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दिल्ली में AQI 496 तक पहुंचा, GRAP चरण IV लागू: निर्माण बंद, स्कूल बंद हो सकते हैं

के द्वारा प्रकाशित किया गया Aashish Malethia    पर 14 दिस॰ 2025    टिप्पणि(0)
दिल्ली में AQI 496 तक पहुंचा, GRAP चरण IV लागू: निर्माण बंद, स्कूल बंद हो सकते हैं

दिल्ली की हवा अब सिर्फ खराब नहीं, बल्कि जानलेवा हो चुकी है। 13 दिसंबर, 2025 को शाम 7 बजे, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) भर में GRAP चरण IV लागू कर दिया — ये वह सबसे कठोर चरण है जो तब लागू होता है जब दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 450 के ऊपर पहुंच जाता है। उसी दिन शाम तक, अनंद विहार में AQI 488, बवाना में 496 और चंदनी चौक में 479 रिकॉर्ड किया गया। ये नंबर सिर्फ आंकड़े नहीं, बल्कि एक आपातकालीन चेतावनी हैं।

क्यों बदल गया सब कुछ?

कल शाम तक CAQM ने केवल GRAP चरण III लागू किया था — जिसमें निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध था। लेकिन जैसे ही रात होने लगी, हवा का खराब होना तेज हो गया। बवाना और अनंद विहार जैसे क्षेत्रों में AQI 490 के पार पहुंच गए। ये न सिर्फ स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है, बल्कि दिखने तक मुश्किल हो गया है। एशियन न्यूज इंटरनेशनल (ANI) की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली कई दिनों से एक घना, जहरीला कोहरा घेरे हुए है, जिससे दृश्यता 200 मीटर तक गिर चुकी है।

ये सिर्फ एक अचानक बदलाव नहीं है। पिछले 15 दिनों में AQI लगातार बढ़ रहा था। 26 नवंबर को CAQM ने चरण III हटा दिया था — उस वक्त सब कुछ ठीक लग रहा था। लेकिन अब वो अंतर बड़ा हो गया है। चरण IV लागू करने का मतलब है कि सरकार ने मान लिया है कि अगर अभी नहीं रोका तो अगले 48 घंटे में बच्चों के फेफड़े भी नहीं बचेंगे।

चरण IV में क्या बंद होगा?

चरण III में तो सिर्फ निर्माण बंद था। चरण IV उससे कहीं आगे जाता है। ये केवल एक आदेश नहीं, बल्कि एक सामाजिक रोक लगाने की कोशिश है।

  • सभी निर्माण और विध्वंस गतिविधियां पूरी तरह बंद — दिल्ली, गुड़गांव, नोएडा, फरीदाबाद, घाजीपुर सहित NCR के सभी शहरों में
  • डीजल वाहनों के लिए अतिरिक्त प्रतिबंध — शायद सभी डीजल वाहनों को शहर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा
  • स्कूलों में कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों के लिए अस्थायी बंदी — बच्चों के लिए हवा सबसे खतरनाक होती है
  • उद्योगों के लिए अतिरिक्त उत्सर्जन नियंत्रण — जो अभी भी काम कर रहे हैं, उन्हें अपने चिमनियों को बंद करने के लिए मजबूर किया जा सकता है
  • ट्रकों के लिए निर्धारित घंटे — केवल आवश्यक वस्तुओं के लिए ही आवागमन की अनुमति

इन सब बातों का मतलब है — लगभग 15,000 निर्माण स्थल अचानक बंद हो गए। हजारों मजदूर अपनी रोजगार की आमदनी खो रहे हैं। बिल्डर्स अपने नियमों का पालन करने के लिए जुर्माने के खतरे के सामने हैं। और अब सड़कों पर गाड़ियों की भीड़ बढ़ रही है — क्योंकि अब ट्रक नहीं चल रहे, लेकिन लोग अभी भी काम पर जा रहे हैं।

स्वास्थ्य पर क्या असर होगा?

एक बार फिर, दिल्ली के अस्पतालों में ब्रोंकाइटिस, अस्थमा और फेफड़ों के संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। बच्चों के अस्थमा के मामले पिछले हफ्ते 32% बढ़ गए हैं। बुजुर्गों में हृदय रोग के आकस्मिक दौरे की संख्या भी बढ़ रही है।

डॉ. अनुराधा शर्मा, एक वायु प्रदूषण स्वास्थ्य विशेषज्ञ, बताती हैं: "जब AQI 450 से ऊपर जाता है, तो हवा में PM2.5 की सांद्रता विश्व स्वास्थ्य संगठन की सुरक्षित सीमा से 18 गुना अधिक हो जाती है। ये हवा फेफड़ों में घुल जाती है — जैसे कोयले की राख को सांस लेना।"

एक दिल्ली की घरेलू महिला, जिनकी 4 साल की बेटी को हर साल अस्थमा होता है, बोलीं: "हम घर में रहने के लिए मजबूर हैं। मैं बच्ची को बाहर नहीं जा देती। लेकिन घर में भी हवा नहीं है — एयर प्यूरीफायर चल रहा है, लेकिन बिजली का बिल भी तीन गुना हो गया है।"

क्या ये सिर्फ दिल्ली की समस्या है?

