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गुरु पूर्णिमा 2024: गुरुओं को सम्मानित करने के लिए सर्वश्रेष्ठ संदेश, उद्धरण और एसएमएस

के द्वारा प्रकाशित किया गया Aashish Malethia    पर 22 जुल॰ 2024    टिप्पणि(18)
गुरु पूर्णिमा 2024: गुरुओं को सम्मानित करने के लिए सर्वश्रेष्ठ संदेश, उद्धरण और एसएमएस

गुरु पूर्णिमा का महत्त्व और इतिहास

गुरु पूर्णिमा, देश के कोने-कोने में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण पर्व है। हर वर्ष आषाढ़ महीने की पूर्णिमा को यह पवित्र दिन मनाया जाता है। यह दिन हमारे गुरुओं को समर्पित है, जिन्होंने हमें जीवन पथ पर सही दिशा दिखाने और आध्यात्मिक मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया है।

गुरु, हमारी संस्कृति और परंपराओं में सर्वोपरि होते हैं। इसका प्रमाण यह है कि गुरु को भगवान से भी उच्च स्थान दिया जाता है। 'गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागूं पांए, बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो बताए' ये पंक्तियां इस तथ्य को अच्छी तरह से दर्शाती हैं।

व्यास पूर्णिमा का महत्त्व

गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था, जिन्होंने महाभारत जैसे महाकाव्य की रचना की थी। वेदव्यास जी को आदि गुरु माना जाता है और उन्होंने वेदों का वर्गीकरण भी किया था। इसलिए, उनकी स्मृति में इस दिन को व्यास पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है।

व्यास पूर्णिमा का महत्त्व इस बात में भी है कि इसमें गुरु-शिष्य परंपरा को प्रोत्साहन मिलता है। इस दिन शिष्य अपने गुरुओं के प्रति आभार प्रकट करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

गुरु पूर्णिमा के आयोजन और परंपराएं

गुरु पूर्णिमा के दिन, खासकर भारत में, लोग अपने गुरुओं की पूजा करते हैं। वे अपने शिक्षकों से मिलने जाते हैं, उनके चरण स्पर्श करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। विभिन्न समुदायों में इस दिन को अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है, लेकिन मुख्य उद्देश्य गुरुओं के प्रति कृतज्ञता और श्रद्धा व्यक्त करना होता है।

इस दिन के अवसर पर विशेष पूजा-पाठ और हवन का आयोजन होता है। लोग अपने घरों और मंदिरों में विशेष आरती और भजन का आयोजन करते हैं। गुरु महाराज को माला पहनाई जाती है और उनके चरणों में फूल चढ़ाए जाते हैं। विद्यार्थियों के लिए यह दिन अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह अवसर उन्हें अपने अध्यापकों के प्रति आभार व्यक्त करने का अवसर देता है।

आधुनिक समय में, गुरु पूर्णिमा के अवसर पर सोशल मीडिया पर भी शुभकामनाओं का आदान-प्रदान होता है। लोग अपने गुरुओं को संदेश, एसएमएस और व्हाट्सएप के माध्यम से शुभकामनाएं भेजते हैं।

गुरु पूर्णिमा पर संदेश, उद्धरण और एसएमएस

गुरु पूर्णिमा के अवसर पर अपने गुरुओं को संदेश और शुभकामनाएं भेजना एक सुंदर तरीका है जिससे हम उनके प्रति अपनी श्रद्धा और आभार व्यक्त कर सकते हैं। यहां कुछ उद्धरण और संदेश दिए जा रहे हैं जिन्हें आप अपने गुरुओं के साथ साझा कर सकते हैं:

  1. ‘गुरु ब्रह्मा, गुरु विष्णु, गुरु देवो महेश्वरा, गुरु साक्षात परम ब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नमः’।
  2. ‘शिक्षक कभी साधारण नहीं होता, प्रलय और निर्माण उसकी गोद में पलते हैं। गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं।
  3. ज्ञान जीवन का प्रकाश है, और हमारे गुरुओं ने हमें इस प्रकाश से प्रकाशित किया है। गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर सभी गुरुओं को नमन।
  4. गुरु वो दीपक है जो बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाते हैं। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर सभी गुरुओं की जय हो।
  5. जिसके पास गुरुज्ञान है, उसके पास सारा संसार है। गुरु पूर्णिमा के शुभ दिन पर सभी को बधाई।

गुरु पूर्णिमा : क्यों है विशेष

गुरु पूर्णिमा का पर्व केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि यह समाज में शिक्षा और ज्ञान के प्रचार-प्रसार में भी अहम भूमिका निभाता है। शिक्षा का महत्त्व हमारे जीवन में अनमोल है और गुरु ही हमें सही शिक्षा और संस्कार देते हैं।

समाज में गुरु-शिष्य परंपरा का निर्वाह होना आवश्यक है, क्योंकि यही परंपरा व्यक्ति को सच्चे मार्ग की ओर ले जाती है। इस दिन पुराने छात्रों द्वारा अपने गुरुओं को याद करना और नई पीढ़ी को इस परंपरा की महत्ता से अवगत कराना भी आवश्यक है।

