दिल्ली में भारी बारिश के चलते जलभराव और ट्रैफिक जाम की स्थिति
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 28 जून, 2024 को हुई भारी बारिश ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया। यह बारिश दक्षिण-पश्चिमी मानसून का हिस्सा थी और इसकी वजह से पूरे शहर में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए। सड़कों, अंडरपास और पार्कों में पानी भर गया, जिससे यातायात और अन्य गतिविधियों में भारी रुकावट आ गई।
मौसम विभाग के अनुसार, सफदरजंग वेधशाला में 228.1 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो 1901 के बाद से दूसरी उच्चतम बारिश मानी जा रही है। इस भारी बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। प्रशासन ने कई उड़ानें रद्द कर दी हैं और इंदिरा गांधी इंटरनेशनल टर्मिनल-1 से उड़ानें अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई हैं।
जलभराव के कारण मुख्य मार्गों पर भारी ट्रैफिक
क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी ने बताया कि कई अंडरपास, जैसे मिंटो रोड और आज़ाद बाजार अंडरपास, जलभराव के कारण पूरी तरह बंद कर दिए गए हैं। इसके अलावा, कई आवासीय इलाकों में भी पानी घुस गया है जिससे लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। कुछ क्षेत्रों में पानी का स्तर घुटनों तक पहुंच गया, जिससे स्थानीय निवासियों को अपने घरों से बाहर निकलना कठिन हो गया।
दिल्ली के मुख्य मार्गों पर सुबह से ही लंबी ट्रैफिक जाम की खबरें आ रही हैं। कार्यालय जाने वाले लोगों और छात्रों को इस स्थिति का सामना करना पड़ा। कई घंटों तक लोग अपने वाहनों में फंसे रहे।
प्रशासनिक कार्यवाही
दिल्ली के उपराज्यपाल ने इस स्थिति से निपटने के लिए एक आपात बैठक बुलाई है। नगर निगम, पुलिस विभाग और अन्य संबंधित एजेंसियों को जल्द से जल्द राहत कार्य शुरु करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन ने पानी की निकासी के लिए पंप लगाने के निर्देश दिए हैं और हेल्पलाइन नंबर्स जारी किए गए हैं।
नेशनल डिजास्टर रेस्पॉन्स फोर्स (एनडीआरएफ़) की टीमों को भी बुलाया गया है ताकि लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा सके।
भविष्य में तैयारियों की जरूरत
इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि दिल्ली को ऐसी प्राकृतिक आपदाओं के लिए बेहतर तैयारी करने की जरूरत है। विशेषज्ञों का कहना है कि शहर के ड्रेनेज सिस्टम को आधुनिक और प्रभावी बनाना बेहद जरूरी है।
आशा है कि प्रशासन भविष्य में इस तरह की स्थिति से निपटने के लिए उचित कदम उठाएगा और जनता को राहत प्रदान की जाएगी।
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