क्या ये सिर्फ दिल्ली की समस्या है?

नहीं। ये एक अंतरराष्ट्रीय आपातकाल है। हरियाणा के गुड़गांव में AQI 510, उत्तर प्रदेश के नोएडा में 492, और पंजाब के अमृतसर में 478 रिकॉर्ड किया गया। सारे राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अब एक ही निर्देश पर काम कर रहे हैं।

प्रदूषण का मुख्य कारण केवल स्ट्रॉ जलाना नहीं है। ये एक तिकड़म है: बुखारी के लिए कोयला, गाड़ियों के निकास, निर्माण धूल, और फसल बाकी जलाना — सब एक साथ चल रहा है। और अब ठंड का मौसम भी इसे और खराब कर रहा है। हवा नहीं चल रही, बादल नहीं हैं — जहर नीचे बैठ गया है।

अगले कदम क्या होंगे?

CAQM ने कहा है कि ये चरण IV तब तक रहेगा जब तक AQI 300 के नीचे न आ जाए। ये कम से कम 7-10 दिन लग सकते हैं। लेकिन अगर बारिश नहीं हुई तो ये दो सप्ताह तक भी चल सकता है।

सरकार अब अस्थायी बस सेवाओं की योजना बना रही है — ताकि लोग अपनी गाड़ियां छोड़ सकें। एयरपोर्ट पर उड़ानें रद्द हो सकती हैं। शिक्षा मंत्रालय ने अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन जल्द ही ऑनलाइन कक्षाएं शुरू हो सकती हैं।

इस बीच, नागरिक समूह ने एक अनुरोध जारी किया है: "हम चाहते हैं कि बसों को बिजली से चलाया जाए, न कि डीजल से। हम चाहते हैं कि फसल जलाने के लिए वैकल्पिक तरीके दिए जाएं। हम चाहते हैं कि ये सिर्फ एक बार का आपातकाल न हो, बल्कि एक निरंतर नीति बने।"

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

GRAP चरण IV क्या है और ये किस तरह अलग है?

GRAP चरण IV वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 450 से ऊपर होने पर लागू होता है — ये भारतीय वायु गुणवत्ता स्केल पर सबसे खराब दूसरा स्तर है। ये चरण III से अधिक कठोर है, जिसमें सिर्फ निर्माण बंद होता है। चरण IV में डीजल वाहनों का प्रतिबंध, स्कूलों में कक्षा 1-5 के बच्चों के लिए बंदी, और उद्योगों के लिए कड़े उत्सर्जन नियम शामिल हैं।

दिल्ली के लोगों को अब क्या करना चाहिए?

सबसे जरूरी है — बाहर न निकलना। अगर निकलना ही पड़े तो N95 मास्क जरूर पहनें। घर में एयर प्यूरीफायर चलाएं, और खिड़कियां बंद रखें। बच्चों, बुजुर्गों और दम घुटने वालों के लिए ये समय सबसे खतरनाक है। बाहर की हवा फेफड़ों में जहर डाल रही है — इसे नजरअंदाज न करें।

क्या बारिश से ये समस्या ठीक हो जाएगी?

हां, अगर बारिश हो जाए तो हवा का स्तर 24-48 घंटे में सुधर सकता है। लेकिन अभी कोई बारिश का अनुमान नहीं है। बारिश के बिना, ये जहरीला कोहरा दिनों तक बना रहेगा। इसलिए बारिश का इंतजार करना सुरक्षित नहीं है — अभी से सावधानी बरतना ही बेहतर है।

क्या ये सिर्फ दिल्ली की बात है या देश भर में ऐसा हो रहा है?

नहीं, ये एक क्षेत्रीय संकट है। हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब और राजस्थान के शहरों में AQI दिल्ली से भी ज्यादा है। फसल जलाने की आदत, डीजल वाहनों की भीड़, और निर्माण धूल — सब एक साथ मिलकर इस समस्या को बढ़ा रहे हैं। ये सिर्फ दिल्ली की समस्या नहीं, बल्कि उत्तर भारत का एक अंतरराष्ट्रीय आपातकाल है।

क्या ये समस्या अगले साल भी आएगी?

हां, अगर कोई लंबी अवधि की नीति नहीं बनाई जाए तो। ये समस्या हर साल अक्टूबर से फरवरी तक दोहराई जाती है। बिना फसल जलाने के वैकल्पिक समाधान, बिजली बसों की बढ़ोतरी, और निर्माण धूल पर नियंत्रण के बिना, ये आपातकाल बरकरार रहेगा। लोगों को अस्थायी आराम नहीं, बल्कि स्थायी बदलाव चाहिए।

क्या निर्माण उद्योग को कोई मदद मिलेगी?

अभी तक कोई वित्तीय राहत घोषित नहीं की गई है। लेकिन श्रम मंत्रालय और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग एक साथ बैठक कर रहे हैं — जिसमें बेरोजगार मजदूरों के लिए अस्थायी वेतन योजना पर चर्चा हो सकती है। लेकिन अभी तक कोई घोषणा नहीं हुई है।