गुरु पूर्णिमा का आध्यात्मिक पक्ष

गुरु पूर्णिमा का आध्यात्मिक पक्ष भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह दिन हमें यह स्मरण कराता है कि जीवन में सच्चे मार्गदर्शन के बिना हम अधूरे हैं। गुरु हमें न केवल समाजिक जीवन में मार्गदर्शन देते हैं बल्कि हमें आत्मिक ऊंचाइयों तक भी पहुंचाते हैं।

इस दिन योग और ध्यान साधना का भी विशेष महत्त्व होता है। विभिन्न आध्यात्मिक संस्थानों में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर विशेष ध्यान और साधना का आयोजन होता है।

गुरु पूर्णिमा का महत्व केवल भारतीय परंपरा तक सीमित नहीं है, बल्कि विदेशों में भी इस पर्व को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। भारतीय गुरु परंपरा को विश्वभर में सम्मानित और आदर किया जाता है।

आधुनिक समय में गुरु पूर्णिमा

आधुनिक युग में भी गुरु पूर्णिमा की प्रासंगिकता बनी हुई है। भले ही आज के समय में शिक्षा का तरीक़ा बदल गया हो, लेकिन गुरु का महत्त्व आज भी उतना ही है जितना प्राचीन काल में था। आज के दौर में गुरु न केवल बच्चों को पुस्तक ज्ञान देते हैं, बल्कि उन्हें जीवन के विभिन्न पहलुओं पर भी मार्गदर्शन करते हैं।

गुरु पूर्णिमा के दिन हम सबको अपने शिक्षकों की भूमिका को सराहना चाहिए और उन्हें उनके योगदान के लिए धन्यवाद देना चाहिए। उनके आशीर्वाद से हमारा जीवन सफल हो सकता है और हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।

इस गुरु पूर्णिमा, आपको सभी गुरुओं का सम्मान करते हुए, उन्हें आभार व्यक्त करते हुए, आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।

18 टिप्पणि

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    Mali Currington

    जुलाई 24, 2024 AT 02:24
    अरे भाई, गुरु पूर्णिमा पर फोटो डालने के लिए बस गुरु का नाम लिख दो, बाकी सब फेसबुक ऑटो जेनरेट कर देगा।
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    Aryan Sharma

    जुलाई 25, 2024 AT 03:06
    ये सब बकवास है। गुरु को पूजो तो क्या हुआ? असली गुरु तो वो है जो तुम्हें बिना पैसे लिए सिखाए। आजकल तो हर कोई गुरु बन गया है, बस यूट्यूब पर वीडियो डाल दो और बन जाओ गुरु।
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    UMESH DEVADIGA

    जुलाई 26, 2024 AT 23:03
    मैंने अपने स्कूल के टीचर को गुरु पूर्णिमा पर गिफ्ट दिया था... उन्होंने मुझे बुलाकर कहा कि तुम्हारा जीवन बर्बाद है। अब तक उनकी आवाज़ मेरे कानों में गूंजती है।
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    INDRA MUMBA

    जुलाई 28, 2024 AT 05:35
    गुरु-शिष्य परंपरा केवल एक आध्यात्मिक संरचना नहीं, बल्कि एक सामाजिक एपिस्टेमोलॉजी है - जिसमें ज्ञान का संचार शब्द, अनुभव और अनुकरण के तीन अक्षों पर आधारित होता है। आज के डिजिटल युग में, यह परंपरा अब एक नेटवर्केड कॉग्निटिव सिस्टम में रूपांतरित हो रही है, जहाँ गुरु एक एल्गोरिदमिक मार्गदर्शक बन गए हैं।
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    RAJIV PATHAK

    जुलाई 28, 2024 AT 10:22
    गुरु पूर्णिमा? अरे ये तो बस एक व्यावसायिक जलवा है। जितने गुरु, उतने ट्रेनिंग सेंटर। आज तो गुरु बनने के लिए 5000 रुपये दो, और तुम्हें एक डिप्लोमा मिल जाएगा - और ये डिप्लोमा तुम्हें गुरु बनने का अधिकार देता है।
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    Nalini Singh

    जुलाई 29, 2024 AT 23:22
    गुरु का सम्मान केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि भारतीय सभ्यता का एक अभिन्न अंग है। वेदों से लेकर आधुनिक शिक्षा तक, गुरु ही ज्ञान के जीवंत नाले हैं। इस दिन को बस एक आर्टिकल के लिए नहीं, बल्कि अपने अंदर के शिष्य को जगाने के लिए मनाया जाना चाहिए।
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    Sonia Renthlei

    जुलाई 31, 2024 AT 08:46
    मैंने अपने गुरु को एक छोटा सा खत लिखा था - नहीं, मैंने उन्हें नहीं लिखा, मैंने अपने आप को लिखा। जब आप गुरु के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं, तो आप अपने आप को भी देखते हैं। उन्होंने बस एक शब्द कहा था - 'तू अभी तक बच्चा है' - और वो शब्द मेरी जिंदगी बदल गया। आज भी उस दिन की याद आती है तो आँखें भर आती हैं।
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    Roshini Kumar

