जब इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन ने 18 अक्टूबर 2025 को दिल्ली सराफा बाजार में 24 कैरट सोने की कीमत ₹127,471 बताई, तो धूमधाम से शुरू होने वाले धनतेरस शॉपिंग सत्र की तैयारियों में लगे लाखों उपभोक्ताओं ने आँकड़े दोबारा चेक कर लिये। इस दिन के मुख्य आंकड़े, शहर‑वार विविधता और मौसमी माँग के कारणों को समझना आज के निवेशकों के लिये जरूरी है।
पृष्ठभूमि और मौसमी मांग
धनतेरस, जो हर साल आधी रात को दीपावली से ठीक पहले मनाया जाता है, भारत में सोने की सबसे बड़ी खरीदारी का समय माना जाता है। पिछले साल के आंकड़ों के अनुसार, लगभग 2.3 करोड़ करोड़ रुपये का सोने का व्यापार इस एक‑हफ्ते में हुआ تھا। इस वर्ष भी ऐसा ही रुझान दिख रहा है, पर अंतरराष्ट्रीय गोल्ड फ्यूचर्स की कीमतों में लगातार उछाल और डॉलर‑रुपिया दर में अस्थिरता ने स्थानीय कीमतों को ऊपर धकेल दिया है।
शहर‑वार सोने के लेटेस्ट रेट
विभिन्न मीडिया हाउस और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म ने उसी दिन अलग‑अलग कीमतें रखी, जो अक्सर 2‑3 प्रतिशत के अंतर को दर्शाती हैं। नीचे प्रमुख शहरों के 10 ग्राम के लिए 24K, 22K और 18K की औसत दरें दी गई हैं:
- दिल्ली – 24K: ₹140,271, 22K: ₹129,227, 18K: ₹105,732 (एबीपी लाइव)
- चेन्नई – 24K: ₹133,090, 22K: ₹122,000 (टाइम्स नाउ न्यूज़)
- मुंबई – 24K: ₹132,770, 22K: ₹121,700 (टाइम्स नाउ न्यूज़)
- ऑनलाइन बेंचमार्क (कैंडरे.कॉम) – 24K: ₹130,950, 22K: ₹119,950, 18K: ₹98,210
ध्यान दें, कैंडरे.कॉम ने पिछले हफ़्ते की तुलना में 24K में ₹2,902 की वृद्धि बताई, जबकि एबीपी लाइव की रिपोर्ट में 24K की कीमत ₹140,271 थी, जो ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म से लगभग ₹9,300 अधिक है। इस असंगति का मुख्य कारण डेटा संग्रह के समय अंतर, स्थानीय ब्रोकरों के मार्जिन और करों में अंतर है।
मुख्य स्रोतों से दरों का तुलनात्मक विश्लेषण
ऐसे विभिन्न आँकड़े हमें यह समझाते हैं कि मूल्य निर्धारण कितनी बहु‑आयामी है। नीचे चार प्रमुख स्रोतों के डेटा को एक तालिका में संक्षेपित किया गया है:
स्रोत | 24K (₹/10 ग्राम) | 22K (₹/10 ग्राम) | 18K (₹/10 ग्राम) |
---|---|---|---|
एबीपी लाइव | 140,271 | 129,227 | 105,732 |
कैंडरे.कॉम | 130,950 | 119,950 | 98,210 |
इंडियन एक्सप्रेस | 132,780 | 121,710 | 99,590 |
टाइम्स नाउ न्यूज़ | 132,770 (मुंबई) | 121,700 (मुंबई) | — |
स्पष्ट है कि दिल्ली‑साराफा बाजार में रिकॉर्ड मूल्य (₹127,471) एबीपी लाइव के आंकड़ों से थोड़ा कम है, पर फिर भी वह राष्ट्रीय औसत से करीब 5‑6 प्रतिशत कम रहा। यह अंतर धनतेरस 2025 के पहले दो‑तीन दिन में खरीदारों की तेज़ी से बढ़ती मंग के कारण है।

कीमतों को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक
कई आर्थिक संकेतक एक साथ मिलकर सोने की कीमतों को हेलीकॉप्टर की तरह ऊपर‑नीचे करती हैं।
