GST में बदलाव: सरकार के दावों पर कांग्रेस का तीखा सवाल
GST यानी वस्तु एवं सेवा कर, जो 2017 में पूरे देश में लागू हुआ था, लगातार बड़े बदलावों की बात हो रही है। नए बदलावों की आगाही खुद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में कर दी थी। इसी कड़ी में कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद राजीव शुक्ला ने मोदी सरकार की अगली पीढ़ी की GST सुधार योजनाओं को लेकर संसद में बड़ा सवाल दागा है। उन्होंने 11 फरवरी 2025 को संसद में अनस्टार्ड क्वेश्चन देकर सरकार से पूछ लिया – ये तीन स्तंभ वाला ब्लूप्रिंट क्या है, कैसे लागू होगा, और जनता को असल फायदा क्या मिलेगा?
दरअसल, सरकार अगले-जेनरेशन GST सुधारों का दावा कर रही है। नई योजना में दो स्लैब की बात है – एक स्टैंडर्ड और दूसरा मेरिट स्लैब, जबकि खास चीजों पर ही स्पेशल रेट रहेगा। जिससे किसानों, महिलाओं, छात्रों और मिडिल क्लास वर्ग को राहत मिलने की बात कही गई है। लेकिन राजीव शुक्ला- और कांग्रेस पार्टी –की चिंता है कि सिर्फ टैक्स दर घटा देना काफी नहीं, जब तक पूरी टैक्स सिस्टम की जड़ में बदलाव न हो।
परदे के पीछे चल क्या रहा है?
पहले भी कांग्रेस अपने चुनावी घोषणापत्र में ‘GST 2.0 – गुड एंड सिंपल टैक्स’ की बात रख चुकी है, जिसमें मौजूदा ढांचे के बुनियादी दोषों को खत्म करने पर जोर था। कांग्रेस का कहना है कि टैक्स रेट कम करना एक सीमित सुधार है, असली जरूरत तो पंजीकरण, टैक्स कलेक्शन, रिटर्न फाइलिंग और रिफंड प्रक्रिया जैसे बुनियादी कामों को सामान्य और भरोसेमंद बनाने की है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल में संसद में बताया था कि GST रेट रेशनलाइजेशन पर काम लगभग पूरा हो गया है। GST लागू होने के वक्त टैक्स रेवेन्यू न्यूट्रल रेट 15.8 फीसदी थी, जो घटकर 2023 में 11.4 फीसदी हो गई और अब और गिराने की योजना है। यानी टैक्स स्लैब कम कर आम जनता को राहत देने का दावा सरकार कर रही है – लेकिन कांग्रेस इस पर और पारदर्शिता चाहती है।
GST काउंसिल ने साल 2021 में टैक्स स्लैब में बदलाव की सिफारिशों और रेशनलाइजेशन के लिए ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स बनाया था, मगर अब तक असल जमीनी बदलाव बहुत साफ नजर नहीं आ रहे। और इसी से जुड़े कई सवाल राजीव शुक्ला के हैं – आखिर कब होगा असल सुधार? छोटे व्यापारी, स्टार्टअप्स और निर्यातकों के लिए पंजीकरण-रिफंड की प्रक्रिया कब तक आसान बनेगी? सरकार कहती है फॉर्म पहले से भरे मिलेंगे, रिफंड ऑटोमेटेड हो जाएगा, मगर ये सब सिर्फ ड्राफ्ट तक ही सीमित तो नहीं?
