़कर भी IPL का विकल्प चुनेंगे। इसका मतलब यह है कि PSL और IPL की तारीखें भले ही टकराएं, लेकिन आमिर के लिए IPL पहली पसंद होगी।
UK नागरिकता से क्यों खुलेंगे नए रास्ते?
अब आपके मन में ये सवाल उठना लाजिमी है कि UK नागरिकता क्यों? दरअसल, IPL के नियमों के तहत पाकिस्तानी खिलाड़ियों को खेलने की इजाज़त नहीं है। लेकिन अगर कोई खिलाड़ी पाकिस्तान के बजाय किसी तीसरे देश—जैसे इंग्लैंड—का नागरिक बन जाता है, तो वह विदेशी कोटे से IPL में खेल सकता है। आमिर फिलहाल इंग्लैंड में रहते हैं और उन्होंने रिहायशी शर्तें पूरी करनी शुरू कर दी हैं। इन शर्तों के पूरे होते ही, उम्मीद है कि 2026 तक वे ब्रिटिश पासपोर्ट के साथ IPL के लिए एलिजिबल हो जाएंगे।
आमिर का यह फैसला मामूली नहीं है। उन्होंने जब इंटरनेशनल क्रिकेट से 2023 में संन्यास लिया था, तो पाकिस्तान के घरेलू क्रिकेट और PSL पर ही फोकस किया था। अब ये बयान साफ दिखाता है कि वे अपने करियर को एक बार फिर बड़ा प्लेटफार्म देना चाहते हैं। खुद आमिर ने यह बात इंटरव्यू में कही—'अगर मौका मिला, तो दिल से IPL खेलूंगा। मैं ये खुलकर कह रहा हूं।'
- IPL में खेलने का सपना आमिर के लिए नई प्रोफेशनल ऊंचाई तय कर सकता है।
- RCB के लिए खेलने की ख्वाहिश उन्होंने खास तौर पर ज़ाहिर की है।
- UK नागरिकता के चलते पाकिस्तान बोर्ड की रोक भी बेअसर हो जाएगी।
वैसे ये पहला मौका नहीं जब पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने विदेशी लीग्स के जरिए करियर आगे बढ़ाने की कोशिश की हो। मगर आमिर का मामला इसलिए चर्चा में है क्योंकि वे आईपीएल जैसी दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग में उतरने की बात कर रहे हैं, वो भी खुल्लमखुल्ला।
Saurabh Singh
अप्रैल 20, 2025 AT 07:59अरे भाई, ये आमिर का UK नागरिकता का दांव लगाना तो बस एक बड़ा धोखा है। पाकिस्तान के लिए खेलने का नाम लेकर जब देश बदल दिया, तो अब IPL में आ गए? ये नहीं कि वो खिलाड़ी हैं, ये तो एक ट्रैफिक लूप हैं जो हर लीग के नियमों को चीरकर चलता है।
Mali Currington
अप्रैल 21, 2025 AT 00:25मतलब अब जब भी कोई पाकिस्तानी खिलाड़ी IPL चाहे, तो बस ब्रिटिश पासपोर्ट बना लेगा? ये तो बस एक बड़ा सा लूप है जिसमें हम सब फंसे हुए हैं।
Anand Bhardwaj
अप्रैल 22, 2025 AT 00:42आमिर को तो पाकिस्तान की टीम से बाहर कर दिया गया था, अब इंग्लैंड का पासपोर्ट लेकर IPL में आना है? अच्छा, तो अब खिलाड़ियों के लिए देश बदलना भी एक स्ट्रैटेजी बन गया? बस अब देशों के नाम बदल दें, नहीं तो खेल बदल दें।
INDRA MUMBA
अप्रैल 23, 2025 AT 01:24देखो, ये सिर्फ एक खिलाड़ी का निर्णय नहीं, ये एक नए युग की शुरुआत है - जहाँ खिलाड़ी अपने नागरिकता के आधार पर अपने करियर को रिडिफाइन कर रहे हैं। आमिर ने जब PSL में अपनी जगह बनाई, तो वो एक डोमेस्टिक एथलीट थे, लेकिन अब वो एक ग्लोबल क्रिकेट एंटरप्रेन्योर बन गए हैं। इंग्लैंड की रेजिडेंसी के जरिए वो न सिर्फ IPL के लिए एलिजिबल हो रहे हैं, बल्कि एक नए ब्रांडिंग स्ट्रैटेजी के साथ भी अपनी इकोसिस्टम को एक्सपैंड कर रहे हैं। ये तो एक नया नॉर्म है - जहाँ लोयल्टी टीम के नाम पर नहीं, बल्कि ऑपर्चुनिटी के नाम पर डिफाइन होती है।
Rishabh Sood
अप्रैल 23, 2025 AT 08:42यह बात अत्यंत गंभीरता से ली जानी चाहिए। एक ऐसे खिलाड़ी के लिए, जिसने अपने जीवन का अधिकांश समय राष्ट्रीय गौरव के लिए खेला है, अब एक तीसरे देश की नागरिकता अपनाना एक अत्यंत जटिल नैतिक और राजनीतिक द्वंद्व को दर्शाता है। क्रिकेट केवल एक खेल नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत है, जिसे व्यक्तिगत लाभ के लिए बदलना उस विरासत के प्रति अपमान है। यह व्यवहार न केवल भारतीय या पाकिस्तानी फैन्स के लिए, बल्कि संपूर्ण क्रिकेट समुदाय के लिए एक खतरनाक प्रेसेडेंट है।
RAJIV PATHAK
अप्रैल 24, 2025 AT 18:28RCB के लिए खेलना चाहते हैं? अच्छा, तो अब जो लोग अपने देश के लिए खेलने का नारा लगाते हैं, वो अब ब्रिटिश पासपोर्ट लेकर आ रहे हैं। बस एक बार इंग्लैंड के लिए खेल देंगे, फिर जब इंग्लैंड की टीम नहीं बनेगी, तो फिर भी अपनी नागरिकता बदल देंगे। ये तो एक नया स्पोर्ट्स फिलॉसफी है - जहाँ लोयल्टी का नाम लेना भी अब बेकार है।