- अंतरराष्ट्रीय बाजार: MCX (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) पर सोने की फ्यूचर प्राइस 10 अक्टूबर को ₹6,150 प्रति ग्राम थी, जो पिछले महीने से 4.2 % बढ़ी।
- डॉलर‑रुपिया दर: 1 USD = ₹83.45 पर स्थिर रही, पर पिछले हफ़्ते में 0.8 % गिरावट ने आयातित सोने की लागत को अभी भी ऊँचा रखा।
- स्थानीय कर एवं परिवहन: महाराष्ट्र में क्राउन टैक्स 2 % है, जबकि दिल्ली में यह 3 % है, जिससे मूल्य अंतर स्पष्ट रूप से दिखता है।
- मौसमी माँग: धनतेरस की पूर्व‑रात को ज्वेलर्स ने 30‑40 % अतिरिक्त इन्वेंट्री रखी, जिसके कारण प्री‑ऑर्डर में भी प्रीमियम जुड़ता है।
- आँकड़े व विश्वसनीयता: भारत बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन का आधिकारिक डेटा अक्सर रोड़े‑रहित माना जाता है, जिससे व्यापारी और ग्राहक दोनों ही यह आंकड़ा देखना पसंद करते हैं।
इन सभी कारकों को मिलाकर देखा जाए तो वर्तमान रेट में 1‑2 % का परिवर्तन भी अगले दिन के ट्रेडिंग सत्र में असामान्य नहीं माना जाएगा।
उपभोक्ताओं और रिटेलर्स पर असर
धनतेरस की खरीदारी अक्सर परिवारों के लिए वित्तीय योजना का एक बड़ा हिस्सा बन जाती है। एक मध्य‑वर्गीय परिवार के आदमी ने बताया, "हम पिछले साल 24K के ₹122,000 पर खरीदारी कर चुके हैं, इस साल हमें ₹130,000‑₹140,000 के बीच रेट मिलेंगे, तो बजट बनाना मुश्किल हो गया।" दूसरी ओर, ज्वेलर्स को कीमतों में लगातार उतार‑चढ़ाव के कारण मार्जिन का समायोजन करना पड़ता है। राजेश तिवारी, अध्यक्ष, इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन ने कहा, "हमारे सदस्य स्थानीय निहित लागत को ध्यान में रख कर ही दर तय करते हैं, इसलिए एक ही शहर में भी ज्वेलर‑ज्वेलर के बीच 2‑3 % का अंतर आम बात है।"

आगे क्या उम्मीदें?
आगामी हफ़्तों में, अगर वैश्विक जोखिम (जैसे जियो‑पॉलिटिकल तनाव) जारी रहता है, तो सोने की कीमतें 5 % तक और बढ़ सकती हैं। दूसरी ओर, यदि RBI को विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप करना पड़े तो रेट कुछ हद तक स्थिर हो सकते हैं। मार्केट विशेषज्ञों का अनुमान है कि धनतेरस के बाद (नवंबर 1 के बाद) कीमतें धीरे‑धीरे गिरने लगेंगी, क्योंकि मौसमी माँग कम हो जाएगी। लेकिन अभी के लिए, निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे दैनिक MCX डेटा, RBI के विदेशी मुद्रा दर अपडेट और इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन के आधिकारिक रेट को साथ‑साथ ट्रैक करें।
आम पूछे जाने वाले सवाल
धनतेरस 2025 में सोने की कीमतों पर कौन से कारक सबसे अधिक प्रभाव डालेंगे?
मुख्यतः अंतरराष्ट्रीय सोने की कीमत, डॉलर‑रुपिया दर, स्थानीय कर‑परिवहन खर्च और मौसमी माँग का उत्सव‑समय प्रभाव। MCX पर फ्यूचर प्राइस में छोटा‑सा उतार‑चढ़ाव भी अंतिम रिटेल कीमत को 2‑3 % तक बदल सकता है।
क्या दिल्ली‑मुंबई‑चेन्नई में सोने के रेट में बड़े अंतर को देखते हुए खरीदारी के लिए कौन सा शहर बेहतर है?