- अब तक GST की जटिलता से छोटे व्यापारी काफी परेशान रहे हैं।
- ऑनलाइन रिटर्न फाइलिंग में अक्सर तकनीकी दिक्कतें आती हैं।
- रिफंड देर से मिलने की शिकायतें आम हैं, खासकर एक्सपोर्टर्स के साथ।
शुक्ला की सवालों से साफ है कि विपक्ष ये चाह रहा है कि सरकार अपनी टैक्स नीति पूरी तरह सामने रखे – सिर्फ छूट की घोषणा नहीं, बल्कि सही मायने में टैक्स सिस्टम आम जनता और व्यापारियों के लिए आसान बने। क्योंकि बार-बार नियम बदलने, या अधूरी जानकारी से असमंजस में रहने वालों की गिनती आज भी कम नहीं है।
अब देखना यह है कि सरकार विपक्षी सवालों के जवाब में कितना खुलकर और पारदर्शी ढंग से अपना रोडमैप पेश करती है। GST सुधारों की अगली किस्त पर पूरे देश की नजरें टिकी हैं – खासकर उन लोगों की, जिनकी रोजी-रोटी की सीधी डोर इसी नई टैक्स नीति से जुड़ी है।
Mali Currington
अगस्त 17, 2025 AT 10:16फिर से GST 2.0? भाई, पहले वाला GST तो अभी भी समझ में नहीं आया, अब नया बनाएंगे तो क्या होगा? बस एक नया फॉर्म और एक नया बटन जोड़ देंगे, रिफंड तो पिछले 3 साल से लटका हुआ है।
INDRA MUMBA
अगस्त 18, 2025 AT 21:36असली बात ये है कि GST का ढांचा अभी भी एक फैक्टरी के जैसा है - जहां छोटे व्यापारी इंजन बनाते हैं, लेकिन उन्हें खुद के लिए गियर नहीं मिलते। टैक्स रेट घटाना तो बस एक ब्लैक फ्राइडे वाली छूट है, असली सुधार तो तब होगा जब एक छोटी दुकान का मालिक बिना किसी एप के, बिना किसी टेक्निकल गड़बड़ के, बस एक बार फाइल कर दे और रिफंड ऑटोमैटिक आ जाए। ये है टैक्स सिस्टम की असली डिज़ाइनिंग।
Anand Bhardwaj
अगस्त 19, 2025 AT 19:46मोदी सरकार के लिए GST 2.0 बस एक चुनावी नारा है। जब तक आधार और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर पर इतना भरोसा न हो जाए कि एक गांव के दुकानदार का टैक्स ऑटो-फिल हो जाए, तब तक ये सब बस बातों का खेल है।
RAJIV PATHAK
अगस्त 20, 2025 AT 05:33कांग्रेस का GST 2.0 ब्लूप्रिंट? वो तो अभी भी अपने चुनावी घोषणापत्र को लिखने के लिए एक एमएस वर्ड डॉक्यूमेंट खोल पाता है। एक ऐसा दल जिसने 2014 में GST को रोक दिया था, अब उसके नेता इसे रिवाइज करने का दावा कर रहे हैं? वाह, बहुत बड़ी बात है।
Nalini Singh
अगस्त 21, 2025 AT 18:03यह विषय भारतीय आर्थिक व्यवस्था के नींव के बारे में है। GST का उद्देश्य एक समान, सरल और पारदर्शी कर प्रणाली का निर्माण करना था। वर्तमान स्थिति में, जब तक रिटर्न फाइलिंग, रिफंड प्रक्रिया और पंजीकरण के बुनियादी तत्व स्थायी रूप से सुधार नहीं हो जाते, तब तक कोई भी रेट रेशनलाइजेशन बस एक चमकीला रंग बना रहेगा - अंदर से खोखला।
Sonia Renthlei
अगस्त 23, 2025 AT 13:05मैं एक छोटे शहर के एक ऑनलाइन स्टोर के मालिक हूं। हर महीने मैं 12 घंटे गुमाता हूं GSTN पोर्टल पर - लॉगिन नहीं होता, फॉर्म नहीं सेव होता, एक बार फाइल करने के बाद एक एरर आता है जो कहता है 'अनिर्दिष्ट त्रुटि'। रिफंड के लिए अभी तक 14 महीने लग गए। मेरे पास बच्चों के लिए बचत के लिए नहीं, बल्कि बिजली के बिल भरने के लिए पैसे चाहिए। जब तक ये सिस्टम इंसानों के लिए बना नहीं होगा, बस एक डिजिटल भ्रम है। क्या हम ये नहीं समझ पा रहे कि टैक्स सिस्टम का असली उद्देश्य जनता को आसानी देना है, न कि उन्हें बार-बार बांधना?
Aryan Sharma
अगस्त 24, 2025 AT 03:52ये सब GST 2.0 की बातें बस एक धोखा है। अमेरिका की CIA और चीन के बीच एक साजिश है जिसका नाम GST है - ताकि हमारे नागरिकों के पैसे को ट्रैक किया जा सके। जब तक आप अपना आधार नहीं डिलीट करते, तब तक आपका हर खर्च बाहरी एजेंसी को दिख रहा है। ये नया GST तो एक डिजिटल शिकंजा है!
