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एनामुल हक जूनियर ने 18 साल में 10 विकेट, भारत के चार युवा गेंदबाज सूची में

के द्वारा प्रकाशित किया गया Aashish Malethia    पर 9 अक्तू॰ 2025    टिप्पणि(5)
एनामुल हक जूनियर ने 18 साल में 10 विकेट, भारत के चार युवा गेंदबाज सूची में

जब एनामुल हक जूनियर, बांग्लादेश के 18 साल और 40 दिन के तेज गेंदबाज, ने अपने डेब्यू टेस्ट में 10 विकेट की शानदार उपलब्धि हासिल की, तो दुनिया भर के क्रिकेट प्रेमियों के रसोई में उन्माद का सैलाब आ गया। यह घटना 2023 के फरवरी में हुआ, और इसका असर न सिर्फ बांग्लादेश क्रिकेट पर, बल्कि युवा उभरते बॉलिंग टैलेंट को पहचानने की रणनीति पर भी पड़ा। इस ही क्रम में भारत के चार तेज गेंदबाज—लक्ष्मण शिवरामकृष्णन, नरेंद्र हिरवानी, श्रीनिवास वेंकटराघवन और इरफान पठान इस सूची में अपने-अपने उम्र‑इस्तीन के साथ चमक रहे हैं।

पृष्ठभूमि: क्यों 10‑विकेट हॉल विशेष है?

टेस्ट क्रिकेट में एक ही पारी में सभी दस विकेट लेना एक दुर्लभ उपलब्धि है; इतिहास में केवल 70‑से‑अधिक बार ही यह हुआ है। युवा गेंदबाजों के लिए यह आँकड़ा इतना महत्वपूर्ण क्यों है? सबसे पहले, यह दर्शाता है कि बल्लेबाजों की लंबी भौतिक और तकनीकी दैत्यता को एक ही सत्र में तोड़ पाना संभव है। दूसरा, यह टीम चयनकर्ताओं को यह भरोसा देता है कि युवा पैकेज में भरोसेमंद विकल्प मौजूद हैं।

रिकॉर्ड विवरण: सबसे युवा 10‑विकेट‑होलर

नीचे दी गई तालिका में उन गेंदबाजों को दिखाया गया है जिन्होंने सबसे कम उम्र में यह कारनामा किया है। प्रत्येक के पास उम्र‑दिन का सटीक उल्लेख है, जो दर्शाता है कि कितनी जल्दी उन्होंने क्रिकेट इतिहास में नाम दर्ज किया।

  • एनामुल हक जूनियर (बांग्लादेश) – 18 वर्ष, 40 दिन (फ़रवरी 2023, डुब्बी टेस्ट)
  • वसीम अकरम (पाकिस्तान) – 18 वर्ष, 251 दिन (अप्रेल 2022)
  • वकार यूनिस (पाकिस्तान) – 18 वर्ष, 336 दिन (जून 2022)
  • लक्ष्मण शिवरामकृष्णन (भारत) – 18 वर्ष, 333 दिन (नवम्बर 2023)
  • मेहदी हसन मिराज (बांग्लादेश) – 19 वर्ष, 3 दिन
  • नरेंद्र हिरवानी (भारत) – 19 वर्ष, 85 दिन
  • श्रीनिवास वेंकटराघवन (भारत) – 19 वर्ष, 332 दिन
  • इरफान पठान (भारत) – 20 वर्ष, 44 दिन
  • अल्फ्रेड वैलेंटाइन (वेस्टइंडीज) – 20 वर्ष, 41 दिन

भारतीय गेंदबाजों का योगदान

भारत ने इस तालिका में चार नामों से प्रतिस्पर्धा की है, जो दक्षिण एशियाई क्रिकेट के रोग मुक्त इतिहास को उजागर करता है। लक्ष्मण शिवरामकृष्णन, जो 2023 में 18 वर्ष 333 दिन की उम्र में अपने प्रथम टेस्ट में 10 विकेट ले गए, ने इस सूची में तीसरे स्थान पर अपने आप को स्थापित किया। उनके बाद नरेंद्र हिरवानी और श्रीनिवास वेंकटराघवन ने क्रमशः 19 वर्ष 85 दिन तथा 19 वर्ष 332 दिन में समान उपलब्धि हासिल की। इरफान पठान, जो पहले ही 2022 में 20 वर्ष 44 दिन के आयु में यह करिश्मा दिखा चुके हैं, ने युवा सत्र में अनुभव का मिश्रण पेश किया।

इन खिलाड़ियों के अलावा, अंशुल कंबोज ने हाल ही में मैनचेस्टर में भारत‑इंग्लैंड टेस्ट में अपनी पहली पारी में 10 विकेट लेने का सपना देखना शुरू किया। यह अवसर मैन्चेस्टर की पिच पर मिला, जहाँ उन्होंने अक्टूबर 2024 में अपने डेब्यू के साथ इस श्रेणी में प्रवेश किया। इस तेज़ गति वाले शॉट‑से‑स्मार्ट बॉलिंग के आगे, कम उम्र में 10‑विकेट हासिल करना अब एक नया मानक बन रहा है।

वर्तमान स्थिति और भविष्य की राह

2025 में टेस्ट बॉलिंग रैंकिंग में, जसप्रीत बुमराह शीर्ष पर रहने के साथ, भारत के युवा बॉलर्स को निरंतर प्रदर्शन करने का दबाव बढ़ रहा है। विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (2025‑27) में पश्चिमी इंडीज के शमार जोसेफ ने 22 विकेट के साथ चमक दिखाई, जबकि भारत के बुमराह ने 17 विकेट लिए। यह प्रतियोगिता दिखाती है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेज़ गति वाले बॉलिंग का महत्व क्या है।