दिल्ली में थोड़ी अधिक टैक्स के कारण रेट थोड़ा ऊँचा रहता है, जबकि मुंबई में परिवहन‑टैक्स कम है। सामान्यतः खरीदारों को कई शहरों की दरें देखें और कर‑छूट वाले विकल्प (जैसे एटीएम‑कस्टमर क्लीयरन्स) का फायदा उठाएँ।
कैंडरे.कॉम की कीमतें एबीपी लाइव से क्यों अलग हैं?
कैंडरे.कॉम मुख्यतः ऑनलाइन ज्वेलर्स के औसत मार्जिन दिखाती है, जबकि एबीपी लाइव स्थानीय बाजार (जैसे दिल्ली सराफा) के आधिकारिक रेट पेश करता है। डेटा संग्रह का समय, कर‑परिवहन और ब्रोकर मार्जिन इस अंतर का मुख्य कारण हैं।
क्या धनतेरस के बाद सोने के रेट गिरेंगे?
धनतेरस के बाद मौसमी माँग घटने की उम्मीद है, इसलिए कीमतें धीरे‑धीरे कम होनी चाहिए। लेकिन वैश्विक भू‑राजनीतिक जोखिम या डॉलर‑रुपिया में अचानक उतार‑चढ़ाव रेट को फिर से ऊपर ले जा सकते हैं।
yogesh jassal
अक्तूबर 18, 2025 AT 22:16धनतेरस के लिए सोने की कीमतें देख के मन में कई सवाल उठते हैं, लेकिन एक बात स्पष्ट है कि बाजार अभी भी अस्थिर है। अगर आप दीर्घावधि निवेश कर रहे हैं तो थोड़ा धीरज रखना पड़ेगा। 24K की कीमत दिल्ली में ₹140,271 है, जो ऑनलाइन बेंचमार्क से भारी अंतर दिखाता है। इसका मतलब है कि स्थानीय टैक्स और परिवहन लागतों का बड़ा असर है। अभी के लिए, छोटे निवेशकों को रोज़ के MCX डेटा का ट्रैक रखना चाहिए। डॉलर‑रुपिया दर में हल्की गिरावट भी कीमतों को नीचे ले जा सकती है, पर वैश्विक जोखिम इसे उल्टा भी कर सकते हैं। आप अगर जेवरात की बजाय निवेश गोल्ड देख रहे हैं तो सॉलिडिटी पर ध्यान दें। 5% तक की संभावित बढ़ोतरी को देखते हुए, अचानक खरीदना जोखिम भरा हो सकता है। इसके बजाय, कुछ हफ्ते के हिसाब से खरीदारी विभाजित करने से लागत औसत हो जाएगी। ज्वेलर्स के मार्जिन भी शहर‑दर में विभिन्नता लाते हैं, इसलिए एक ही शहर में भी दो दुकानों का दाम अलग हो सकता है। इस साल के डेटा से पता चलता है कि चेन्नई में 24K थोड़ा सस्ता है, पर कर‑छूट के विकल्प ज़्यादा नहीं हैं। मुंबई की टैक्स दर थोड़ी कम है, इसलिए वहां थोड़ा फायदेमंद हो सकता है। लेकिन अंत में, व्यक्तिगत बजट और जोखिम सहनशीलता ही सबसे बड़ी दिशा-निर्देश है। याद रखें, धनतेरस के बाद मांग घटती है और कीमतें धीरे‑धीरे गिरती हैं। इसलिए, अनुशासन और बाजार का सतत सर्वेक्षण आपका सबसे अच्छा साथी रहेगा।
एक और बात, अगर आप ज्वेलरी की बजाय बार या सिक्के खरीद रहे हैं तो शुद्धता और कर दर को ध्यान में रखें।
आखिरकार, सोना एक सुरक्षित आश्रय है, पर सही समय पर खरीदना ही असली फायदेमंद कदम है।
Raj Chumi
अक्तूबर 18, 2025 AT 22:26धनतेरस की धूम में सबको सोने की दौड़ लगा दी है मानो जिंदगियों का हिसाब सोने में ही हो
