• घर
  •   /  
  • दिल्ली में भारी बारिश के कारण जलभराव और ट्रैफिक जाम, उपराज्यपाल ने बुलाई आपात बैठक

दिल्ली में भारी बारिश के कारण जलभराव और ट्रैफिक जाम, उपराज्यपाल ने बुलाई आपात बैठक

के द्वारा प्रकाशित किया गया Aashish Malethia    पर 29 जून 2024    टिप्पणि(14)
दिल्ली में भारी बारिश के कारण जलभराव और ट्रैफिक जाम, उपराज्यपाल ने बुलाई आपात बैठक

दिल्ली में भारी बारिश के चलते जलभराव और ट्रैफिक जाम की स्थिति

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 28 जून, 2024 को हुई भारी बारिश ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया। यह बारिश दक्षिण-पश्चिमी मानसून का हिस्सा थी और इसकी वजह से पूरे शहर में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए। सड़कों, अंडरपास और पार्कों में पानी भर गया, जिससे यातायात और अन्य गतिविधियों में भारी रुकावट आ गई।

मौसम विभाग के अनुसार, सफदरजंग वेधशाला में 228.1 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो 1901 के बाद से दूसरी उच्चतम बारिश मानी जा रही है। इस भारी बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। प्रशासन ने कई उड़ानें रद्द कर दी हैं और इंदिरा गांधी इंटरनेशनल टर्मिनल-1 से उड़ानें अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई हैं।

जलभराव के कारण मुख्य मार्गों पर भारी ट्रैफिक

क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी ने बताया कि कई अंडरपास, जैसे मिंटो रोड और आज़ाद बाजार अंडरपास, जलभराव के कारण पूरी तरह बंद कर दिए गए हैं। इसके अलावा, कई आवासीय इलाकों में भी पानी घुस गया है जिससे लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। कुछ क्षेत्रों में पानी का स्तर घुटनों तक पहुंच गया, जिससे स्थानीय निवासियों को अपने घरों से बाहर निकलना कठिन हो गया।

दिल्ली के मुख्य मार्गों पर सुबह से ही लंबी ट्रैफिक जाम की खबरें आ रही हैं। कार्यालय जाने वाले लोगों और छात्रों को इस स्थिति का सामना करना पड़ा। कई घंटों तक लोग अपने वाहनों में फंसे रहे।

प्रशासनिक कार्यवाही

दिल्ली के उपराज्यपाल ने इस स्थिति से निपटने के लिए एक आपात बैठक बुलाई है। नगर निगम, पुलिस विभाग और अन्य संबंधित एजेंसियों को जल्द से जल्द राहत कार्य शुरु करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन ने पानी की निकासी के लिए पंप लगाने के निर्देश दिए हैं और हेल्पलाइन नंबर्स जारी किए गए हैं।

नेशनल डिजास्टर रेस्पॉन्स फोर्स (एनडीआरएफ़) की टीमों को भी बुलाया गया है ताकि लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा सके।

भविष्य में तैयारियों की जरूरत

इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि दिल्ली को ऐसी प्राकृतिक आपदाओं के लिए बेहतर तैयारी करने की जरूरत है। विशेषज्ञों का कहना है कि शहर के ड्रेनेज सिस्टम को आधुनिक और प्रभावी बनाना बेहद जरूरी है।

आशा है कि प्रशासन भविष्य में इस तरह की स्थिति से निपटने के लिए उचित कदम उठाएगा और जनता को राहत प्रदान की जाएगी।

14 टिप्पणि

  • Image placeholder

    yash killer

    जून 30, 2024 AT 11:30
    ये बारिश नहीं बाढ़ है भाई साहब! दिल्ली का ड्रेनेज सिस्टम तो पुराने जमाने का है जब लोग घूंट भर पानी पीते थे। अब बारिश हो रही है तो पूरा शहर डूब रहा है। क्या हम अभी तक सीख नहीं पाए?
    हर साल यही दृश्य देखने को मिलता है। और हर साल उपराज्यपाल आपात बैठक बुलाते हैं। बैठक से पानी नहीं निकलता!
  • Image placeholder