Devendra Singh
अगस्त 24, 2025 AT 22:38कांग्रेस के लोगों को बस इतना नहीं लगता कि टैक्स रेट कम करने से कुछ नहीं होगा - उन्हें लगता है कि जब तक उनके दोस्तों के बैंक अकाउंट में पैसा नहीं आता, तब तक कोई सुधार नहीं हुआ। ये लोग तो अपने लिए टैक्स छूट चाहते हैं, न कि जनता के लिए।
UMESH DEVADIGA
अगस्त 25, 2025 AT 02:01मैंने अपने दोस्त के साथ एक छोटी फैक्ट्री शुरू की थी। उसका रिफंड 18 महीने तक टंगा रहा। अंत में वो दुकान बंद कर दी। अब वो ऑटो चलाता है। जब तक इस सिस्टम को बदलने की बात नहीं होगी, तब तक और लोग अपने जीवन के सपने छोड़ देंगे। मैं तो बस रो रहा हूं।
Roshini Kumar
अगस्त 26, 2025 AT 00:26GST 2.0? ये तो पहले से ही गलत है - गलत नाम, गलत रेट, गलत फॉर्म, गलत एप, गलत रिफंड, गलत फैसले... अब ये नया GST भी गलत होगा... बस एक नया नाम दे दो और फिर से भूल जाओ।
Siddhesh Salgaonkar
अगस्त 26, 2025 AT 01:35मोदी जी के नेतृत्व में GST तो एक बड़ी कामयाबी है! 😊 अब जब तक आप अपने बिलों को नहीं फाइल करते, तब तक आप भारतीय नागरिक नहीं हैं! 💪 जनता को बस थोड़ा सा धैर्य रखना है... और बहुत सारे टेक्निकल एरर्स को सहन करना है 😅
Arjun Singh
अगस्त 26, 2025 AT 20:34GST रेट घटाना तो बस एक शोर है। असली बात ये है कि टैक्स अथॉरिटी के एक्सेस को डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर पर डिपेंड करना है। जब तक आपके पास एक वैध आधार, एक स्टेबल इंटरनेट और एक डिजिटल लिटरेसी नहीं है, तब तक आपके लिए GST एक टैक्स जंगल है।
yash killer
अगस्त 27, 2025 AT 04:55कांग्रेस वाले हमेशा बातें करते हैं पर कुछ नहीं करते। GST जैसा बड़ा काम करने के बाद अब उनकी ज़ुबान खुल गई है। हमारे देश की ताकत यही है कि हम जो करते हैं वो दुनिया भर में देखती है। बस बकवास न करो!
Ankit khare
अगस्त 28, 2025 AT 03:32ये सब बातें बस लोगों को भ्रमित करने के लिए हैं। असली समस्या तो ये है कि छोटे व्यापारी अपने बारे में नहीं सोचते। वो तो बस टैक्स भरने के लिए बाहर जाते हैं और अपने बिलों को भूल जाते हैं। इसलिए सिस्टम को बदलने की जरूरत नहीं, बल्कि उन्हें सिखाने की जरूरत है।
Chirag Yadav
अगस्त 28, 2025 AT 07:16मैं तो बस ये कहना चाहता हूं कि अगर ये सब सुधार हो गए तो एक गांव की बुजुर्ग महिला भी बिना किसी दिक्कत के अपना GST फाइल कर सकेगी। ये ही सच्ची सफलता है। हम तो बस इसी दिशा में बढ़ रहे हैं।
Shakti Fast
अगस्त 29, 2025 AT 03:23मैंने अपने बेटे को सिखाया है कि टैक्स भरना एक गर्व की बात है। अगर हम इसे आसान बना दें, तो वो भी गर्व से फाइल करेगा। ये बदलाव सिर्फ नीति नहीं, बल्कि संस्कृति का बदलाव है। एक छोटा कदम, एक बड़ी जीत।
saurabh vishwakarma
अगस्त 30, 2025 AT 20:43ये GST 2.0 का दावा तो बस एक नाटक है। जैसे एक डॉक्टर बीमार रोगी को बताए कि अब आपको दवा मिल जाएगी - लेकिन उसके हाथ में दवा नहीं है। ये बस दर्द को नजरअंदाज करने का तरीका है। जब तक जनता के दर्द को सुना नहीं जाएगा, तब तक कोई बदलाव नहीं होगा।