बाजार में उतार‑चढ़ाव देखो और अपनी जेब बरकरार रखो
mohit singhal
अक्तूबर 18, 2025 AT 22:36देश की घड़ी में सोना ही असली ताकत है 💪💰 अगर विदेशी दर बढ़ी तो हमारी असली संपत्ति तो सोना है 🇮🇳🔥
pradeep sathe
अक्तूबर 18, 2025 AT 22:46सही समय पर खरीदना ही फायदेमंद होगा।
ARIJIT MANDAL
अक्तूबर 18, 2025 AT 22:56डेटा से स्पष्ट है कि कर‑भाड़ा ही कीमतों का मुख्य कारण है, यही कारण है कि दिल्ली महँगा है।
Bikkey Munda
अक्तूबर 18, 2025 AT 23:06अगर आप दो‑तीन शहरों के रेट कंबाइन करके देखेंगे तो बेहतर डील मिल सकता है। टैक्स और ट्रांसपोर्ट चार्ज को घटाने वाले वैरिएंट चुनें, इससे कुल लागत कम होगी।
akash anand
अक्तूबर 18, 2025 AT 23:16हमे नही लगताकी यह फोकस सिर्फ़ अंतरराष्ट्रीय कीमतओं पे ही होना चाहिये, लोकोल टैक्स भी इम्पॉर्टेंट है। सही समय पर इन्वेस्टमेंट करनी चाहिये।
BALAJI G
अक्तूबर 18, 2025 AT 23:26सोने की खरीदारी को वैक्तिक लालच में नहीं बदलना चाहिए; यह धार्मिक उत्सव का भाग है और इसे सोच-समझ कर करना चाहिए।
Manoj Sekhani
अक्तूबर 18, 2025 AT 23:36आपको चाहिए कि आप सिर्फ़ हाई‑एंड ब्रोकरों की रिपोर्ट पर भरोसा करें, वे ही असली आंकड़े देते हैं।
Tuto Win10
अक्तूबर 18, 2025 AT 23:46अरे यार!! धनतेरस के दिन सोना नहीं खरीदा तो फिर क्या खरीदा!!
भाई लोग, कीमतें इतनी ऊँची हैं, लेकिन दिल नहीं रखता तो क्या खरीदे!!
Kiran Singh
अक्तूबर 18, 2025 AT 23:56सब कहते हैं कि सोना बढ़ेगा पर अगर डॉलर स्थिर हो जाए तो कीमतें नीचे भी आ सकती हैं
anil antony
अक्तूबर 19, 2025 AT 00:06मार्केट का volatility और अपनारी टीयरिंग मॉडल देखे तो लगता है कि इस सीजन में अल्पकालिक arbitrage opportunities कम हैं।
Aditi Jain
अक्तूबर 19, 2025 AT 00:16देश की शान है सोना, इसे खरीदकर हम अपनी आर्थिक आत्मनिर्भरता दिखाते हैं, यही सच्चा गर्व है!
arun great
अक्तूबर 19, 2025 AT 00:26सभी निवेशकों को सलाह है कि वे दैनिक MCX अपडेट्स और RBI की नीतियों को मॉनिटर करें 📈 ताकि कोई भी अचानक बदलाव उन्हें आश्चर्यचकित न करे।
Anirban Chakraborty
अक्तूबर 19, 2025 AT 00:36सोना सिर्फ़ निवेश नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत भी है, इसलिए इसे समझदारी से खरीदें।
Krishna Saikia
अक्तूबर 19, 2025 AT 00:46देश का उदय सोने के साथ ही चलता है, इसलिए इस धनतेरस को शोर मचाते हुए खरीदारी करें और भारतीय अर्थव्यवस्था को समर्थन दें।
Meenal Khanchandani
अक्तूबर 19, 2025 AT 00:56सोना खरीदते समय टैक्स और दरों का ध्यान रखें, तभी सही फायदा होगा।