    Ankit khare

    जून 30, 2024 AT 18:39
    देखो ये बारिश तो अभी तक बहुत हल्की है अगर आपको लगता है ये बड़ी है तो आप तमिलनाडु की बारिश देखिए वहां तो गांव बह जाते हैं। दिल्ली में तो सिर्फ एक अंडरपास बंद हुआ और आप लोग आंखें फैला रहे हैं। ये भी तो एक बड़ी बात है कि लोग अपने घरों में बैठे बारिश की तारीफ कर रहे हैं।
  • Image placeholder

    Chirag Yadav

    जून 30, 2024 AT 21:22
    मैं तो बस यही कहना चाहता हूं कि इस बारिश ने हमें एक बार फिर याद दिला दिया कि प्रकृति के सामने हम सब बहुत छोटे हैं।
    लेकिन अगर हम इस बारिश को सिर्फ एक समस्या के रूप में देखेंगे तो हम अपने आप को गलत समझेंगे।
    ये बारिश हमें एक अवसर भी दे रही है - नए ड्रेनेज सिस्टम के लिए, नए नियमों के लिए, नए दृष्टिकोण के लिए।
    मैं उम्मीद करता हूं कि इस बार लोग बस शिकायत नहीं करेंगे, बल्कि भागीदार बनेंगे।
  • Image placeholder

    Shakti Fast

    जुलाई 2, 2024 AT 10:30
    मैं तो अपने बच्चे को घर पर रखकर देख रही थी कि बारिश के बाद उसकी गाड़ी कैसे बंद हो गई।
    लेकिन जब मैंने देखा कि एनडीआरएफ की टीमें बच्चों को बाहर निकाल रही हैं तो मेरी आंखें भर आईं।
    हमें बस यही चाहिए - लोगों का दिल और उनकी मेहनत।
    बारिश तो आएगी और जाएगी, लेकिन इंसानियत कभी नहीं जाएगी।
  • Image placeholder

    saurabh vishwakarma

    जुलाई 2, 2024 AT 15:41
    इस बारिश का एक विशाल राजनीतिक महत्व है। यह बारिश नहीं, यह एक नारा है। एक नारा जो कहता है कि जो लोग अपने शहर की सड़कों को नहीं सुधारते, वे अपने नागरिकों को नहीं समझते।
    यह बारिश ने दिल्ली के नेताओं के बुद्धि की गहराई को उजागर कर दिया।
    और जो लोग अभी तक इसे बारिश कह रहे हैं, वे अभी तक इतिहास के अध्ययन में नहीं आए।
    इस बारिश ने दिल्ली के विकास के झूठे नारों को उखाड़ फेंक दिया है।
  • Image placeholder

    MANJUNATH JOGI

    जुलाई 3, 2024 AT 00:39
    दिल्ली के ड्रेनेज सिस्टम की बात करें तो ये तो एक जीवित इतिहास है।
    मैंने 2010 में अपने घर के बाहर एक छोटा सा ड्रेन बनवाया था, जो आज भी काम कर रहा है।
    कुछ लोग कहते हैं कि ये सिस्टम पुराना है, लेकिन जब आप उसे नियमित रूप से साफ करते हैं तो वो नए से भी बेहतर काम करता है।
    हमें नए टेक्नोलॉजी की तलाश में नहीं भटकना चाहिए, बल्कि पुरानी चीजों को समझना चाहिए।
    एक बार आप ड्रेन की गहराई और ढलान को देखेंगे तो समझ जाएंगे कि हमने अपनी जमीन को बहुत नजरअंदाज कर दिया है।
  • Image placeholder

    Sharad Karande

    जुलाई 4, 2024 AT 15:26
    हाइड्रोलिक लोडिंग के संदर्भ में, दिल्ली के ड्रेनेज नेटवर्क की क्षमता केवल 40-45% है जबकि शहरी विकास की दर 15-20% प्रति वर्ष है।
    यह असंगति एक स्थायी समस्या है।
    आपातकालीन बैठकें इसका समाधान नहीं हैं।
    हमें एक समग्र जल प्रबंधन योजना बनाने की आवश्यकता है जिसमें ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर, रेनवाटर हार्वेस्टिंग और ड्रेनेज क्लीनिंग साइकिल को शामिल किया जाए।
    मैं नगर निगम के अधिकारियों को इस बारे में एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने की सलाह देता हूं।
  • Image placeholder

