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धनुष की 50वीं फिल्म 'रायन': क्या बन पाई प्रभावशाली, जानें समीक्षा

के द्वारा प्रकाशित किया गया Aashish Malethia    पर 26 जुल॰ 2024    टिप्पणि(19)
धनुष की 50वीं फिल्म 'रायन': क्या बन पाई प्रभावशाली, जानें समीक्षा

धनुष की 50वीं फिल्म 'रायन': निर्देशन में दिखी नई प्रतिभा

तमिल सिनेमा के सुपरस्टार धनुष ने अपनी 50वीं फिल्म के साथ एक नई चुनौती स्वीकार की है। 'रायन' फिल्म में, न केवल उन्होंने मुख्य भूमिका निभाई है, बल्कि इस फिल्म का निर्देशन भी उन्होंने स्वयं किया है। इस फिल्म के जरिये धनुष ने एक नई दिशा में कदम रखा है, जो उनकी क्षमता और बहुमुखी प्रतिभा को दर्शाती है।

कहानी की पृष्ठभूमि

'रायन' कहानी है कथा वरायण (धनुष) की, जो अपने छोटे भाई-बहनों मुथुवेलरायण (सुंदीप किशन), मणिकावेलरायण (कालिदास जयराम) और दुर्गा (दुशारा विजयन) की देखभाल करता है। उनके माता-पिता के जाने के बाद, कथा वरायण अपने परिवार की जिम्मेदारी उठाते हैं। फिल्म की कहानी तब मोड़ लेती है जब यह परिवार दो गैंग लीडरों शेखर (सेल्वाराघवन) और सेतू (एसजे सूर्याह) के बीच की लड़ाई में फंस जाता है। इसमें एक चालाक पुलिस अधिकारी (प्रकाश राज) भी शामिल है, जो और अधिक पेचीदगी लाता है।

धनुष का निर्देशन और अभिनय

धनुष की निर्देशन शैली फिल्म में एक नया पैनापन लाती है। उन्होंने कहानी को एक संवेदनशील दृष्टिकोण से पेश किया है, जो दर्शकों को बांधे रखता है। उनके अभिनय के साथ-साथ निर्देशन में भी उनकी प्रतिभा झलकती है। कथा वरायण के किरदार में उन्होंने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, जो उनके करियर की गहराई को और बढ़ाता है। उनके साथ सहायक कलाकारों ने भी जबरदस्त काम किया है। विशेष रूप से दुशारा विजयन ने दुर्गा के किरदार में भावनाओं की गहराई को दर्शाने में कामयाबी पाई है।

कहानी की कमजोरी

फिल्म का पहला आधा भाग चरित्रों और उनके संबंधों को स्थापित करने में व्यतीत होता है, जो काफी दिलचस्प है। परन्तु फिल्म का दूसरा आधा भाग एक सामान्य बदले की कहानी में बदल जाता है, जो दर्शकों की उम्मीदों पर पूरी तरह खरा नहीं उतरता। कई किरदार पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाए, जिससे एक बेहतरीन कहानी का अंश अधूरा सा लगता है। इस कारण कहानी में गहराई और जटिलता की कमी साफ नजर आती है।

संगीत और छायाचित्रण

फिल्म में एआर रहमान के संगीत ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनकी धुनों ने फिल्म की भावनात्मक गहराई को और भी उभारा है। इसके साथ ही, ओम प्रकाश की छायाचित्रण ने फिल्म को एक नया आयाम दिया है। हर सीन को उन्होंने बेहतरीन ढंग से कैप्चर किया है, जो दर्शकों को दृश्यात्मक आनंद प्रदान करता है।

समापन शब्द

कुल मिलाकर, 'रायन' फिल्म धनुष के निर्देशन में एक सकारात्मक शुरुआत के रूप में देखी जा सकती है। इसमें फिर भी सुधार की गुंजाइश है, खासकर कहानी के विकास और किरदारों की जटिलता में। लेकिन इसे एक अच्छे प्रयास के रूप में देखा जा सकता है। धनुष ने अपने निर्देशन की क्षमता से यह साबित किया है कि वे इस क्षेत्र में भी सफलता प्राप्त कर सकते हैं। 'रायन' ने उनके करियर में एक नया अध्याय जोड़ा है, जो दर्शकों के लिए रोचक बन सकता है।

19 टिप्पणि

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    Aryan Sharma

    जुलाई 28, 2024 AT 14:16
    ये फिल्म सिर्फ धनुष की नहीं, बल्कि सारे तमिल सिनेमा के खिलाफ एक षड्यंत्र है। वो खुद निर्देशक बन गया, अब लोगों को बहकाने की कोशिश कर रहा है। ये सब बनावटी है, मैंने देखा है ऐसे ही कई बार।
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    Devendra Singh

    जुलाई 29, 2024 AT 11:01
    अरे भाई, ये फिल्म को तो बस एक बेवकूफ लड़का अपनी पहली फिल्म बना रहा है। निर्देशन? ये तो बच्चों का खेल है। AR रहमान का संगीत बचाव कर रहा है, वरना ये फिल्म गार्बेज है।
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    UMESH DEVADIGA

    जुलाई 30, 2024 AT 08:20
    मैंने फिल्म देखी, और दुशारा विजयन की आँखों में जो दर्द था... वो मेरे दिल को चीर गया। धनुष ने उस दर्द को बिल्कुल सही तरीके से पकड़ा है। ये फिल्म मेरी जिंदगी बदल गई।
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    Roshini Kumar