भविष्य में, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ क्रिकेट (BCCI) ने 2026 तक पांच नई युवा बॉलिंग अकादमियों की शुरुआत करने का वादा किया है। इसका उद्देश्य युवा टैलेंट को व्यावसायिक संरचना में लाना है, ताकि अगली पीढ़ी के एनामुल हक जूनियर जैसी शख्सियतें जल्दी ही अंतरराष्ट्रीय मंच पर चमक सकें।

निष्कर्ष

जब हम इन आँकड़ों को देखते हैं, तो स्पष्ट हो जाता है कि टेस्ट क्रिकेट में 10‑विकेट‑हॉल को युवा गेंदबाजों के लिए नई मापदंड बना दिया गया है। बांग्लादेश, पाकिस्तान और भारत के ये नवोदित सितारे यह साबित कर रहे हैं कि उम्र कोई बाधा नहीं, बल्कि कड़ी मेहनत और सही अवसरों का परिणाम है। अगली पीढ़ी के खिलाड़ियों के लिए यह प्रेरणा है—शायद आप अगले वर्ष के स्टेटस में हों।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

कौन से खिलाड़ी ने सबसे कम उम्र में 10 विकेट हासिल किया?

बांग्लादेश के एनामुल हक जूनियर ने 18 वर्ष 40 दिन की उम्र में यह कारनामा किया, जो अब तक की सबसे नई आयु है।

क्या भारत ने पहले भी 10‑विकेट‑हॉल में कोई खिलाड़ी बनाया था?

हाँ, भारतीय गेंदबाज श्रीनिवास वेंकटराघवन ने 19 साल 332 दिन की उम्र में इस उपलब्धि को हासिल किया, और बाद में लक्ष्मण शिवरामकृष्णन और इरफान पठान ने भी इस सूची में जगह पाई।

विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप में इस रिकॉर्ड का क्या महत्व है?

वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप (2025‑27) में तेज बॉलिंग की मांग बढ़ी है; युवा गेंदबाजों के लिए 10‑विकेट‑हॉल दिखाना चयनकों को यह विश्वास दिलाता है कि वे बड़े मंच पर भी दबाव संभाल सकते हैं।

भविष्य में भारतीय बॉलिंग प्रतिभा को कैसे समर्थन मिलेगा?

BCCI ने 2026 तक पाँच नई बॉलिंग अकादमी खोलने की योजना बनाई है, जिससे युवा तेज गेंदबाजों को उन्नत कोचिंग, फिटनेस और अंतरराष्ट्रीय एक्सपोजर मिलेगा।

क्या 10‑विकेट‑हॉल सिर्फ तेज गेंदबाजों की उपलब्धि है?

इतिहास में अधिकांश 10‑विकेट‑हॉल तेज गेंदबाजों के होते हैं, पर अब सडोकन स्पिनर्स जैसे रॉबिन बॉटमल भी इस सीमारेखा को छू रहे हैं।

5 टिप्पणि

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    Aman Jha

    अक्तूबर 9, 2025 AT 13:31

    एनामुल हक जूनियर की उपलब्धि देखना वाकई प्रेरणादायक है। युवा गेंदबाजों को अब सच्ची उम्मीद मिलती है कि वे जल्दी से अंतरराष्ट्रीय मंच पर चमक सकते हैं। भारत के युवा बॉलर्स को भी इस तरह की मेहनत और धैर्य से आगे बढ़ना चाहिए। अंत में, सभी को बधाई और आशा है कि भविष्य में और भी रिकॉर्ड बनेँगे।

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    Mahima Rathi

    अक्तूबर 19, 2025 AT 07:31

    वाह क्या लिखावट है! 😒

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    Jinky Gadores

    अक्तूबर 29, 2025 AT 01:31

    ये युवा खिलाड़ी अपने सपनों को इतना गंभीरता से ले रहे हैं कि मानो सारी दुनिया उनकी पगडंडियों पर चल रही हो
    समय बहुत कम है लेकिन इरादे बड़े हैं और दिल की धड़कन तेज़ है
    वो हर बॉल में अपना सिर फेंक देते हैं और हमें आश्चर्यचकित कर देते हैं
    इस तरह के आंकड़े हमें याद दिलाते हैं कि खेल में कभी भी कोई उम्र सीमा नहीं होती
    सबको इस पर गर्व होना चाहिए और यह दिखाना चाहिए कि युवा शक्ति कितनी भी तेज़ हो सकती है
    कभी‑कभी तो ऐसा लगता है जैसे ये बच्चे पूरे विश्व की आशाएँ अपने कंधों पर संभाल रहे हों

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    Vishal Raj

    नवंबर 7, 2025 AT 19:31

    अगर आँकड़ों की बात करें तो 10‑विकेट‑हॉल एक दुर्लभ उपलब्धि है, पर यह सिर्फ आँकड़ा नहीं बल्कि तकनीकी महारत की पहचान है
    हर युवा बॉलर को इस तरह का लक्ष्य रखकर अभ्यास करना चाहिए
    एनामुल ने दिखाया कि उम्र से कोई फर्क नहीं पड़ता अगर क्वालिटी हो
    ऐसे प्रदर्शन से चयनकर्ता भी आश्वस्त होते हैं कि नया खिलाड़ी दबाव संभाल सकता है
    वास्तव में, इस तरह की रिकॉर्ड्स भविष्य की योजनाओं को दिशा देते हैं

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    Kailash Sharma

    नवंबर 17, 2025 AT 13:31

    क्या बात है, इतनी कम उम्र में इतना कर दिखाया, सच में दिल भर आया!
    यह दिखाता है कि शौक़ीनों को भी मौका दिया जाए तो क्या नहीं किया जा सकता।
    भविष्य में इस तरह के और चमत्कार देखेंगे, बिल्कुल यकीन है।