    Sagar Jadav

    जुलाई 4, 2024 AT 21:08
    ये सब बकवास है। बारिश होती है तो पानी आता है। बस।
  • Image placeholder

    Dr. Dhanada Kulkarni

    जुलाई 5, 2024 AT 18:00
    मैं एक डॉक्टर हूं और इस बारिश के दौरान अपने अस्पताल में बहुत सारे मरीज आए जिन्हें बारिश के कारण घर पर बीमारी हो गई।
    लेकिन जब मैंने देखा कि एनडीआरएफ की टीमें बच्चों और बुजुर्गों को बचाने के लिए आ रही हैं, तो मैं बहुत प्रभावित हुई।
    हमें बस इतना करना है कि इन लोगों को उनकी मेहनत के लिए धन्यवाद दें।
    ये लोग हमारे वास्तविक नायक हैं।
  • Image placeholder

    Rishabh Sood

    जुलाई 6, 2024 AT 11:25
    इस बारिश ने न केवल दिल्ली को बहा दिया, बल्कि भारतीय लोकतंत्र की असली परीक्षा भी ले ली।
    क्या हम वास्तव में नागरिक हैं या सिर्फ शिकायत करने वाले लोग?
    जब आपके घर के बाहर पानी भर रहा है, तो आपकी आत्मा क्या कह रही है?
    क्या आप बस फोन उठाकर शिकायत करेंगे या खुद एक बाल्टी लेकर निकासी करेंगे?
    यही असली राष्ट्रीयता है।
  • Image placeholder

    Saurabh Singh

    जुलाई 8, 2024 AT 08:55
    क्या आप लोग अभी तक नहीं समझ पाए कि ये सब बस एक राजनीतिक नाटक है? ये बारिश तो हर साल होती है, लेकिन सिर्फ जब चुनाव नजदीक होते हैं तब ये बड़ी खबर बन जाती है।
    ये आपात बैठक? बस एक फोटो ऑपरेशन।
    क्या आपने कभी देखा कि जिन लोगों ने बारिश के बाद बैठक की वीडियो बनाई, वो अपने घर के बाहर भी ड्रेन नहीं बनवाते?
    ये सब नाटक है।
  • Image placeholder

    Mali Currington

    जुलाई 10, 2024 AT 02:26
    ओह बस! बारिश हुई, पानी भर गया, ट्रैफिक जाम हुआ। और अब उपराज्यपाल ने बैठक बुलाई।
    मैंने तो सोचा था कि ये बारिश दिल्ली की अपनी बात है, लेकिन अब पता चला कि ये तो एक बड़ा ड्रामा है।
    अगली बार जब बारिश होगी, तो मैं बस एक चाय की चुस्की लेकर खिड़की से देखूंगी।
    क्योंकि अब तो ये बारिश भी एक स्टैंडअप कॉमेडी है।
  • Image placeholder

    INDRA MUMBA

    जुलाई 10, 2024 AT 10:33
    मैंने इस बारिश के दौरान एक छोटा सा प्रयोग किया। मैंने अपने बगीचे में एक छोटा सा रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया।
    केवल एक टैंक और एक फिल्टर।
    और जब मैंने देखा कि ये पानी अगले दिन भी बच गया तो मुझे बहुत खुशी हुई।
    हम सब बड़े बदलाव की तलाश में हैं, लेकिन अगर हम अपने घर से शुरुआत करें तो ये बदलाव संभव है।
    कोई भी बड़ा बदलाव छोटे कदमों से शुरू होता है।
  • Image placeholder

    Anand Bhardwaj

    जुलाई 10, 2024 AT 14:27
    देखो, बारिश हो गई, लोग फंसे, लेकिन कोई भी नहीं बोल रहा कि ये बारिश वास्तव में कितनी अच्छी थी।
    क्या आपने कभी दिल्ली की बारिश में बैठकर धूल के बाद आए हरे रंग को देखा है?
    ये बारिश ने शहर को धो दिया।
    हमें बस इतना करना है कि इसे जीवन का हिस्सा बनाएं, न कि एक आपदा।
    क्योंकि जब आप इसे बदलाव का अवसर समझेंगे, तो आपका दिल भी बदल जाएगा।