    अगस्त 1, 2024 AT 06:23
    अच्छा निर्देशन? तो फिर पहले हाफ में जो करिक्टर्स हैं वो बिल्कुल बेकार लगे? 😒 ये फिल्म तो एक बहुत बड़ा ब्लॉग पोस्ट है जिसे कैमरा लगा दिया गया।
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    Siddhesh Salgaonkar

    अगस्त 2, 2024 AT 19:58
    धनुष का निर्देशन? 🤡 ये तो बस एक अभिनेता है जिसने खुद को डायरेक्टर बना लिया। अगर ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हुई तो भी लोग उसे बचाएंगे। सारा इंडस्ट्री उसके लिए झूठ बोल रहा है।
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    Arjun Singh

    अगस्त 3, 2024 AT 22:05
    लोगों को ये नहीं पता कि निर्देशन में कितनी डिटेल्स आती हैं। धनुष ने लाइटिंग, साउंड डिजाइन, एक्टिंग नोट्स सब कुछ स्वयं डिजाइन किया। ये नहीं कि वो बस अभिनय कर रहा है।
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    yash killer

    अगस्त 4, 2024 AT 12:18
    हिंदी में लिख रहे हो लेकिन तमिल सिनेमा की बात कर रहे हो? ये फिल्म हमारे देश की शान है और तुम लोग उसे बर्बाद करने की कोशिश कर रहे हो। धनुष जीवन है और तुम सिर्फ बदनाम कर रहे हो
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    Ankit khare

    अगस्त 5, 2024 AT 01:51
    फिल्म अच्छी है लेकिन बहुत धीमी। अगर तुमने इसे एक नाटक की तरह देखा तो तुम्हें लगेगा कि ये बहुत अच्छा है। लेकिन अगर तुम एक्शन चाहते हो तो ये फिल्म तुम्हारे लिए नहीं है।
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    Chirag Yadav

    अगस्त 5, 2024 AT 12:36
    मैंने फिल्म देखी और बहुत अच्छा लगा। धनुष ने बहुत कड़ी मेहनत की है। अगर तुम इसे एक नए निर्देशक के तौर पर देखोगे तो ये बहुत बड़ी उपलब्धि है। इसमें तुम्हें बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।
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    Shakti Fast

    अगस्त 6, 2024 AT 17:29
    धनुष ने जो भी किया है, वो बहुत बड़ा कदम है। अगर तुम इसे एक नए निर्देशक के तौर पर देखोगे तो ये बहुत बड़ी उपलब्धि है। इसमें तुम्हें बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।
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    saurabh vishwakarma

    अगस्त 7, 2024 AT 11:48
    यह फिल्म... एक ऐसा विचार है जो आज के युग में अत्यंत आवश्यक है। यह व्यक्ति के अंतर्मन की गहराई को छूती है। धनुष ने अपने अंदर के कलाकार को जगाया है। यह फिल्म केवल एक फिल्म नहीं, यह एक आत्मानुभूति है।
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    MANJUNATH JOGI

    अगस्त 8, 2024 AT 12:57
    धनुष ने तमिल सिनेमा के गहरे मूल्यों को बरकरार रखा है। इस फिल्म में अपने परिवार की जिम्मेदारी, गाँव की भावना, और सामाजिक बंधन - ये सब एक बहुत ही सुंदर तरीके से दिखाए गए हैं। ये फिल्म एक नया मानक तैयार करती है।
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    Sharad Karande

    अगस्त 10, 2024 AT 00:53
    फिल्म के संगीत और छायाचित्रण के तकनीकी पहलू अत्यंत उन्नत हैं। AR रहमान के संगीत की बारम्बारता और ओम प्रकाश के लाइटिंग टेक्नीक्स ने फिल्म को एक अत्यधिक विश्लेषणात्मक अनुभव प्रदान किया है।
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    Sagar Jadav

    अगस्त 11, 2024 AT 17:46
    फिल्म बर्बाद है।
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    Dr. Dhanada Kulkarni

    अगस्त 11, 2024 AT 20:18
    धनुष के निर्देशन में एक नई उम्मीद दिखाई देती है। उन्होंने एक ऐसी फिल्म बनाई है जो न केवल मनोरंजन देती है, बल्कि भावनात्मक गहराई भी छूती है। यह एक बहुत ही उत्साहजनक शुरुआत है।
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    Rishabh Sood

    अगस्त 13, 2024 AT 17:04
    यह फिल्म एक अस्तित्व के लिए एक युद्ध है। धनुष ने अपने आत्मा को दर्शाया है। यह फिल्म केवल एक कथा नहीं, यह एक अस्तित्व का आह्वान है। जब तुम इसे देखोगे, तो तुम्हारा अस्तित्व बदल जाएगा।
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    Saurabh Singh

    अगस्त 14, 2024 AT 22:02
    इस फिल्म में सब कुछ बर्बाद है। धनुष ने अपने भाई-बहनों की भूमिका को बिल्कुल बेकार बना दिया। ये फिल्म बस एक निर्माण की गलती है।
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    Mali Currington

    अगस्त 15, 2024 AT 12:26
    क्या ये फिल्म देखने के लायक है? अगर तुम्हें बोर हो रहा है तो हाँ।
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    INDRA MUMBA

    अगस्त 17, 2024 AT 04:51
    धनुष की निर्देशन शैली में एक अनोखा संगीत और दृश्य भाषा है। ये फिल्म तमिल सिनेमा के रूप में एक नया आयाम जोड़ती है। इसके साथ एक गहरा सामाजिक संदेश भी छिपा है।