    अगस्त 1, 2024 AT 02:28
    गुरु पूर्णिमा? ओह बाप रे... तुम्हारे गुरु ने तुम्हें गणित सिखाया या तुम्हारी गर्लफ्रेंड को देखकर बोल दिया कि ये तुम्हारी नहीं है? तो फिर ये सब बकवास क्यों? 😂
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    Siddhesh Salgaonkar

    अगस्त 1, 2024 AT 05:09
    गुरु पूर्णिमा का असली मतलब तो ये है कि तुम अपने गुरु को भेजो एक व्हाट्सएप मैसेज और फिर उसे फेसबुक पर शेयर कर दो 🙏✨ और फिर तुम्हारी रोज़ की लाइफ की शुरुआत हो जाती है - एक गुरु के नाम पर 😎
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    Arjun Singh

    अगस्त 1, 2024 AT 23:30
    गुरु का अर्थ आज बदल गया है। अब गुरु वो नहीं जो तुम्हें जीवन बताए, बल्कि वो जो तुम्हें टिकटॉक पर 10 सेकंड में बताए कि जीवन कैसे जिया जाए। गुरु पूर्णिमा अब एक इंफ्लुएंसर फेस्टिवल है।
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    yash killer

    अगस्त 3, 2024 AT 12:48
    हमारे गुरु हमें ज्ञान देते हैं और दुनिया को बचाते हैं। अब तुम लोग इस दिन को सोशल मीडिया पर बांट रहे हो? असली गुरु तो वो है जो तुम्हारे लिए जान दे दे। ये बकवास जिस तरह से मनाया जा रहा है, ये भारत की शर्म है!
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    Ankit khare

    अगस्त 5, 2024 AT 07:12
    गुरु तो हर जगह हैं लेकिन शिष्य कहाँ है? आजकल लोग गुरु बनना चाहते हैं न कि शिष्य बनना। तुम जिस गुरु को याद करते हो वो तुम्हारा गुरु है या तुम्हारा ट्रेनर? एक बार खुद से पूछो।
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    Rishabh Sood

    अगस्त 5, 2024 AT 20:07
    गुरु पूर्णिमा का तात्पर्य केवल एक दिन के लिए नहीं, बल्कि एक अनंत अनुशासन के लिए है। जब तक शिष्य अपने गुरु के वचन को अपने अस्तित्व के साथ समेट नहीं लेता, तब तक गुरु का आध्यात्मिक अधिकार अपूर्ण है। यह एक अनंत श्रद्धा का चक्र है, जिसका प्रत्येक चक्र एक नए जीवन की शुरुआत है।
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    Chirag Yadav

    अगस्त 6, 2024 AT 23:01
    मैंने अपने टीचर को बहुत बार गुस्सा दिया था... फिर भी वो हर बार मुझे गले लगाते थे। गुरु पूर्णिमा पर मैंने उन्हें एक चिट्ठी लिखी - उन्होंने रोते हुए मुझे गले लगा लिया। अब मैं भी टीचर बन गया हूँ। शायद यही असली गुरु पूर्णिमा है।
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    Shakti Fast

    अगस्त 7, 2024 AT 23:31
    मैंने आज अपने गुरु को एक चाय की कप दी। बस इतना। उन्होंने मुस्कुराकर कहा - 'तुमने आज बहुत कुछ सीख लिया है।' ज्ञान कभी बड़े शब्दों में नहीं, छोटे कामों में छिपा होता है।
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    saurabh vishwakarma

    अगस्त 8, 2024 AT 11:46
    गुरु पूर्णिमा? ये तो एक अद्भुत अवसर है - जब आप अपने गुरु को एक बार फिर देख सकते हैं, जब आप उनके चरणों में गिर सकते हैं, जब आप अपने अतीत के आत्मा को फिर से छू सकते हैं। ये दिन केवल एक त्योहार नहीं, ये तो एक आत्मिक अभियान है।
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    Saurabh Singh

    अगस्त 8, 2024 AT 21:26
    तुम सब लोग गुरु के नाम पर फोटो डाल रहे हो, लेकिन क्या तुमने अपने बच्चे को आज स्कूल भेजा? या तुम्हारे दोस्त को जिंदगी में सही दिशा दी? गुरु पूर्णिमा तब है जब तुम किसी की जिंदगी बदल दो - न कि जब तुम एक मैसेज भेज दो।
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    Devendra Singh

    अगस्त 9, 2024 AT 07:33
    तुम लोगों ने गुरु पूर्णिमा को एक लिस्ट बना दिया - उद्धरण, संदेश, एसएमएस। अब तो गुरु भी एक ऑटोमेटेड एमेल टेम्पलेट है। जब तक तुम अपने अंदर के गुरु को नहीं खोजोगे, तब तक बाहर के गुरु तुम्हारे लिए केवल एक फेक न्यूज़ फीड होंगे।